ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार

परिचय…

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1 परिचय…
1.13 उच्च-रक्तचाप या हाइपरटेंशन का इलाज कैसे किया जाता है?

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार समझाने के लिए ब्लड प्रेशर जिसको हिंदी में रक्तचाप या रक्तदाब भी कहते हैं, इसके प्रत्येक पहलू की चर्चा मैं यहां पर करूंगा,

  • रक्तचाप या ब्लड प्रेशर को समझने से पहले आपको एक उदाहरण के साथ ब्लड प्रेशर को समझना होगा,
  • आपको यह समझना होगा की आखिर क्या होता है ब्लड प्रेशर या रक्तचाप इसको आप ऐसे समझे जैसे कि,
  • प्रत्येक व्यक्ति के घर में जैसे पानी की मोटर होती है जो कि पानी को पंप करती है तथा यह पानी नल के द्वारा आता है,
  • और इस पानी के प्रेशर की एक निर्धारित मात्रा होती है,
  • जिसे हम किसी प्लास्टिक की पाइप को पानी की टूटी पर चढ़ा कर उस पाइप को हाथ में पकड़ कर महसूस कर सकते हैं,
  • कई बार अनेक कारणों से पानी का प्रेशर अचानक पाइप में बढ़ भी जाता है,
  • और अगर पानी की पाइप कमजोर हो और प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो यह फट भी सकती है,

ठीक इसी प्रकार हमारे शरीर में हमारा दिल एक मोटर की तरह काम करता है जोकि हमारे खून को पंप करता है,

ब्लड प्रेशर का बढ़ना किसे कहते है?

  • तथा यह खून विशेष प्रकार की रक्त वाहिकाओं जिन्हें हम धमनिया(Arteries) कहते हैं,
  • उनके द्वारा हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका(Cell) प्रत्येक उत्तक(Tissue) या यह कहें कि प्रत्येक अंग तक पहुंचता है,
  • किसी भी कारणवश अगर दिल खून को ज्यादा मात्रा में पंप(Pump) करने लगे तो धमनियों में रक्त का प्रेशर बढ़ जाता है,
  • इसे ही हम हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तदाब कहते हैं

क्या होता है रक्तचाप का कम(Low-blood-pressure) होना?

  • ठीक इसी प्रकार अगर किसी भी कारणवश दिल खून को कम पंप करें तो धमनियों में रक्त का प्रेशर कम हो जाता है,
  • जिसे हम लो ब्लड प्रेशर या रक्तचाप का कम होना भी कहते हैं
  • जिस प्रकार मोटर को चलने के लिए बिजली की जरूरत होती है,
  • ठीक उसी प्रकार हमारे दिल को चलने के लिए भी  बिजली की जरूरत होती है और यह बिजली nerves  के द्वारा मस्तिक से दिल को मिलती है
  • अगर किसी कारणवश इसकी सप्लाई कम हो जाए तो दिल अपना काम ठीक से नहीं करेगा तथा,
  • अगर सप्लाई जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो दिल के काम करने की गति सामान्य से कई गुना बढ़ जाएगी,
  • जिससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाएगा तथा यह दोनों ही स्थितियों में हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाएगा यही ब्लड प्रेशर है,
  • यहां मैंने आसान भाषा में ब्लड प्रेशर या रक्तचाप के बारे में आपको समझाया है अगर तकनीकी भाषा में बात करें तो,
  • हम यह कह सकते हैं कि रक्तचाप का मतलब रक्त के द्वारा धमनियों की दीवारों पर जो प्रेशर या दबाव डाला जाता है उसे रक्तचाप या रक्तदाब कहते हैं
  • तथा किसी भी कारण रक्तचाप का अधिक बढ़ना या कम होना दोनों ही हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है,

कुछ भी हो जाए रक्तचाप को सामान्य रखने से ही हम एक अच्छे स्वास्थ्य की कल्पना कर सकते हैं,


रक्त दाब मापने का तरीका व सामान्य स्तर… 

  • इसको तकनीकी रूप से मिमी ऑफ़ पारा(mm of Hg) पैमाने पर मापा जाता है तथा,
  • इसका सामान्य स्तर 120/80 mm of Hg होता है

    ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
    उच्च-रक्तचाप

  • इसमें 120 ऊपरवाला रक्तचाप होता है जिसे सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर भी कहते हैं,
  • तथा 80 नीचे वाला ब्लड प्रेशर होता है जिसे डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर भी कहते हैं,
  • तथा इसे मापने के लिए जिस मशीन का उपयोग होता है उसे स्फेगमोमैनोमीटर या पारे वाली मशीन कहते हैं

आजकल कई प्रकार के और भी अन्य यंत्र ब्लड प्रेशर को मापने के लिए बाजार में आ गए हैं जिन से हम घर बैठे ही आसानी से अपना ब्लड प्रेशर चेक कर सकते हैं

  • पारे वाली मशीन से तो सिर्फ डॉक्टर ही आपका सही से ब्लड प्रेशर माप सकता है तथा,
  • अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सहायता से आप खुद अपना ब्लड प्रेशर चेक कर सकते हैं,
  • यह बहुत ही आसान है इसके लिए ब्लड प्रेशर की जो मशीन होती है उसमें एक कफ लगा रहता है,
  • इस कफ को अपनी दाएं बाजू के ऊपर वाले हिस्से पर लपेट कर तथा मशीन की ऊंचाई अपने हृदय की ऊंचाई के बराबर रखकर आरामदायक स्थिति में इसे माप सकते हैं,

ब्लड प्रेशर को बायीं बाजू से भी मापा जा सकता है अगर ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ आ रहा है तो आपको दोनों बाजुयों से इसे मापना चाहिए,


रक्तदाब मापते समय सावधानियां(Precautions)…

  • ब्लड प्रेशर या रक्त दाब को मापते समय आपको आपकी मानसिक स्थिति को रिलैक्स रखना है क्योंकि,
  • ज्यादा चिंता या तनाव की स्थिति में आपका ब्लड प्रेशर हमेशा बढ़ा हुआ ही आता है,
  • अगर आप सीढ़ियां चढ़कर या दौड़ कर या कोई भी तेज शारीरिक गतिविधि कर के आए हैं,
  • तो सबसे पहले आधा घंटा आराम करें उसके बाद अपना ब्लड प्रेशर मापे नहीं तो ब्लड प्रेशर सही नहीं आएगा,
  • या यह कहें कि बढ़ा हुआ आएगा,
  • तीसरी प्रमुख बात यह है कि अगर आप खुद अपना ब्लड प्रेशर माप रहे हैं तो दो से तीन बार इसे जरूर मापे,
  • ताकि आपको सही से इसका अंदाजा हो जाए ऐसा इसलिए है क्योंकि कई बार पहली बार में कई मशीनें ब्लड प्रेशर ज्यादा बताती हैं,
  • तथा दो से तीन बार चेक करने पर आपको इसका अंदाजा लगभग हो ही जाता है,
  • ब्लड प्रेशर को चेक करते समय चौथी सबसे प्रमुख बात यह है कि अगर तीन से चार बार चेक करने के बाद भी,

ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ आ रहा है उदाहरण के तौर पर ऊपरवाला या सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 140 mm of Hg से ज्यादा है,

तथा नीचे वाला डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 90 से ज्यादा है,

  • तो कृपया डॉक्टर के पास जाएं और ठीक से ब्लड प्रेशर को चेक करवाएं तथा इसकी सही से दवा ले,
  • पांचवी प्रमुख बात यह है कि हमेशा याद रखें की जो पारे वाली मशीन है उससे जब डॉक्टर आपका ब्लड प्रेशर चेक करता है,
  • तो उसकी रीडिंग आजकल बाजार में मिलने वाली इलेक्ट्रॉनिक बीपी की मशीनों से कहीं ज्यादा सही होती है

इसलिए इतनी मशीनें आने के बावजूद भी डॉक्टर पारे वाली मशीन को ही ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए सबसे उपयुक्त मानते हैं,


क्या होता है ऊपर(Systolic) तथा नीचे वाला(Diastolic) रक्तदाब…

  • ऊपरवाला रक्तदाब जिसे सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर भी कहते हैं इसको आप समझने से पहले यह जरूर समझे कि,
  • हमारा दिल मांसपेशियों से बना होता है और जब यह मांसपेशियां संकुचित(Contract) होती हैं तो जो भी रक्त दिल के अंदर होता है,
  • वह सारा का सारा रक्त वाहिकाओं या धमनियों(Arteries) में चला जाता है और इससे जो प्रेशर धमनियों की दीवारों पर पड़ता है,
  • उसे सिस्टोलिक(Systolic) ब्लड प्रेशर या ऊपर वाला रक्तदाब या ऊपर वाला रक्तचाप कहते हैं,
  • इसकी सामान्यता स्तर 120 mm of Hg होता है,
  • इसके विपरीत जब दिल की मांसपेशियां अगले ही पल शिथिल(Relax) अवस्था में आ जाती हैं,
  • तो उस समय धमनियों में प्रेशर गिर जाता है तथा इस प्रेशर को नीचे वाला रक्तचाप या डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं,
  • इसका सामान्य स्तर 80 mm of Hg होता है,

इसको डॉक्टर अपनी पर्ची पर 120/80 mm of Hg के रूप में लिखते हैं,

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार जानने के लिए आगे पढ़े-


ब्लड प्रेशर का बढ़ना(Hypertension) क्या होता है?

  • इसको हाइपरटेंशन(Hypertension) भी कहते हैं उसका मतलब है कि यदि,
  • आपका ऊपरवाला या सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 120 mm of Hg से ज्यादा है,
  • तथा डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 mm of Hg से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि आपको ब्लड प्रेशर बढ़ने की तकलीफ है,

इसके खतरे का सही से अनुमान लगाने के लिए इसको कई चरणों में बांटा जाता है…

1. नॉरमल ब्लड प्रेशर…

  • यदि आपका ब्लड प्रेशर 120/80 mm of Hg  है या उससे थोड़ा कम है तो यह नॉर्मल ब्लड प्रेशर है इससे कोई खतरा नहीं है,

2. बढ़ा हुआ रक्तचाप…

  • इस चरण में आपका ऊपरवाला या सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 120 से 129 mm of Hg के बीच होता है तथा,
  • नीचे वाला या डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 या उससे थोड़ा कम है तो यह है हाइपरटेंशन का दूसरा चरण है,

अगर आप इस पर सही से ध्यान ना दें तो आगे जाकर आपका ब्लड प्रेशर और भी बढ़ने की संभावना रहती है,

3. चरण 1 ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन…

  • यदि आपका ऊपरवाला या सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 130 से 139 mm of Hg के बीच है तथा,
  • नीचे वाला या डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 से 89 mm of Hg के बीच है तो आप इस चरण में आते हैं,

इस चरण में आते कई लोगों को ब्लड प्रेशर बढ़ने के लक्षण आने लगते हैं,

4. चरण 2 ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन…

  • यदि आपका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 140 है या 140 mm of Hg से ऊपर है तथा डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 90 mm of Hg या,

उससे ऊपर है तो आप इस चरण में आते हैं इस चरण में लगभग सभी मरीजों को ब्लड प्रेशर बढ़ने के लक्षण आ जाते हैं,

5. हाइपरटेंशन संकट(Hypertensive crisis)…

  • इस स्थिति में ऊपरवाला या सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 180 mm of Hg या इससे ऊपर तथा नीचे वाला या,
  • डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 120 mm of Hg या इससे ऊपर होता है यह एक मेडिकल आपातकालीन स्थिति है,
  • तथा इस स्थिति पर तुरंत ही चिकित्सा की जरूरत पड़ती है यदि इस स्थिति में सही से बढे हुए ब्लड प्रेशर का उपचार ने किया जाए,
  • तो मरीज की जान तक जाने का जोखिम होता है इसलिए यदि आप घर पर अपना ब्लड प्रेशर चेक कर रहे हैं,
  • और आपका ब्लड प्रेशर इतना आ रहा है तो तुरंत ही आपको डॉक्टर के पास जाना अति जरूरी है,
  • इस स्थिति को आप किसी भी हालत में अनदेखा नहीं कर सकते

ब्लड प्रेशर का बढ़ना या हाइपरटेंशन मैं एक चीज और महत्वपूर्ण है कि यदि किसी की उम्र 50 वर्ष से ज्यादा है,

  • तो ऐसे लोगों में कई बार यह देखा जाता है कि उनका ऊपरवाला या सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 130 mm of Hg या इससे ऊपर आता है, तथा नीचे वाला या डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 mm of Hg या इससे थोड़ा कम होता है,
  • इस प्रकार की स्थिति बड़े उम्र वाले लोगों में आम ही देखने को मिलती है,
  • इसके अतिरिक्त ब्लड प्रेशर का बढ़ना या हाइपरटेंशन मे  दिन के अलग-अलग समय में थोड़ा अंतर देखने को मिलता है,

इसलिए इसका सही से निदान करने के लिए आप के डॉक्टर को दो से तीन बार अलग-अलग समय आरामदायक स्थिति में आपका ब्लड प्रेशर चेक कर सही से निदान करना चाहिए,


सफेद कोट हाइपरटेंशन(White coat hypertension)…

  • कई लोग ऐसे होते हैं जिनका ब्लड प्रेशर वैसे तो नॉर्मल रहता है लेकिन जब भी वह डॉक्टर के पास जाते हैं,
  • तो उनका ब्लड प्रेशर सामान्य से थोड़ा बढ़ जाता है इसको सफेद कोट हाइपरटेंशन भी कहते हैं,

इसलिए ब्लड प्रेशर बढ़ने का सही से निदान करना जरूरी है


ब्लड प्रेशर बढ़ने के क्या लक्षण(Symptoms of hypertension) होते है?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका ब्लड प्रेशर किस स्तर पर है,

