तोंद बढ़ने के प्रमुख 7 कारण

तोंद बढ़ने के प्रमुख 7 कारण

तोंद का बढ़ना क्या होता है?

तोंद का बढ़ना(Belly fat)जिसे सेंट्रल ओबेसिटी या एब्डोमिनल ओबेसिटी भी कहते हैं आजकल एक प्रमुख समस्या है इसे बेली फैट भी कहते हैं यह एक प्रकार की चर्बी है जोकि पेट के चारों तरफ चमड़ी के नीचे जमा होने लगती है जिसके कारण कमर व पेट का आकार सामान्य से बढ़ जाता है वैज्ञानिक भाषा में इस चर्बी को Adipose Tissue भी कहते हैं


चर्बी (Adipose tissue) के हमारे शरीर को क्या लाभ हैं?

मानव शरीर में चर्बी बहुत ही प्रमुख भूमिका निभाती है इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं…

  • यह चर्बी शरीर के आंतरिक अंगों को सुरक्षा प्रदान करती है तथा उन्हें किसी भी झटके के दौरान चोटिल होने से बचाती है
  • इस चर्बी के कारण शरीर के आंतरिक अंग बहुत ज्यादा या बहुत कम तापमान को झेलने में सक्षम रहते हैं
  • विज्ञानिक इस चर्बी को एक एंडोक्राइन अंग मानते हैं जोकि अनेक प्रकार के शरीर को लाभ देने वाले हारमोंस को बनाती है इसलिए इस चर्बी का सामान्य मात्रा में मानव शरीर में होना बहुत जरूरी है

 

पेट पर जमा होने वाली चर्बी के प्रकार…

पेट के अंदर की तरफ जमा होने वाली चर्बी प्रमुख रूप से दो प्रकार की होती है जैसे कि…

1- Visceral Fat… 

यह वह चर्बी है जोकि शरीर के आंतरिक अंगों में जैसे यकृत या अमाशय या गुर्दे के चारों तरफ या तिल्ली के चारों तरफ या आंतों के चारों तरफ जमा होती है  इस प्रकार की चर्बी को कम करना बहुत मुश्किल होता है इसे विसरल फैट कहते हैं

2- Subcutaneous Fat… 

यह प्रमुख रूप से चमड़ी के नीचे जमा होने वाली चर्बी है जिस के ज्यादा मात्रा में जमा होने के कारण धीरे धीरे पेट का आकार बढ़ने लगता है इस बढ़े हुए आकार को तोंद का बढ़ना भी कहा जाता है मोटापे का प्रमुख कारण इसी प्रकार की चर्बी को माना जाता है तथा अनेक उपायों जैसे आहार तथा उचित व्यायाम की मदद से इसे कम भी किया जा सकता है


पेट के अंदर जमा होने वाली चर्बी के नुकसान…

चर्बी चाहे किसी भी प्रकार की हो अगर सामान्य से अधिक मात्रा में मानव शरीर के अंदर जमा होने लगे तो इसके कारण अनेक प्रकार के नुकसान मानव शरीर को होते हैं जैसे कि…

Increased metabolic risk factors… 

जरूरत से ज्यादा मात्रा में मानव शरीर में चर्बी का जमा होना चयापचय संबंधी विकारों को जन्म देता है इस प्रकार के विकारों में सबसे प्रमुख मधुमेह रोग है

इन्सुलिन रजिस्टेंस (Insulin resistance)…

ज्यादा मात्रा में चर्बी का जमा होना इन्सुलिन रेजिस्टेंस की समस्या को पैदा भी करता है तथा इसको और ज्यादा बढ़ा भी देता है जिसके कारण मधुमेह, फैटी लीवर, हाई कोलेस्ट्रॉल से लेकर अनेक प्रकार के ह्रदय रोग होने की संभावना काफी बढ़ जाती है

इन्फ्लेमेशन(Inflammation)…

जरूरत से ज्यादा मात्रा में विसरल फैट का होना शरीर के अंदर कई अंगों में सूजन की स्थिति उत्पन्न करता है जिसके कारण इन्फ्लेमेटरी मार्कर जैसे सीआरपी(CRP), ईएसआर(ESR) आदि में बढ़ोतरी होने लगती है

Overall Mortality… 

विसरल फैट का जरूरत से ज्यादा मात्रा में शरीर के अंदर जमा होने के कारण किसी भी व्यक्ति की औसत आयु सामान्य से कम होने लगती है इसका कारण ज्यादा चर्बी से होने वाले अनेकों प्रकार के रोग हैं ऐसा वैज्ञानिक मानते हैं

चर्बी चाहे किसी भी प्रकार की हो जरूरत से ज्यादा बढ़ना मानव शरीर में कार्डियो-मेटाबॉलिक डीजेज़ पोटेंशियल को बढ़ाता है जिसके चलते अनेकों प्रकार के रोग मानव शरीर में उत्पन होते हैं

“तोंद बढ़ने के प्रमुख 7 कारण”पढ़ते रहें…


तोंद बढ़ने के प्रमुख कारण क्या है?

