गठिया रोग की पहचान

गठिया रोग की पहचान-Rheumatoid Arthritis Symptoms, Diagnosis, Precautions & Treatment

गठिया रोग की पहचान क्या है ?

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1 गठिया रोग की पहचान क्या है ?
1.1 गठिया के लक्षण? ( symptoms of rheumatoid arthritis in hindi )

गठिया रोग (Arthritis) एक ज्वरदंड (joints) संबंधित रोग है, जिसमें एक या एक से अधिक जोड़ों की सूजन, दर्द और गठिया (अचंभित) होता है। यह एक सामान्य लक्षण है जो वयस्कों को आमतौर पर प्रभावित करता है, लेकिन किसी उम्र में भी हो सकता है।

गठिया रोग की पहचान
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गठिया रोग की पहचान कुछ मुख्य लक्षणों के आधार पर की जाती है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  1. जोड़ों में सूजन: गठिया रोग में प्रमुख लक्षण जोड़ों में सूजन होती है। इस सूजन के कारण जोड़ों का आकार बढ़ जाता है और वे ठंडे, सख्त और आंखों से देखे जाने पर लाल और भूरे दिखाई देते हैं।
  2. जोड़ों में दर्द: गठिया रोग में जोड़ों में दर्द होता है, जो आमतौर पर स्नायुओं और संयोजनों (ligaments) के आसपास होता है। यह दर्द अधिकतर जोड़ों को छूने या उन्हें उठाने पर बढ़ जाता है।
  3. सुखावट: गठिया रोग में जोड़ों की सुखावट (stiffness) भी होती है। इसमें जोड़ों की गतिशीलता में कमी होती है और जोड़ों को फिलहाल हिलाने में कठिनाई आती है। यह सुखावट सामान्यतः सुबहों को सबसे अधिक होती है और समय के साथ धीरे-धीरे कम होती है।

अगर आपको इन लक्षणों में से किसी या अधिक को अनुभव हो रहा है, तो आपको एक चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। चिकित्सक आपकी व्यक्तिगत चिकित्सा इतिहास, शारीरिक परीक्षण और आवश्यकता अनुसार आपको उचित निदान और उपचार सुझा सकेंगे।


गठिया के लक्षण? ( symptoms of rheumatoid arthritis in hindi )

गठिया रोग के लक्षणों का विवरण निम्नलिखित होता है:

  1. जोड़ों में सूजन: गठिया रोग में जोड़ों में सूजन होती है। सूजन के कारण जोड़ ठंडा, सख्त और वृद्धि के साथ लाल और भूरे दिखाई देता है।
  2. जोड़ों में दर्द: गठिया रोग में जोड़ों में दर्द होता है। यह दर्द अधिकतर जोड़ों को छूने या उठाने पर बढ़ता है। दर्द महसूस करने का स्तर व्यक्ति के लिए भिन्न हो सकता है, जिसके कारण कुछ लोगों को मामूली दर्द होता है जबकि दूसरों को अधिक दर्द होता है।
  3. सुखावट और संकट: गठिया रोग में जोड़ों की सुखावट और संकट होता है। इसके कारण जोड़ों की गतिशीलता में कमी होती है और जोड़ों को फिलहाल हिलाने में कठिनाई आती है। सुखावट अधिकतर सुबह को सबसे अधिक होती है और समय के साथ कम होती है।
  4. स्थैतिकता और आराम का अभाव: गठिया रोग के कारण जोड़ों की स्थैतिकता प्रभावित हो सकती है। व्यक्ति अधिक समय तक एक ही स्थिति में बैठने या खड़े रहने में कठिनाई महसूस कर सकता है।
  5. अन्य लक्षण: गठिया रोग के साथ, अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जैसे कि जोड़ों की स्थिति में बदलाव, जोड़ों की गर्मी, अपचय, जोड़ों के चकत्ते (nodule) आदि।

यदि आपको इन लक्षणों में से किसी या अधिक को अनुभव हो रहा है, तो आपको एक चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। चिकित्सक आपकी व्यक्तिगत चिकित्सा इतिहास, शारीरिक परीक्षण और आवश्यकता अनुसार आपको उचित निदान और उपचार सुझा सकेंगे।


गठिया रोग का पता लगाने के लिए कोन से टेस्ट किये जाते है ? (Diagnosis of Rheumatoid Arthritis in hindi)

