crp व hs-crp टेस्ट का महत्व

crp व hs-crp टेस्ट का महत्व

crp व hs-crp टेस्ट का महत्व…

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1 crp व hs-crp टेस्ट का महत्व…
  • crp व hs-crp टेस्ट का महत्व को समझने से पहले आपको इसके बारे में थोड़ी सी बेसिक जानकारी होना जरूरी है,
  • सी आर पी का मतलब है सी रिएक्टिव प्रोटीन(c-reactive-protein) तथा,
  • एचएस सीआरपी का मतलब है हाई सेंसटिविटी सी रिएक्टिव प्रोटीन(high-sensitivity-c-reactive-protein),
  • पहले-पहल सी रिएक्टिव प्रोटीन की जांच ज्यादा कराई जाती थी,
  • परंतु आजकल एचएस सीआरपी की जांच ज्यादा कराई जाती है,

क्योंकि एचएस-सीआरपी की जांच से शरीर के अंदर होने वाले सूजन का ज्यादा स्पष्ट तरीके से पता चलता है


क्या होता है सी-रिएक्टिव-प्रोटीन?

  • जब भी हमारे शरीर के अंदर किसी भी हिस्से में किसी भी प्रकार की सूजन आती है तो उसके अनुपात में हमारे रक्त में,

सी रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर बढ़ने लगता है,

  • इसका सीधा सा मतलब यह है कि,
  • शरीर के अंदर आने वाली सूजन जितनी ज्यादा होगी उतना ही सी रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर नॉर्मल से बढ़ जाएगा,
  • इसलिए इस जांच से हम हमारे शरीर में आने वाली सूजन का बिल्कुल सही से निदान कर सकते हैं,
  • यह प्रोटीन हमारे यकृत में बनती है तथा बिना सूजन के इसका स्तर रक्त में नॉर्मल रहता है

क्यों बढ़ता है सी-रिएक्टिव-प्रोटीन?

  • सी रिएक्टिव प्रोटीन के बढ़ने का प्रमुख कारण हमारे शरीर के अंदर आने वाली सूजन है,
  • इसलिए सबसे पहले हमें सूजन (INFLAMMATION) के कारणों को समझना होगा,
  • शरीर के अंदरूनी अंगों में सूजन आने के क्या कारण हैं इनमें से प्रमुख रूप से दो कारण आप को समझना बहुत जरूरी है ,
  • वो इस प्रकार है…

१.किसी संक्रमण(infection)के कारण…

  • हमारे शरीर में अनेक प्रकार के संक्रमण हमें होते रहते हैं जैसे कि बैक्टीरिया के कारण होने वाले जैसेकि…
  • आन्त्रिक ज्वर या टाइफाइड यह एक प्रकार का बैक्टीरियल संक्रमण है,
  • टाइफाइड के संक्रमित व्यक्ति के आंतों में सूजन आ जाती है इसके कारण भी सी रिएक्टिव प्रोटीन बढ़ सकता है
  • दूसरी उदाहरण के तौर पर ट्यूबरक्लोसिस या टीबी की बिमारी यह भी एक बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण है,
  • जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है तथा शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है तथा,
  • इसके कारण भी सी रिएक्टिव प्रोटीन बढ़ जाता है
  • या वायरस(virus)के कारण होने वाले जैसे कि,
  • उदाहरण के तौर पर करोना(COVID-19) का संक्रमण
    crp व hs-crp टेस्ट का महत्व
    करोना वायरस सक्रमण

    ,

  • इस संक्रमण के कारण हमारे फेफड़ों में बहुत अधिक सूजन आ जाती है जिसके कारण सी रिएक्टिव प्रोटीन बढ़ जाता है या,
  • फंगस(FUNGUS) के कारण होने वाले संक्रमण,
  • इसके इलावा पैरासाइट के कारण होने वाले जैसे कि मलेरिया इत्यादि
  • अब आप एक बात तो समझ ही गए कि संक्रमण चाहे किसी भी प्रकार का हो उसके कारण आने वाली,
  • शरीर के अंदरूनी अंगों की सूजन के कारण सी रिएक्टिव प्रोटीन बढ़ जाता है

