नींद

नींद-अनिद्रा, नींद न आना, निद्रानाश के कारण व् सही समाधान

नींद-अनिद्रा, नींद न आना: (Insomnia, Sleeplessness) परिचय-जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, नींद का अभाव, नींद न आना ही अनिद्रा है। इसका रोगी, दिन में ही नहीं, रात में भी बिस्तेर पर सोने के उद्देश्य से लेट तो जाता है

लेकिन नींद नहीं आती है। रोगी टकटकी लगाये देखता रहता है, पलकों में शिथिलता नहीं आ पाती है। यदि देर-सवेर थोड़ी नींद आ भी जाती है तो उखड़ी हुई, थोड़ी सी सरसराहट या कड़कड़ाहट से नींद खुल जाने वाली।

इतनी अपूर्ण निद्रा में सोकर उठने के बाद भी शरीर क्लन्तिपूर्ण, भारी-भारी सा लगता है। नींद के बाद जो स्फूर्ति एवं ताज़गी की अनुभूति होती है, उसका सर्वथा अभाव होता है।


नींद नहीं आने का कारण- नींद की बीमारी के लिए जिम्मेदार कारक

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1 नींद नहीं आने का कारण- नींद की बीमारी के लिए जिम्मेदार कारक

यद्यपि अनेक प्रकार के कष्टदायक रोगों के कारण भी नींद नहीं आती जैसे पेट दर्द, संधि-शूल, श्वासकष्ट, खाँसी आदि ।

  • उत्तेजक पदार्थों का सेवन भी अनिद्रा का कारण होता है। चाय, कॉफी या मदिरापान आदि ऐसे ही पदार्थ हैं जो नींद को दूर भगाते हैं।

परन्तु आज के युग में उपरोक्त कारणों के अतिरिक्त 50% से अधिक रोगी मानसिक रोगों के कारण अनिद्रा से ग्रस्त होते हैं। मानसिक अवसाद (Depression) रोग, तनाव, भय, चिन्ता, वियोग, क्षोभ, क्रोध आदि ऐसी ही मानसिक स्थिति है जिनसे नींद कोसों दूर भागती है।

  • यदि शारीरिक श्रम न किया जाये, सोने के समय आसपास का वातावरण शांत न हो, किसी कारणवश ध्वनि प्रदूषण का माहौल बना रहे, किसी की प्रतीक्षा हो, इन परिस्थितियों में भी नींद नहीं आती। परन्तु ये परिस्थितियाँ बदल जाती है तो नींद आने लगती है, ये बाह्य कारण हैं।

मानसिक रोग पर आधारित या मानस रोग के साथ-साथ यदि अनिद्रा है तो एक जटिल समस्या उठ खड़ी होती है जिसका शीघ्र निदान (diagnosis) करना बहुत जरूरी होता है।


नींद न आने की बीमारी के लक्षण 

नींद न आना मात्र तो अनिद्रा का सामान्य लक्षण है। लेकिन इसके साथ-साथ अन्य कई ऐसे कष्ट उत्पन्न हो जाते हैं जिनसे शरीर धीरे धीरे रोगी होता जाता है।

लगातार अनिद्रा का शिकार होने से उन्माद, पागलपन, डिप्रेशन जैसे मानसिक रोग होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। साधारण अनिद्रा के कारण भी रोगी का मन भारी-भारी शरीर थका-थका जान पड़ता है।

  • तंत्रिका तंत्र (Nervous system) को आराम नहीं मिल पाने से स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। बात-बात में क्रोध आता है। शारीरिक शक्ति धीरे-धीरे कम होती जाती है।
  • मानसिक शक्ति भी कमज़ोर होने से स्मरण शक्ति (Memory) घट जाती है। बराबर व्याकुलता एवं बैचेनी का अनुभव होता है। भूख नहीं लगती, मन परेशान होता जाता है।
  • किसी भी काम में मन नहीं लगता है।
  • पाचन-क्रिया ठीक से नहीं हो पाने से कब्ज (constipation) होने लगती है। मल सुचारू रूप से नहीं निकल पाने से रक्त भी दूषित हो जाता है फिर नाना प्रकार के चर्मरोगों की उत्पत्ति होती है।
  • पेट में जलन (acidity) एवं गैस बनना शुरू हो जाती है। इस तरह शरीर रोगी हो जाता है।

सिर का भारीपन और सुस्ती बराबर बनी रहती है।


नींद न आने की बीमारी का इलाज व् परहेज़- अच्छी नींद आने के लिए घरेलू उपाय

किसी भी प्रकार के उत्तेजक पदार्थ जैसे चाय, कॉफी, मदिरा आदि से अपने आपको बचायें

  • नित्य रात को सोने से पूर्व एक गिलास गर्म दूध पीने की सलाह दें।

मूंग की दाल एवं चावल की खिचड़ी खायें जिसमें घी की मात्रा अच्छी हो। इससे आंत के अंदर स्निग्धता (चिकनाई) बढेगी। कब्ज होने की संभावना नहीं रहेगी।

