Cumin Seeds in Hindi: जीरे का प्रयोग व्यंजनों में स्वाद तथा खुशबू (aroma) को बढ़ाने के लिए किया जाता है यह बात तो सभी जानते हैं परंतु जीरा एक प्रमुख हर्बल औषधि है जिसका प्रयोग हजारों वर्षों से आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा पद्धति में अनेक रोगों के इलाज के लिए किया जाता है
यह एक खास किस्म के पौधे से बीजों के रूप में प्राप्त होता है जिसका नाम क्यूमिनम साईमिन्म है जिसकी खेती पाकिस्तान, भारत, चीन के अलावा अफ़्रीका तथा यूरोप के कई देशों में की जाती है
जीरे को आमतौर पर साबुत या पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैअनेक प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण अनेक रोगों के इलाज के लिए घरेलू उपचारों में जीरे का प्रयोग काफी किया जाता है आजकल सबसे ज्यादा जीरा पानी का प्रयोग मोटापा कम करने के लिए किया जा रहा है
आयुर्वेद ऐसा मानता है कि इस जीरे का सही व नियमित प्रयोग कई प्रकार की शारीरिक व्याधियों को जड़ से खत्म करता है यह जीरा हल्के भूरे रंग का होता है जो काली मिर्च के बाद दूसरा सबसे प्रसिद्ध घरों में इस्तेमाल होने वाला मसाला है
आगे इस आर्टिकल में जीरे (Cumin Seeds in Hindi) के प्रमुख फायदे, औषधीय गुण, उपयोग तथा नुकसानो के बारे में विस्तार से चर्चा की जा रही है
जीरे के प्रकार (Types of Cumin seeds in hindi)
जीरा प्रमुख रूप से दो प्रकार का होता है…
1. श्वेत जीरा
2. काला जीरा
सफेद जीरा जिसका प्रयोग आम जिंदगी में सबसे ज्यादा मसाले के रूप में किया जाता है काला जीरा भी इसी की तरह होता है जो दिखने में हल्के काले रंग का होता है गुणों की अगर बात की जाए तो दोनों प्रकार के जीरो में लगभग एक सामान गुण होते हैं
रासायनिक संगठन- जीरे मे अजवाइन की तरह उड़नशील तेल, कई प्रकार के खनिज, विटामिनस तथा अनेक प्रकार के अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं
श्वेत जीरा (White Cumin Seeds)
कुलनाम- | Umbelliferae |
लैटिन नाम- | Cuminum Cyminum Linn. |
अंग्रेजी नाम- | Cumin Seed |
संस्कृत | सफेद जीरा, जीरा, दीर्घ जीरक |
हिन्दी | जीराक, जरक, अजाजी |
गुजराती | जीरू |
मराठी | जिरें |
बंगाली | जीरा |
फारसी | जीरए सफेद |
तैलगु | जीलकरी |
अरबी | कम्मून, अव्यज |
स्याह जीरा (Black Cumin Seeds)
कुलनाम- | Umbelliferae |
लैटिन नाम- | Carum carvi L, Bunium Persicum (Boiss.) Fedt. |
अंग्रेजी नाम- | Black Caraway |
संस्कृत | कृष्णा जीरक, काश्मीर जीरक |
हिन्दी | स्याह जीरा |
गुजराती | शाह जीरा |
मराठी | शाह जिरें |
फारसी | जीरए स्याह |
तैलगु | शीमा जिलकर |
अरबी | कमून, अरमनी |
तामिल | शिमाई, शिरगम |
जीरे के गुण धर्म (आयुर्वेद अनुसार)
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अनुसार जीरा…
- गर्भाशय को शुद्ध करने वाला (Uterine Tonic)
- ज्वर-नाशक (Antipyretic)
- बल-कारक
- रुचि-कारक
- कफ-नाशक
- वीर्य-वर्धक
- पाचक (Digestive)
- गर्म-दीपन
- अतिसार-नाशक(Anti-diarrheal)
वमन (Anti-emetic) को रोकने वाला होता है
“Cumin Seeds in Hindi” पढ़ते रहें…
जीरे के प्रमुख फायदे (Benefits of Cumin in Hindi)
1. वजन कम करने में सहायक
कई प्रकार के वैज्ञानिक अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि जीरे में thymoquinone नाम का एक सक्रिय तत्व मौजूद होता है जो प्रमुख रूप से हमारे शरीर में पैदा होने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करने में बहुत मददगार है
