Benefits of tea in hindi

Benefits of tea in hindi-चाय पीने के सेहत के लिए फायदे व् नुकसान

Benefits of tea in hindi: सर्वप्रथम चाय विशेष रूप से चीन, मलाया और जापान आदि में ही पैदा होती थी, परन्तु आजकल तो भारत में भी आसाम, नीलगिरी सिक्किम के अतिरिक्त पडोसी देश श्री लंका आदि के अनेक प्रान्तों में इसकी खेती की जाती है।

चाय पीने वालों के अनुसार चाय पीने से –

  • (१) मस्तिष्क को ताजगी मिलती है।
  • (२) थकान दूर हो जाती है।
  • (३) नींद का खुमार दूर होता है।
  • (४) शरीर में एक अद्भुत हल्कापन एवं स्फूर्ति आती है।
  • (५) सिर दर्द जैसी पीड़ा मिट जाती है।
  • (६) ठण्ड में ली जाये तो शरीर में गर्मी आ जाती है।

असल में यदि सविधानी से बनाकर मात्र कभी-कभार इसका सेवन इन उद्देश्यों की पूर्ती के लिए सही मात्रा में किया जाये तो मनोनुकूल परिणाम मिलते भी हैं। बल्कि चिकित्सा शास्त्रों के अनुसार कुछ और योग मिलाकर सेवन की जाये तो इसके सेवन से ओर भी ख़ास लाभ होता है।


चाय पीने के फायदे – Benefits of Tea in Hindi

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जो लोग चाय पीते हैं उनके लिए यह किसी एनर्जी ड्रिंक से कम नहीं है दुनिया भर में सबसे ज्यादा पीने वाले पेय पदार्थों में से चाय सबसे प्रमुख है खासकर सर्दियों के दिनों में चाय को किसी दवा से कम नहीं समझा जाता है वैज्ञानिक भाषा में इसे Camellia Sinensis कहते हैं चाय में कई प्रकार के औषधीय तत्व मौजूद रहते हैं जोकि कई प्रकार की बीमारियों जैसे कैंसर, गठिया, मधुमेह तथा ह्रदय रोग के रिस्क को कम कर सकते हैं

आगे इस आर्टिकल पोस्ट में चाय पीने के प्रमुख (Benefits of tea in hindi) फायदे तथा ज्यादा चाय पीने के कारण होने वाले शारीरिक नुकसानो के बारे में विस्तार से जानेंगे तथा चाय के दुष्परिणामों की चिकित्सा के लिए प्रयोग की जाने वाली होम्योपैथिक औषधियां कौन-कौन सी है इसके बारे में भी वर्णन करेंगे…

१. कैंसर से बचाने में सहायक

चाय में मौजूद पॉलिफिनॉल्स (polyphenols) कैंसर के ट्यूमर की कोशिकाओं को फैलने से रोकने में सहायक होते हैं ऐसा नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की वेबसाइट पर अध्ययन प्रकाशित किए गए हैं (१)

  • कैंसर विरोधी लाभ प्रमुख रूप से ग्रीन टी तथा ब्लैक टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्लेवोनॉयड के कारण होते हैं

चाय का इस्तेमाल कैंसर से लड़ने के लिए सिर्फ एक सहायक औषधि के रूप में किया जा सकता है परंतु इससे कैंसर का इलाज संभव नहीं है इसके लिए प्रमुख इलाज पर ही ध्यान देना होगा


२. दिल के लिए फायदेमंद है चायBenefits of tea in hindi

उपयुक्त मात्रा में ब्लैक टी या ग्रीन टी का सेवन दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से ब्लड प्रेशर, लिपिड प्रोफाइल तथा डायबिटीज नियंत्रित रहता है साथ ही साथ कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी कम होती है जिससे भविष्य में हृदय रोग होने की संभावना काफी कम हो जाती है (२)

चाय के दिल के स्वास्थ्य वर्धक प्रभावों को जानने के लिए अभी और ज्यादा वैज्ञानिक शोध की जरूरत है


३. अर्थराइटिस में लाभकारी है चाय

ग्रीन टी उपयुक्त मात्रा में सेवन करने से रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्तियों में जोड़ों के दर्द, कठोरता (stiffness) तथा सूजन में कमी आती है ऐसा कई प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान में पाया गया है (३)