  • नियमित रूप से प्रातः काल, खुली हवा में टहलना, हल्का व्यायाम, सवेरे खाली पेट शीतल जलपान आदि दिनचर्या में रखें।
  • सोने से पूर्व हाथ पांव एवं सिर को अच्छी प्रकार ठण्डे पानी से धो लिया करें।
  • रात में या तो हल्का भोजन करें अथवा जो कुछ खाना हो सूरज अस्त होने से पहले खा लें। इससे सोने के समय पेट हल्का रहता है और नींद अच्छी आती है।
  • पढने-लिखने में रूचि हो तो अच्छे साहित्य (सद्ग्रंथ) पढ़ने की राय दें। इससे एक तरफ मानसिक तनाव कम होगा, तो दूसरी तरफ आँखों की नसों में थकान होने से अच्छी नींद आयेगी।
  • सोने के लिये निश्चित समय बना लें। रात को कुछ जल्दी सो जाएं लेकिन प्रातः5 से 6 बजे निश्चित रूप से बिस्तर छोड़ देने का संकल्प करे।
  • सोने के स्थान का वातावरण शांत हो, ऐसी व्यवस्था करें। कमरा हवादार एवं दिन में किसी न किसी समय सूर्य का प्रकाश आये, इस बात का ध्यान रखें।

अगर इन उपचारों से लाभ संतोषजनक नहीं हो पाये तो अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा कर नीचे दी गयी औषधियों का प्रयोग करें।


नींद की गोली – नींद की टेबलेट नाम एंड प्राइस (Hypnotics and Tranquilizers)

विशेष नोट (Disclaimer)

इस आर्टिकल में दी गई नींद की दवाइयों की जानकारी केवल ज्ञान मात्र के लिए है 

  • कृपया नीचे दी गई किसी भी अंग्रेजी दवाई को बिना डॉक्टर की सलाह बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें 
  • क्योंकि इन दवाइयों के सेवन से कई प्रकार के शारीरिक तथा मानसिक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं
  • बाकी यह दवाइयां सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर की पर्ची पर ही मिलती है इसलिए डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल की जानी चाहिए
  • यह दवाइयां लेने से इनकी लत (Habit) भी पड़ सकती है कृपया अपनी मर्जी से इस्तेमाल ना करें

इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद किसी भी दवा का इस्तेमाल अपनी मर्जी से करने से अगर कोई नुकसान होता है तो इसका जिम्मेदार वह व्यक्ति खुद होगा हमारी इसमें कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी

1. एम्बीज़ Ambiz (यूनिकेम)-

यह जोलपीड़ेम की टिकिया है। यह अनिद्रा में पूर्ण भरोसे के साथ दी जा रही है। 10 मि.ग्रा. की टिकियाँ आती हैं।

मात्रा-वयस्कों को एक टिकिया भोजन के बाद सोने से पहले नित्य रात में दे। वृद्धों की अनिद्रा में मात्र आधी टिकिया दें। अधिक समय तक प्रयोग न करें। बच्चों को न दें।


2. एटरनेक्स Eternex (डाबर)-

प्रत्येक टिकिया में मेलाटोनिन और विटामिन बी होते हैं। यह नींद की अनियमितता को नियमित करने में पूर्ण सक्षम है। इसके सेवन से अच्छी नींद आती है।

मात्रा- भोजन के बाद रात में सोने से आधा घंटा पहले पानी के साथ 1 टिकिया दें। बच्चों में इसका प्रयोग न करें


3. फ्लूराज़ Fluraz (ब्रॉन एण्ड बुक)- यह 15 मि.ग्रा. की फ्लूराज़िपाम हाईड्रो. की टिकिया है। चिन्ता एवं मानसिक तनाव के कारण उत्पन्न अनिद्रा की अच्छी दवा है। 

मात्रा – 1-2 टिकियाँ नित्य रात को सोने से पूर्व दें।


4. नितावान Nitavan (स्टैडमेड)-

यह 5 और 10 मि.ग्रा की नाइट्राज़िपाम की टिकिया आती है। अनियमित नींद, सोते-सोते अचानक उठ बैठना। अनिद्रा की उत्तम औषधि है।

वयस्क को 5 से 10 मि.ग्रा. की एक टिकिया नित्य रात को सोने से पहले सेवन करायें।


5. हिप्नोटेक्स Hypnotex (पी.सी.आई.)-

यह भी नाईट्राजिपाम की ही टिकिया है जो 5 और 10 मि. ग्रा. की उपलब्ध है। यह नींद की गड़बड़ी एवं अनिद्रा को दूर करके गहरी नींद लाने में सक्षम है। 5 या 10 मि. ग्रा. की टिकिया रात में सोने से पहले दें।


6. नाइट्रावेट Nitravet (ए एफ डी)-

यह भी उपरोक्त वर्णित औषधियों निटावान एवं हिप्नोटेक्स के जैसी ही है। उन्हीं की तरह इसका प्रयोग करें। यह भी 5 और 10 मि. ग्रा. की टिकिया आती हैं।


7. ट्राइक्लोरिल Tricloryl (ग्लैक्सो स्मिथक्लीन)-

इसका लिक्वीड आता है। मूल औषधि ट्राईक्लोफॉस सोडियम 500 मि.ग्रा. प्रति 5 मि.ली. होती है। यह नींद लाने वाली एवं शामक प्रभाव डालने वाली औषधि है। नित्य रात को, व्यस्कों को 5 से 10 ml (2 चाय चम्मच) दें।