२. किसी एलर्जी के कारण…

  • एलर्जी में क्या होता है कि जब हम कोई ऐसी चीज खाते हैं या कोई ऐसी चीज के संपर्क में आते हैं,
  • जो हमारे शरीर को माफक नहीं होती उससे उससे भी हमारे शरीर के अंदर के अंगों में सूजन आ जाती है,
  • जिस कारण सी रिएक्टिव प्रोटीन बढ़ जाता है,
  • उदाहरण के तौर पर इसको आप ऐसे समझिए कि अगर किसी को कनक से एलर्जी(GLUTEN-ENTEROPATHY) है,
  • और इसके बावजूद वह कनक खाता है तो उसकी आंतों में सूजन आ जाती है और इसके कारण भी सिर एक्टिव प्रोटीन बढ़ जाता है,
  • या यह समझे कि अगर आपको बुखार की दवा पेरासिटामोल से एलर्जी है और फिर भी आप पेरासिटामोल खाते हैं,
  • तो उसके कारण शरीर के अंदर के अंगो में सूजन आ जाएगी और इसी सूजन के चलते सी रिएक्टिव प्रोटीन बढ़ जाएगा,
  • इस प्रकार अलर्जी तथा संक्रमण शरीर के अंदर आने वाली सूजन के दो सबसे प्रमुख कारण हैं,
  • इनके अलावा कई प्रकार की ऑटोइम्यून बीमारियां जैसे कि,
  • रूमेटाइड अर्थराइटिस या गठिया वा,कई प्रकार के कैंसर इत्यादि अन्य कारणों की वजह से भी ये बढ़ सकता है,

किसी चोट(INJURY) या हड्डी आदि के टूटने(FRACTURE) से भी सी रिएक्टिव प्रोटीन बढ़ सकता है,

दिल का दोरा(HEART-ATTACK) के कारण भी ये बढ़ जाता है क्योंकि हार्ट अटैक में दिल की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है

कई बार दिल की मांसपेशियों के सूजन की बीमारी(PERICARDITIS) जो कि

किसी बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण हो सकती है उस स्थिति में भी CRP बढ़ जाता है


सी आर पी का नार्मल वैल्यू…

वर्तमान में सीआरपी रक्त स्तर के लिए कोई निर्धारित मानक नहीं है, और दिशानिर्देश भी अलग-अलग हैं।

हालाँकि, एक सामान्य नियम के रूप में, निम्नलिखित वर्गीकरण CRP पर लागू होता है:

  • 3 MG/L से कम नार्मल होता है, 
  • 3 मिलीग्राम / एल से- 10 मिलीग्राम / एल के बीच का स्तर हल्का सा ऊंचा(LOW-RISK) होता है

 और आमतौर पर मधुमेह, उच्च रक्तचाप, या तंबाकू धूम्रपान वाली जीवन शैली कारणों जैसी पुरानी स्थितियों से उत्पन्न होता है 

  • 10 मिलीग्राम / एल से-100 मिलीग्राम / एल के बीच का स्तर मध्यम रूप से ऊंचा(MEDIUM-RISK) होता है,

और आमतौर पर एक संक्रामक या गैर-संक्रामक कारण से आयी अन्दरूनी सूजन के कारण होता है।

  • 100 मिलीग्राम / एल से ऊपर का स्तर गंभीर रूप(VERY HIGH RISK) से ऊंचा हो जाता है,
  • और हमेशा गंभीर जीवाणु संक्रमण(SERIOUS-INFECTION) का संकेत देता है।
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hs-crp जांच दिल की बिमारियों के लिए

HS-CRP जांच के परिणाम के अनुसार किसी व्यक्ति में हृदय रोग विकसित होने का खतरा इस प्रकार होता है:

  • कम जोखिम(LOW-RISK)- 1 मिलीग्राम / एल(mg/l) से कम का होना है।
  • मध्यम जोखिम(MEDIUM-RISK)- 1 मिलीग्राम / एल से-   3 मिलीग्राम / एल के बीच में होना है।

उच्च जोखिम(HIGH RISK)-   3 मिलीग्राम / एल से अधिक होना है।यहा पर हम crp जांच पर ज्यादा जोर देंगे क्योंकि hs-crp टेस्ट ज्यादातर हार्ट की बिमारियों के निदान के लिए करवाया जाता है 


सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट कैसे किया जाता है?
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crp जांच कैसे की जाती है

इस टेस्ट को करने के लिए कोई विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती है,

यह टेस्ट कभी भी किया जा सकता है इसके लिए आपकी बाजू से रक्त का नमूना लिया जाता है जिसमें थोड़ा सा दर्द होता है,

