"अस्थमा के कारण लक्षण व इलाज़"

asthma in hindi- अस्थमा के कारण लक्षण व इलाज़

asthma in hindi: साँस लेने के लिए फेफड़ों के अंदर वायुमार्ग जिम्मेदार हैं, लेकिन जब यह ठीक से काम नहीं करता हैं तो क्या होता है?

अस्थमा एक पुरानी श्वसन समस्या है जो लगभग 24 मिलियन अमेरिकियों तथा सारे संसार के लोगों को प्रभावित करती है, इसमें वायुमार्ग में संकुचन होता हैं, फेफड़ों में हवा के मार्ग अवरुद्ध होते हैं और साथ साथ बेचैनी और कभी-कभी बहुत खतरनाक लक्षण भी पैदा हो जाते हैं।

कुछ व्यक्तियों के लिए, अस्थमा के लक्षण बहुत असुविधाजनक होते हैं और कभी कभी यह जीवन के लिए खतरा भी बन जाते हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी को अस्त-व्यस्त भी कर सकते हैं।


अस्थमा के कारक या ट्रिगर (asthma in hindi)

सांस या अस्थमा के रोगी अपने आस-पास मौजूद कुछ चीजों के प्रति संवेदनशील होते हैं, जो अस्थमा या अस्थमा के दौरे के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं या बढ़ा सकते है।

अस्थमा के हमले या अटैक के दौरान, वायुमार्ग या श्वसन पथ में मौजूद मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे अस्थमा के रोगी की ठीक से सांस लेने की क्षमता कम हो जाती है और सांस फूलना, खांसी और घरघराहट जैसे लक्षण पैदा होते हैं।

सांस की बीमारी या अस्थमा के कारक या ट्रिगर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं…

  • श्वासप्रणाली में संक्रमण (Respiratory infections)
  • तंबाकू का धुआं
  • ज्यादा व्यायाम
  • मौसम परिवर्तन
  • एलर्जी (धूल, पराग, पालतू जानवर, मोल्ड आदि)
  • कुछ एक दवाइयाँ
  • वायुमार्ग को उतेज़ित्त करने वाले पदार्थ (सफाई उत्पाद, इत्र, प्रदूषण आदि)

कुछ लोगों को जिम में, काम पर और बाहरी गतिविधियों के दोरान या विशिष्ट स्थानों में अस्थमा का अटैक आ जाता है।
खासकर ठंड के मौसम में, व्यायाम से होने वाला अस्थमा ज्यादा देखने को मिलता है,

व्यावसायिक अस्थमा के रोगी रसायनों, गैस, धूल आदि की गंध के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं, और एलर्जी अस्थमा से प्रभावित रोगियों को धूल, फफूंदी, बीजाणु, पालतू जानवरों की रूसी और परागकणों जैसे वायुजनित पदार्थों के प्रति अधिक सावधान रहना चाहिए।

“asthma in hindi” पढ़ते रहें…


अस्थमा के लक्षण (asthma in hindi)

ऐसे कई लक्षण हैं जो अस्थमा के अटैक की तीव्रता को सही से बता देते हैं, जिनमें से कुछ गंभीर चिकित्सा आपातकाल के बारे में संकेत देते हैं जैसे कि…

  • साँस छोड़ते समय घरघराहट की आवाज़ आना (Wheezing when exhaling)
  • खांसी के अटैक्स आना 
  • छाती में दर्द होना
  • साँसों की कमी होना (Shortness of breath
  • इन लक्षणों के कारण नींद न आने की समस्या होना 

यदि आपके अस्थमा के लक्षण अधिक परेशान करने वाले या बार-बार होने वाले हैं तथा आपको सांस लेने में कठिनाई ओर भी बढ़ जाती है या आपको अधिक बार त्वरित-राहत इन्हेलर (quick-relief inhaler) का उपयोग करने की आवश्यकता होती है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी अस्थमा की समस्या दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है।

अस्थमा एक जानलेवा समस्या हो सकती है, इसलिए यदि सांस की तकलीफ तेजी से बढ़ रही है, अस्थमा इनहेलर का उपयोग करने के बाद भी आपके लक्षणों में कोई सुधार नहीं होता है या आपको कम से कम शारीरिक गतिविधि करते समय सांस की तकलीफ महसूस होती है, तो आपको आपातकालीन चिकित्सा उपचार की आवश्यकता कभी भी पढ़ सकती है।


निदान और उपचार

अस्थमा की समस्या का निदान करने के लिए, आपका डॉक्टर आपके लक्षणों, पारिवारिक इतिहास और आपकी पिछली दवाओं के इतिहास की समीक्षा करेगा और एक शारीरिक जांच करेगा।

शारीरिक परीक्षण के दौरान, आपका डॉक्टर आपके दिल और फेफड़ों की आवाज़ सुनेगा।

आपका डॉक्टर सांस लेने, एलर्जी और रक्त परीक्षण और छाती के एक्स-रे का भी आदेश दे सकता है।

इन जांचों के परिणाम आपके डॉक्टर को बताते हैं कि आपको अस्थमा की समस्या है या नहीं या अन्य स्थितियों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं जो आपके लक्षणों से जुड़ी हो सकती हैं।

अस्थमा को नियंत्रित करने के लिए पहला कदम एलर्जी के मुख्य कारण या ट्रिगर से बचना है, लेकिन यह हर बार संभव नहीं होता है।

  • अस्थमा से पीड़ित लोगों को उपचार के सर्वोत्तम विकल्प खोजने के लिए अपने डॉक्टर के साथ काम करना चाहिए।

आपका डॉक्टर लंबे समय तक अस्थमा नियंत्रण दवाएं लिख सकता है जो आपके लक्षणों को नियंत्रित करने और अस्थमा के अटैक्स को रोकने के लिए दैनिक रूप से लम्बे समय तक ली जा सकती हैं

तथा साथ ही लक्षणों की अल्पकालिक राहत (short-term relief) के लिए ली जाने वाली त्वरित-राहत दवाओं(quick-relief medicines) और संभवतः एलर्जी से प्रेरित अस्थमा की संवेदनशीलता को कम करने के लिए भी दवाएं लिख सकता हैं।


अस्वीकरण (asthma in hindi)

  • इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।
  • उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।

Image-creditधन्यवाद to www.pixabay.com

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