अधिकतम मात्रा 10 ml तक है। बच्चों को आधा से एक चम्मच तक आवश्यकतानुसार दें।


8. जैपलोन Zaplon (टॉरेण्ट)-

यह कैप्सूल रूप में उपलब्ध है। जो 5 और 10 मि. ग्रा. के आते हैं। इसमें मूल औषधि जालेप्लॉन होती है।

यह तनाव की उग्र अवस्था और लाख प्रयत्न के बाद भी नींद न आने की सफल औषधि है। जिनकी बार-बार नींद खुल जाती हो उन्हें भी सेवन कराने से अच्छी सफलता मिलती है।

वयस्क को 10 मि. ग्रा. सोते समय या रात में जब नींद न आ रही हो तब सेवन करायें। वद्धों को आधी मात्रा दें। 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को मत दें।


9. ज्लीप 5/10 Zleep 5/10 (वॉकहाईट)-

यह जोलपीडेम की टिकिया है जोकि 5 और 10 मि.ग्रा. की आती हैं। अनिद्रा की संक्षिप्त चिकित्सा अवधि के लिये उत्तम है। वयस्क को 10 मि.ग्रा. की 1 टिकिया रात में सोने से पूर्व दें। वृद्धों को 5 मि.ग्रा. वाली टिकिया दें। बच्चों को मत दें।


10. जीनैप Zonap (यूनिकेम)-

यह जोपीक्लोन की 7.5 मि.ग्रा. की टिकिया है। यह स्थिति जन्य एवं पुरानी अनिद्रा के पुराने रोगी के लिये अति गुणकारी है। मनोविकार जन्य अनिद्रा एवं मानसिक तनाव में भी सफलतापूर्वक दी जाती है।

वयस्कों को 7.5 मि.ग्रा. नित्य रात को सोने से पूर्व दें। इसका प्रयोग यदि नित्य करना पडे तो अधिक से अधिक 2 से 4 सप्ताह तक ही दें। बाद में औषधि प्रभाव को देखते हए मात्रा कम करते जाएं। वृद्धों एवं श्वास संस्थान, यकृत और मूत्र संस्थान के रोगियों को आधी मात्रा (3.75 मि.ग्रा.) दें। बच्चों में इसका प्रयोग वर्जित है।


11. एलप्राक्स Alprax (टॉरेण्ट)-

यह मूल औषधि एल्प्राजोलम से निर्मित है। जो कि 0.25, 0.5 और 1 मि. ग्रा. की टिकिया में उपलब्ध हैं। यह चिन्ता एवं अवसाद के कारण उत्पन्न अनिद्रा के लिये उत्तम औषधि है।

सफलतापूर्वक नींद लाने के लिये प्रयोग की जाती है। 0.25 से 5 मि. ग्राम की टिकिया नित्य 2-3 बार दें। यदि अनिद्रा और अवसाद दोनों ही एक साथ हों ते प्रारंभ में 1.5 मि.ग्रा. तक नित्य विभाजित मात्राओं में दें।


12. एल्प्रोद..न्टीन Alprocontin (मोदी मुण्डी फार्मा)-

इसमें भी मूल औषधि एल्प्राजोलम ही है। 0.5 मि. ग्रा., 1 मि. ग्रा. और 1.5 मि. ग्रा. टिकियाँ उपलब्ध हैं। जो रोगी चिंता के कारण या चिन्ता के साथ-साथ अवसाद का रोगी हो, उनकी अनिद्रा के लिये भरोसेमन्द औषधि है।

मात्रा – प्रारंभ में 0.5 मि. ग्रा. की टिकिया नित्य 1-2 दें। बाद में आवश्यकतानुसार 3 बार तक दे सकते है


13. एटारैक्स Atarax (यू.सी.बी फार्मा)-

यह हाईड्रॉक्सीजिन हाइड्रोक्लोराएद की टिकियाँ है जो कि 10 तथा 25 मि. ग्रा. की आती हैं। यह चिन्ता जनित अनिद्रा की अच्छी दवा है। वयस्कों को 50-300 मि. ग्रा. तक नित्य 3 विभाजित मात्राओं में दें सकते है ।

बच्चों में इसका प्रयोग मना है


14. एटिवान Ativan (वाईथ)-

यह लोराजिपाम की टिकियाँ है जो 1 और 2 मि. ग्रा. की आती हैं। यह चिन्ता, अवसाद एवं अनिद्रा को दूर करने वाली उत्तम औषधि है।

वयस्क को 2-3 मि. ग्रा. विभाजित मात्राओं में नित्य दें। अधिकतम मात्रा 10 मि. ग्रा. तक है।

यह मात्रा चिन्ता एवं अवसादग्रस्त रोगियों की है। अनिद्रा के रोगियों को 1 से 2 मि. ग्रा. नित्य एक मात्रा रात में सोने से पूर्व दें। वृद्धों को 1 से 2 मि. ग्रा. नित्य दें। बच्चों को वर्जित है।