एनसीबीआई की शोध के अनुसार ब्लैक टी तथा ग्रीन टी में anti-inflammatory गुण होने के कारण यह जोड़ों की सूजन में बहुत लाभकारी है हालांकि यह रिसर्च अभी चूहों में की गई है मनुष्य में नहीं, परंतु इससे यह बात तो कही जा सकती है कि ग्रीन टी या ब्लैक टी का सेवन गठिया के इलाज के लिए घरेलू उपचारों में सहायक सिद्ध हो सकता है बाकी इसके बारे में वैज्ञानिक अनुसंधान की अभी ओर ज्यादा जरूरत है


४. डायबिटीज के रोगियों में फायदेमंद है चाय

एनसीबीआई की वेबसाइट की शोध के अनुसार ग्रीन टी या ब्लैक टी का सेवन शुगर रोग तथा इससे जुड़ी जटिलताओं को नियंत्रित करने के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है (४)

शोध के अनुसार इसके सेवन से इंसुलिन की सक्रियता बढ़ती है जिस कारण रक्त में शुगर का स्तर नियंत्रित करने में मदद मिलती है इस शोध में ब्लैक, ग्रीन तथा ओलोंग जैसी कई प्रकार की भिन्न-भिन्न चाय को शामिल किया गया है


५. सिरदर्द को दूर करने में उपयोगी 

चाय में मौजूद कैफ़ीन तत्व के कारण कुछ हद तक इसका सेवन सिर दर्द को दूर करने के लिए प्रभावी है परंतु यह सिरदर्द का इलाज नहीं है इस बात को हमेशा याद रखेंBenefits of tea in hindi

अध्ययन के अनुसार 237 मिलीलीटर ग्रीन टी में लगभग 35 से 60 मिलीग्राम कैफीन की मात्रा पाई जाती है तथा इतनी ही मात्रा में ब्लैक टी में लगभग 30 से 80 मिलीग्राम कैफीन होती है एक अध्ययन के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति रोजाना 400 मिलीग्राम तक कैफीन का सेवन कर सकता है अगर इससे ज्यादा मात्रा में कैफीन ली जाए तो इससे सिरदर्द, बेचैनी तथा अनिद्रा की समस्या बढ़ भी सकती है


६. एंटी एजिंग गुणों से भरपूर है चाय

एनसीबीआई वेबसाइट पर प्रकाशित शोद्द आर्टिकल में चाय के बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम करने के बारे में बताया गया है इस अध्ययन के अनुसार वाइट तथा ग्रीन टी में पॉलिफिनॉल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं (५)

कोशिकाओं पर पड़ने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं इस प्रकार यह तत्व त्वचा पर पड़ने वाली झुर्रियों को कम करने में भी सहायक है


७. एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर

चाय में मौजूद पॉलिफिनॉल्स (polyphenols) एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो फ्री रेडिकल्स के कोशिकाओं पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम करते हैं 

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को नियंत्रित करते हैं जिस वजह से कैंसर ह्रदय रोग तथा एजिंग की समस्या में काफी ज्यादा फायदा होता है


८. Anti-inflammatory गुणों से भरपूर

कई प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान में इस बात की पुष्टि की गई है कि ग्रीन टी तथा ब्लैक टी में कई प्रकार के anti-inflammatory गुण होते हैं जिस कारण यह शरीर के अंदर आई हुई सूजन को कम करने में सहायक सिद्ध होते है


चाय के अन्य फायदे (Tea benefits in hindi)

  1. यदि चाय में सालब मिश्री, अम्बर तथा दूध मिलाकर पिया जाये तो काम शक्ति (increase sexual desire) की वृद्धि होती है तथा संभोग की अधिकता से उत्पन्न हानियाँ दूर हो जाती हैं।
  2. चाय में त्रिफला तथा रेवन्द चीनी मिलाकर उबालकर सेवन की जाये तो इससे बलगम (cough) निकल जाती है।
  3. चाय के साथ मुलहठी और बनफशा मिलाकर पीने से नजला व जुकाम (cough and cold) दूर हो जाता है
  4. चाय के साथ अम्बर, दालचीनी तथा केसर (जाफरान) का प्रयोग करने से शरीर में उर्जा (energy production) पैदा होती है।

