हाथों का सुन्न रहना जाने प्रमुख कारण व उनका समाधान

हाथों का सुन्न रहना जाने प्रमुख कारण व उनका समाधान

हाथों का सुन्न रहना जाने प्रमुख कारण व उनका समाधान परिचेय…

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हाथों का सुन्न होना आज के दौर की एक आम समस्या है हाथ सुन क्यों हो जाते हैं इसका क्या कारण है उन कारणों का इलाज क्या है इसके बारे में विस्तार से आपको बताएंगे सबसे पहले आपको यह बात याद रखनी चाहिए कि हमारे कलाई में प्रमुख रूप से तीन प्रकार की नसें होती हैं

जिसमें बाहर की तरफ रेडियल नर्व (radial nerve) अंदर की तरफ ulnar नर्व तथा ऊपर की ओर मीडियन नर्व होती है किसी भी कारण इन तीनों में से किसी भी नर्व पर किसी भी प्रकार का दबाव पड़ने के कारण हमारे हाथ पूरे या उनका कुछ हिस्सा एक उंगली इत्यादि सुन पढ़ सकते हैं यह एक प्रकार की Neuropathy कहलाती है 


हाथों के सुन्न होने के सबसे प्रमुख 10 कारण…

1. कार्पल टनल सिंड्रोम या कंप्रेसिव न्यूरोपैथी ऑफ़ अपर लिम्ब… 

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि प्रमुख रूप से तीन प्रकार की नसों के दबने के कारण हाथ सुन पड़ सकते हैं इनमें प्रमुख रूप से हमारी कलाई में जो प्रमुख नस है वह मीडियन नर्व (median nerve) होती है

  • यह नर्व के ऊपर से एक लिगामेंट गुजरता है जिसको transverse carpal ligament कहते हैं किसी भी कारण जब यह लिगामेंट मीडियन नर्व को दबाने लगता है तो ऐसी स्थिति को कार्पल टनल सिंड्रोम कहते हैं

जिसके कारण हाथ सुन रहने लगते हैं यह तकलीफ रात्रि के समय ज्यादा होती है ऐसी स्थिति में हाथों का सुन्न होना तथा साथ में दर्द का एहसास होना इत्यादि लक्षण हाथों में पाए जाते हैं


हाथों में सुनपन के कारणों का निदान…

अगर किसी व्यक्ति के हाथों में सुनपन (NUMBNESS) रहता है तो ऐसी स्थिति में ऐसी कौन सी जांच है जिससे सही प्रकार से सुनपन के कारणों का निदान हो सके ऐसी स्थिति में प्रमुख रूप से तीन प्रकार के टेस्ट करवाए जाते हैं…

१. रक्त की जांच…

  • सुनपन के कारणों का सही से निदान करने के लिए रक्त की रूटीन जांच के अलावा प्रमुख रूप से विटामिन B12 की जांच करवाना आवश्यक है

    हाथों का सुन्न रहना जाने प्रमुख कारण व उनका समाधान
    BLOOD TEST

क्योंकि विटामिन B12 की कमी के कारण कई बार शरीर की नसों में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं जिनके कारण हाथों का सुन रहना जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं

२. गर्दन का एमआरआई स्कैन(MRI)…

  • गर्दन के एम आर आई स्कैन में यह बात सुनिश्चित की जाती है कि कहीं नसों पर आने वाला दबाव गर्दन के मनको की स्थिति के खराब होने के कारण तो नहीं आ रहा 

कई केसों में गर्दन के मनके के बीच जो डिस्क होती है उसकी स्थिति बिगड़ जाती है जिस कारण वहां की नसें दबने लगती है और इस समस्या के कारण मरीज के हाथ सुन रहने लगते हैं

३. नसों का एनसीवी(NCV-Nerve conduction velocity) तथा ईएमजी(EMG-Electromyography) टेस्ट…

  • कार्पल टनल सिंड्रोम का निदान इसी परीक्षण के द्वारा किया जाता है जिसमें प्रमुख रुप से कलाई वाली जगह पर नस के दबने की समस्या को सही रूप से समझा जाता है
  • शरीर में कई प्रकार की अन्य बीमारियों के कारण जैसे शुगर रोग, थायराइड की समस्या या प्रेगनेंसी इत्यादि के कारण कार्पल टनल सिंड्रोम की समस्या और भी बढ़ सकती है