15. बुस्काम Buscalm (वॉकहाईट)-

यह टिकियाँ 5 और 10 मि. ग्रा. की उपलब्ध हैं। प्रत्येक टिकिया में मूल औषधि बुस्पायरॉन हा. होती है। चिन्ताग्रस्त व्यक्तियों की अनिद्रा को दूर करने की उत्तम औषधि है।

प्रारंभ में 5 मि. ग्रा. नित्य 2-3 बार दें। 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को न दें।


16. काम्पोज़ Calmpose (रैनबक्सी)–

यह डायजियाम की टिकियाँ 5 और 10 मि. – ग्रा. की उपलब्ध हैं। चिन्ता से उत्पन्न अनिद्रा में उत्तम औषधि है। 5 से 10 मि. ग्रा. विभाजित मात्राओं में वयस्क को नित्य दें। इसका सस्पेंशन (Suspension) और इन्जेक्शन भी उपलब्ध है। संलग्न पत्र के अनुसार प्रयोग करें


17. क्लोरप्रोमाजिन Chlorpromazine (निकोलस पीरामल)-

यह 10, 25, 50 और 100 मि. ग्रा. की टिकियाँ उपलब्ध हैं। स्नायुतंत्र में उत्पन्न व्यतिक्रम को दूर करके मानसिक शांति और नींद लाने वाली उत्तम औषधि है। इसका इन्जे. भी आता है।

वयस्कों को 25 मि. ग्रा. नित्य 3 बार तक दे सकते है।


18. सिजोरेन Cizoren (स्टडमेड)-

यह हैलोपेरिडॉल की टिकियाँ 1.5, 5 और 10 मि. ग्रा: की आती हैं। मानसिक व्यतिक्रमों को दूर करके नींद लाने वाली उत्तम औषधि है।

वयस्क को 6-12 मि. ग्रा. विभाजित मात्राओं में नित्य दें। बच्चों को 25-50 माइक्रोग्राम प्रति किलोग्राम शरीर भार की दर से दें सकते है। अन्य विवरण के लिए संलग्न पत्र देखें। लिक्विड भी आता है


19. इक्वीलिब्रियम Equilibrium (जगसनपाल)-

यह 10 मि. ग्रा. की टिकियाँ क्लोरडायजेपॉक्सर्साइड की आती है। घोर चिन्ताग्रस्त अनिद्रा के रोगी या मात्र अनिद्रा के रोगियों के लिये यह उत्तम औषधि है।

वयस्क रोगी को 10 मि. ग्रा. की टिकिया नित्य 2 से 4 बार तक दें। बच्चों एवं वृद्धों को नित्य 10 मि. ग्रा. एक साथ एक मात्रा या विभाजित मात्राओं में दें सकते है।


20. इक्वीरेक्स Equirex (जगसनपाल)-

यह क्लोरडायजेपॉक्साईड और क्लाईडीनियम ब्रोम का मिश्रित योग है। इसके सेवन से किसी भी प्रकार की पीड़ाओं के कारण या मात्र अनिद्रा स्वतंत्र रूप से भी हो तो ठीक हो जाती है। शांतिदायक नींद आने लगती है। वयस्क को दैनिक 3 से 5 टिकियाँ तक दें सकते है। इसका सेवन दिन में भोजन से पहले और रात में सोने से पहले करायें।


21. फ्रीज़ियम Frisum (एवेण्टिस)-

यह 5 और 10 मि. ग्रा. की टिकियाँ उपलब्ध हैं। चिन्ता, तनाव आदि के कारण उत्पन्न अनिद्रा में मुख्य रूप से दी जाती है। मूल औषधि क्लोबाजाम होती है।

वयस्क को 10-30 मि. ग्रा. और वृद्धों को 10 से 20 मि. ग्रा. नित्य विभाजित मात्राओं में दें। मूत्र संस्थान एवं यकृत से सम्बन्धित रोगियों को देते समय मात्रा कम कर दें। तीन वर्ष से कम आयु के बच्चों को न दें।


22. गार्डेनल Gardenal (निकोलस-पीरामल)-

यह फेनोबार्बिटोन की 30 और 60 मि. ग्रा. की टिकियाँ आती हैं। शामक प्रभाव से युक्त निद्राकारी औषधि है। इसके सेवन से अच्छी नींद आती है। शरीर का तनाव व् कष्ट मिट जाता है।

वयस्कों को 30 से 120 मि. ग्रा. तक नित्य 2-3 विभाजित मात्राओं में दें।

बच्चों को 1-2 मि. ग्रा. प्रति किलो शारीरिक भार की दर से निर्धारित मात्रा को नित्य 2-3 विभाजित मात्राओं में दें सकते है । अन्तिम मात्रा सोने से पूर्व रात में दें।

इसका इन्जे. (Phenobarbitone Sodium) 200 मि. ग्रा. प्रति मि. ली. का आता है जिसे माँसान्तर्गत लगाया जाता है। वयस्कों को 30-120 मि. ग्रा. नित्य 2-3 विभाजित मात्राओं में लगायें।

बच्चों 1-3 मि. ग्रा. प्रति किलो शरीर भार की दर से निर्धारित मात्रा को 2-3 विभाजित मात्राओं में लगायें।


23. ज्वायज़ॉल Joyzol (वॉकहाईट)