गठिया रोग का पता लगाने के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं:

  1. शारीरिक परीक्षण: एक चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा शारीरिक परीक्षण किया जाता है जिसमें जोड़ों की सूजन, दर्द और संकट का मूल्यांकन किया जाता है।
  2. रेंटगन (X-ray): एक रेंटगन परीक्षण के माध्यम से जोड़ों की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है। यह पता लगाने के लिए मददगार हो सकता है कि क्या जोड़ों में कोई बदलाव हुआ है जैसे कि जोड़ों की सूजन, बोन डेफॉर्मिटी (विकृति), या कैल्सियम एक्रोसिस (calcification)।
  3. क्षयोटक (MRI) स्कैन: क्षयोटक स्कैन जोड़ों के और उनके आसपासी संरचनाओं का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। इससे आंतरिक दृश्य, सूजन, दर्द और संकट का अधिक विस्तृत आकलन किया जा सकता है।
  4. रक्त परीक्षण: गठिया रोग में, एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट (ESR)और सी-रेएक्टिव प्रोटीन (CRP)जैसे रक्त परीक्षण कराए जाते हैं। ये परीक्षण सूजन और शरीर में संक्रमण की मात्रा का माप करने में मदद करते हैं। गठिया रोग में ये परीक्षण उच्च हो सकते हैं।
  5. क्त परीक्षण (रायनोड टेस्ट): रायनोड टेस्ट एक अन्य रक्त परीक्षण है जिसमें रक्त के एक विशिष्ट कक्षा की उत्पादन की जांच की जाती है। यह उपयोगी हो सकता है गठिया रोग के उपकरण (सरपेंटाइन ऑर्पनिन) के साथ दी जाने वाली जोड़ों की संक्रियता का मूल्यांकन करने के लिए।

यदि आपको गठिया रोग के संबंध में संदेह है या लक्षण हो रहे हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपका पूरा चिकित्सा इतिहास और लक्षणों का मूल्यांकन करके आपको उचित टेस्ट और निदान की सलाह देंगे।


गठिया रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर कोनसे होते है ? (Doctors who treat Rheumatoid Arthritis in hindi)

गठिया रोग के इलाज में निम्नलिखित विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हो सकते हैं:

  1. रेहमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologist): रेहमेटोलॉजिस्ट गठिया रोग और अन्य संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के निदान और उपचार में विशेषज्ञ होते हैं। वे गठिया रोग के लक्षणों का मूल्यांकन करते हैं और इलाज प्लान तैयार करते हैं।
  2. ओर्थोपेडिक सर्जन (Orthopedic Surgeon): ओर्थोपेडिक सर्जन गठिया रोग के जोड़ों के चिकित्सा और समस्याओं के निदान और उपचार में मदद कर सकते हैं। वे जोड़ों के चिकित्सा या सर्जिकल इलाज को संचालित करते हैं।
  3. नवजात शिशु चिकित्सक (Pediatric Rheumatologist): यदि गठिया रोग किसी बच्चे को प्रभावित कर रहा है, तो नवजात शिशु चिकित्सक बच्चे की चिकित्सा में मदद कर सकते हैं। वे गठिया रोग के बाल रोगियों का निदान करते हैं और उपचार प्रदान करते हैं।
  4. आयुर्वेदिक चिकित्सक (Ayurvedic Physician): आयुर्वेदिक चिकित्सक गठिया रोग के आयुर्वेदिक उपचार की सलाह देते हैं। आयुर्वेदिक औषधि, प्राकृतिक उपचार, प्राणायाम और आहार-विहार नियमों के माध्यम से इस रोग का प्रबंधन करते हैं।

    गठिया रोग की पहचान
    आयुर्वेदिक Expert to treat RA पेशेंट्स

यदि आपको गठिया रोग के संबंध में संदेह है या इसके लिए इलाज की जरूरत है, तो आपको अपने नजदीकी चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। वे आपको सही विशेषज्ञ डॉक्टर के पास भेज सकते हैं और उचित निदान और उपचार की सलाह दे सकते हैं।


गठिया रोग की अंग्रेजी दवा (Allopathic Medicines to treat Rheumatoid Arthritis in hindi)