यदि चाय में सोडा बाईकार्ब मिलाकर सेवन किया जाये तो पाचन संस्थान की चाय के दुष्प्रभावों से रक्षा (protection) होती है। परन्तु बार-बार अधिक मात्रा में या अनुचित विधि से बनायी गयी चाय पीने से संभावित लाभ से वंचित रहना भी पड़ सकता है तथा अन्य कई प्रकार के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जिससे लाभ के बदले हानियाँ ही अधिक होती है।


चाय के पौष्टिक तत्व – Nutritional Value of Tea in Hindi

Tea leaf black- चाय में पाए जाने वाले प्रमुख पोषक तत्व इस प्रकार है जैसे कि (६)

क्रमांकपोषक तत्वमात्रा (प्रति 100 ग्राम)
१.थियोब्रोमाइन2 mg
२.कैफीन20 mg
३.फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड0.002 g
४.फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.001 g
५.फैटी एसिड टोटल पोलीअनसैचुरेटेड0.004 g
६.ऊर्जा1 kcal
७.पानी99.7 g
८.कार्बोहाइड्रेट0.3 g
९.आयरन0.02 mg
१०.मैग्नीशियम3 mg
११.कॉपर0.01 mg
१२.जिंक0.02 mg
१३.फोलेट टोटल5 µg
१४.राइबोफ्लेविन0.014 mg
१५.फोलेट फूड5 µg
१६.फोलेट डीएफई5 µg
१७.कोलीन0.4 mg

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चाय का उपयोग- How to use tea in hindi 

tea/चाय को पीने के फायदे उठाने के लिए इसका प्रयोग नीचे लिखे गए तरीकों से किया जा सकता है जैसे कि…

  • चाय पत्ती को पानी में डालकर उबालकर तथा उसमें स्वाद अनुसार अदरक, इलायची या नींबू मिलाकर चाय बनाई जा सकती है नींबू की चाय या अदरक की चाय लोगों को बहुत पसंद है
  • इसके अलावा ग्रीन टी का प्रयोग बालों के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है इसके लिए ग्रीन टी से बालों को धोना चाहिए (७)
  • डार्क सर्कल्स को दूर करने के लिए टी बैग कुछ देर के लिए आंखों के ऊपर रखे जा सकते हैं ऐसा चाय में कैफीन की मौजूदगी के कारण होता है तथा यह डार्क सर्कल को दूर करने के लिए बहुत प्रभावी तरीका है
  • सामान्य हर्बल चाय में बर्फ या आइस क्यूब मिलाकर Ice-Tea का भी मजा ले सकते हैं

चाय को सामान्य रूप से चाय पत्ती, चीनी तथा दूध मिलाकर दूध वाली चाय का आनंद भी लिया जा सकता है अगर किसी व्यक्ति को सर्दी, खांसी तथा जुकाम है तो ऐसी स्थिति में अदरक तथा तुलसी वाली चाय का सेवन बहुत फायदा पहुंचाता है

दालचीनी तथा काली मिर्च मिलाकर बनाई गई चाय आयुर्वेदिक औषध के रूप में कार्य करती है

रोजाना चाय की मात्रा…

एनसीबीआई वेबसाइट के अनुसार शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों को ध्यान में रखते हुए ज्यादा से ज्यादा दो से तीन कप चाय 1 दिन में पीनी चाहिए इससे ज्यादा चाय पीने से अनेक प्रकार के दुष्प्रभाव शरीर में हो सकते हैं


चाय पीने के नुकसान (side effects of tea in hindi)

यह रक्तचाप (blood pressure) को बढ़ाती है तथा हृदयगति में सुस्ती (bradycardia) उत्पन्न करती है।

  • वृक्कों (kidneys) के कार्य को उत्तेजित करती है तथा आमाशय की झिल्ली में खराश (stomach irritation) उत्पन्न करती है।

इसके सेवन से पाचनसंस्थान (Digestive System) में अनेक प्रकार की समस्या हो सकती हैं जिससे आँतें ठीक प्रकार से कार्य नहीं करती हैं। कभी गैस (gas) पैदा होती है और कभी कब्ज (constipation) हो जाती है तथा कभी अतिसार (diarrhoea) की शिकायत हो जाती है। अनेक तरह के शूल (pain) शरीर में हो सकते है 