यह ओलान्जापिन की 2.5 मि. ग्रा., 5 मि. ग्रा., 7.5 मि.ग्रा. और 10 मि.ग्रा. की टिकियाँ आती हैं। यह अन्तराबन्ध (Schizophrenia) जैसे मानसिक रोग के साथ-साथ अनिद्रा एवं उन्माद तक के लक्षणों में भी फायदेमंद है

नियमित प्रयोग से मानसिक स्थिति ठीक हो जाती तथा नींद आने लगती है। वयस्क को अनिद्रा में 5 से 10 मि. ग्रा. की एक मात्रा नित्य रात को सोने से पूर्व दें। वृद्धों को एवं मूत्र संस्थान या लिवर बीमारी से पीड़ित रोगियों को मात्र 5 मि. ग्रा. दैनिक मात्रा दें। बच्चों को मत दें। 18 वर्ष से अधिक आयु वालों को इसका ही प्रयोग करायें।


24. लारपोज Larpose (सिपला)-

यह लोराजिपाम की टिकियाँ 1 और 2 मि. ग्रा. की आती हैं। यह चिन्ता की उग्रतर स्थिति एवं अनिद्रा की सफल औषधि है।

नित्य 2-3 मि.ग्रा. विभाजित मात्राओं में दें या 1 से 2 मि. ग्राम की एक ही मात्रा नित्य रात में सोने से पूर्व दें। वृद्धों को 1 से 2 मि. ग्रा. दैनिक दें। 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को न दें। स्थिति मे सुधार देखते हुए मात्रा कम करते जायें।


25. लिब्रियम Librium (पीरामल-हैल्थ)-

यह 10 मि. ग्रा. की टिकियाँ क्लोरडायजेपॉक्सायड की होती है। यह अनिद्रा की उत्तम औषधि है। इसके साथ चिन्ता या अवसाद हो या न हो परिणाम उत्तम मिलता है अर्थात् अनिद्रा, अवसाद एवं चिंता तीनों में ही उपयोगी औषधि है। वयस्कों को नित्य 20 से 40 मि. ग्रा. दें। बच्चों को मत दे


26. लोक्सापैक Loxapac (वाईथ)-

यह लोक्सापिन सक्सीनेट के 10 और 25 मि. ग्रा. के कैप्सूल आते हैं। यह नये और पुराने मानसिक रोगियों की अनिद्रा में सफलतापूर्वक दी जाती है। वयस्क को 20 से 50 मि.ग्रा. नित्य दो विभाजित मात्राओं में दें। अन्तिम (दूसरी) मात्रा रात में सोने से पूर्व दें। बच्चों को न दें।


27. लोज़ापिन Lozapin (टॉरेण्ट)-

यह क्लोजापिन की टिकियाँ 25 और 100 मि. ग्रा. की आती हैं। अन्तराबन्ध (Schizophrenia) जैसे मनोविकार के साथ-साथ उत्पन्न अनिद्रा में जहाँ अच्छी से अच्छी औषधि भी विफल हो चुकी हो वहाँ इसके प्रयोग से लाभ होता है।

वयस्कों को 12.5 मि. ग्रा. नित्य 1-2 बार। वृद्धों को नित्य 12.5 मि. ग्रा. से अधिक न दें। 16 वर्ष से कम आयु वालों को सेवन न करायें।


28. ल्युमिनल Luminal (बायर)-

यह फेनोबार्बिटोन की टिकियाँ 30 और 100 मि. ग्रा. की उपलब्ध है। 15 मि. ग्रा. की टिकियाँ भी ल्युमिनेलेट्टी (Luminalettes) नाम से आती है।

  • यह शामक प्रभाव के कारण अनिद्रा को दूर करके शांतिपूर्ण निद्रा लाने में सक्षम है।

वयस्कों को 30 से 120 मि. ग्रा. तक 2-3 विभाजित मात्राओं में दें। बच्चों को 1 या 2 मि. ग्रा. प्रतिकिलो शरीर भार की दर से दिन में 2-3 बार निर्धारित मात्रा को विभाजित करके दें।


29. ओलेक्सा Olexa (सिपला)-

यह ओलान्जापिन की टिकियाँ 2.5, 5, 7.5 और 10 मि. ग्रा. की आती हैं। यह उग्र उन्मादजनित (Mania) अनिद्रा की सफल औषधि है। इसके सेवन से अन्तराबन्ध (Schizophrenia) में भी लाभ होता है। वयस्कों को 5 से 10 मि. ग्रा. की एक ही मात्रा नित्य रात को सोने से पहले दें। वृद्धों एवं यकृत या मूत्र संस्थान के रागा को नित्य 5 मि. ग्रा. की एक ही मात्रा रात में सोने से पूर्व दें। 18 वर्ष से कम आयु वालों को न दें।


30. पैसिल Pacyl (जगसनपाल)-

यह एल्प्राजोलम की टिकिया 0.25 और 0.5 मि. ग्रा. की मिलती हैं। चिन्ता एवं अवसाद जनित अनिद्रा की अच्छी दवा है। वयस्कों को 0.25 से 0.5 मि. ग्रा. की टिकियाँ नित्य 2-3 बार। अन्तिम मात्रा रात को सोने से पूर्व दें। यदि संतोषजनक परिणाम सामने न आये तो धीरे-धीरे सहनशीलता को देखते हुए मात्रा बढ़ायी जा सकती है।