थोड़ा ब्लड प्रेशर बढ़ने पर कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, अगर आपका ब्लड प्रेशर काफी ज्यादा है,

मतलब आप हाइपरटेंसिव संकट(Hypertensive crisis) की स्थिति में है,

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
सिरदर्द

जैसा कि ऊपर वर्णन किया गया है तो कई प्रकार के लक्षण देखने को मिल सकते हैं जैसे कि…

  • 1. बहुत ज्यादा सिर दर्द होना(Severe headache)
  • 2. चक्कर आना(Vertigo)
  • 3. भ्रम की स्थिति उत्पन्न होना(Confusion)
  • 4. सांस लेने में तकलीफ होना(Breathlessness)
  • 5. छाती में भारीपन महसूस होना या दर्द होना(Chest pain)
  • 6. नाक से खून आना(Nose bleeding)
  • 7. दिल की धड़कन का अनियमित होना(Irregular heartbeat)
  • 8. आंखों से ठीक प्रकार दिखाई ना देना(Vision problems)
  • 9. आंखों में लाली का आना(Redness in the eyes)
  • 10. पेशाब में खून का आना(Haematuria)
  • 11. बहुत ज्यादा पसीना आना(Sweating)
  • 12. गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द(Neck pain)
  • 13. अत्यधिक घबराहट का होना आदि(Palpitations)
हाइपरटेंशन के मरीज़ को डाक्टर के पास कब जाना चाहिए?
  • इसके अतिरिक्त आपको यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि कुछ लोगों में ब्लड प्रेशर के बढ़ने पर कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते,
  • इसको हम साइलेंट ब्लड प्रेशर कह देते हैं ऐसे व्यक्तियों में यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है,
  • क्योंकि उनको यह एहसास ही नहीं होता कि उनका ब्लड प्रेशर इतना ज्यादा बढ़ा हुआ है,
  • ऐसे व्यक्तियों को रोजाना अपना ब्लड प्रेशर चेक करना चाहिए,
  • इसके अतिरिक्त अगर ऊपर बताए गए लक्षणों में कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें,
  • क्योंकि ब्लड प्रेशर के अत्यधिक बढ़ने के कारण शरीर को लकवा(Paralysis) मार सकता है,
  • या फिर हृदयाघात(Heart-attack) भी हो सकता है जिससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है,

इसलिए आपको अगर ब्लड प्रेशर बढ़ने की तकलीफ है तो उसे बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें,


ब्लड प्रेशर बढ़ने के क्या क्या कारण होते हैं? Causes of hypertension…

  • वैसे तो ब्लड प्रेशर या रक्तचाप के बढ़ने के अनेक कारण है ज्यादातर कारण तो अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है,
  • फिर भी कुछ कारण ऐसे हैं जिनसे ब्लड प्रेशर बढ़ता ही बढ़ता है यह कई प्रकार के कारण हो सकते हैं जैसे कि...

वजन का ज्यादा होना(Obesity)…

  • अगर आपके शरीर का वजन जरूरत से ज्यादा है तो आपको ब्लड प्रेशर बढ़ने की तकलीफ कभी भी हो सकती है,
  • क्योंकि मोटे व्यक्तियों में ब्लड प्रेशर का बढ़ना पतले व्यक्तियों की तुलना में ज्यादा पाया जाता है,

व्यायाम न करना(Lack of exercise)…

  • ऐसा भी देखा गया है कि जो लोग रोजाना व्यायाम करते हैं जैसे कि सुबह की सैर या योग या कोई भी हल्का व्यायाम,
  • उन लोगों में दूसरे लोगों की तुलना में ब्लड प्रेशर के बढ़ने की बीमारी कम पाई जाती है,

नमक का सेवन ज्यादा करना(Eat more salt)…

  • जो लोग नमक का सेवन ज्यादा करते हैं,
  • उन लोगों में रक्तचाप के बढ़ने की समस्या आम लोगों की तुलना से काफी ज्यादा होती है,
  • क्योंकि जो नमक होता है वह पानी को होल्ड करता है जिससे शरीर में खून की मात्रा(Blood volume) बढ़ जाती है,
  • क्योंकि जितना जहां पे नमक होगा उतना ही वहां पानी भी होगा इसलिए नमक का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए,

ज्यादा शराब पीना बढाये रक्तचाप(Alcohol intake increases blood pressure)…

  • ऐसा भी देखा गया है कि जो लोग शराब का सेवन ज्यादा करते हैं,
  • उन लोगों में रक्तचाप के बढ़ने की समस्या दूसरे लोगों की तुलना में अधिक पाई जाती है,

धूम्रपान करना(Smoking)…

  • धूम्रपान करने से ब्लड प्रेशर के बढ़ने की तकलीफ होती है ऐसा कई तरह की रिसर्च में पाया गया है,

नींद का अनियमित होना(Irregular sleep)…

  • ठीक से नींद ना आना भी ब्लड प्रेशर या रक्तचाप बढ़ने का एक कारण है,

ज्यादा चिंता परेशानी में रहना(Anxiety,Depression)…

  • अधिक मात्रा में चिंता करना बीपी या रक्तचाप को बढ़ाने का सबसे अहम कारण है,
  • ज्यादा चिंता करने से शरीर में कई प्रकार के हार्मोन का परिवर्तन होने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है,

अनुवांशिक कारण(Hereditary causes)…

  • कई लोगों में ब्लड प्रेशर बढ़ने के अनुवांशिक कारण भी पाए जाते हैं,

जिन लोगों के पिता का या दादा का ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता था,

उन लोगों में ब्लड प्रेशर बढ़ने की बीमारी दूसरे लोगों की तुलना में ज्यादा पाई जाती है,

  • गर्भाव अवस्था(Pregnancy induced हाइपरटेंशन) में भी रक्तचाप बढ़ने लगता है, 

कौन-कौन सी बीमारियां ब्लड प्रेशर को बढ़ाती है?

गुर्दे की बीमारी(Kidney diseases)…

  • जो लोग गुर्दे की बीमारी से पीड़ित है उन लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है,
  • गुर्दे की बीमारियां कई प्रकार की होती है गुर्दे में इन्फेक्शन होना( glomerulonephritis)या,
  • गुर्दों का ठीक से काम न करना(Acute and chronic renal failure) आदि,

शुगर या मधुमेह(Diabetes mellitus)…

  • जो लोग शुगर या मधुमेह से पीड़ित हैं,
  • उन लोगों में ब्लड प्रेशर या रक्तचाप बढ़ने की समस्या आम लोगों की तुलना में ज्यादा होती है,
  • यह बात भी कई प्रकार के अनुसंधान में सिद्ध हो चुकी है,

थायराइड की बीमारी(Thyroid diseases)…

  • जो लोग थायराइड की बीमारी से पीड़ित हैं उन लोगों में रक्तचाप बढ़ने की समस्या ज्यादा होती है,
  • थायराइड की बीमारी कई प्रकार की होती है जैसे कि…
  • Underactive thyroid,
  • Overactive thyroid,
  • Acromegaly,
  • Cushing’s syndrome आदि तथा यह ब्लड प्रेशर को प्रभावित करती है,
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि,
  • थायराइड की बीमारी से ग्रस्त लोगों में कई बार टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) हार्मोन ज्यादा बढ़ने लगता है,
  • जो कि ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है