- फ्री रेडिकलस खत्म होने से हमारे शरीर की कोशिकाओं पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है जिस से शरीर विषाक्त तत्वों से मुक्त होता है जिस कारण अनेक प्रकार के रोग जिनमें से मोटापा भी प्रमुख है इससे शरीर का बचाव होता है
इसके अलावा जीरे में दो प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट्स Apigenin व Luteolin भी होते हैं जोकि वजन को कम करने में बहुत सहायक है इसके अलावा जीरे का प्रयोग…
- आहार के पाचन (Digestion) मे सहायक
- आंतों में गैस (Gas) की समस्या को करे नियंत्रित
- पाचक रसों (Digestive Enzymes) की गतिविधि को बढ़ाएं
- यकृत से पित्तरस (bile) की उत्पत्ति में करे बढ़ोतरी
- वसा (fat) के पाचन में सहायक
- चयापचय प्रक्रिया (Metabolism) बढ़ाने में कारगर
- कब्जियत (Constipation) की समस्या को दूर करने में सहायक
अत्यधिक चर्बी (Excess Fat Elimination) को शरीर से बाहर निकालने में मददगार
2. बढ़ी हुई तोंद (belly fat) को कम करने में सहायक (Cumin Seeds in Hindi)
कई व्यक्तियों में मोटापे के कारण पेट की चर्बी बहुत अत्यधिक बढ़ जाती है जिसे तोंद (belly fat) निकलना भी कहते हैं इस तोंद को कम करने के लिए घरेलू नुस्खों में सबसे ज्यादा कारगर अगर कोई औषध है तो वह औषध जीरे का क्वाथ है जिसे बनाना बहुत ही आसान है
इसके लिए सबसे पहले लगभग 10 ग्राम जीरे को डेढ़ गिलास (350 ml लगभग) पानी में डालकर धीमी आंच पर गर्म होने के लिए रख दें
थोड़ी देर बाद जब यह पानी की मात्रा आधा रह जाए तो इस मिश्रण को स्टील की छननी से कांच के गिलास में छान ले अब यह जीरे का क्वाथ तैयार हो चुका है अब इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद तथा आधा नींबू मिलाकर इस मिश्रण का सेवन करें
सेवन विधि (Cumin Seeds in Hindi)
इस जीरे के क्वाथ को हर रोज सुबह खाली पेट सिप सिप करके पिए तथा इसके सेवन के 1 घंटे तक कुछ भी ना खाएं, इस 1 घंटे में कम से कम 1 लीटर गुनगुना पानी (lukewarm water) जरूर पिए
- ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए इस जीरे के क्वाथ का सेवन सुबह खाली पेट तथा शाम को खाने के कम से कम 2 घंटे बाद जरूर इस्तेमाल करें
यह जीरे का क्वाथ कुछ ही दिनों में बढ़ी हुई तोंद को कम कर देता है मोटापा कम करने की यह बहुत ही असरदार घरेलू रेमेडी है
ऐसा इसलिए है क्योंकि जीरे का सेवन मेटाबॉलिज्म को बढ़ा देता है जिससे शरीर में आमरस का पाचन तेजी से होने लगता है जमा हुई चर्बी धीरे-धीरे पिघलने लगती है जिससे धीरे धीरे बढ़ी हुई तोंद कम होने लगती है
विशेष ध्यान दें-
- जीरे के क्वाथ के सेवन के दौरान बढ़ी हुई तोंद को कम करने के लिए आहार में कैलरी डेफिसिट नियम का पालन जरूर करें तथा मैदे से बनी हुई चीजें जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, समोसा इत्यादि का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए
शारीरिक व्यायाम (एक्सरसाइज) अगर आप कर सकते हैं तो बहुत अच्छा है, नहीं तो इसके बिना भी बढ़ी हुई तोंद (belly fat) को जीरे के पानी से कम किया जा सकता है
अगर कोई व्यक्ति शुगर या मधुमेह रोग से पीड़ित है तो ऐसी स्थिति में शहद का प्रयोग ना करें
3. एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर (Cumin Seeds in Hindi)