  • शरीर में पाचन संस्थान के अस्वस्थ हो जाने से समुचित मात्रा में पोषक तत्त्व कोशिकाओं को प्राप्त नहीं हो पाते, जिससे शारीरिक तथा मानसिक कमजोरी (weakness) हो जाती है। मानसिक कमजोरी भी अनेक मानसिक रोगों का कारण बन सकती हैं।

वृक्कों (गुर्दो) में उत्तेजना पैदा होने से, वृक्कों (kidneys) को अधिक श्रम करना पड़ता है जिससे वे जल्द ही कमज़ोर हो जाते हैं। अनेक तरह की उनमें गड़बड़ी हो जाती है।

  • इसके नियमित सेवन से त्वचा के रोग एवं अम्ल (Acidity) की शिकायत निश्चित रूप से हो सकती है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो लम्बी अवधि से ज्यादा चाय ले रहा हो और आमाशय की दृष्टि से पूरा स्वस्थ हो।

इसके सेवन से श्लैष्मिक झिल्ली (mucous membrane) में खुश्की आने के कारण शरीर पर भी रूक्षता (dryness) आ जाती है।

  • चाय अधिक पीने से प्रायः नज़ला, जुकाम आदि रोग हो जाते हैं। क्योंकि चाय पीने के कारण गले की झिल्ली अधिकतर गर्म रहती है अतः उसमें ठण्डे पदार्थ सहन करने की क्षमता नहीं रहती है। यदि ठण्डे पदार्थ का संयोग होता है तो जुकाम हो जाना स्वाभाविक है।

चाय में मुख्य द्रव्य कैफीन होती है जिसे थीइन (Theine) भी कहते हैं जो शरीर को उत्तेजित करती है जिसका परिमाण (मात्रा) 3% होता है।

चाय के नुकसान

इस चाय में टेनिक एसिड (Tannic Acid) कषायाम्ल के रूप में होता है। इसकी मात्रा 12% से 15% होती है। यह शरीर को बहुत हानि पहुंचाता है।

  • चाय में एक उड़नशील पदार्थ 1/2 से एक 1% होता है।

चाय को अधिक उबाले जाने से टेनिक एसिड (कषायाम्ल) अधिक उत्पन्न होता है। यह शरीर की रक्तवाहिनियों को सख्त बनाकर रक्त संचार की हानि करता है।

  • चाय के अधिक सेवन से यकृत के स्राव (liver secretions) को भी हानि पहुँचती है।

जो चाय सिरदर्द की बेस्ट औषधि मानी जाती है, वही चाय अगर (चाय व्यसनी को) समय पर तत्काल नहीं मिलती तो इससे सिर दर्द पैदा भी हो जाता है अर्थात् चाय तो सिरदर्द ठीक करती है लेकिन चाय की लत (tea addiction) सिर दर्द पैदा करती है।

  • जो लोग चाय को अपना चुके हैं यदि उन्हें समय पर चाय ना मिल पाये तो वे सब कष्ट पैदा हो जाते हैं जिनमें चाय उपयोगी बतलायी गयी है। इनमें से कुछ तो चाय के अभाव में, चाय का कमी से होने वाले शारीरिक कष्ट होते हैं। शेष मात्र भ्रम होता है कि चाय नहीं पीने से ऐसा हो रहा है अर्थात् कल्पित रोग के शिकार भी हो जाते हैं।

चाय के अभाव में, चाय पीने वालों को सुस्ती, बेचैनी, सिरदर्द, पैरों में दर्दयुक्त ऐंठन, किसी काम में मन न लगना, चेहरे पर उदासी, अनिद्रा आदि लक्षण प्रकट होते है।

  • चाय में कैफीन होती है। कैफीन की घातक मात्रा 10 ग्राम है, परन्तु 1 ग्राम से अधिक की मात्रा भी शरीर में पहुँच कर केन्द्रीय नाडी संस्थान (central nervous system) एवं रक्त संस्थान (circulatory system) में विकृति उत्पन्न कर देती है।

उपरोक्त हानियों से स्पष्ट होता है कि जिन रोगों में कुछ हद तक चाय उपयोगी है, उन्हीं रोगों को बल्कि और कुछ अन्य घातक कष्टों को जन्म देने वाली भी ये ही है।