इसके अतिरिक्त कुछ बीमारियां जैसे…

  • ऑटोइम्यून बीमारियां(Autoimmune disorders) तथा चमड़ी की कुछ बीमारियां भी ब्लड प्रेशर को प्रभावित करती हैं,
  • जैसे कि…
  • लुपेस(Systemic lupus erythematosus),
  • स्क्लेरोदेर्मा(Scleroderma) आदि 

कोलेस्ट्रोल का बढ़ना(Hypercholesterolemia)…

  • कई लोगों में कोलेस्ट्रोल के बढ़ने के कारण ब्लड प्रेशर या रक्तचाप भी बढ़ने लगता है,
  • इसलिए हर एक व्यक्ति जो ब्लड प्रेशर की बीमारी से पीड़ित है,
  • उसको अपना अच्छा(Good cholesterol-HDL) व बुरा कोलेस्ट्रॉल(LDL) थोड़े दिनों के अंतराल पर जांच करवाना चाहिए,

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कौन-कौन सी दवाइयां रक्तचाप को बढ़ाती है?

  • ऐसी दवाइयां जिनके सेवन से ब्लड प्रेशर या रक्तचाप बढ़ने लगता है वह इस प्रकार है…

1. गर्भनिरोधक गोलियां(Oral-contraceptive-pills)

2. स्टेरॉयड दवाइयों का ज्यादा सेवन(Steroid medicines)…

  • कुछ लोग अनेक प्रकार के चमड़ी रोगों में या अन्य रोगों में डॉक्टर के द्वारा दिए गए स्टेरॉयड दवाइयों का सेवन ज्यादा करते हैं,
  • इसके कारण भी ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है,

3. दर्द निवारक दवाएं(Pain killers-NSAIDS)…

  • दर्द को कम करने वाली कई प्रकार की ऐसी दवाइयां हैं जिनके ज्यादा सेवन करने से ब्लड प्रेशर या रक्तचाप बढ़ने लगता है,
  • जैसे कि नेपरोक्सन(Naproxen),
  • ब्रूफेन(Ibuprofen) आदि,

4. खांसी की दवाई(Cough and cold medicines)…

  • खांसी की दवाई में कुछ ऐसे साल्ट होते हैं जिनका सेवन ज्यादा करने से ब्लड प्रेशर या रक्तचाप बहुत तेजी से बढ़ने लगता है,
  • जैसे कि डेक्स्ट्रोमेथोर्फन(Dextromethorphan) आदि इसलिए इन दवाओं का सेवन बड़ी ही सावधानी से करना चाहिए,

5. नशीली दवाओं का सेवन या recreational drugs के सेवन करने से…

  • नशीली दवाइयों के सेवन से ब्लड प्रेशर या रक्तचाप बढ़ने की समस्या बहुत तेजी से होती है जैसे कि…
  • कोकेन(Cocaine),
  • अम्फेतमीनेस(Amphetamines) आदि इसलिए ऐसी दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए,

6. मानसिक अवसाद की कुछ दवाएं(Anti-depressants)…

  • मानसिक अवसाद को कम करने के लिए दी जाने वाली दवाई…
  • वेनलाफैक्सीने(Venlafaxine)से भी ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या हो जाती है इसलिए बड़े ही ध्यान से इसका सेवन करना चाहिए,
  • दवाइयों के सेवन से अगर ब्लड प्रेशर या रक्तचाप बढ़ता है,

तो उन दवाइयों का सेवन बंद करने से रक्तचाप सामान्य स्थिति में फिर से आ जाता है

नोट करें… 

  • वियाग्रा(Sildenafil citrate) गोली के सेवन से भी रक्तचाप में बढ़ोतरी होती है,
  • इसलिए उच्च रक्तचाप के रोगियों को बिना डॉक्टरी सलाह वियाग्रा का सेवन नहीं करना चाहिए, तथा 
  • कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाने से ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ता यह तो केवल वैक्सीन लगवाने के डर मात्र से बढ़ सकता है,

उच्च-रक्तचाप या हाइपरटेंशन का इलाज कैसे किया जाता है?

  • उच्च-रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर का इलाज इसके मूल कारणों पर निर्भर करता है,
  • डॉक्टर को हमेशा यह निदान सही से करना बहुत जरूरी है कि जिस व्यक्ति का रक्तचाप बढ़ा हुआ है,
  • उस व्यक्ति को कोई ऐसी बीमारी तो नहीं है जिसके कारण रक्तचाप बढ़ रहा हो जैसा कि ऊपर कारणों में बताया गया है,
  • साथ ही साथ डॉक्टर को यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि,
  • ब्लड प्रेशर का मरीज कहीं कोई ऐसी दवा का सेवन तो नहीं कर रहा जिस कारण उसका रक्तचाप या ब्लड प्रेशर बढ़ रहा हो,
  • इसी प्रकार मूल कारण का सही से निदान कर बढे हुए रक्तचाप का इलाज सही प्रकार से किया जा सकता है,
  • और यह केवल एक पढ़ा लिखा डॉक्टर ही कर सकता है, हां यहां पर कुछ नियम ऐसे हैं,
  • जिनका पालन कर कोई भी व्यक्ति ब्लड प्रेशर या रक्तचाप बढ़ने की समस्या को काफी हद तक ठीक कर सकता है,

इन नियमों का पालन प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए,

  • इसका मतलब यह है कि अगर आप ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप से पीड़ित है,

तो उससे आपको छुटकारा पाने में काफी मदद मिलेगी और अगर आप स्वस्थ व्यक्ति है तो,

  • भविष्य में आपको उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर शारीरिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा,
  • इसमें एक बात विशेष ध्यान देने वाली यह है कि अगर आपका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 140 mm of hg  तक है,
  • तथा डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 90 mm of hg तक है तो,
  • आप बिना किसी दवाई के इन नियमों का पालन कर उसे आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं,
उच्च रक्तचाप को ठीक करने के लिए सामान्य नियम…
1. प्रतिदिन व्यायाम करना…
  • हर व्यक्ति को चाहे वह उच्च रक्तचाप से पीड़ित है या नहीं,

    ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
    प्रतिदिन करें सैर

  • उसको हर रोज कम से कम 30 मिनट सुबह की सैर या 30 मिनट शाम की सैर करनी जरूरी है,
  • इसके अतिरिक्त आप योग या हल्का व्यायाम भी कर सकते हैं,
  • ऐसा करने से बढे हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में बहुत मदद मिलती है,
2. शराब का सेवन ना करें…
  • ब्लड प्रेशर बढ़ने का एक अहम कारण शराब का ज्यादा सेवन करना है,

    ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
    शराब न पीये

  • इसलिए यदि आप उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं,
  • तो आपको शराब का सेवन नहीं करना चाहिए ऐसा करने से आपको अपना उच्च रक्तचाप कंट्रोल करने में बहुत मदद मिलेगी,
3. धूम्रपान का सेवन ना करें…
  • धूम्रपान का सेवन ज्यादा करने से रक्त वाहिकाओं में संकुचन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है,

    ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
    सिगरट न पीये

  • जिस कारण कई लोगों का रक्तचाप बढ़ने लगता है,
  • इसलिए धूम्रपान का सेवन बंद करने से बड़े हुए रक्तचाप को नियमित करने में बहुत मदद मिलती है,
  • इसके अतिरिक्त धूम्रपान करने से शरीर में अनेकों खतरनाक बीमारियां,
  • जैसे मुंह का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर इत्यादि होने का खतरा हमेशा बना रहता है इसलिए धूम्रपान नहीं करना चाहिए,
4. हमेशा खुश रहें…
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चिंता न करें

अगर आप उच्च रक्तचाप से पीड़ित है तो आपके लिए सबसे जरूरी बात यह है कि,

आपको अनावश्यक चिंता परेशानी आदि से बचना चाहिए क्योंकि चिंता, तनाव ब्लड प्रेशर बढ़ाने का सबसे अहम व आम कारण है,

  • ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादा तनाव की स्थिति में शरीर में दिल की धड़कन बढ़ जाती है तथा,
  • ऐड्रेनलिन(Adrenaline) हार्मोन रक्त में बढ़ने लगता है तथा रक्त वाहिकाओं में संकुचन की स्थिति उत्पन्न होने लगती है,
  • जिस कारण कुछ ही पलों में आपका रक्तचाप बहुत अधिक बढ़ सकता है,
  • इसलिए खुश रहना उच्च रक्तचाप से बचने का सबसे आसान तरीका है,
  • इसके लिए आप मेडिटेशन(Meditation) भी कर सकते हैं,
  • मेडिटेशन से भी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलती है
5. नमक का सेवन कम करना…
  • उच्च रक्तचाप वाले मरीज को अपने दैनिक जीवन में नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए,

    ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
    नमक कम खायें

  • इसमें एक बात याद रखने वाली यह है कि नमक का सेवन कम करना है बंद नहीं करना,
  • क्योंकि अगर आप नमक का सेवन बिल्कुल भी नहीं करेंगे तो आपके शरीर में सोडियम नामक खनिज की कमी होने के कारण,

अनेक प्रकार की गंभीर समस्याएं(Hyponatremia) उत्पन्न हो जाती हैं,

  • इसलिए नमक कम सेवन करें(1.5-2.5 ग्रामस एक दिन में) और हो सके तो,
  • सफेद नमक की बजाए सेंधा नमक का इस्तेमाल अपने खाने में करें,
6. वसा का सेवन कम करें…
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि जो लोग वसा का सेवन जैसे कि देसी घी, मक्खन, मलाई इत्यादि या,

    ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
    वसा का सेवन कम करें

  • फिर तले हुए पदार्थ जैसे आलू टिक्की, पकोड़े, समोसे  इत्यादि का सेवन ज्यादा करते हैं तथा शारीरिक परिश्रम कम करते हैं,
  • उन लोगों में यह वसा रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर जम जाती है,
  • जिस कारण रक्त-वाहिकाएं अंदर से तंग(Atherosclerosis)हो जाती हैं तथा ब्लड प्रेशर या रक्तचाप बढ़ने लगता है,
  • इसके अतिरिक्त वसा का अत्यधिक सेवन करने से,
  • बुरा कोलेस्ट्रॉल(LDL), ट्राइग्लिसराइड(Triglycerides)जैसे पदार्थ खून में बढ़ने लगते हैं,
  • जिस कारण अनेक प्रकार की गंभीर परिस्थितियां शरीर में उत्पन्न हो जाती हैं,
  • इसलिए उच्च रक्तचाप के मरीज को वसा का सेवन बहुत ही कम करना चाहिए और,

देसी घी, मक्खन, मलाई आदि की जगह सरसों का तेल, जैतून का तेल या फिर मूंगफली का तेल आदि का सेवन करना चाहिए,

7. सुखद नींद लेना…
  • यदि नींद ठीक से ना आए इस कारण भी है रक्तचाप बढ़ने लगता है,

    ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
    सही नींद लेना

  • इसलिए उच्च रक्तचाप को नियमित करने के लिए 7 से 9 घंटे की नींद लेना भी जरूरी है,
  • अगर आपको सही से नींद नहीं आ रही या फिर आप निद्रानाश(Insomnia) की बीमारी से पीड़ित हैं,
  • तो अपने डॉक्टर से मशवरा कर इसका इलाज करवाएं,
  • इससे आपको अपना उच्च रक्तचाप नियमित करने में बहुत मदद मिलेगी,
8. संतुलित आहार का सेवन करना…

संतुलित आहार के सेवन करने से उच्च रक्तचाप को नियमित करने में बहुत मदद मिलती है,

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
सलाद खाए
  • इसके लिए आपको डैश-डाइट(Dash-diet) का उपयोग करना चाहिए,
  • इस डाइट में आपको दिन भर ज्यादा से ज्यादा फल तथा सब्जियां खानी होती है,
  • इसके लिए आप दिन में दो से तीन बार कच्ची सब्जियों को अच्छी प्रकार धोकर सलाद के रूप में खा सकते हैं,
  • इसी प्रकार खाने से पहले आप सेब,संतरा या कीवी या अन्य कोई फल का सेवन कर सकते हैं,
  • डैश डाइट उच्च-रक्तचाप के साथ-साथ आपके मोटापे को कम करने के लिए भी काफी ज्यादा लाभदायक है,
9. शुगर या मधुमेह को नियंत्रित करना…
  • यदि आप शुगर या मधुमेह के मरीज हैं तो आपको अपनी शुगर को हमेशा नियंत्रण में रखना चाहिए,

    ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
    शुगर कण्ट्रोल करें

  • क्योंकि ऐसा देखा गया है कि जो लोग शुगर के मरीज हैं तथा उनकी आयु 40 वर्ष से ऊपर है तथा साथ में मोटापे से भी ग्रस्त हैं,
  • उन लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या हो ही जाती है,

इसलिए आपको हमेशा अपना शुगर नियंत्रण में रखना चाहिए तथा मोटापे को भी कम करना चाहिए,

  • उच्च रक्तचाप के रोगी को यह उपाय तो करने ही करने है तथा साथ में इस बात का भी ध्यान रखना है कि,
  • फिर भी अगर उच्च-रक्तचाप सामान्य नहीं हो पा रहा तो आपको अपने डॉक्टर से मशवरा कर इसकी सही से दवा लेनी चाहिए,
  • आजकल उच्च-रक्तचाप के इलाज के लिए सबसे ज्यादा कारगर इलाज आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में है,

इसके साथ साथ आप आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन करके भी उच्च रक्तचाप से छुटकारा पा सकते हैं,

शुगर को जड़ से ठीक करने के लिए पढ़े “शुगर के कारण,लक्षण व सभी उपचार”

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार के बारे में और पढ़े…


उच्च रक्तचाप(Hypertension) को नियंत्रित करने वाली एलोपैथिक दवा कौन-कौन सी है?

  • आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में अनेकों दवाइयां ऐसी हैं जो कि उच्च रक्तचाप को सामान्य कर रोगी को बहुत लाभ देती हैं,
  • यह इस प्रकार हैं...

1 मूत्रल(Diuretics) औषधियां…

  • यह एक खास प्रकार की दवा होती है जिसका सेवन करने से शरीर से पानी का वजन कम होता है,
  • तथा बार-बार पेशाब आता है जिस कारण दिल पर पड़ने वाला अत्यधिक दाब कम होता है,
  • जिसकी वजह से बढ़ा हुआ रक्तचाप सामान्य हो जाता है इसके कुछ उदाहरण हैं जैसे…
  • Chlorothalidone,
  • Hydrochlorothiazide,
  • Furosemide,
  • Torsemide आदि  
  • इन मूत्रल औषधियों का सेवन करने से उच्च रक्तचाप नियंत्रित हो जाता है,
  • मगर इसका सही से सेवन न करने से शरीर में पोटेशियम नामक खनिज की कमी हो जाती है,
  • जिस कारण शरीर में बहुत ही गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है जिसको हाइपोक्लेमिया(Hypokalemia) कहते हैं,

ऐसी हालत में आपका डॉक्टर आपको पोटेशियम sparing मूत्रल(Potassium-sparing-diuretic) औषधियां देते हैं,

जैसे कि Triamterene,Spironolactone आदि


2. ACE(Angiotensin-converting-enzyme) Inhibitors… 

  • उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए यह भी एक औषधीय वर्ग है इसके उदाहरण इस प्रकार हैं
  • Lisinopril 
  • Benazepril 
  • Captopril 
  • Enalapril आदि 

3. ARBs(Angiotensin-receptor-blockers)… 

  • इस वर्ग की औषधियां रक्त वाहिकाओं को फैला करके उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करती हैं,

इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं

  • Candesartan 
  • Losartan 
  • Telmisartan आदि

4. Calcium channel blockers… 
  • इस वर्ग की औषधियां रक्त वाहिकाओं की मांसपेशियों को शिथिल कर उच्च रक्तचाप को कम करती हैं,
  • उसके उदाहरण इस प्रकार हैं
  • Amlodipine 
  • Diltiazem आदि

5. Alpha blockers… 

  • इस वर्ग की औषधियां रक्त वाहिकाओं के nerve सिग्नल को कम करके उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं,
  • इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं
  • Prazosin(Minipress)
  • Doxazosin(Cardura) आदि

6. Alpha-Beta blockers… 

  • इस वर्ग की औषधियां दिल की धड़कन को कम करके तथा nerve सिग्नल को ब्लॉक करके उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करती हैं,
  • इसके उदाहरण इस प्रकार है
  • Carvedilol(Coreg)
  • Labetalol(Trandate)आदि

7. Beta-blockers… 

  • इस वर्ग की औषधियां दिल की धड़कन को कम करके तथा,
  • रक्त वाहिकाओं को थोड़ा फैला करके उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करती हैं,
  • इस वर्ग की औषधियों का प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है इसके उदाहरण इस प्रकार हैं… 
  • Atenolol(Tenormin)
  • Acebutolol आदि 
8. Aldosterone antagonists… 
  • जब उच्च रक्तचाप नियंत्रित(Resistant Hypertension)  नहीं होता तो डॉक्टर इस प्रकार की औषधियों का प्रयोग भी करते हैं,
  • इसके उदाहरण इस प्रकार हैं
  • Eplerenone(Inspra)
  • Spironolactone आदि

9. Renin inhibitors… 

  • यह औषधियां रेनिन नामक एंजाइम को कम कर उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करती हैं इसका उदाहरण है
  • Aliskiren(Tekturna)

10. Vasodilators… 

  • इस वर्ग की औषधियां रक्त वाहिकाओं को अंदर से फैलाकर उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करती हैं,
  • इसके उदाहरण इस प्रकार हैं
  • Hydralazine 
  • Minoxidil आदि

11. Central-acting… 

  • इस वर्ग की औषधियां सीधा दिमाग पर असर कर उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करती हैं,

इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं

  • Methyldopa 
  • Guanfacine(Intuniv)
  • Clonidine(Kapvay,Catapres)आदि 

विशेष ध्यान दें… 

  • ऊपर लिखित सभी प्रकार की औषधियों का प्रयोग कृपया अपने अनुसार ना करें,
  • इनका प्रयोग केवल पढ़े लिखे डॉक्टर के कहने पर ही करना चाहिए नहीं तो अनेक प्रकार के गंभीर परिणाम आपको हो सकते हैं,
  • आपका डॉक्टर इन औषधियों को अकेले या फिर कंबीनेशन के रूप में इस्तेमाल करता है तथा,
  • यह केवल डॉक्टर ही निर्धारित करता है कि आपको उच्च रक्तचाप के लिए कौन सा सही कंबीनेशन किसी भी दवाई का देना है,

इसलिए यहां पर दी गई सारी जानकारी केवल मात्र आपके ज्ञान के लिए है चिकित्सा के लिए नहीं,

मैंने यहाँ पर ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार की विस्तृत जानकारी दी है कृपया इसे ध्यानपूर्वक पढ़े,आगे भी है-


उच्च रक्तचाप को ठीक करने के लिए घरेलू नुस्खे(Home-रेमेडीज)…

1.करी-पत्ते व धनिये के पत्तो का प्रयोग…

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curry leaves
  • उच्च रक्तचाप के रोगी को सुबह उठकर खाली पेट 5 से 7 ताजे धनिया पत्ते(Coriander leaves),
  • तथा 5 से 7 ताजे करी के पत्तों(Curry leaves) को चबाकर खाने से उच्च रक्तचाप में फायदा मिलता है,
  • इसके साथ-साथ आपको अच्छी कंपनी का सेब का सिरका(एप्पल cider vinegar),
  • 30 मिलीलीटर 150 मिलीलीटर गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में दो बार पीना चाहिए,
  • इससे भी आपको उच्च रक्तचाप में लाभ दिखाई देगा,
  • इस मिश्रण को और भी ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिए आप इसमें एक चुटकी दालचीनी का पाउडर(Cinnamon) तथा,
  • एक चम्मच शुद्ध शहद व एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं,
  • इसके साथ-साथ आपको योग व प्राणायाम पर भी ध्यान देना होगा,

इससे और भी ज्यादा फायदा उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मिलेगा,


2.बादाम रोगन व शुद्ध देसी घी का प्रयोग…

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बादाम रोगन
  • इसके अतिरिक्त उच्च रक्तचाप के रोगी को बादाम रोगन की तीन से चार बूंद दिन में दो बार नाक में डालना चाहिए,
  • बादाम रोगन की जगह गाय का शुद्ध देसी घी भी काफी फायदा करता है,