जीरे में प्रमुख रूप से Terpenes, Phenols, Flavonoids, Alkaloids नाम के सक्रिय तत्व पाए जाते हैं जोकि हमारे शरीर में एंटी-ऑक्सीडेंट (antioxidants) के रूप में कार्य करते हैं
जिससे फ्री रेडिकल्स (free radicals) का खात्मा होता है तथा हमारा शरीर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (oxidative stress) के कारण होने वाले अनेक प्रकार के गंभीर रोग जैसे कैंसर, मधुमेह इत्यादि से बचा रहता है
4. रक्त की कमी (anemia) में उपयोगी
जीरे में आयरन (iron) तत्व की मात्रा बहुत ज्यादा होती है इसलिए खून की कमी (anemia) से पीड़ित व्यक्तियों के लिए जीरे का इस्तेमाल नियमित रूप से करना बहुत फायदेमंद होता है
- अत्यधिक मासिक स्त्राव (Menstruation) के कारण होने वाली खून की कमी जिन महिलाओं में होती है उनके लिए नियमित रूप से जीरे का प्रयोग बहुत फायदा करता है
आयरन के इलावा जीरे में मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटैशियम तथा डाइटरी फाइबर भी होता है
5. यूरिक एसिड घटाने में सहायक
जिन व्यक्तियों के रक्त में यूरिक एसिड का स्तर सामान्य से ज्यादा रहता है ऐसे लोगों के लिए जीरे का नियमित प्रयोग बहुत लाभकारी है
जीरा आहार को सही से पचाकर इससे उत्पन्न होने वाले यूरिक एसिड को गुर्दों द्वारा शरीर से बाहर निकालने में बहुत मदद करता है
6. IBS रोग में उपयोगी (Cumin Seeds in Hindi)
जिन लोगों को आईबीएस या इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की शिकायत है ऐसे रोगियों के लिए जीरे का प्रयोग बहुत ज्यादा फायदेमंद है
IBS से पीड़ित मरीजों को पेट में गैस, तेजाब या अफारा की समस्या ज्यादा रहती है ऐसी स्थिति में जीरे का प्रयोग इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने में बहुत मदद करता है
7. मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
जीरे का नियमित प्रयोग यादाश्त शक्ति (memory booster) को बढ़ाता है जीरा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उतेज़ित करता है ये अल्जाइमर तथा Parkinson रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है
8. मुहासों (acne) के इलाज मे कारगर
एंटीबैक्टीरियल तथा anti-inflammatory गुणों के कारण मुहासों के इलाज व रोकथाम के लिए जीरा बहुत उपयोगी है ऐसा इसलिए है क्योंकि मुहांसों को उत्पन्न करने वाले अनेक प्रकार के बैक्टीरिया जो चमड़ी में पनपते हैं जीरे के नियमित प्रयोग से खत्म होने लगते हैं इसके अलावा एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के कारण यह त्वचा की सुरक्षा कर उसमें और ज्यादा निखार (Glow) लाता है
शरीर से विषाक्त तत्वों (Toxic elements) को बाहर निकाल त्वचा के सौंदर्य करण (Beautification) में बढ़ोतरी करने में भी जीरा सक्षम है
9. बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक (Cumin Seeds in Hindi)
एलडीएल कोलेस्ट्रोल (LDL Cholesterol) जिसे बुरा कोलेस्ट्रोल भी कहते हैं रक्त में इसके बढ़ने से धमनियों में Plaque बन जाता है जिस कारण रक्त की सप्लाई में बाधा पड़ने लगती है ऐसी स्थिति में भविष्य में ह्रदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है
- वैज्ञानिक अध्ययन में यह बात पाई गई है कि जीरे के नियमित प्रयोग से एलडीएल कोलेस्ट्रोल के स्तर में काफी सुधार होता है
इसलिए जिन लोगों को एलडीएल केलोस्ट्रोल से जुड़ी कोई समस्या है उनको अपनी दिनचर्या में जीरे के प्रयोग को यकीन नहीं बनाना चाहिए