यह इस प्रकार हैं…

1- ज्यादा कैलरी वाले आहार का सेवन (Calorie surplus diet)…

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उच्च कैलोरी आहार

एक सामान्य मनुष्य को दिन भर कार्य करने के लिए जितनी कैलरी की जरूरत होती है उससे अधिक मात्रा में कैलरी वाले आहार का सेवन करने से यह अनावश्यक कैलरी चर्बी के रूप में परिवर्तित होकर पेट के अंदर जमा होने लगती हैं जिसके कारण पेट या तोंद बढ़ने लगती है,

उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति को पूरे दिनभर कार्य करने के लिये 2000 कैलरी की आवश्यकता है तथा वह व्यक्ति 2700 कैलरी पूरे दिन में आहार से लेता है तो इस प्रकार वह 700 कैलरी सरप्लस के रूप में ले लेता है तो लगातार 10 दिन तक ऐसा करने से उसके शरीर में 700×10= 7000 कैलरी अनावश्यक रूप से जमा हो जाती है जोकि लगभग एक किलोग्राम शरीर का वजन बढ़ा देती है यह सारी कैलरी चर्बी के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं 

इसलिए तोंद को कम करने के लिए जरूरत से कम कैलरी वाला आहार का सेवन करना अति जरूरी है, 

किसी भी व्यक्ति को पूरे दिन में कितनी कैलरी की आवश्यकता होती है इस बात को जानने के लिए अपना बेसल मेटाबॉलिक रेट(BMR) कैलकुलेट कर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है तथा प्रत्येक आहार की कैलरी संख्या को जानने के लिए इसे गूगल पर सर्च कर देखा जा सकता है


2- मेटाबॉलिज्म का कम होना…

किसी भी व्यक्ति की आयु जैसे-जैसे बढ़ती है वैसे वैसे उसके शरीर में मेटाबॉलिज्म जिसे चयापचय दर भी करते हैं यह धीरे होने लगता है जिसकी वजह से शरीर के अंदर चर्बी के जमा होने की दर भी बढ़ जाती है महिलाओं में पुरुषों की तुलना में आयु बढ़ने के साथ-साथ शरीर के अंदर चर्बी जमा होने की दर ज्यादा पाई जाती है ऐसा कई प्रकार के अनुसंधान में पाया गया है, 

इसी वजह से आयु के बढ़ने के साथ-साथ अगर आहार का सही से ध्यान ना रखा जाए तो महिलाओं में तोंद  बढ़ने के साथ-साथ उनके कमर का आकार पुरुषों के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ता है,

छोटे बच्चों में चयापचय दर या मेटाबॉलिज्म के अधिक होने के कारण ज्यादा मात्रा में कैलरी सेवन करने के बावजूद भी मोटापा नहीं आता


3- चर्बी का कुछ खास अंगों पर ज्यादा जमा होने की प्रवृति…

वैज्ञानिक अनुसंधान यह पाया गया है कि शरीर में जैसे-जैसे चर्बी बढ़ती है तो यह चर्बी अलग-अलग अंगों पर अलग-अलग प्रकार से जमा होती है इसको बॉडी फैट डिस्ट्रीब्यूशन भी कहते हैं, 

उदाहरण के तौर पर सबसे ज्यादा चर्बी पेट वाले हिस्से पर जमा होने के कारण तोंद बढ़ने लगती है

महिलाओं में खासकर रजोनिवृत्ति(Menopause) के बाद एस्ट्रोजन(Estrogen) हार्मोन के कम होने के कारण ज्यादा चर्बी पेट वाले हिस्से तथा कमर पर ज्यादा जमा होती है


4- आनुवंशिक कारण…

तोंद बढ़ने के प्रमुख 7 कारण
आनुवंशिक कारण

तोंद बढ़ने का एक प्रमुख कारण आनुवांशिक भी है ऐसा देखा गया है कि जिन व्यक्तियों के माता-पिता या  दादा-दादी की तोंद बढ़ने की प्रवृत्ति ज्यादा है ऐसे व्यक्तियों में तोंद का बढ़ना स्वाभाविक है ऐसे व्यक्तियों में बढ़ी हुई तोंद को कम करना बहुत मुश्किल होता है,

आनुवंशिक कारणों को वैज्ञानिक कई बाहरी वातावरण से संबंधित कारणों के साथ भी जोड़ कर देखते हैं इसके लिए एक थ्योरी भी है जिसे Thrifty Genotype Hypothesis कहते है,

इस थ्योरी के अनुसार हजारों वर्ष पूर्व जब आहार की काफी कमी होती थी उस वक्त जब मनुष्य को किसी भी रूप में आहार मिलता था तो मनुष्य उस आहार को जरूरत से ज्यादा मात्रा में सेवन करता था जिसके चलते सेंट्रल ओबेसिटी या तोंद बढ़ने की समस्या उत्पन्न हुई,