गठिया रोग के उपचार में विभिन्न अंग्रेजी दवाएं उपयोगी हो सकती हैं। यहां कुछ प्रमुख गठिया रोग के लिए उपयोग होने वाली अंग्रेजी दवाओं के नाम दिए जा रहे हैं:

  1. Nonsteroidal Anti-Inflammatory Drugs (NSAIDs): NSAIDs गठिया रोग में दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इनमें दिक्लोफेनाक (Diclofenac), इबुप्रोफेन (Ibuprofen), नैप्रोक्सन (Naproxen) और सेलेकॉक्सिब (Celecoxib) शामिल हो सकते हैं।
  2. ग्लुकोकोर्टिकोइड्स (Glucocorticoids): ग्लुकोकोर्टिकोइड्स गठिया रोग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। प्रयुक्त दवाएं प्रेड्निसोलोन (Prednisolone) और मेथिलप्रेडनिसोलोन (Methylprednisolone) हो सकती हैं।
  3. डीएमआरडी (DMARDs): डीएमआरडी (Disease-Modifying Anti-Rheumatic Drugs) गठिया रोग के उपचार के लिए प्रयुक्त होते हैं। ये दवाएं सूजन और जोड़ों के क्षति को रोकने में मदद करती हैं। मेथोट्रेक्सेट (Methotrexate), लेफ्लुनोमाइड (Leflunomide), सलाजिन (Sulfasalazine), और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine) इस श्रेणी में आती हैं।
  4. बायोलॉजिकल दवाएं: बायोलॉजिकल दवाएं उन रोगियों के लिए उपयोगी होती हैं जिन्हें अन्य दवाओं से उपचार करने में सफलता नहीं मिली है। इनमें टोसिलीजूमाब (Tocilizumab), एटनरसेप्ट (Etanercept), इनफ्लिक्सिमैब (Infliximab), अदालिमुमाब (Adalimumab), और गोलीमुमाब (Golimumab) शामिल हो सकती हैं।

यहां दी गई दवाओं के उपयोग को डॉक्टर द्वारा समीक्षा और सलाह के आधार पर किया जाना चाहिए। यदि आपको गठिया रोग के संबंध में संदेह है या इसके उपचार की जरूरत है, तो आपको अपने चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। वे आपको सही दवाओं की सलाह देंगे और आपकी स्थिति के अनुसार उपचार का प्रबंधन करेंगे।


गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय (best Remedies to treat Rheumatoid Arthritis in hindi):

गठिया रोग को जड़ से खत्म करने के लिए निम्नलिखित उपाय उपयोगी हो सकते हैं:

  1. दवाएं: आपको अपने चिकित्सक के मार्गदर्शन में दिए गए दवाओं का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। यह दवाएं दर्द और सूजन को कम करने, रोकने और गठिया रोग को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
  2. आहार-विहार: स्वस्थ आहार और विहार रखना गठिया रोग के लिए महत्वपूर्ण होता है। शाकाहारी भोजन, हरी सब्जियाँ, फल, पूरे अनाज, ताजे फल, और फल खाने की अधिकता वाला आहार लेना चाहिए। इसके अलावा, आपको अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार लेना चाहिए।
  3. व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि और व्यायाम गठिया रोग के संबंध में मददगार साबित हो सकते हैं। योग, ध्यान, प्राणायाम, साइकिलिंग, स्विमिंग, या वॉकिंग जैसे नियमित व्यायाम करने से गठिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
  4. गर्म औषधि उपचार: कुछ लोगों को गर्म औषधि उपचार फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें गर्म पानी से स्नान करना, गर्म प्रेस, हॉट पैक, या इंफ्रारेड लैंप का उपयोग शामिल हो सकता है। यह उपाय दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
  5. आयुर्वेदिक चिकित्सा: आयुर्वेद में गठिया रोग के लिए विभिन्न आयुर्वेदिक औषधि और प्रक्रियाएं हो सकती हैं। यह आपके शरीर के प्रकृति के अनुसार निर्धारित किया जाता है और एक प्रशिक्षित आयुर्वेदिक वैद्य द्वारा सलाहित किया जाना चाहिए।

आपको यह ध्यान देना चाहिए कि गठिया रोग का उपचार प्रतिस्पर्धी और व्यक्तिगत होता है। आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए और उनकी सलाह के अनुसार उपायों का पालन करना चाहिए।