10. पाचन तंत्र को करें मजबूत
जीरे का सबसे अहम महत्त्व पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करने में है इसके सेवन से गैस, अफारा, तेजाब बनना व कब्जियत की शिकायत दूर होती है
- ऐसा इसलिए है क्योंकि जीरे का सेवन पाचक रसों की उत्पत्ति को बढ़ाता है
- शरीर में जमा आमरस (undigested food juice) का शीघ्र ही पाचन करता है
- यकृत (liver) की क्रिया में सुधार लाता है
- लार ग्रंथियों (salivary glands) को लार उत्पादन के लिए उत्तेजित करता है यह कार्य प्रमुख रूप से जीरे में मौजूद थाईमोल नामक तत्व के कारण संपादित होते हैं
इन सबके लिए सुबह खाली पेट जीरे के पानी का प्रयोग या खाने में भुने हुए जीरे का प्रयोग किया जाता है
इन फायदों के अलावा आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में जीरे का इस्तेमाल…
- रतौंधी
- हिचकी
- अतिसार
- संग्रहणी
- जी मिचलाना
- बवासीर
- कृमि रोग
- वमन
- गर्भाशय की सूजन
- मूत्र-कृछ
- खुजली
- अग्निमांद्य
विभिन्न प्रकार के बुखार जैसे मलेरिया इत्यादि में हजारों वर्षों से सफलतापूर्वक किया जा रहा है
जीरा को प्रयोग करने का तरीका (Cumin Seeds in Hindi)
जीरे का पानी- इसके लिए रात को सोते समय एक चम्मच लगभग 5 से 10 ग्राम जीरे को एक गिलास पानी में भिगो दें, सुबह उठकर इस मिश्रण को छान के खाली पेट प्रयोग करें तथा इस पानी के सेवन से कम से कम आधे से 1 घंटे तक कुछ भी ना खाएं
जीरे का काढ़ा- इसके लिए 5 से 10 ग्राम जीरे को एक से डेढ़ गिलास पानी में डालकर धीमी आंच पर कुछ देर तक पकाने के बाद जब यह पानी मात्रा में आधा रह जाए तो इसे छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद तथा आधा नींबू का रस डालकर सुबह खाली पेट इस्तेमाल करने से मोटापा तथा बढ़ी हुई तोंद को कम करने में बहुत मदद मिलती है
भुना हुआ जीरा- जीरे को तवे पर हल्का भून कर सुरक्षित रख ले, इस भुने हुए जीरे का इस्तेमाल खाना खाते समय सलाद इत्यादि के ऊपर छिड़ककर या दोपहर को छाछ या दही में मिलाकर सेवन करना बहुत ही फायदेमंद है
FAQ
Q जीरे का पानी पीने से क्या लाभ होता है?
A जीरे का पानी शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है आमरस का पाचन करता है पाचक रसों की मात्रा में बढ़ोतरी करने के साथ-साथ अत्यधिक चर्बी को कम करता है
Q जीरे का उपयोग कैसे करें?
A जीरे के पाउडर को 2 से 4 ग्राम की मात्रा में एरंड तेल के साथ मिलाकर सेवन करने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं इसके अलावा जीरे का काढ़ा बनाकर पीने से बढ़ी हुई तोंद कम होने लगती है
Q कच्चा जीरा चबाकर खाने से क्या होता है?
A कच्चा जीरा चबाकर खाने से भूख बढ़ती है खाया हुआ आहार पचने में मदद मिलती है इसके अलावा गैस, तेजाब, अफारा तथा बदहजमी की तकलीफ दूर होती है
Q सुबह खाली पेट जीरा खाने से क्या होता है?
A ऐसा करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है शरीर में एकत्रित हुई चर्बी पिघलने लगती है मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया में बहुत सुधार तथा कब्जियत की समस्या से छुटकारा मिलता है
Q जीरे का पानी कितने दिन पीना चाहिए?
A सुबह खाली पेट जीरे का पानी पीने से मोटापा कम होता है इसके लिए लगातार 2 से 3 महीने इसका इस्तेमाल करना चाहिए फिर कुछ दिन छोड़कर दोबारा से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है
Q जीरा गर्मी करता है क्या?