ज्यादा मात्रा में आहार का सेवन इसलिए किया जाता था क्योंकि कई कई दिन तक दोबारा आहार नहीं मिलता था इसलिए आहार को रिजर्व के रूप में शरीर में स्टोर किया जाता था

“तोंद बढ़ने के प्रमुख 7 कारण” आगे और है…


5- लेप्टिन(Leptin) हार्मोन की कमी…

मानव शरीर में अत्यधिक चर्बी के जमाव को कई प्रकार के हारमोंस भी प्रभावित करते हैं जैसे कि लेप्टिन(Leptin) नाम का हार्मोन, यह हार्मोन आहार सेवन करने के बाद पेट भरने की संतुष्टि(Feeling of fullness) प्रदान करता है, 

इसलिए किसी भी कारणवश इस हार्मोन की कमी होने के कारण मनुष्य को खाना खाते समय पेट भरने की संतुष्टि नहीं होती जिस वजह से वह व्यक्ति ज्यादा आहार का सेवन करता है जिस से सेंट्रल ओबेसिटी या तोंद बढ़ने की समस्या उत्पन्न होती है


6- मानसिक तनाव…

Stress-तोंद बढ़ने के प्रमुख 7 कारण
मानसिक तनाव

वैज्ञानिक अनुसंधान के अनुसार हर रोज रहने वाला मानसिक तनाव भी सेंट्रल ओबेसिटी या तोंद को बढ़ाता है इसका प्रमुख कारण मानसिक तनाव के कारण बढ़ने वाला कॉर्टिसोल (Cortisol) हार्मोन का स्तर है मानसिक तनाव जितना ज्यादा होगा कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर उतना ही ज्यादा बढ़ जाता है जिसके कारण चर्बी का जमाव पेट वाले हिस्से में बढ़ने लगता है

यह कंडीशन रिवर्स ऑर्डर में भी काम करती है जैसे अगर किसी व्यक्ति में मोटापा बढ़ता है तो उसके कारण भी कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है

कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर किसी भी कारण से बढ़ना सेंट्रल ओबेसिटी या तोंद बढ़ने का प्रमुख कारण है इसके अतिरिक्त कई प्रकार के मानसिक रोगों में भी मोटापा बढ़ता है

उदाहरण के तौर पर निम्नलिखित मानसिक विकारों में मोटापा बढ़ने की समस्या ज्यादा देखी जाती है जैसे कि…

इसके अतिरिक्त मानसिक विकारों में प्रयुक्त होने वाली एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसाइकॉटिक दवाइयों से वजन बढ़ने की समस्या ज्यादा होती है ऐसा कई प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान में पाया गया है

इसके अलावा जब भी कोई व्यक्ति ज्यादा तनाव (Anxiety) कि स्थिति में होता है उस वक्त उस व्यक्ति की प्रवृत्ति सुखद आहार(Comfort food) की तरफ़ ज्यादा होती है

जिस वजह से वह ज्यादा कार्बोहाइड्रेट्स वाले या ज्यादा फैट वाले आहार जैसे बर्गर, पिज़्ज़ा या अन्य प्रोसैस्ड फूड का सेवन अत्यधिक मात्रा में करता है जिसकी वजह से सेंट्रल ओबेसिटी या तोंद बढ़ने लगती है


7- विशेष प्रकार की दवाइयां…

  • कुछ विशेष प्रकार की दवाइयां जैसे मिर्गी के दौरे में इस्तेमाल होने वाली एंटी सीजर मेडिसिन(Anticonvulsants- Oxetol) 
  • मानसिक रोगों में इस्तेमाल होने वाली एंटीडिप्रेसेंट(Antidepressants, Antipsychotic)  दवाइयां 

इसके अतिरिक्त त्वचा या सांस संबंधी रोगों में प्रयोग किए जाने वाले कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स(Corticosteroids- Wysolone, Omnacortil etc) या मधुमेह रोग के इलाज में प्रयुक्त होने वाली कुछ दवाइयां जैसे इंसुलिन, Pioglitazone का इस्तेमाल अत्यधिक दिनों तक करने से सेंट्रल ओबेसिटी या वजन बढ़ने की समस्या उत्पन्न होने लगती है जिसके कारण कई लोगों की तोंद भी बढ़ जाती है


निष्कर्ष… 

वैसे तो सेंट्रल ओबेसिटी या तोंद बढ़ने के अनेकों कारण हैं परंतु जो कारण सबसे प्रमुख है उनका वर्णन ऊपर किया गया है प्रत्येक व्यक्ति को इन कारणों को अच्छी प्रकार से समझ लेना चाहिए तथा इनका पूरा ध्यान रखना चाहिए तभी जाकर सेंट्रल ओबेसिटी या तोंद बढ़ने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है


तोंद बढ़ने के प्रमुख 7 कारण का अस्वीकरण(disclaimer)… 

  • इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।
  • उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।

Image-creditधन्यवाद to www.pixabay.com

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