यह समस्या प्रमुख रूप से एक हाथ में होती है परंतु कई केसों में दोनों हाथों में भी कार्पल टनल सिंड्रोम हो सकता है

  • ठीक इसी प्रकार कई केसों में मरीज के कुहनी वाले हिस्से में Ulnar Nerve के दबने के कारण Cubital tunnel syndrome नामक समस्या उत्पन्न हो जाती है जिसकी वजह से हाथों का अंदरूनी हिस्सा जिसमें सबसे छोटी उंगली तथा साथ वाली रिंग फिंगर सुन रहने लगती है

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नसों का दबना जिसे कंप्रेसिव न्यूरोपैथी कहते हैं यह हाथों में सुनपन होने का सबसे प्रमुख तथा अहम कारण है इसके अलावा हाथों में सुनपन के अन्य कारण इस प्रकार हैं…

2. विटामिन B12 की कमी…

मनुष्य के शरीर में विटामिन B12 की कमी हाथों में सुनपन का सबसे प्रमुख दूसरा कारण है 

  • विटामिन B12 एक प्रकार का वॉटर सॉल्युबल विटामिन है जिसकी कमी भारतवर्ष में अनेकों मरीजों में देखने को मिलती है 

जो लोग शुद्ध शाकाहारी होते हैं उनमें यह कमी नॉन वेजिटेरियन लोगों की तुलना में ज्यादा पाई जाती है

  • विटामिन B12 की कमी का निदान रक्त की जांच से हो जाता है तथा इसका इलाज विटामिन B12 के इंजेक्शन या गोलियों की मदद से संभव है 

आजकल बाजार में विटामिन B12 के नाक के अंदर छिड़काव करने वाले सप्रे आदि भी मौजूद है

  • शाकाहारी लोग विटामिन B12 के लिए अखरोट, अलसी के बीज, दूध, पनीर इत्यादि पदार्थों का सेवन ज्यादा करें क्योंकि इन पदार्थों में प्रचुर मात्रा में यह विटामिन पाया जाता है बाकी नॉन वेजिटेरियन लोगों के लिए मांस, मछली का सेवन करने से अच्छी मात्रा में विटामिन B12 शरीर को मिल जाता है.

3.  डायबिटिक न्यूरोपैथी…हाथों का सुन्न रहना जाने प्रमुख कारण व उनका समाधान

  • डायबिटीज या शुगर रोग में शरीर की नसे कमजोर पड़ जाती है जिसके कारण हाथों या पैरों में सुनपन की शिकायत होने लगती है ऐसी स्थिति को डायबिटिक न्यूरोपैथी कहते हैं
  • इसके इलाज के लिए मरीज को विटामिन B12 के साथ-साथ Gabapentin,Pregabalin इत्यादि दवाएं दी जाती है ऐसी स्थिति में रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करना बहुत ही जरूरी है अन्यथा यह समस्या और भी बढ़ सकती है

ठीक इसी प्रकार थायराइड के मरीजों में भी शरीर की नसों में कमजोरी आ जाती है जिस कारण हाथों या पैरों में सुनपन की समस्या उत्पन्न हो जाती है 

ऐसी स्थिति को ठीक करने के लिए थायराइड रोग को पूरी तरह से नियंत्रित करना बहुत जरूरी है


4. सर्वाइकल डिस्क की गड़बड़ी…

  • हमारी गर्दन के पीछे वाले हिस्से में सर्वाइकल मनके होते हैं जिनके बीच सर्वाइकल डिस्क होती है 

कई कारणों से यह डिस्क अपनी स्थिति से थोड़ा खिसक जाती है जिस कारण वहां पर हाथों को सप्लाई करने वाली कोई नस दबने लगती है जिस वजह से हाथ में सुनपन की शिकायत हो जाती है 

  • ज्यादातर मरीजों में यह समस्या एक हाथ में ही होती है तथा इस समस्या का सही से निदान करने के लिए गर्दन का एमआरआई स्कैन किया जाता है

एमआरआई स्कैन में सर्वाइकल डिस्क की गड़बड़ी का निदान सही से हो जाता है तथा अगर इस प्रकार की समस्या है तो इसके इलाज के लिए मरीज को तुरंत ही किसी बढ़िया न्यूरोसर्जन या सर्वाइकल स्पाइन के डॉक्टर से परामर्श कर इसका इलाज कराना चाहिए


5. सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस…

 ऐसी स्थिति में एमआरआई स्कैन से समस्या की गंभीरता को सही से पता लगाते हुए किसी स्पाइन सर्जन या न्यूरो सर्जन से परामर्श कर इसका इलाज करवाना चाहिए

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6. कुछ विशेष प्रकार की दवाइयां…

  • कई विशेष प्रकार की दवाइयों के कारण भी शरीर की नसों में कमजोरी आ जाती है 

जिस कारण हाथों में पैरों में सुनपन की शिकायत होने लगती है उदाहरण के तौर पर एंटी कैंसर दवाइयों के कारण, सिस्प्लैटिन दवाइयां इत्यादि


7. Raynaud’s Phenomenon… 

यह एक विशेष प्रकार की धमनियों की समस्या है जिसमें प्रमुख रुप से रक्त का संचार करने वाली धमनियों में किसी भी कारणवश संकुचन होने के कारण हाथों में खून की सप्लाई कम हो जाती है

  •  ऐसी स्थिति में हाथ ठंडे पड़ जाते हैं तथा हाथों में सुनपन की शिकायत भी हो जाती है

 यह तकलीफ वैस्कुलाइटिस के मरीजों में गठिया वा के  मरीजों में या ऐसे मरीज जिनको धमनियों में कोई रोग है उनमें यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है


8. एल्कोहलिक न्यूरोपैथी…

  • कई मरीजों में ज्यादा शराब का सेवन करने से भी नसों में कमजोरी आ जाती है ऐसी स्थिति में हाथ सुन रहने लगते हैं इसको अल्कोहलिक न्यूरोपैथी कहते हैं

ऐसी स्थिति में अल्कोहल का सेवन करना छोड़ देना चाहिए तभी यह स्थिति सुधर सकती है


9. Thoracic Outlet Syndrome… 

यह एक विशेष प्रकार की स्थिति है गर्दन की नसे जिस स्थान से बाजू के अंदर जाती हैं उस स्थान को थोरेसिक आउटलेट बोलते हैं 

  • इस स्थान में किसी भी कारणवश कोई भी दिक्कत आने के कारण यहां की नसें दबने लगती हैं जिससे हाथों में सुनपन की शिकायत हो जाती है
  •  यह विशेष रूप से एक अतिरिक्त हड्डी जिसे सर्वाइकल रिब कहते हैं जो नॉर्मल अवस्था में उस स्थान पर उपस्थित नहीं होती परंतु कुछ केसों में उस स्थान पर यह सर्वाइकल रिब उभरने लगती है जो कि नसों पर अतिरिक्त दबाव डालने लगती है इसी स्थिति को थोरेसिक आउटलेट सिंड्रोम कहते हैं


10. Herpes Zoster Infections… 

  • यह एक विशेष प्रकार के वायरल इन्फेक्शन जैसे HERPES, VARICELLA ZOSTER, SHINGLES हैं जिनके कारण शरीर के किसी भी विशेष स्थान की नसों में डैमेज (Postherpetic neuralgia) होने के कारण वहां सुनपन की शिकायत उत्पन्न हो जाती है

अगर यह इन्फेक्शन कंधों पर या बाजू पर हो जाए तो ऐसी स्थिति में भी कई लोगों में हाथों में सुनपन की शिकायत होने का खतरा बढ़ जाता है

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हाथों का सुन्न रहने के अन्य आम कारण…

१. डिजनरेटिव न्यूरोपैथी(Degenerative Neuropathy)…

अर्थात हाथों तथा पैरों का सुन होने का सबसे आम कारण डिजनरेटिव न्यूरोपैथी है इसका मतलब है कि जैसे जैसे आपकी आयु बढ़ती है आप बुढ़ापे (AGING) की ओर अग्रसर होते हैं वैसे वैसे आपके शरीर की सारी नसें कमजोर पड़ने लगती हैं

जिसके कारण अनेकों लोगों में हाथों तथा पैरों में सुनपन के लक्षण दिखलाई देने लगते हैं यह कारण हाथ पैरों के सुन होने का एक आम कारण है इसीलिए इसका वर्णन ऊपर लिखे प्रमुख कारणों में नहीं किया गया है