और कुछ ही मिनटों मैं यह परीक्षण पूरा हो जाता है,

यह यह परीक्षण आमतौर पर 400 से 600 रुपए के बीच हो जाता है इसका रेट अलग-अलग लैब में अलग-अलग हो सकता है

crp व hs-crp टेस्ट का महत्व को जानने के लिए कृपया आगे पढ़े… 


सी रिएक्टिव प्रोटीन के टेस्ट के रिजल्ट को कैसे समझें?
  • अगर सी रिएक्टिव प्रोटीन 10 मिलीग्राम प्रति लीटर से ज्यादा आ रहा है तो,
  • इसका मतलब है कि आपके शरीर में कोई ना कोई संक्रमण(इन्फेक्शन) है,
  • यह इंफेक्शन किसी भी बैक्टीरिया या वायरस के कारण हो सकता है,
  • तथा यह इंफेक्शन एक्यूट(ACUTE-जिसको हुए थोडा समय हुआ हो) या,
  • चिरकालिक(CHRONIC-जो लम्बे समय से आपके अंदर हो) भी हो सकता है,

ऐसी स्थिति में आपको अपने डाक्टर से सलाह कर सही से इलाज़ करवाना चाहिए


किन किन परिस्थितियों में c-reactive प्रोटीन के टेस्ट में थोड़ा अंतर आ सकता है?
  • हमारे शरीर में कुछ परिस्थितियां सी रिएक्टिव प्रोटीन की जांच को प्रभावित करती हैं जैसे कि…

दर्द निवारक दवाएं(PAIN-KILLER)…

  • अगर कोई व्यक्ति पहले से ही दर्द को कम करने वाली दवाई खा रहा है जैसेकि ब्रुफेन,पेरासिटामोल,डिस्प्रिन आदि 
  • तो ऐसी स्थिति में उसका सीआरपी टेस्ट थोड़ा गड़बड़ आ सकता है,
  • क्योंकि यह दवाएं सीआरपी की वैल्यू को कम कर सकती हैं

गर्भावस्था(PREGNANCY)…

  • गर्भावस्था में भी सीआरपी की वैल्यू बढ़ सकती है,
  • यह गर्भावस्था के अंतिम महीनों में  ज्यादा होता है

कुछ लंबे समय से चली आ रही बिमारियां(CHRONIC DISEASES)…

  • कुछ व्यक्तियों को लंबे समय से कई प्रकार की बिमारियां होती हैं जैसे जोड़ों की प्रॉब्लम(JOINT PROBLEMS),

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    आर्थराइटिस बढाता है crp

  • घुटने की प्रॉब्लम(KNEE PAIN),गठिया-वा(RHEUMATOID ARTHRITIS) शुगर(DIABETES),
  • ऑटो इम्यून डिसऑर्डर जैसे SLE इत्यादि,

इन सभी शारीरिक समस्याओं के कारण सीआरपी की वैल्यू बढ़ सकती है

BIRTH CONTROL PILLS का सेवन…

  • कई महिलायें इस प्रकार की दवायों का प्रयोग करती है, जिस कारण उनके CRP टेस्ट में थोड़ी वैल्यू गड़बड़ हो सकती है

    crp व hs-crp टेस्ट का महत्व
    birth control पिल्स

  • इन प्रकार के समस्याओं में गंभीर संक्रमण का सही से निदान करना कठिन हो जाता है,
  • क्योंकि यह सारी समस्याएं सीआरपी को प्रभावित कर सकती हैं,
  • इस प्रकार आपका डॉक्टर और कई अन्य टेस्ट करवा कर सही से आपकी बिमारी का निदान कर सकता है,

जैसे कि CBC,ESR इतियादी


किन किन बिमारियों में CRP बढ़ सकता है?

सी रिएक्टिव प्रोटीन का 10 मिलीग्राम प्रति लीटर से ज्यादा होना कई प्रकार की गंभीर समस्याओं का कारण हो सकता है जैसे…

  • १. हड्डियों के अंदर होने वाला संक्रमण(Osteomyelitis),
  • २. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर्स जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस या गठिया वा ,SLE-systemic lupus erythematosus
  • ३. ट्यूबरक्लोसिस या क्षय रोग, 
  • ४. कई प्रकार का कैंसर जैसे लिम्फोमा(lymphoma) आदि, 
  • ५. निमोनिया(Pneumonia) या फेफड़ों में होने वाले अन्य प्रकार के संक्रमण जैसे Covid 19 infection आदि,
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    करोना में बढ़ता है crp

     

  • ६. हार्ट अटैक(Myocardial infarction)या हार्ट की मांसपेशियों में होने वाले बैक्टीरिया या वायरस वाले संक्रमण जैसे Pericarditis
  • ७. अग्नाशयशोथ(acute and chronic pancreatitis) या अग्नाशय में होने वाले संक्रमण,
  • ८. Crohn disease
  • ९. आंतों की सूजन वाली बिमारी(Inflammatory bowel disease),
  • १०. रूमेटिक हार्ट डिजीज(Rheumatic heart disease) आदि,
  • किसी भी ऑपरेशन के बाद(After-surgery) या चोट लगने से सीआरपी बढ़ सकता है

    crp व hs-crp टेस्ट का महत्व
    चोट के कारण भी बढे crp

इसके अतिरिक्त तंबाकू का ज्यादा सेवन करने से भी सीआरपी बढ़ सकता है


सी रिएक्टिव प्रोटीन को कम कैसे करें?