A जीरा तासीर में हल्का गर्म होता है इसलिए इसके सेवन से किसी भी प्रकार की गर्मी की शिकायत नहीं होती, परंतु पित्त प्रकृति वाले लोगों को सीमित मात्रा में ही जीरे का प्रयोग करना चाहिए
Q जीरा खाने से कौन सी बीमारी होती है?
A जीरा लगभग सुरक्षित हर्बल औषधि है इसको खाने से किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती, जिनके शरीर में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा बढ़ जाए ऐसे व्यक्तियों को जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए
Q जीरा में कौन सा विटामिन पाया जाता है?
A जीरे में अनेक प्रकार के विटामिंस तथा खनिज तत्व जैसे कॉपर, आयरन, मैग्नीज, मैग्निशियम, कैलशियम, पोटैशियम, जिंक, विटामिन ए, ई, सी तथा विटामिन बी कंपलेक्स प्रमुख रूप से पाया जाता है इसके अलावा जीरे में डाइटरी फाइबर भी प्रचुर मात्रा में होता है
Q जीरे की तासीर क्या होती है?
A जीरा तासीर में गर्म होता है
Q जीरा कब खाना चाहिए?
A सुबह खाली पेट जीरे का पानी पीना चाहिए इसके अतिरिक्त दोपहर को भुने हुए जीरे का इस्तेमाल सलाद के ऊपर या दही, लस्सी में मिलाकर करना चाहिए
Q जीरे का पानी किडनी के लिए अच्छा है?
A पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट जीरे के पानी में मौजूद होने के कारण यह किडनी के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है
Q जीरा खाने से क्या नुकसान है?
A उचित मात्रा में जीरे का प्रयोग किसी भी तरह से नुकसानदायक नहीं है जरूरत से ज्यादा मात्रा में प्रयोग करने पर गर्म होने के कारण शरीर में गर्मी को बढ़ा सकता है इसलिए पित्त प्रकृति वाले व्यक्तियों को जीरे का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए ऐसा आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में उल्लेख है
Q खाना खाने के बाद जीरा खाने से क्या होता है?
A ऐसा करने से खाए हुए आहार को जल्दी पचाने में बहुत मदद मिलती है पाचक रसों की उत्पत्ति होने के साथ-साथ पेट की अन्य समस्याएं जैसे गैस, अफारा, एसिडिटी होने की संभावना कच्चे जीरे के सेवन से कम हो जाती है
Q क्या हम रोज जीरा खा सकते हैं?
A जी हां, उचित मात्रा में जीरे का उपयोग हर दिन करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है इसके लिए 300 से 600 मिलीग्राम की मात्रा में इसका इस्तेमाल हर रोज किया जा सकता है
Q क्या जीरा का पानी हानिकारक है?
A जी नहीं, परंतु जरूरत से ज्यादा दिन में कई बार जीरा पानी पीने से रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है मासिक धर्म के स्त्राव में बढ़ोतरी हो सकती है इसलिए दो बार से ज्यादा जीरा पानी दिन में नहीं पीना चाहिए
Disclaimer (Cumin Seeds in Hindi)
इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
- चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।
उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का इलाज करने का प्रयास न करें।
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Information Compiled- by Dr. Vishal Goyal
Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery
Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)
Email ID- [email protected]
Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab
“Cumin Seeds in Hindi” पढने के लिए आपका धन्यवाद…
सन्दर्भ:
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4387230/– Thymoquinone study
https://www.sciencedirect.com/topics/pharmacology-toxicology-and-pharmaceutical-science/apigenin- apigenin properties study
https://www.xtend-life.com/blogs/supplement-ingredients/luteolin– luteolin health benefit study
https://www.healthline.com/nutrition/9-benefits-of-cumin#TOC_TITLE_HDR_3– cumin seeds benefits in anemia study
https://universityhealthnews.com/daily/heart-health/cumin-health-benefits-include-lowering-cholesterol-and-triglycerides/– cumin-health-benefits-include-lowering-cholesterol-levels-study
Very informative article about cumin seeds