नींद आने के आयुर्वेदिक उपाय

निद्रोदय रस – 2 गोली हर रोज़ रात को सोने से ठीक पहले जल के साथ देंनी चाहिए। 

  • बृहत्चि-न्तामणि-रस – इसकी 1 गोली सुबह-शाम शहद के साथ चटाकर ऊपर से बला, बरियार की जड़ का क्वाथ पिला दें।
  • लोकनाथ-रस (बृहत)- 125 से 450 मि. ग्रा. की मात्रा में हर रोज़ दो बार शहद तथा पीपल चूर्ण के साथ दें। ऊपर से गुड़ और हरीतकी चूर्ण देंना चाहिए।
  • सर्पगन्धाघन-बटी – इसके सेवन से मस्तिष्क (BRAIN) को आराम मिलता है। मानसिक तनाव एवं तनाव से उत्पन्न किसी तरह के मानसिक रोग, अनिद्रा आदि में पूरी उपयोगी है। हर रोज़ रात को सोने से पहले 1 गोली जल के साथ देंनी चाहिये।
  • अर्क-दशमूल – यह दिमाग को शक्ति देने वाली, अनिद्रा को दूर करने वाली बहुत hi बढ़िया औषधि है। 10 से 100 मि. ली. तक हर रोज़ 4 बार अकेले या अन्य वात-शामक औषधि के साथ देंनी चाहिए।

अर्क गावजवान – यह दिमाग के विकारों का इलाज़ करने वाली, हृदय को ताकत देने वाली एवं उत्तम हृदयोल्लासक दवा है। इसके सेवन से बढ़िया नींद आती है। 30 मि.ली. हर रोज़ सुबह-शाम या अश्वगंधारिष्ट के साथ सेवन करवाने से बहुत लाभ होता है।


नींद की दवा- आयुर्वेद की पेटेण्ट औषधियाँ

 1. सेर्पिना टेबलेट्स (हिमालय नींद की दवा) यह हिमालय ड्रग्स की एक बढ़िया नींद की दवा है। इसमें सर्पगंधा का मिश्रण होने से कुछ अधिक प्रभावी है। हर रोज़ एक गोली दिन मे 3 बार देंने से बहुत अधिक लाभ होता है।

2. सीरप शंखपुष्पी – इसमें शंखपुष्प आदि का मिश्रण है। स्नायुविक शक्तिवर्धक एवं नींद की दवा है। एक चम्मच (5 मि. ली.) हर रोज़ सुबह शाम देंनीचाहिए

3. मीमोरेक्स (Memorex) सामान्य नींद ना आने की स्थिति में 1 कैप्सूल सुबह और 1 कैप्सुल रात में सोने से पहले देंना चाहिए। यह हिन्दुस्तान या बैद्नाथ  कं. की बाज़ार में उपलब्ध है। सिरदर्द सहित अनिद्रा में भी लाभप्रद है।

4. बाइविटा Bivita (डेप कं.) की एक टिकिया हर दिन दो बार दें। तनाव से उत्पन्न अनिद्रा की यह बहुत बढ़िया दवा है।

5. ब्रेन टैब (Brain Tab) – यह वैद्यनाथ के अनुभूत योगों में से एक है। वयस्क(adults) को 2 गोली हर रोज़ दिन में दो बार देनी चाहिए।

6. बेनोमेड Brainomed (सूर्या कं.) – चिन्ता से उत्पन्न अनिद्रा की बहुत बढ़िया दवा है। 2 गोली हर रोज़ 3 बार देनी चाहिय। इस का सीरप भी बाज़ार मे उपलब्ध है जो कि वयस्क को 2 चाय चम्मच हर दिन 3 बार देने से बहुत लाभ होता है।

7. बिसेरपेक्स (Biserpex) (हर्बोमेड कं.)- 2 गोली हा दिन 3 बार देनी चाहिए। इससे दवा से उच्च रक्तचाप कारण अनिद्रा दूर हो जाती है, रक्तचाप भी कंट्रोल हो जाता है।

8. मेधावी Mdhavee (कोरल कं.)- किसी भी स्नायुविक रोग के साथ या मिर्गी जैसे रोग के साथ यदि अनिद्रा की स्थिति हो तो इसका सेवन करवाने से बहुत लाभ होता है। 2 गोली हर रोज़ 3 बार देनी चाहिए।

9. स्ट्रेसकॉम Stresscom (डाबर)-

अवसाद (Depression) के कारण नींद ना आने की समस्या की बढ़िया औषधि है । वयस्क (adults) को 1 से 2 कैप्सूल हर रोज़ 2 बार दूध के साथ देंने चाहिए।

नींद की दवा
Stresscom

10. प्रशान्त कैप्सूल Prashant- Capsule (स्वास्तिक) – मानसिक तनाव, उग्र चिन्ता के कारण यदि नींद ना आने की स्थिति हो  तो हर रात को 2 कैप्सूल सेवन करवाने से बहु लाभ होता है।