  • सी रिएक्टिव प्रोटीन को कम करने का उपाय इसके बढ़ने के मूल कारण से जुड़ा है,
  • हमें सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा कर इस बात का निदान करना है कि,
  • किस  बीमारी की वजह से सी रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर खून में बढ़ा हुआ है,
  • इस प्रकार जब डॉक्टर आप की बीमारी का सही से निदान कर उसका उपचार करेगा,

तो सी रिएक्टिव प्रोटीन अपने आप ही कम हो जाएगा हां कुछ एक बातें हैं जिनका आपको पालन करना चाहिए जैसे…

  • अपने वजन को नियंत्रण में रखें क्योंकि मोटापा(OBESITY) भी एक बीमारी है जिसकी वजह से सी रिएक्टिव प्रोटीन प्रभावित हो  सकता है,

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    मोटापा कम करें

  • मोटापा कम करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- कैसे तेजी से घटाएं अपना वज़न
  • प्रतिदिन व्यायाम जरूर करें इससे आपका शरीर फिट रहेगा तथा आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी,
  • शराब का सेवन ज्यादा ना करें ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादा शराब पीने से यकृत में सूजन आती है और इससे भी crp बढ़ सकता है,

    crp व hs-crp टेस्ट का महत्व
    शराब ना पीयें

  • धूम्रपान या तंबाकू का सेवन बंद करें ऐसा इसलिए है,
  • क्योंकि ज्यादा धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करने से अनेक प्रकार के कैंसर तथा फेफड़ों में सूजन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे crp बढ़ सकता है

इसके अतिरिक्त कुछ दवाई जैसे दर्द निवारक दवाएं(NSAID)या,

खून पतला करने वाली दवा जैसे Statins ग्रुप की दवाएं भी crp को कम करने में मदद करती है


सीआरपी टेस्ट कब करवाना चाहिए?
  • मेरी राय में आपको अपनी मर्जी से इस टेस्ट को नहीं करवाना चाहिए अगर आपको कोई समस्या है तो,
  • सबसे पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए,
  • अगर आप का डॉक्टर आपको यह टेस्ट करवाने के लिए कहे तो ही आप यह टेस्ट कराएं अन्यथा ना करवायें, 
सीआरपी टेस्ट के बारे में खास बात क्या है?
  • सीआरपी टेस्ट के बारे में सबसे खास बात यह है कि यह एक गैर खास जांच(Non-specific-test) है इसका मतलब यह है कि,
  • अकेले इस टेस्ट की मदद से आपका डॉक्टर आप की बीमारी का निदान नहीं कर सकता,
  • आपके डॉक्टर को आपकी बीमारी के लक्षणों के आधार पर पूरी हिस्ट्री लेकर इस टेस्ट के साथ-साथ अन्य और कई प्रकार के खून के टेस्ट भी करवाने पड़ेंगे,

तभी जाकर आपकी बीमारी का सही से निदान हो पाएगा इसलिए अपनी मर्जी से कृपया यह टेस्ट ना करवाएं


सीआरपी टेस्ट करवाने का क्या कोई जोखिम(Complication) है?
  • नहीं, सीआरपी एक आम टेस्ट है जोकि लगभग सारी लैबोरेट्रीज में किया जाता है,
  • इस टेस्ट को करवाने का कोई भी जोखिम नहीं है बस आपको सुई चुभने की हल्की सी पीड़ा को सहन करना पड़ता है और थोड़े पैसे खर्च करने पड़ते हैं बाकी यह बिलकुल सेफ टेस्ट है
  • यहां पर मैंने crp व hs-crp टेस्ट का महत्व के बारे में लगभग सारी बातें आपको समझा दी हैं,
  • और याद रखें ज्यादा जोर सीआरपी टेस्ट पर दिया गया है ना कि hs-crp पर,

क्योंकि एचएस सीआरपी टेस्ट कुछ खास परिस्थितियों में ही किया जाता है जैसे कि हृदय आदि की बीमारियों का निदान करने के लिए आमतौर पर किया जाने वाला टेस्ट एचएस सीआरपी नहीं है,

अगर आपको कोई परामर्श और चाहिए तो आप हमसे हमारी मेल id पर संपर्क कर सकते है मेल पता नीचे दिया गया है 


अस्वीकरण(disclaimer)…
  • इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।
  • उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।

image creditधन्यवाद to www.pixabay.com

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