3.रेड वाइन करे उच्च रक्तचाप को कम…

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रेड वाइन
  • कई प्रकार के अनुसंधान में यह पाया गया है की रेड वाइन का सेवन करने से उच्च रक्तचाप तथा,
  • दिल की बीमारियों में काफी लाभ मिलता है ऐसा इसलिए है क्योंकि रेड वाइन (Red wine)लाल अंगूरों से बनती है,
  • जिसमें रेसवेरेट्रॉल(Resveratrol) नामक तत्व पाया जाता है जोकि हृदय संबंधी समस्याओं में काफी ज्यादा लाभदायक है,
  • इसलिए उच्च रक्तचाप के रोगी को रेड वाइन का सेवन नियमित मात्रा में जरूर करना चाहिए,

4. ग्रीन टी व ब्लैक टी करे उच्च रक्तचाप ठीक…
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ग्रीन टी
  • ग्रीन टी का सेवन करने से उच्च रक्तचाप में फायदा मिलता है ऐसा देखा गया है,
  • यह वजन को कम करने में भी काफी सहायक है इसके पीछे अभी तक ठोस वैज्ञानिक प्रमाण तो नहीं है,
  • परंतु सदियों से इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में होता आया है कई प्रकार के अनुसंधान में यह पाया गया है कि,
  • ग्रीन टी तथा ब्लैक टी में कुछ तत्व जिन्हें Flavanols कहते हैं वह पाए जाते हैं तथा,
  • यह फ्लेवनॉल उच्च रक्तचाप को कम करने में आपकी मदद करते हैं,

इसलिए उच्च रक्तचाप के रोगी को हर दिन ग्रीन टी या ब्लैक टी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए,


5. योग व प्राणायाम करे ब्लड प्रेशर नियमित…

  • उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए आपको अपनी दिनचर्या में योग व प्राणायाम जरूर ही करना चाहिए
    ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
    योग भगाए रोग

    ,

  • इसके लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण आसनों का उपयोग हर रोज 10 से 15 मिनट करना चाहिए,
  • उदाहरण के लिए उच्च रक्तचाप के रोगी को शवासन,भद्रासन,हस्त्पदन्गुस्थ-आसन,म्तस्य-आसन आदि को करना चाहिए,
  • ऐसा करने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलती है,
  • इसके साथ-साथ आपको अपने आहार विहार का सही से अनुपालन करना होगा,
  • इसके साथ साथ उच्च रक्तचाप के रोगी को कोई भी ऐसा व्यायाम जिससे,

जल्दी ही सांस फूलने लगे नहीं करना चाहिए जैसे कि तेज दौड़ना, रस्सी कूदना आदि,


6. तरबूज के बीज़ व खस-खस करें उच्च रक्तचाप ठीक…

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
तरबूज के बीज
  • इसके लिए आपको तरबूज के बीजों(Watermelon seeds) को अच्छी प्रकार धूप में सुखाकर या फिर,
  • बिना छिलके के तरबूज के बीज बाजार से खरीद कर उसमें बराबर मात्रा में खसखस(Poppy-seeds)मिलाकर,
  • उनको मिक्सर ग्राइंडर में चलाकर उसका पाउडर बना लें,
  • इस पाउडर का आधा-आधा चम्मच दिन में दो बार खाना खाने से आधा घंटा पहले गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से,
  • उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलती है इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि,
  • तरबूज के बीजों में  Cucurbocitrin नामक तत्व पाया जाता है,
  • जोकि हमारी रक्त वाहिकाओं को अंदर से फैलाने का काम करता है इसके अतिरिक्त यह गुर्दे की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है,
  • साथ ही खस-खस के बीजों में आयरन,विटामिन बी-६ तथा पोटाशियम होता है जो की रक्तचाप में काफी लाभ देने वाले है,

इसलिए उच्च रक्तचाप के रोगी को इस आसान घरेलू नुस्खे का प्रयोग जरूर करना चाहिए,

  • इसके अतिरिक्त तरबूज का सेवन भी उच्च-रक्तचाप में उपयोगी है,
  • तरबूज के सेवन करने से शरीर में नाइट्रिक-ऑक्साइड(Nitric-oxide) की मात्रा में बढ़ोतरी होती है,

जोकि रक्त वाहिकाओं का फैलाव कर उच्च-रक्तचाप को कम करने में काफी मददगार है,

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार कृपया आगे भी पढ़े…


7. आंवला जूस, दालचीनी व शहद करें उच्च-रक्तचाप ठीक…

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आंवला जूस

इसमें सबसे पहले आप,

  • चार से पांच चम्मच(25 मिली लगभग) आंवले के रस(Indian gooseberry)को आधा गिलास पानी में डालें,
  • उसके बाद आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर उस गिलास में डालें तथा,
  • उसके बाद एक चम्मच शुद्ध शहद को उस मिश्रण में डालकर अच्छी प्रकार हिला ले,
  • इस मिश्रण को खाने के साथ दिन में दो बार सेवन करें ऐसा करने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में बहुत मदद मिलती है,
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि आवला एक ऐसा फल है जिसमें लगभग सभी प्रकार के विटामिन व खनिज पाए जाते हैं,
  • जिसमें खासकर विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है,
  • जोकि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए काफी उपयोगी है,

आयुर्वेद में आंवले को रसायन की संज्ञा दी गई है


8. गुडहल के फूल व इलायची करे उच्च रक्तचाप को ठीक…

  • आजकल पूरी दुनिया में गुड़हल के फूलों(Hibiscus flowers) का प्रयोग,
  • उच्च रक्तचाप के साथ-साथ अनेक बीमारियों में किया जाता है,
  • इसके लिए आपको गुड़हल के फूलों को लेना है अगर आपको ताजे फूल नहीं मिलते तो,
  • आप गुड़हल के फूलों को छाया में सुखाकर उनका पाउडर बनाकर भी रख सकते हैं,

या फिर बना बनाया पाउडर बाजार से या ऑनलाइन भी कर सकते हैं,

  • इस नुस्खे को बनाने के लिए सबसे पहले डेढ़ गिलास पानी में 8 से 10 गुड़हल के फूलों की पत्तियां डाले या फिर,
  • एक चम्मच गुड़हल के फूलों की पत्तियों का पाउडर इसमें डालें उसके बाद इस मिश्रण को चूल्हे पर चढ़ा दें,
  • उसके बाद इसमें एक से दो चुटकी इलायची पाउडर को डालकर इस मिश्रण को गर्म करें,
  • थोड़ी देर बाद जब पानी की मात्रा आधी रह जाए तो इसे छानकर गिलास में डालें,
  • इस मिश्रण का सेवन आपको सुबह शाम खाली पेट करना है,
  • ऐसा करने से उच्च रक्तचाप में आपको काफी लाभ मिलेगा,
  • इसका स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें शुद्ध शहद एक से डेढ़ चम्मच भी मिला सकते हैं,

    ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
    Hibiscus tea

इसके अतिरिक्त आप गुड़हल के फूलों की चाय(Hibiscus tea) का इस्तेमाल भी कर सकते हैं यह भी ऑनलाइन मिल जाती है,


9. लौकी का रस भी है उपयोगी… 
  • ताजा लौकी का रस भी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए काफी फायदेमंद है,
  • इसके लिए आप दिन में दो बार ताजा लोकी का रस बनाकर 50 से 60 मिलीलीटर की मात्रा में इसका उपयोग कर सकते हैं,
  • इस रस को और भी ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिए इसमें…
  • धनिया के पत्ते,
  • थोड़े पुदीने के पत्ते तथा,
  • एक चम्मच नींबू का रस व,
  • थोड़े तुलसी के पत्ते भी मिला ले,
  • ऐसा करने से गर्मियों में यह मिश्रण उच्च रक्तचाप को कम करने के साथ साथ शरीर को ठंडक भी प्रदान करता है,

तथा पेट को साफ करने में व मानसिक तनाव को दूर करने में भी उपयोगी है,


10. लहसुन भी है लाभकारी…

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
लहसुन

इसके अतिरिक्त लहसुन(Garlic-cloves/allium-sativum) की 2 से 3 गिरिया कच्ची या भुनी हुई,

  • सुबह खाली पेट खाने से भी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है,
  • तथा यह बड़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करती है तथा मोटापे को कम करने में भी सहायता करती हैं,
  • इस प्रकार के घरेलू नुस्खे के पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण तो नहीं है,
  • परंतु यह नुस्खे कारगर जरूर है क्योंकि,

हजारों सालों से आयुर्वेद में इनका प्रयोग उच्च-रक्तचाप के अलावा अनेकों बीमारियों में सफलतापूर्वक किया जाता है,

  • इसके अतिरिक्त सहजन के पत्तों का रस दो से चार चम्मच सुबह शाम पीने से भी उच्च रक्तचाप मैं काफी लाभ होता है, 
  • आयुर्वेद में सर्पगंधा घनवटी या फिर सर्पगंधा की जड़ का चूर्ण 250 से 500 मिलीग्राम की मात्रा में,

सुबह शाम जल के साथ सेवन करने से उच्च रक्तचाप में काफी फायदा होता है,

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार आगे पढ़ते रहें…


उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए होम्योपैथिक इलाज क्या है?

1. R 85 ड्रॉप्स by Reckeweg…

  • इसकी मात्रा 15 बूंद दिन में तीन बार खाना खाने से कम से कम आधा घंटा पहले गुनगुने पानी में डालकर लेनी है,
  • और साथ में अपने आहार विहार का पूर्णता ख्याल रखना है जो भी परहेज ऊपर बताए गए हैं,
  • उन सभी को सही प्रकार करने से ही सही लाभ मिलेगा,
  • अगर यह ड्रॉप्स ना मिले तो इनकी जगह आप नीचे दी गई दूसरी दवाई भी इस्तेमाल कर सकते हैं,

2. Bakson’s Beepee Aid…

  • यह दवाई भी उच्च रक्तचाप में काफी लाभप्रद है,
  • इसकी मात्रा 20 बूंद दिन में तीन बार गुनगुने पानी में डालकर खाना खाने से आधा घंटा पहले लेनी है,
  • इस प्रकार इन दोनों में से कोई भी दवाई आप सेवन कर लाभ पा सकते हैं,
  • ऊपर लिखित दोनों प्रकार की दवा होम्योपैथिक पेटेंट दवाइयां हैं जोकि,
  • उच्च-रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए कॉफी कारगर है,

कोई भी उच्च रक्तचाप का रोगी थोड़े दिन इनका सेवन कर उच्च रक्तचाप की समस्या से निजात पा सकता है,

3. Rauwolfia serpentina mother tincture…

  • उच्च-रक्तचाप को कम करने के लिए यह दवाई भी बहुत कारगर है,

इसकी मात्रा 20 बूंद दिन में तीन बार गुनगुने पानी में डालकर खाना खाने से कम से कम आधा घंटा पहले लेनी है,


उच्च रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

आयुर्वेद में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली दवा का नाम सर्पगंधा है,

  • सदियों से आयुर्वेद में इस दवा का प्रयोग उच्च-रक्तचाप के रोगियों में सफलतापूर्वक किया जाता है,
  • सर्पगंधा एक प्रकार का पौधा है जिसकी जड़ के चूर्ण का इस्तेमाल चिकित्सा में किया जाता है,
  • इसको इंडियन स्नेक रूट भी कहते हैं आजकल बाजार में बहुत सी पेटेंट आयुर्वेदिक दवाइयां उपलब्ध है,
  • अगर आप सही से उच्च-रक्तचाप का इलाज करवाना चाहते हैं,
  • तो आपको किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह मशवरा कर इसको करना चाहिए,
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि आयुर्वेदिक चिकित्सा में रोगी के रोग का सही से इलाज करने के लिए,
  • उसकी प्रकृति, आहार-विहार, उसकी दिनचर्या आदि सभी बातों का ध्यान रखना पड़ता है,
  • तभी जाकर आयुर्वेदिक चिकित्सा सही से काम करती है अन्यथा नहीं,

उच्च रक्तचाप में इस्तेमाल होने वाली आयुर्वेदिक औषधियां…

  • सर्पगंधा घनवटी
  • सर्पगंधा मूल का चूर्ण
  • अर्जुन छाल का क्वाथ
  • मुक्ता पंचामृत रस
  • मुक्ता वटी
  • चंद्रकला रस
  • सारस्वत चूर्ण
  • सूतशेखर रस आदि

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार पढने के लिए आपका धन्यवाद…


निष्कर्ष(Conclusion)… 
  • मेरी राय में उच्च रक्तचाप एक सामान्य बीमारी है तथा,
  • इसको नियंत्रित करने या जड़ से ठीक करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको,
  • किसी भी प्रकार की मानसिक चिंता या परेशानी से हमेशा दूर रहना है,
  • जितना हो सके अपने आप को खुश रखने की कोशिश करें,
  • इसके अतिरिक्त अपनी दिनचर्या में सुधार करें,
  • हर रोज व्यायाम करें सिगरेट, शराब, गुटखा आदि किसी भी प्रकार के नशे से बचें,
  • मात्र इतना सब करने से तथा साथ में आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खों का प्रयोग करने से उच्च रक्तचाप जड़ से ठीक हो जाता है,
  • ऐसा हमने हजारों उच्च-रक्तचाप के रोगियों में देखा है,
  • यहां पर मैंने ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार अच्छी तरह से आपको समझाएं हैं,
  • कृपया इनको अपने जीवन में अपनाकर इसका लाभ उठाए तथा,
  • किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता के लिए मुझे नीचे दिए गए ईमेल पर संपर्क करें धन्यवाद |

अस्वीकरण(disclaimer)…
  • इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।
  • उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।

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