नींद की होम्योपैथिक दवा

1. सिमिसिफ्युगा (Cimicifuga)इसका दवा का दूसरा नाम एक्टिया ऐसिमोसा भी हैशक्ति 3x, 30 होमियोपैथिक में नींद की   best दवा माना जाता है। specially छात्र, छात्राओं को सिरदर्द के कारण अगर नींद ना आये तो पहले इसका इस्तेमाल करना चाहिए

2. कॉकुलस इण्डि. (Coculus Indicus 3x,30)- बहुत दिनों तक जागने के कारण यदि नींद ना आने की समस्या हो गयी हो तो ऐसी स्थिति मे इस दवा के सेवन से फायदा होता है। अस्पताल की nurse, डॉक्टर, ट्रक driver या फैक्ट्रियों में रात को काम करने वालों को इसे देंने से बहुत फायदा होता है

3. कॉफिया क्रूडा (Coffea Cruda 6 से 200)- शक्ति (potency) तक की अधिक लाभप्रद है। होमियोपथिक डॉक्टर्स इसे अनिद्रा की पेटेण्ट औषधि मानकर इस्तेमाल करते हैं, ऐसा करने से उन्हें सफलता भी मिलती है।

भविष्य (future) की सोच के कारण यदि नींद गड़बढ़ हो रही हो तो इसके प्रयोग से नींद आने लगती है। दिन में 6 या 30 शक्ति तथा रात को सोने से पूर्व 200 शक्ति की एक मात्रा हर रोज़ दे। 

4. ग्रैटियोला ऑफि. (Gratiola offi.) 3x, 3, 30 अनिद्रा की यह भी बहुत बढ़िया दवा है। 

5. हायोसायमस नाईगर (Hyoscyamus Nig.) 6 से 200 के बीच की शक्तियाँ अधिक फायदेमंद हैं। अनिद्रा की स्थिति है जिस कारण नींद नहीं आती हैं, परन्तु इसका कारण क्या है? पता नहीं चलता, इस प्रकार के मरीजों में यह दवा अधिक फायदेमंद है।

6. ओपियम (Opium) 30 और 200 शक्तिः – बिस्तरे पर लेटे, देर तक जागे रहना, फिर भी नींद अगर ना आये। यदि आँख लगे भी तो थोड़ी सी आवाज़ या खड़खड़ाहट आदि से नींद खुल जाती है। ऐसे लक्षण जहाँ पर हो ऐसी स्थिति मे इसका प्रयोग करना फायदेमंद है

7. पैसिफ्लोरा इन्कारनेटा (Passiflora Incarnata)

बच्चों एवं वृद्धों की अनिद्रा में अधिक लाभकारी दवा है। यद्यपि फायदेमंद प्रत्येक आयु के मरीजों में है। 5 से 6 बूंद हर दिन 3 बार पूर्णरूप से लाभ होने तक इसे देना चाहिए। लाभ हो जाने के बाद सिर्फ रात में सोने से पहले, कुछ दिन तक लगातार इस दवा का सेवन  करायें। थोड़े पानी में मिलाकर देंना चाहिए 

8. पौलीनिया (Paullinia.) 6- अस्थिरता के कारण अनिद्रा की शिकायत हो तो इसका प्रयोग करना फायदेमंद है 

9. राऊल्फिया सपेन्टिना (Rauwolfia Serpentina) Q- यह नींद लाने वाली सर्वदोष रहित बढ़िया दवा है। किसी भी आयु के बच्चों, वृद्धों तथा स्त्रियों को दी जा सकती है। 5 से 30 बूँद तक दिन मे 3 बार पानी में मिलाकर देंना चाहिए

10. एवेना सैट (Avena sat.) Q- 5 से 20 बूँद गरम पानी में मिलाकर हर रोज़ 3 बार लेने से अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है। यह स्नायुविक शक्ति एवं शारीरिक शक्ति दोनों देने वाली बढ़िया दवा है।

स्नायुतंत्र के सबल हो जाने से शरीर की सभी क्रियायें सुचारू तथा ठीक रूप से चलने लगती हैं। अतः मन तथा तन दोनों के लिये बढ़िया दवा है।


नींद नहीं आती घरेलू उपाय

1. अश्वगंधा तथा सर्पगंधा यह दोनों जड़ी बूटियां पंसारी से लेकर बराबर मात्रा में कूट-पीस के चूर्ण तैयार कर ले, इस चूर्ण की 3 से 5 ग्राम की मात्रा हल्के गुनगुने पानी या दूध के साथ सोते समय लेने से कुछ ही दिनों में नींद ना आने की समस्या दूर होने लगती हैनींद नहीं आती घरेलू उपाय यह दोनों जड़ी बूटियां मस्तिष्क को पूरी तरह रिलैक्स कर देती है तथा पीड़ित व्यक्ति अनेक प्रकार की अन्य मानसिक समस्याओं जैसे एंजाइटी मानसिक तनाव अवसाद इत्यादि से भी निजात पाने लगता है

2. इसके अलावा अश्वगंधा, शतावरी, ब्रह्मी, शंखपुष्पी, मुलेठी, आंवला तथा अजवाइन सभी को बराबर (50 ग्राम each) मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें

  • इस चूर्ण की दो से 5 ग्राम की मात्रा सोते समय गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से नींद ना आने की समस्या कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है