२. बाहरी चोट(Injury) के कारण…

  • किसी भी कारणवश अगर गर्दन के पिछले हिस्से पर चोट लग जाए जिस कारण गर्दन के मनको(Cervical Vertebra) में नस दबने लगे तो इस कारण भी हाथों में सुनपन की शिकायत हो सकती है 

ठीक इसी प्रकार अगर पीठ पर कोई चोट लग जाए खासकर लंबर मनको (Lumbar Vertebra) में तो वहां की नसों में भी कंप्रेशन आ सकता है जिसकी वजह से पैरों में या टांगों में सुनपन(Numbness) की शिकायत हो सकती है यह किसी भी बाहरी दुर्घटना के कारण हो सकता है

  • उदाहरण के तौर पर कई बार कोई व्यक्ति जरूरत से ज्यादा वजन एकदम से उठा लेता है ऐसा करते समय उसके शरीर की पोजीशन ठीक ना होने के कारण उसकी पीठ के मनको में अतिरिक्त दबाव पड़ने के कारण डिस्क(Disc bulge) की प्रॉब्लम हो जाती है ऐसी स्थिति में कई बार उस जगह नसों में कंप्रेशन हो जाता है 

जिस कारण उसका असर उसके पैरों या टांगो पर पड़ता है तथा वह सुन रहने लगते हैं इसलिए कोई भी भारी भरकम कार्य करते समय अतिरिक्त सावधानी से काम लेना अति आवश्यक है

जो व्यक्ति जिम जाते हैं तथा वेटलिफ्टिंग करते हैं उनको भी ऐसा करते समय पूरी सावधानी से काम लेना चाहिए अन्यथा इस प्रकार की कोई भी समस्या हो सकती है


न्यूरोपैथी के मरीजों के लिए जरूरी चिकित्सा निर्देश…

ऐसे व्यक्ति जिनको हाथों या फिर शरीर के अन्य अंगों में संपन्न की शिकायत रहती है उन लोगों को नीचे बताई गई बातों का ख्याल अवश्य रखना चाहिए ऐसा करने से उनको उनकी समस्या से छुटकारा पाने में काफी लाभ मिलेगा जैसे कि…

  • न्यूरोपैथी के मरीजों को लंबे समय तक एक ही पोजीशन में नहीं रहना चाहिए थोड़े थोड़े समय बाद अपनी पोजीशन को बदलते रहना चाहिए
  • ऐसे मरीजों को मस्कुलर एक्सरसाइजेज करनी चाहिए अपनी बॉडी को क्लॉक वाइज तथा एंटी क्लॉक वाइज थोड़ा-थोड़ा घुमाना चाहिए तथा कोई भी हैवीवेट उठाने से पहले अपने शरीर की पोजीशन ठीक कर लेनी चाहिए 
  • छोटे-छोटे व्यायाम करने से शरीर के सभी अंगों में खून का संचार ठीक प्रकार से होगा जिससे हाथों या पैरों का सुनपन जल्दी ठीक होगा
  • इसके अतिरिक्त एरोबिक एक्सरसाइज जैसे तेज चलना, तैरना, डांस करना, जुंबा इत्यादि से भी न्यूरोपैथी के मरीजों को काफी लाभ मिलता है
  • कुछ खास प्रकार की Balancing एक्सरसाइजेज करने से भी न्यूरोपैथी के मरीजों को फायदा होता है
  • बहुत ज्यादा नरम गद्दे पर सोने से बचें तथा कुर्सी पर बैठते समय अपनी पीठ को सीधा रखें ज्यादा देर झुक कर ना बैठे
  • योग व प्राणायाम का सहारा लेकर ऐसे मरीज अपनी इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं इसलिए अपने दैनिक जीवन में योग व प्राणायाम को अवश्य ही शामिल करना चाहिए
  • लंबे समय तक झुककर कार्य ना करें थोड़ी थोड़ी देर बाद लेट कर आराम करें इससे आपके रीड की हड्डी(Spine) पर अत्यधिक दबाव नहीं पड़ेगा