 चाय के दुष्परिणामों की होमियोपैथिक चिकित्सा 

फेरमफॉस (Ferrum Phos) 6x – चाय के दुष्परिणामस्वरूप उत्पन्न कष्टों में किसी भी सुनिवांचित औषधि के साथ या अकेले इसे (स्वतंत्र रूप से) अवश्य दें। गर्म पानी के साथ सेवन कराना अपेक्षाकृत अधिक लाभदायक है।

  • चियोनैन्थस (Chionanthus) 3x –चाय के दुष्परिणाम से उत्पन्न हृदय के रोग, कलेजा अधिक धड़कना, अनिद्रा, अजीर्ण आदि उपसर्गस्वरूप कष्टों में लाभदायक है।

थूजा (Thuja) 6x –अधिक चाय सेवन से यदि स्नायुविक दुर्बलता के लक्षण प्रकट हों तथा पेट में गैस बन रही हो तो यह उपयोगी है।

  • चायना (China) 3x, 6 – चाय विष से, आमाशय की विषाक्तता के कारण यदि थोडा-सा भोजन सहन नहीं हो, पेट में ऐंठन हो तो इसे सेवन करायें।
  • थूजा (Thuja) 1M –अधिक चाय पीने के कारण उत्पन्न किसी भी तरह के उपसर्ग में यदि प्रति सप्ताह इसकी 1 मात्रा दी जाये तो अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल परिणाम मिलते हैं। लक्षणानुसार अन्य दवायें भी पूरक के रूप में दी जा सकती हैं।

हाइड्रैस्टिस कैनाडेन्सिस (Hydrastis Canadensis) 1x चाय की तीव्र इच्छा को शांत करने के लिये-इसका सेवन करायें। जब अधिक चाह हो, तीव्र इच्छा हो तो चाय की तरह गर्म पानी में 3 से 5 बूंद मिलाकर चाय की तरह चुस्की लेकर पियें

कैल्केरिया कार्ब (Cal. Carb) 30, 200 -चाय के आदी हों, लेकिन चाय छोड़ना चाहते हो, शरीर से मोटे-तगड़े हों तो इसके नियमित सेवन से लाभ होगा।

अन्य होम्योपैथिक मेडिसिन्स

कॉफिया क्रूडा (Coffea Cruda) 30 -चाय अधिक पीने के कारण यदि नींद आनी बन्द हो जाये तो इसके सेवन से नींद आने लगती है।

  • नक्सवोमिका (Nux Vomica) 30 – पाचनविकार हो जाये तो अन्य सुनिर्वाचित औषधि के साथ-साथ इसे भी प्रतिदिन रात 1 मात्रा दें।
  • कोफियाक्रूडा (Coffea Cruda) 30 –

इग्नेशिया (Ignatia) 30 –  हरी चाय के दुष्परिणामों में इनका सेवन उपयोगी है। एक सप्ताह में लाभ नहीं प्रतीत हो तो चायना 2x सेवन करायें।

थिया चि. (Thea Chinensis) 3x – जो अधिक दिन से चाय ले रहे हों, उनके किसी भी कष्ट में पहले इसका सेवन करायें। फिर अन्य दवायें लक्षणानुसार पूरक रूप में देते रहें।

ओर कुछ नहीं तो –फेरमफॉस (Ferrum Phos) 6x तथा चायना (China) 2x नियमित रूप से सेवन करायें। चाय से उत्पन्न अधिक से अधिक दुष्परिणामों की चिकित्सा हो जायेगी।

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चाय के बदले या चाय का विकल्प

कछ लोग ऐसे हैं जो चाय का सेवन तो करने लगे परन्तु दुष्परिणामों के शिकार हो जाने से अब इसे छोडना चाहते हैं। वह हृदय से ऊब गये होते हैं। दो-एक दिन छोड़कर देखत भी है, परन्तु शारीरिक स्थिति ऐसी हो गयी है कि अब वे बिना चाय के पूर्ण अस्वस्थता अनुभव करते हैं। इस परिस्थिति में ऐसे पेय की आवश्यकता होती है। जो चाय से प्राप्त सभी गुणों की आपूर्ति करें लेकिन चाय से उत्पन्न सभी दुष्परिणामों से रहित हो।

ऐसे पेय चाय की आदत छुड़ाने में भी शत-प्रतिशत उपयोगी सिद्ध होते हैं। जब कभी चाय की चाह होती है, इसे लिया जा सकता है