3. मेथी के पत्तों का रस दो चम्मच लगभग 10 मिलीलीटर तथा एक चम्मच मात्रा में शहद मिलाकर सेवन करने से भी अनिद्रा रोग में बहुत लाभ होता है

  • शुगर से पीड़ित व्यक्ति शहद का इस्तेमाल ना करें 

4. दालचीनी (Cinnamon) का पाउडर

आधा से एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ रात को सोते समय सेवन करने से भी अनिद्रा रोग में बहुत लाभ होता हैनींद नहीं आती घरेलू उपाय5. Osho Dynamic Meditation

  • प्रतिदिन सुबह करने से नींद ना आने की समस्या में बहुत ही ज्यादा फायदा होता है अनिद्रा से ग्रसित रोगी को अन्य घरेलू उपायों के साथ साथ इस क्रिया को जरूर करना चाहिए

6. एक चुटकी केसर को गर्म दूध में डालकर रात को पीने से भी नींद ना आने की समस्या में लाभ होता हैनींद नहीं आती घरेलू उपाय7. जायफल का चूर्ण एक चम्मच गर्म दूध में डालकर रात को पीने से अनिद्रा रोग में बहुत लाभ होता है

8. एक चम्मच शुद्ध शहद को एक गिलास गुनगुने दूध में डालकर रात को पीने से भी अनिद्रा रोग में बहुत फायदा होता है

9. भस्त्रिका प्राणायाम, नाड़ी शोधन प्राणायाम तथा अनुलोम विलोम प्राणायाम हर दिन करने से मस्तिष्क को काफी आराम मिलता है इससे नींद ना आने की समस्या भी धीरे धीरे दूर होने लगती है

10. खुरासानी अजवायन का एक्सट्रैक्ट 3 से 6 बूंद या बीज चूर्ण 200 से 300 मि.ग्रा. नित्य रात को सोने से पूर्व देने से नींद अच्छी आती है।

11. सर्पगन्धा की जड़ का चूर्ण 1 से 2 ग्राम नित्य रात को सोने से पूर्व शहद के साथ चाटकर लेने से अनिद्रा रोग मे बहुत लाभ होता हैनींद नहीं आती घरेलू उपाय 12. अफीम का क्षुप को पोस्ता कहा जाता है। इसका टिंक्चर जो कि ओपिआई नाम से उपलब्ध होता है, 5-30 बूंद की मात्रा में सोने से 3 घंटे पूर्व देने से अनिद्रा रोग मे बहुत लाभ होता है


निष्कर्ष (Conclusion)

नींद ना आना, अनिद्रा या इनसोम्निया (insomnia) की समस्या को दूर करने के लिए ऊपर दिए गए घरेलू उपायों का प्रयोग सबसे पहले करना चाहिए अगर इससे भी आपको लाभ नहीं हो रहा तो ऐसी स्थिति में ऊपर लिखी आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक औषधियों का सेवन आप अपनी मर्जी से या चिकित्सक की सलाह अनुसार कर सकते हैं

  • आपको अपनी नींद ना आने की समस्या को इन्हीं उपायों से ठीक करने की कोशिश करनी चाहिए

इसके अलावा प्रतिदिन व्यायाम, जीवनशैली में सुधार, योगा, प्राणायाम, मेडिटेशन इत्यादि का सहारा लेकर नींद ना आने की समस्या को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए

  • अनिद्रा रोग में जितना हो सके उतना एलोपैथिक या अंग्रेजी दवाइयों के इस्तेमाल से बचना चाहिए 

अगर जरूरत पढ़ती भी है तो बढ़िया साइकैटरिस्ट (Psychiatrist) की सलाह अनुसार कम से कम अंग्रेजी दवाई का सेवन इस रोग में करना चाहिए

  • ऐसा इसलिए है क्योंकि अंग्रेजी एलोपैथिक दवाइयों की आदत अगर एक बार किसी मरीज को पड़ जाए तो इनको छोड़ना बहुत ही मुश्किल हो जाता है 

साथ ही साथ अनेक प्रकार के दुष्प्रभाव जैसे यादाश्त कमजोर होना, शारीरिक शक्ति का कम होना, वजन बढ़ना इत्यादि होने की संभावना काफी बढ़ जाती है

एक चिकित्सक होने के नाते नींद से जुड़ी समस्याओं के समाधान में प्रयोग किए जाने वाले सभी प्रकार के अंग्रेजी, आयुर्वेदिक होम्योपैथिक तथा घरेलू उपचारों का वर्णन मैंने इस आर्टिकल में किया है कृपया इसे ध्यान से पढ़ें तथा इसका पूरा लाभ उठाएं

  • किसी भी स्थिति में अंग्रेजी एलोपैथिक दवाइयों का प्रयोग बिना डॉक्टर की सलाह के ना करें 

क्योंकि यह सारी दवाइयां Narcotics License के Under आती है जिनका इस्तेमाल केवल पढ़े लिखे डॉक्टर की पर्ची अनुसार ही किया जा सकता है


अस्वीकरण 

इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।

  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।

उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और के इलाज करने का प्रयास न करें।

Information Compiled- by Dr Vishal Goyal

नींद

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD(AM)

Email ID- [email protected]

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab


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