स्पेशल निर्देश…

न्यूरोपैथी के मरीज को अपने आहार में विटामिन B12 कैल्शियम, विटामिन D3, जिंक, मैग्नीशियम जैसे तत्वों से भरपूर आहार को शामिल करना चाहिए अगर ऐसा ना हो सके तो सप्लीमेंट का प्रयोग कर इनकी कमी को पूरा किया जाना चाहिए विटामिन B12 के अनेकों सप्लीमेंट्स मार्केट में उपलब्ध है इन के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं जैसे कि…

  • टेबलेट न्यूरोबियान फोर्ट
  • सिरप एवं टेबलेट मीकोनेर्व फोर्ट 
  • टेबलेट न्यूरोकाइंड प्लस इत्यादि 

ठीक इसी प्रकार विटामिन D3 के लिए कुछ सप्लीमेंट्स जैसे Dvion 60k,Osta D 3,Cholecalciferol आदि का सेवन मार्केट से लेकर कर सकते हैं 

न्यूरोपैथी के मरीज जिनको हाथों तथा पैरों में सुनपन के साथ-साथ दर्द, झनझनाहट, बर्निंग सेंसेशन इत्यादि के लक्षण हो तो ऐसी स्थिति में निम्नलिखित अंग्रेजी दवाइयां आपके डॉक्टर की सलाह पर शुरू की जा सकती हैं जैसे कि…

नोटअपने चिकित्सक से बिना सलाह मशवरा करें इन दवाइयों का प्रयोग न्यूरोपैथी के मरीजों को अपनी मर्जी से कदापि नहीं करना चाहिए अन्यथा कई प्रकार के दुष्प्रभाव होने की संभावना बढ़ जाती है 

  • न्यूरोपैथी के मरीज को धूम्रपान तथा अल्कोहल या शराब का सेवन छोड़ देना चाहिए ऐसा करने से भी उसकी स्थिति में अवश्य ही सुधार होगा

हाथ पैरों के सुनपन को ठीक करने के अचूक घरेलू उपाय…

1. एक गिलास गुनगुने पानी में 1 से 2 ग्राम दालचीनी का पाउडर मिलाकर सुबह खाली पेट 2 से 3 महीने तक लगातार सेवन करने से न्यूरोपैथी के मरीजों को बहुत लाभ मिलता है इसके साथ साथ कुछ विशेष प्रकार की एक्सरसाइजेज करना भी जरूरी है

2. 200 से ढाई सौ मिलीलीटर या एक गिलास उबला हुआ दूध कांच के गिलास में ले तथा उसमें आधा छोटा चम्मच हल्दी पाउडर डालें हल्दी की मात्रा 2 से 3 ग्राम तक ले सकते हैं 

  • उसके बाद उस मिश्रण को अच्छी प्रकार से मिक्स करके थोड़ी देर रखें इस हल्दी वाले दूध का सेवन रोजाना कुछ सप्ताह तक लगातार करने से न्यूरोपैथी के मरीजों को अवश्य ही लाभ मिलता है 

आयुर्वेद में हल्दी को नसों के लिए अत्यंत गुणकारी माना गया है इस दूध का सेवन आप नाश्ते के साथ या नाश्ते के आधा घंटा बाद भी कर सकते हैं

3. हाथ पैर सुन्न होने की Best Home Remedy…

एक कांच का बोतल लगभग 1 लीटर कैपेसिटी का ले अगर बोतल ना हो तो आप कोई कांच का जग भी ले सकते हैं 

  • उस बोतल में लगभग 1 लीटर से थोड़ा कम गुनगुना पानी डालें उसके बाद उसके बीच एक मध्यम आकार का छोटे-छोटे टुकड़ों में कटा सेब डाल दें 
  • इसके बाद उसमें आधा चम्मच हल्दी पाउडर डाल दें साथ ही आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर भी उस मिश्रण में डाल दें

    हाथों का सुन्न रहना जाने प्रमुख कारण व उनका समाधान
    हल्दी

  • उसके बाद उस मिश्रण में एक चम्मच खसखस(Poppy seeds) डाल दें तथा इसके बाद तीन चम्मच चिया सीड (Chia Seeds) उस मिश्रण में डाल दें 

तत्पश्चात इस मिश्रण को अच्छी प्रकार से हिला कर रात भर के लिए रख दें तथा सुबह छानकर पूरे दिन थोड़ा थोड़ा करके इसका सेवन करें 