नीचे कुछ ऐसे योग दिये जा रहे हैं जिन्हें चाय के स्थान पर लेकर चाय से मुक्ति, चाय के दुष्परिणामों से छुट्टी एवं शरीर के लिये शाँति प्राप्त की जा सकती है।

बोर्नवीटा चाय

  • एक कप में एक चम्मच बोर्नवीटा, चीनी स्वादानुसार एवं दूध आवश्यकतानुसार डालकर उसमें खूब खौलता हुआ गर्म पानी मिलाकर चम्मच से हिलायें। बिल्कुल चाय जैसा पदार्थ तैयार हो जायेगा। इसके साथ टोस्ट और बिस्कुट भी खा सकते हैं। बोर्नवीटा के गुण तो सब जानते ही है। या
  • सौंफ 50 ग्राम, बड़ी इलायची 200 ग्राम, ब्राह्मी बूटी 250 ग्राम, बनफशा 10 ग्राम, लाल चन्दन 50 ग्राम, मुलहठी 15 ग्राम, सोंठ 10 ग्राम, काली मिर्च 10 ग्राम, तुलसी के पत्ते 20 ग्राम, अंजीर या मजीठ 10 ग्राम, धनिया 100 ग्राम-सबको चूर्ण बना लें।

आधा किलो पानी में एक चम्मच यह चूर्ण डालकर उबाल लें। अच्छी तरह उबाल आने के बाद दूध व मीठा मिलाकर प्रयोग करें। मीठे की जगह बिना मसाले का गुड़ या शक्कर डालें तो ओर भी उत्तम है। चीनी का प्रयोग कम ही करें। इससे शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है।

यह पेय (चाय) हृदय एवं मस्तिष्क को शक्ति देकर सर्दी-जुकाम, नज़ला, खाँसी, दमा,वात पित कफ जनित रोगों से बचाकर ताजगी देती है तथा रक्त को शुद्ध करती है

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q चाय को हिंदी में क्या कहा जाता है?

A हिंदी में चाय को “दूध जल मिश्रित शर्करा युक्त पर्वतीय बूटी” कहा जाता है इसका अर्थ होता है कि दूध तथा पानी के मिश्रण में चाय पत्ती मिलाकर चाय तैयार करना, अंग्रेजी में चाय को Tea कहते हैं


Q चाय पीने के क्या फायदे होते हैं?

A ग्रीन टी या ब्लैक टी का सेवन संतुलित मात्रा में करने से शरीर में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल कम होता है ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है मधुमेह कंट्रोल होता है भविष्य में हृदय रोग होने की संभावना कम हो जाती है शरीर में ताजगी व स्फूर्ति महसूस होती है


Q टी में क्या पाया जाता है?

A कैफ़ीन तथा टैनिन चाय में प्रमुख रूप से पाए जाते हैं जो मस्तिष्क को उत्तेजित करते हैं शरीर में स्फूर्ति का एहसास देते हैं इसके अतिरिक्त चाय में एल- थियेनायन नामक अमीनो एसिड होता है जो मस्तिष्क को अलर्ट रखता है


Q चाय में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

A मुख्य रूप से चाय में विटामिन b1, विटामिन B2, विटामिन B3, विटामिन सी सहित विटामिन ए  पाया जाता है


 Q क्या रोजाना चाय पी सकते हैं?

A रोजाना पूरे दिन में दो से तीन कप ज्यादा से ज्यादा चाय के पी सकते हैं इससे ज्यादा पीने पर अनेक प्रकार के दुष्परिणाम होने की संभावना बढ़ जाती है


Q चाय पीने से कौन सा रोग होता है?

A जरूरत से ज्यादा मात्रा में चाय का सेवन आंतों के लिए बहुत खराब है इससे आंतों में क्षति, गैस, तेजाब, पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं कई व्यक्तियों में चाय के सेवन से कब्जियत की समस्या भी हो जाती है


Q सुबह सुबह कौन सी चाय पीनी चाहिए?

A ज्यादातर लोग सुबह सुबह दूध मिश्रित चाय का सेवन करते हैं परंतु ग्रीन टी या ब्लैक टी का सेवन सुबह-सुबह करना ज्यादा फायदा करता है इसका कारण इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स, फ्लुराइड्स, एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे सेहतवर्धक तत्वों के कारण होता है


Q चाय में कौन सा नशा होता है?

