ringworm hindi

ringworm hindi-दाद खाज़ खुजली को कहें हमेशा के लिए अलविदा

ringworm hindi: जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है Ring Worm अर्थात् वह वर्म (रोगाणु) जो रिंग अर्थात् अंगूठी सदृश चर्म रोग पैदा करे। सचमुच यह रोग दाढ़ी, लिंग, पेट, अण्डकोषों या कमर पर उभर आते हैं।

समय पर चिकित्सा न की जाये तो एक-दूसरे से मिलकर सारे शरीर पर फैल जाती है। प्रारंभिक अवस्था में चवन्नी-अठन्नी या सिक्का के आकार में, गोल घेरे के रूप वध में, दिखती है जिसके चारों ओर गोलाकार पाँति होती है और बीच की त्वचा या उसके बाहर की त्वचा स्वस्थ जान पड़ती है जबकि घेरा के अन्दर की त्वचा आक्रान्त होती है।

वृत्ताकार रूप में चारों ओर आक्रान्त होकर क्षेत्र विस्तार क्रम जारी रखती है। इसे फैलाने वाले कई प्रकार के फुगी (Fungi) हैं जो इसके रोगाणु माने जाते हैं।

उदाहरणार्थ माइक्रॉस्पोरॉन और डाउनी (Microsporon and douini) मात्र मनुष्य में दाद पैदा करती हैं तो टिनिया वेरुकॉसम (Tinea Verrucosum) मात्र पशुओं को आक्रान्त करती है जो पशुओं में दाद का कारण होता है। यह पशुओं की आक्रान्त त्वचा के सम्पर्क में आने पर मनुष्य तक में भी आसानी से पहँच जाती और सिर की त्वचा को विशेष रूप से आक्रान्त कर देती है।

इसी प्रकार कुत्ते-बिल्लियों के दाद के रोगाणु भी अलग होते हैं जिसे माइक्रॉस्पोरॉन फेलिनम (Microsporon felinum) कहते हैं।

स्पष्ट है ये रोगाणु संक्रमित होते हैं, अतः आक्रान्त रोगी को स्वयं सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिये और जो अभी स्वस्थ है उन्हें आक्रान्त रोगी के कपड़ों का प्रयोग नहीं करना चाहिए


 दाद की एलोपैथिक चिकित्सा में प्रयोग होने वाली प्रमुख दवाएं (ringworm hindi)…

1. ग्रिसैक्टीन फोर्ट Grisactin Forte (सी एफ एल फार्म):-

  • दाद की यह उत्तम औषधि है। यह टिकिया 250 मिलीग्राम की मात्रा में आती है इसकी एक गोली सवेरे शाम 2 से 3 हफ्ते लगातार प्रयोग करने से दाद की बिमारी में बहुत लाभ मिलता है 

बच्चो को 10 मि.ग्रा. प्रति कि.ग्रा. शरीर भार के हिसाब से कुल मात्रा को दिन में दो बार दे 

2. walavin (वैलेस):-

  • यह भी उपरोक्त दवा ग्रिसैक्टीन फोर्ट की तरह ग्रिसेओफ़ुल्विन की टिकिया है। यह 250 मि.ग्रा. की आती है। इसका प्रयोग भी grisactin forte की ही तरह किया जा सकता है 

3. Lamisil (नोवार्टिस):-

  • यह टिकिया 250 मि.ग्रा. की आती है। वयस्कों को एक टिकिया नित्य 2 से 6 सप्ताह तक दें। मूत्र एवं यकृत सम्बन्धी रोगियों को औषधि की आधी मात्रा दें। बच्चों को इसका सेवन वर्जित है।

4. Mycoderm (एफ डी सी):-

  • यह डस्टिंग पाउडर गर्दन से नीचे प्रभावित स्थान पर हर रोज़ 2 से 3 बार प्रयोग करें। “माइकोडर्म-सी” भी आता है जिसमें क्लोटिमाजोल होता है।

5. बेटनोवेट (ग्लैक्सो स्मिथक्लीन):-

  • प्रभावित स्थान पर नित्य दो बार लगाकर धीरेधीरे मल दें। यह कई नामों से उपलब्ध है जैसे बेटनोवेट-एन, बेटनोवेट-जी एम, बेटनोवेट-एस, बेटनोवेट-सी और बेटनोवेट स्काल्प आदि।

6.कोबेडर्म-एच Cobederm-H (साराभाई):-

  • प्रभावित स्थान पर नित्य दो बार लगाकर हलकी मालिश करें।

“दाद खाज़ खुजली को कहें हमेशा के लिए अलविदा”– पढ़ते रहें…


ringworm-दाद का प्रभावी आयुर्वेदिक इलाज़(ringworm hindi)-

  • प्रभावित स्थान को खुजलाकर जमाल गोटे का तेल हर रोज़ उस पर लगायें।
  • ताम्रपर्पटी 125 से 375 मि.ग्रा. की मात्रा तक सुबह-शाम बाबची चूर्ण के साथ सेवन करने से दाद में बहुत लाभ होता है।
  • विपरीत मल्ल तैल नित्य 2-3 बार लगाने से लाभ होता है।
  • महामन्जिष्ठादि क्वाथ (प्रवाही) 20 मि.ली. सुबह-शाम समभाग जल मिलाकर सेवन करना बहुत लाभदायक है। 
  • गोरख मुण्डी अर्क 25 से 50 मि.ली. नित्य दो बार सेवन करायें।
  • पचतिक्त घृत – 3 से 6 ग्राम दूध में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से दाद, एक्जिमा, खाज ठीक हो जाती है।
  • जंगली अजवायन पीसकर दाद को खुजलाकर उस पर लेप करने से दाद ठीक हो जाता है।
  • दाद को खुजलाकर हींग का लेप करने से दाद ठीक हो जाता है।
  • बायविडंग का लेप दाद पर लाभदायी होता है।
  • अमलतास के पत्तों का रस दाद पर लगाने से लाभ होता है।
  • सिरके में प्याज पीसकर दाद पर लगाने से लाभ होता है।

दाद की कुछ प्रमुख होम्योपैथिक दवाएं (ringworm hindi)-

  • १. Acid chrysophenic
  • २. Anthra kokali-२ x,३ x
  • ३. Petrolium 6 x -30
  • ४. Oleum jacoris-2 x, 3 x
  • ५. Tellurium 30 
  • ६. सीपिया २०० 

नोट – इनका प्रयोग करने से पहले होम्योपैथिक डॉक्टर से सलाह मशवरा जरूर करें


अस्वीकरण (disclaimer)… 

  • इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।
  • उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।

Image-creditधन्यवाद to www.pixabay.com

  • “दाद खाज़ खुजली को कहें हमेशा के लिए अलविदा” के लेखक: डॉ. वी .के. गोयल आयुर्वेदाचार्य B.A.M.S. M.D.(AM)
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