  • इस मिश्रण को फ्रिज में ना रखें नॉर्मल तापमान वाली जगह पर ही रखें फ्रिज में रखने से इसमें उपस्थित गुण काफी कम हो जाते हैं इसलिए इस बात का ध्यान रखें

ध्यान दे…

  • यह एक बहुत ही कमाल की औषधि है जिसका सेवन दो से तीन महीनों के लिए आराम से किया जा सकता है न्यूरोपैथी के रोगी को मात्र 15 दिन इस मिश्रण का सेवन करने के बाद अपने लक्षणों में काफी सुधार अनुभव होगा तथा उसके हाथों तथा पैरों का सुनपन ठीक होने लगेगा,  इससे शरीर की सारी नसों को बहुत ताकत मिलेगी इस मिश्रण का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है

4. अदरक व अजवाइन की चाय का सेवन करने से भी ऐसे मरीजों को बहुत लाभ मिलता है

  • इसके लिए हर रोज सुबह एक गिलास पानी में एक चम्मच अदरक का रस तथा एक चौथाई चम्मच अजवाइन डालकर अच्छी प्रकार उबालकर चाय जैसा बना कर कांच के गिलास में छानकर कुछ दिनों के लिए लगातार इसका सेवन करें

5. थोड़े से गुनगुने सरसों का तेल में थोड़ा सा लहसुन का रस या तुलसी का रस मिला ले फिर उस तेल से हाथों तथा पैरों के तलवों की मालिश करें 

  • ऐसा नित्य प्रतिदिन करने से थोड़े ही दिनों में हाथों व पैरों के सुनपन्न से छुटकारा पाने में बहुत लाभ होगा

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हाथों पैरों के सुनपन(Numbness) का आयुर्वेदिक समाधान…

उसके लिए आपको नीचे लिखी चार चीजों को लेना है…

  • 1. सूखा आमला 50 ग्राम
  • 2. गोखरू 50 ग्राम
  • 3. शतावर 50 ग्राम
  • 4. गिलोय सूखी हुई 50 ग्राम

इन चारों जड़ी बूटियों को अच्छी प्रकार से ग्राइंड करके इनका पाउडर बना उसके बाद इस पाउडर की एक मात्रा लगभग 5 ग्राम सुबह तथा दूसरी मात्रा लगभग 5 ग्राम शाम को गुनगुने पानी के साथ खाना खाने के आधा घंटा पहले या बाद में सेवन करें इसका सेवन लगातार 2 से 3 महीने तक करें ऐसा करने से हाथों या पैरों के सुन(Numbness) होने की समस्या में बहुत लाभ होगा 

  • आप इस औषधि का काढ़ा बनाकर भी सेवन कर सकते हैं इसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है ऐसा करते समय हाथों व पैरों की थोड़ा समय हर रोज मालिश भी करें

दिव्य रसायन चूर्ण

  • अगर किसी भी कारणवश ऊपर लिखी औषधियां उपलब्ध ना हो तो ऐसी स्थिति में दिव्य रसायन चूर्ण का सेवन आधा-आधा चम्मच सुबह शाम गुनगुने पानी के साथ करने से हाथों पैरों के सुनपन में काफी लाभ होता है दिव्य रसायन चूर्ण में भी लगभग सभी जरूरी आयुर्वेदिक औषधियां मौजूद होती हैं

इस औषधि के सेवन के साथ साथ इस बात का भी ध्यान रखें की कोई भी ऐसे आहार का सेवन ना करें जिससे शरीर में वात तथा पित्त दोष की वृद्धि हो 

  • क्योंकि आयुर्वेदिक मतानुसार हाथों तथा पैरों में सुन्नपन रहना, जलन रहना, झनझनाहट रहना इत्यादि का मुख्य कारण वात तथा पित्त दोष की वृद्धि है 
  • ऐसी स्थिति में इन  दोषो को बैलेंस करना भी अति जरूरी है

तथा साथ में इस बात का भी ध्यान रखे हैं कि रोगी का पेट सही समय पर साफ होता रहे उसे किसी भी प्रकार की कब्जियत (CONSTIPATION) की शिकायत ना रहे 