A चाय में प्रमुख रूप से कैफीन होता है यदि आप रोजाना 100 मिलीग्राम कैफीन कॉफी, चॉकलेट या चाय इत्यादि के रूप में सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर को कैफीन की लत लग जाती है यह भी एक प्रकार का नशा ही होता है


Q चाय की तासीर क्या होती है?

A तासीर में चाय गर्म होती है इसलिए ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थों के साथ चाय का सेवन करने से पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती है


Q क्या चाय पीना जरूरी है?

A जी नहीं, चाय की जरूरत सामान्य स्थितियों में हमारे शरीर को नहीं होती, यह केवल आदत है इसी आदत के चलते हमें चाय पीने की जरूरत पड़ती है बाकी चाय की न्यूट्रिशन वैल्यू ना के बराबर ही होती है


Q भूखे पेट चाय पीने से क्या होता है?

A भूखे पेट ज्यादा मात्रा में चाय पीने से अतिसार, पेट में जलन, एसिडिटी इत्यादि की समस्या हो सकती है शरीर में ज्यादा गर्मी महसूस होने लगती है नींद से संबंधित परेशानी भी हो सकती है


Q नींबू की चाय से क्या होता है?

A नींबू की चाय अर्थात लेमन टी का सेवन हमारे पेट से संबंधित समस्याएं जैसे गैस, तेजाब, अफारा, एसिडिटी, अपचन इत्यादि को दूर करता है 

  • पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है इसके अलावा विटामिन सी का बहुत बढ़िया स्त्रोत है 
  • लेमन टी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में भी काफी कारगर है इससे इम्यूनिटी भी बढ़ती है

Q बिना चीनी की चाय पीने से क्या होता है?

A बिना चीनी की चाय मोटापा कम करने में बहुत मददगार है इससे आप हर दिन अपने आहार में 100 से ढाई सौ कैलरी की बचत कर सकते हैं यह भूख को कम करने में भी मददगार है


Q टी कितने प्रकार के होते हैं?

A चाय के अनेक प्रकार हैं जैसे कि ग्रीन टी, ब्लैक टी, वाइट टी, हर्बल टी, कैमोमाइल टी (Chamomile tea), ओलान्ग टी (Oolong tea), इचिनेशिया टी (Echinacea tea) इत्यादि


Q चाय की लत क्यों है?

A इसकी मुख्य वजह चाय में मौजूद कैफीन तत्व के कारण होती है कैफीन की ज्यादा मात्रा का सेवन करने से हमारे शरीर को इसकी आदत पड़ जाती है इसके बिना हमारा शरीर टूटने लगता है उर्जाहीन महसूस करने लगता है यह भी एक प्रकार का नशा ही माना जाता है


Q कौन सी चाय सेहतमंद है?

A सेहत के हिसाब से सबसे ज्यादा ग्रीन टी हमारे लिए फायदेमंद है प्रत्येक व्यक्ति को दिन में दो से तीन बार ग्रीन टी का सेवन जरूर करना चाहिए यह शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के साथ-साथ मोटापा कम करने में भी सहायक होती है


Disclaimer (Benefits of tea in hindi)

इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।

  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।

उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।

इसे भी पढ़ें– “टाइफाइड की जांच in हिंदी”

Information Compiled- by Dr. Vishal Goyal

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)

Email ID- [email protected]

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjabwriter-

“Benefits of tea in hindi पढने के लिए आपका धन्यवाद…


सन्दर्भ:

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/9759559/tea tannic acid side effects study

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/10607735/- (१)- comparative chemo-preventive mechanisms of green tea, black tea and selected polyphenol extracts

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3123419/- (२)- tea and heart health study 

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25964045/- (३)- Anti-inflammatory activity of green versus black tea aqueous extract in a rat model of human rheumatoid arthritis

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6617012/pdf/antioxidants-08-00170.pdf- (४)- Effects and mechanisms of Tea for the Prevention and Management of Diabetes Mellitus and Diabetic complications study

https://medlineplus.gov/caffeine.htmlcaffeine study

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4289929/#:~:text=These%20anti%2Dwrinkle%20activities%20are,the%20oxidation%20of%20black%20tea- (५)- Anti-wrinkle Effects of Water Extracts of Teas in Hairless Mouse

https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/1104260/nutrients-(६)- Tea, hot, leaf, black nutritional value study

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2707781/- Green tea hair growth benefits


 

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