गठिया बाय का रामबाण इलाज:

मैं खेद हूँ, लेकिन मेरे पास गठिया रोग के बाय का रामबाण इलाज के बारे में कोई ऐसी जानकारी नहीं है जिसे आप “बाय का रामबाण इलाज” के रूप में समझ सकें।

  • गठिया रोग का इलाज व्यक्ति के लक्षणों, स्थिति और उपचार के आधार पर निर्धारित किया जाता है। उचित उपचार का चयन एक प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा किया जाना चाहिए, जिसके लिए वह आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री, लक्षणों का मूल्यांकन और आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों का अध्ययन करेगा।

अपने गठिया रोग के इलाज के लिए, आपको एक प्रशिक्षित रेहमेटोलॉजिस्ट, आयुर्वेदिक चिकित्सक, या अन्य उपयुक्त विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। वे आपकी रोग की गंभीरता और आपके व्यक्तिगत परिस्थितियों का मूल्यांकन करके उपयुक्त उपचार की सलाह देंगे।

कृपया ध्यान दें कि मेरी सलाह केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है और यह चिकित्सा परामर्श की विकल्पित नहीं है। आपको एक प्रशिक्षित चिकित्सक से परामर्श लेना हमेशा सुरक्षित और उचित होगा।


पतंजलि में गठिया रोग की दवा:

पतंजलि आयुर्वेद द्वारा कई आयुर्वेदिक दवाएं प्रदान की जाती हैं जिनका दावा किया जाता है कि वे गठिया रोग के इलाज में मददगार हो सकती हैं। यहां कुछ पतंजलि आयुर्वेदिक दवाओं के नाम दिए जा रहे हैं जिन्हें गठिया रोग के इलाज में उपयोग किया जाता है:

  1. पतंजलि योगराज गुग्गुल: यह दवा गठिया, अर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, सूजन और प्राकृतिक वात रोग के इलाज में प्रयोग की जाती है। यह गुग्गुल दवा जोड़ों के दर्द को कम करने और जोड़ों को संबंधित समस्याओं से बचाने में मदद कर सकती है।
  2. पतंजलि पीरियटबल द्विदल गोंध: यह आयुर्वेदिक दवा गठिया, अर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, सूजन और वात रोग के इलाज के लिए प्रयोग की जाती है। इसमें गुड़ूची, अश्वगंधा, गोंध और अन्य जड़ी-बूटियाँ हो सकती हैं जो गठिया रोग के लक्षणों को कम करने और सांत्वना प्रदान करने में मदद कर सकती हैं।
  3. पतंजलि वृद्धि वटी: यह वटी वजन बढ़ाने के साथ-साथ गठिया रोग और अन्य वात रोगों के इलाज में भी प्रयोग की जाती है। इसमें अश्वगंधा, गोखरू और अन्य जड़ी-बूटियाँ हो सकती हैं जो शरीर की ताकत और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकती हैं।

ध्यान दें कि पतंजलि द्वारा प्रदान की जाने वाली दवाएं आयुर्वेदिक होती हैं और इनका उपयोग व्यक्तिगत स्वास्थ्य परिस्थितियों के आधार पर किया जाना चाहिए। इन दवाओं का सेवन करने से पहले आपको एक प्रशिक्षित आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए, जो आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री, लक्षणों और व्यक्तिगत परिस्थितियों का मूल्यांकन करके उचित उपचार की सलाह देंगे


गठिया के दर्द से तुरंत राहत कैसे पा सकते है ?

गठिया के दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन कर सकते हैं:

  1. ठंडे पैक: गठिया के दर्द को कम करने के लिए, प्रभावित जोड़ पर ठंडे पैक का इस्तेमाल करें। इससे दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है। आप एक आधी घंटे तक या अपने चिकित्सक द्वारा सिफारिश की गई समय तक ठंडे पैक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  2. आराम करें: दर्द की अवस्था में, अपने आप को विश्राम और आराम दें। जुड़े हुए भाग को ध्यान से समर्थन दें और उसे तनाव में न रखें। बारीक दस्तानों और कसरती या स्लिंग की मदद से समर्थन प्रदान करें।
  3. विश्रामपूर्वक व्यायाम: गठिया रोग में आरामपूर्वक व्यायाम करना उपयोगी हो सकता है। मन्त्रजाप, प्राणायाम और योगासन जैसे शांतिपूर्ण व्यायाम करने से दर्द में राहत मिल सकती है। योग के लिए, शांतिपूर्ण पोषण करते हुए अध्यात्मिक गुरु के मार्गदर्शन में योग आसनों का पालन करें।
  4. गर्मियों का इस्तेमाल करें: गठिया के दर्द में, अस्थायी तरीके से सूजन कम करने के लिए गर्म आवरण का इस्तेमाल करें। गर्म पानी के शॉवर, गर्म टॉवेल, गर्म तेलों से मालिश या गर्म नहाने का प्रयास करें।
  5. दवाएं: यदि आप दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए दवाओं का सेवन करना चाहते हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपको गठिया रोग के लिए सुरक्षित और प्रभावी दवाओं की सलाह देंगे।

यहां दिए गए उपायों को अपनाने से पहले आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए, विशेष रूप से यदि आपकी स्थिति गंभीर है या आपको अन्य उपचारों की आवश्यकता है। आपका चिकित्सक आपको सही मार्गदर्शन देगा और आपकी राहत के लिए उपयुक्त उपायों की सलाह देंगे।


गिलोय से गठिया का इलाज किया जा सकता है ?

  • गिलोय (Tinospora cordifolia) को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है और इसका उपयोग कई रोगों के इलाज में किया जाता है। गिलोय को गठिया के इलाज में उपयोगी माना जाता है, लेकिन इसका प्रभाव प्रतिस्पर्धी हो सकता है और इसलिए इसे उपयोग करने से पहले आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

Giloy के सेवन के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं जो गठिया रोग के इलाज में मददगार हो सकते हैं:

  1. एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव: गिलोय में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, यह दर्द, सूजन और इंफ्लेमेशन को कम कर सकता है जो गठिया रोग के लक्षण हो सकते हैं।
  2. इम्यून सिस्टम को सुधारना: गिलोय एक शक्तिशाली रोग प्रतिरोधक हो सकता है जो आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने में मदद कर सकता है। इसके माध्यम से, आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गठिया रोग के खिलाफ लड़ाई में मदद कर सकती है।
  3. तंत्रिका संतुलन को सुधारना: गिलोय का सेवन तंत्रिका संतुलन को सुधारने में मदद कर सकता है, जो गठिया रोग के कारण होने वाली दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

गिलोय का सेवन करने के लिए, आपको इसे सुरक्षित और आपके चिकित्सक द्वारा सुझाए गए मात्रा और तरीकों के साथ लेना चाहिए। गिलोय को कई रूपों में लिया जा सकता है, जैसे कि स्वरस, पाउडर, कैप्सूल, और अर्क के रूप में। ध्यान दें कि गिलोय के सेवन से पहले आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए और उनके द्वारा सलाहित दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।


गठिया का इलाज (treatment of rheumatoid arthritis in hindi):

गठिया का इलाज कई तरह के हो सकते हैं, और यह इलाज व्यक्ति के लक्षणों, गंभीरता स्तर, और रोग के प्रकार पर निर्भर करेगा। निम्नलिखित तरीकों से गठिया का इलाज किया जा सकता है:

  1. दवाएं: गठिया के इलाज में दवाएं आमतौर पर उपयोगी होती हैं। दवाओं में नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (NSAIDs) शामिल होती हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं। कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं भी प्रदान की जा सकती हैं जब दर्द और संदेहित क्षेत्र में सूजन बहुत है। रेहमेटोलॉजिस्ट या चिकित्सक द्वारा सलाहित दवाओं का सेवन करना चाहिए।
  2. व्यायाम: योग और अन्य व्यायाम तकनीकें गठिया के मामलों में मददगार हो सकती हैं। इन्हें विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में और सही तरीके से करना चाहिए। व्यायाम आपकी जोड़ों को मजबूत और लचीला रखने में मदद कर सकता है और आपके प्रभावित जोड़ों के लिए संचालन और अवलोकन क्षमता को बढ़ा सकता है।गठिया रोग की पहचान
  3. आहार: आहार में परिवर्तन करना भी गठिया के इलाज में मददगार हो सकता है। कुछ आहार तत्व जोड़ों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं, शामिल हैं। इनमें हल्दी, लहसुन, अदरक, अनानास, ग्लूकोसामाइन, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, और विटामिन C शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, आपको अपने चिकित्सक की सलाह पर आहार योजना बनानी चाहिए।
  4. आयुर्वेदिक उपचार: आयुर्वेदिक दवाएं, पांचकर्म चिकित्सा (पंचकर्म उपचार), और आयुर्वेदिक तकनीकों का उपयोग गठिया के इलाज में किया जा सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक आपके लक्षणों और प्रकृति के आधार पर उपचार योजना बनाएंगे।

