ब्लैक फंगस कारण लक्षण व इलाज़

ब्लैक फंगस कारण लक्षण व इलाज़

ब्लैक फंगस या काली फफूंद क्या है?

यह एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है जो प्रमुख रूप से दिमाग को, फेफड़ों को तथा साइनस को प्रभावित करता है,

इसके अतिरिक्त यह मुख(Oral cavity)को तथा चमड़ी को व पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है तथा यह जानलेवा भी हो सकता है,

तथा जिन लोगों का इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उन लोगों में यह बीमारी ज्यादा सक्रिय होती है,

इम्यून सिस्टम या रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम होने के कई कारण हैं,

जिनमें से कुछ एक कारण इस प्रकार हैं,

जैसे कि लंबे समय से शुगर से पीड़ित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है,

या फिर जो भी व्यक्ति steroid दवाइयों का सेवन ज्यादा करते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होती है,

इसके अतिरिक्त कई अन्य बीमारियों में भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है,

इस रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम होने के कारण यह ब्लैक फंगस उचित अवसर पाकर शरीर को संक्रमित कर देती है,

इसे म्यूकर माइकोसिस(Mucormycosis)भी कहते हैं,

इसको पहले Zygomycosis कहते थे जो बहुत ही कम होने वाला परंतु जानलेवा फंगल संक्रमण है,

यह एक विशेष प्रकार के फंगस जिसे Mucormycetes कहते हैं इसका कारण होता है,


 

ब्लैक फंगस किन व्यक्तियों को ज्यादा प्रभावित करता है?

 

रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी ब्लैक फंगस होने का प्रमुख कारण है,

यह रोग प्रतिरोधक क्षमता अनेक कारणों से कम हो जाती है जैसे कि…

 

  1. शुगर के मरीजों में
  2. AIDS के मरीजों में
  3. भिन्न भिन्न प्रकार के रक्त कैंसर जैसे कि ल्यूकेमिया(Leukemia)तथा लिंफोमा(Lymphoma) इत्यादि में
  4. बर्न(Burn) इत्यादि के केसों में
  5. लंबे समय तक Steroids दवाइयों के सेवन करने से
  6. रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना Covid-19 के संक्रमण के कारण
  7. कुपोषण(Malnutrition)के कारण

 

ब्लैक फंगस(Mucormycosis)के लक्षण...

 

1.आंखों में अत्यधिक सूजन व चिपचिपाहट का होना

2.नाक के ऊपर व अंदर काली पपड़ी का जमना

3.बुखार का होना

4.अत्यधिक सिर दर्द होना

5.साइनस(Sinuses) के ऊपर वाली चमड़ी में अत्यधिक लाली का होना

  1. सूखी खांसी या खांसी में खून का आना
  2. अत्यधिक सांस फूलना
  3. कभी कभार पेट में दर्द होना
  4. दस्त होना
  5. दस्त में खून का आना
  6. जी मिचलाना उल्टी आना इत्यादि

ब्लैक फंगस के रोग में लक्षण रोग की गंभीरता के अनुसार आते हैं 

बीमारी जितनी गंभीर होती जाती है लक्षण भी उतने ही गंभीर हो जाते हैं,


 

ब्लैक फंगस रोग के दुष्परिणाम(Complications)क्या होते हैं?

 

अंधापन होना(Blindness if optic nerve involved) 

दृष्टि में धुंधलापन होना(Vision problems)

दिमाग तथा फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं में खून के थक्के जमना(Blood clots)

तंत्रिका तंत्र में क्षति पहुंचना(Nerve damage)

मृत्यु होना(Death),


 

आपको डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?

 

यदि किसी व्यक्ति को बुखार, सिर दर्द, साइनस दर्द, आंखों में सोज या ऊपर लिखे लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क कर उसका सही तरीके से इलाज करवाना चाहिए,


 

ब्लैक फंगस या काली फफूंद(mucormycosis) का निदान कैसे किया जाता है?

 

इसका निदान-

CT scan 

MRI scan 

BIOPSY test 

की मदद से आपका डॉक्टर आसानी से कर सकता है इसके लिए आपको कान, नाक, गले(ENT specialist) या आंखों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर से मशवरा करना चाहिए,


 

ब्लैक फंगस या काली फफूंद का इलाज कैसे किया जाता है?

 

काली फफूंद का इलाज करने के लिए एंटी-फंगल दवाएं प्रयोग की जाती हैं, 

यह दवाएं केवल आपका डॉक्टर ही प्रिसक्राइब कर सकता है, 

इसे अपनी मर्जी से बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें म्यूकार्माइकोसिस में प्रयोग होने वाली कुछ खास एंटीफंगल दवाएं नीचे लिखी है

1.Posaconazole(Picasa oral suspension by intas used orally or by injection)

 

2.Liposomal Amphotericin B Injection(Abhope injection by abbott)

 

3.Isavuconazole (Used orally or by injection)

इसके अतिरिक्त शल्यकर्म(Surgery) के द्वारा काली फफूंद से प्रभावित हिस्से को शरीर से निकाल दिया जाता है, 

तथा इस प्रकार की गंभीर सर्जरी के द्वारा ही मरीज को बचाया जा सकता है,

क्योंकि काली फफूंद या ब्लैक फंगस एक जानलेवा रोग है इसलिए सर्जरी करना बहुत ही जरूरी हो जाता है,

इस प्रकार की सर्जरी में कई बार डॉक्टर को रोगी की एक आंख या दोनों आंख या जबड़ा आदि निकालना पड़ता है, 

डॉक्टर के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होता इसलिए इस बीमारी का पूरा ख्याल रखना चाहिए,


 

 

निष्कर्ष(Conclusion):

काली फफूंद या ब्लैक फंगस या म्यूकार्माइकोसिस एक बहुत ही खतरनाक फंगल रोग है 

यह रोग किसी भी व्यक्ति को तभी होता है जब उस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी भी कारणवश कम हो जाती है 

इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को इस बीमारी से बचने के लिए अपनी इम्यूनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का प्रयत्न करना चाहिए तथा साफ सफाई का पूरा ख्याल रखना चाहिए

सामान्य रूप से काली फफूंद हमारे आसपास वातावरण में, पेड़ पौधों में, धरती पर, गली सड़ी सब्जियों पर पनपती है 

परंतु आजकल कोविड-19 के रोगियों को यह बीमारी प्रभावित करती जा रही है 

जिस कारण कोविड-19 के रोगियों को बहुत ही कष्ट का सामना करना पढ़ रहा है

इसमें एक बात विशेष ध्यान देने वाली यह है कि काली फफूंद(Mucormycosis) एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है 

जिसका इलाज आसान बिल्कुल भी नहीं है कई बार तो रोगी को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ता है

इसलिए कृपया साफ सफाई तथा अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता(Immunity) का पूरा ख्याल रखें,


ब्लैक फंगस कारण लक्षण व इलाज़ का अस्वीकरण(disclaimer)… 

  • इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।
  • उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।

image creditधन्यवाद to www.pixabay.com

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