  • अगर उसे कब्जी है तथा उसका पेट साफ नहीं होता तो ऐसी स्थिति में त्रिफला चूर्ण या एरंड तेल का एक चम्मच गुनगुने दूध में डालकर सेवन किया जा सकता है इससे भली प्रकार से पेट साफ हो जाता है

हाथ पैरों में सुनपन(Peripheral Neuropathy) का बेस्ट होम्योपैथिक इलाज…

किसी भी बीमारी का इलाज उसके मूल कारण पर निर्भर करता है सबसे पहले हाथों पैरों के सुनपन का कारण क्या है इसका पता लगाएं तथा उसी हिसाब से उसका इलाज करवाएं 

  • होम्योपैथी में नसों को ठीक करने तथा उनको ताकत देने के लिए अनेकों औषधियां हैं 

इनका सेवन किसी भी होम्योपैथिक चिकित्सक की देखरेख में आसानी से किया जा सकता है यह होम्योपैथिक दवाइयां हाथों पैरों के सुनपन से छुटकारा दिलाने में काफी लाभप्रद है इनमें से कुछ महत्वपूर्ण दवाइयां इस प्रकार हैं…

  • 1. Kali Phos- 3 x या 6 x potency नसों को ताकत देने के लिए यह औषधि बहुत ही उत्तम है
  • 2. Arsenic Album- 30 potency यह दवा उन मरीजों में दी जाती है जिनके हाथों तथा पैरों के तलवों में जलन की समस्या साथ ही साथ घबराहट बेचैनी की समस्या रहती है इसकी पोटेंसी 30 से शुरू कर धीरे धीरे बढ़ाई जाती है
  • 3. Picric Acid 30 potency- 

यह औषधि ऐसे मरीजों में ज्यादा कारगर है जिन मरीजों को हाथों तथा पैरों के तलवों में सुई के चुभने जैसी पीड़ा का एहसास होता है इसकी शुरुआत 30 पोटेंसी से कर सकते हैं

  • 4. Oxalic Acid 30 potency- 

यह औषधि खासकर उन मरीजों को दी जाती है जिनमें हाथों तथा पैरों में कमजोरी तथा सुन्पन्न की शिकायत ज्यादा रहती है यह दवा का यूज थोड़े एडवांस केसो में किया जाता है

  • 5. Causticum 30 potency- 

इस औषधि का प्रयोग न्यूरोपैथी के उन मरीजों में किया जाता है जिनमें मांसपेशियों को सप्लाई करने वाली मोटर नसों (Motor Nerves) में गड़बड़ी हो जाती है

  • 6. Hypericum– 

किसी भी बाहरी चोट के कारण नसों में आने वाली कमजोरी के लिए यह होम्योपैथिक औषधि वरदान है


7. Five Phos A+:

  • यह औषधि एक नरव टॉनिक है जोकि तकरीबन सात प्रकार के औषधियों का मिश्रण है 

न्यूरोपैथी का मरीज चाहे कोई भी दवाई या इलाज को ले रहा हो तो भी इस औषधि का सेवन उसके साथ साथ करने से मरीज को न्यूरोपैथी के लक्षणों में बहुत अधिक लाभ मिलता है 

यह नसों को ताकत देती है उनकी रिपेयर करती है व बेस्ट नरव टॉनिक है

  • इस औषधि की कुछ बूंदों को पानी में मिलाकर प्रतिदिन सेवन किया जा सकता है

निष्कर्ष… 

हाथों का सुन रहना आजकल के दौर में एक आम समस्या है भारतवर्ष में रोजाना हजारों मरीज इस समस्या से ग्रसित हो रहे हैं ऐसी स्थिति में इनके कारणों का सही से निदान कर उनका समाधान करवाना चाहिए अन्यथा यह समस्या और भी बढ़ जाएगी जिसके कारण बाद में इलाज करना बहुत ही कठिन हो जाता है

ऐसी समस्या को नजरअंदाज बिल्कुल भी ना करें तथा अपने चिकित्सक से सलाह मशवरा कर इसका सही कारण पता लगाएं


अस्वीकरण (disclaimer)… 

  • इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।
  • उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।

Image-creditधन्यवाद to www.pixabay.com

  • “हाथों का सुन्न रहना जाने प्रमुख कारण व उनका समाधान” के लेखक: डॉ. वी .के. गोयल आयुर्वेदाचार्य B.A.M.S. M.D.(AM)
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