चिकित्सा प्रक्रियाएं: गठिया के इलाज के लिए कई चिकित्सा प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं, जैसे कि इंजेक्शन थेरेपी, संयम चिकित्सा (एक्यूपंक्चर), इलेक्ट्रोस्टिमुलेशन और सर्जरी। आपके चिकित्सक के मार्गदर्शन में ये प्रक्रियाएं आपके लिए उपयुक्त हो सकती है


 गठिया बाय का दर्द कैसा होता है ?

गठिया (अर्थराइटिस) एक जोड़ों का रोग है जो जोड़ों की संरचना और कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। यह व्यक्ति के आंतरिक पदार्थों के इम्यून सिस्टम की गलत प्रतिक्रिया के कारण हो सकता है। गठिया रोग का मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया: गठिया रोग में आपके शरीर का इम्यून सिस्टम आपके स्वास्थ्यी जोड़ों को अपने ही तंत्र के खिलाफ एक प्रकार की प्रतिक्रिया कर सकता है। इस प्रतिक्रिया में, आपके शरीर के रक्त में अंतिजनों के खिलाफ विशेष प्रोटीन जोड़ों में जमा हो सकते हैं, जिससे इंफ्लेमेशन (सूजन), दर्द और अनुकरण घटना सकती है।
  2. जीनेटिक प्रभाव: गठिया रोग में जीनेटिक कारकों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। आपके परिवार में गठिया के मामले होने की स्थिति में, आपकी गठिया के विकास का जोखिम बढ़ सकता है।
  3. उम्र: उम्र गठिया रोग का एक महत्वपूर्ण कारक है। ज्यादातर लोगों में गठिया रोग बढ़ जाता है जब वे अपने 40 वें और 50 वें वर्षों में होते हैं।
  4. भौतिक गतिविधि: व्यायाम की कमी और अनुचित शारीरिक गतिविधि गठिया रोग के विकास को प्रोत्साहित कर सकती है। लंबे समय तक बैठे रहना, वजन की बढ़ोतरी, अधिक तनाव, और अपयुक्त तरीके से काम करना इस रोग के विकास का कारण बन सकते हैं।
  5. अन्य कारक: अन्य कारक जैसे महिलाओं में अधिक गठिया रोग के खतरे के कारण, निकटतम आदिवासी या अफ्रीकी मूल के होना, विटामिन D की कमी, इंफेक्शन, वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन भी गठिया रोग को प्रभावित कर सकते हैं।

यदि आपको गठिया रोग के लक्षण या संबंधित समस्याएं हो रही हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से मिलना चाहिए। वे आपकी व्यक्तिगत स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और उपचार की सलाह देंगे।


गठिया रोग में क्या खाना चाहिए?

गठिया रोग में एक स्वस्थ और संतुलित आहार महत्वपूर्ण होता है। एक अच्छी आहार योजना गठिया के लक्षणों को कम करने, जोड़ों की सेहत को सुधारने और सामान्य क्रियाशीलता को बढ़ाने में मदद कर सकती है। निम्नलिखित तत्व गठिया रोग में सहायक हो सकते हैं:

  1. दालें: दालों में उच्च प्रोटीन और आपकी जोड़ों के लिए महत्वपूर्ण मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं। मूंग दाल, अरहर दाल, मसूर दाल, मूंगफली, और दालियाँ आपकी आहार में शामिल की जा सकती हैं।
  2. सब्जियाँ: हरे सब्जियाँ, जैसे कि स्पिनेच, गोभी, फलियाँ, तोरी, गाजर, और लौकी, गठिया रोग में लाभकारी हो सकती हैं। इनमें विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर होते हैं जो आपकी जोड़ों के लिए आवश्यक होते हैं।
  3. फल: अदरक, अनार, अंगूर, संतरा, नींबू, खरबूजा, खजूर, और आम जैसे फल गठिया रोग के लिए उपयोगी हो सकते हैं। ये फल विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, और फाइबर से भरपूर होते हैं जो इंफ्लेमेशन को कम कर सकते हैं।
  4. अण्डे: अण्डे उच्च प्रोटीन और विटामिन D का एक अच्छा स्रोत होते हैं जो जोड़ों की सेहत के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
  5. हल्दी: हल्दी में कुरकुमिन नामक प्राकृतिक तत्व होता है जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण गठिया में लाभकारी हो सकता है। आप हल्दी को अपने खाने में शामिल कर सकते हैं, जैसे कि हल्दी वाला दूध और हल्दी का उपयोग मसालों में करके।

इसके अलावा, आपको अपने चिकित्सक द्वारा सलाहित आहार योजना का पालन करना चाहिए। वे आपके रोग के स्तर, आपकी स्वास्थ्य स्थिति और आपके शारीरिक आवश्यकताओं के आधार पर आपको सटीक सलाह देंगे।


क्या गठिया का इलाज संभव है?

जी हाँ, गठिया (अर्थराइटिस) का इलाज संभव है। गठिया के इलाज के लिए विभिन्न उपाय और चिकित्सा प्रक्रियाएं हो सकती हैं जो निम्नलिखित हैं:

  1. दवाएं: दवाओं का सेवन गठिया के लक्षणों को कम करने और जोड़ों की सुधार करने में मदद कर सकता है। नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (NSAIDs), कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं, डीएमआरडीएस (डिसीआई) दवाएं, और बायोलॉजिकल दवाएं गठिया के इलाज में उपयोगी हो सकती हैं। आपके चिकित्सक द्वारा सलाहित दवाओं का सेवन करना चाहिए।
  2. व्यायाम: योग और अन्य व्यायाम तकनीकें जोड़ों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं। ये व्यायाम जोड़ों को मजबूत और लचीला बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और आपके जोड़ों की संचालन और गतिविधि को बढ़ा सकते हैं। योग, स्थिरता व्यायाम, साँपियों का अभ्यास, और अन्य शारीरिक गतिविधियां गठिया के इलाज में मदद कर सकती हैं।
  3. आहार: आहार में परिवर्तन करना गठिया के इलाज में महत्वपूर्ण हो सकता है। शाकाहारी आहार, संतुलित पोषण, और अण्डे, फल, सब्जियां, और अग्निशामक खाद्य पदार्थों का सेवन करना गठिया के लिए उपयोगी हो सकता है। शराब, अधिक मसालेदार और तली हुई चीजें, और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को कम करना चाहिए।
  4. चिकित्सा प्रक्रियाएं: गठिया के इलाज के लिए कई चिकित्सा प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं। ये शामिल हो सकती हैं इंजेक्शन थेरेपी, संयम चिकित्सा (एक्यूपंक्चर), इलेक्ट्रोस्टिमुलेशन, और सर्जरी। आपके चिकित्सक के मार्गदर्शन में ये प्रक्रियाएं आपके लिए उपयुक्त हो सकती हैं।
  5. आयुर्वेदिक उपचार: आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी गठिया के इलाज के लिए विभिन्न प्रयास किए जाते हैं। पांचकर्म चिकित्सा, आयुर्वेदिक दवाएं, प्राकृतिक उपचार, आहार और जीवनशैली के परिवर्तन, और आयुर्वेदिक तकनीकें गठिया के इलाज में मददगार हो सकती हैं।

गठिया रोग कितने प्रकार के होते हैं?

गठिया (अर्थराइटिस) कई प्रकार का हो सकता है, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख प्रकार शामिल हैं:

  1. ओस्टियोआर्थराइटिस: यह सबसे सामान्य प्रकार का गठिया है जो जोड़ों की संरचना और कीटों को प्रभावित करता है। यह उम्रदर लोगों में आमतौर पर देखा जाता है और जोड़ों के दर्द, स्त्राव, सुखावट, और संकुचन जैसे लक्षण प्रदान करता है।
  2. रेमटॉइड आर्थराइटिस: यह एक Rheumatoid Arthritis in Hindi-गठिया रोग के कारण, लक्षण व उपचार के सारे विकल्प है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही जोड़ों को हमला करता है। यह अकस्मात और ज्यादातर मध्यम आयु वाले लोगों को प्रभावित करता है और जोड़ों के दर्द, सूजन, गलत आंतरिक आवाज, थकान, और बार-बार वापसी जैसे लक्षण प्रदान करता है।
  3. गठिया बाय: यह गठिया का एक अद्वितीय प्रकार है जिसमें अंगुलियों, हाथों, पैरों, और अँगों में छोटे गांठों का उदय होता है। इसके लक्षण में दर्द, सूजन, संकुचन, और जोड़ों की स्थिरता होती है।
  4. प्यूरी आर्थराइटिस: यह जोड़ों में इंफेक्शन के कारण होने वाला एक रोग है। इसमें जोड़ों की गहनता, सूजन, लालिमा, और उबासी जैसे लक्षण हो सकते हैं।
  5. गठिया के अन्य प्रकार: अलग-अलग प्रकार के गठिया भी हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैं प्सोरिएटिक आर्थराइटिस, आँखों का गठिया, जुआंट आर्थराइटिस, रेअक्टिव आर्थराइटिस, और गठिया के लक्षणों के साथ आने वाले कई अन्य रोग।

इन प्रकारों के अलावा भी कई और प्रकार के गठिया हो सकते हैं। आपके चिकित्सक द्वारा सटीक डायग्नोसिस और उपचार की सलाह दी जाएगी, जो आपकी स्थिति और लक्षणों के आधार पर आधारित होगी।


गठिया में व्यायाम का क्या महत्व है ? (Role of exercise in Rheumatoid arthritis):

गठिया (अर्थराइटिस) में व्यायाम का महत्व बहुत है। यह एक अवश्यक तत्व है जो गठिया के व्यक्ति को स्वस्थ रखने और रोग के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। निम्नलिखित कारणों से व्यायाम महत्वपूर्ण होता है:

  1. संयम और गतिशीलता: गठिया में व्यायाम जोड़ों को संयमित और गतिशील बनाए रखने में मदद करता है। नियमित व्यायाम से जोड़ों के चमकदार पदार्थों को संरचित रूप से चलाने और सेल्फ-लुब्रिकेट करने में मदद मिलती है। यह जोड़ों की गतिशीलता और क्रियाशीलता को बढ़ाता है।
  2. सूजन और दर्द कम करना: व्यायाम गठिया के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। यह शरीर में शारीरिक गतिविधि को बढ़ाता है, जिससे ग्रेडिएंट समाधान और तंत्रिका शांति को सुधारा जाता है। व्यायाम शारीरिक और मानसिक धारणा को बढ़ाता है जो दर्द को कम करने में मदद करता है।
  3. मांसपेशियों की मजबूती: व्यायाम से मांसपेशियों की मजबूती बढ़ती है जो जोड़ों को समर्पित होती हैं। यह मांसपेशियों को स्थिरता और संगठनशीलता प्रदान करता है, जो जोड़ों के लिए महत्वपूर्ण होता है। मजबूत मांसपेशियाँ गठिया के लक्षणों को कम करने और जोड़ों को समर्पित करने में मदद कर सकती हैं।
  4. वजन कम करना: व्यायाम वजन कम करने में मदद कर सकता है जो गठिया के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। वजन कम करने से जोड़ों पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सकता है, जिससे जोड़ों को आराम मिलता है।
  5. मानसिक स्वास्थ्य:

    व्यायाम गठिया के रोगी के मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है। नियमित व्यायाम स्वास्थ्य, स्वाभाविक अंदोलन, और सामरिकता की भावना को बढ़ाता है जो रोगी के मानसिक रूप से ठीक रहने में मदद करता है।

यदि आपको गठिया है, तो व्यायाम को अपने चिकित्सक से परामर्श के साथ शुरू करना चाहिए। चिकित्सक आपके रोग के स्तर, शारीरिक स्थिति और आवश्यकताओं के आधार पर आपके लिए सही एक्सरसाइज को निर्धारित करेगा


हरसिंगार से गठिया का इलाज:

  • हरसिंगार (हड्डी बनाने वाला वृक्ष या मदार) आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रयोग होता है और गठिया (अर्थराइटिस) के इलाज के लिए उपयोगी हो सकता है। हरसिंगार में पाए जाने वाले तत्वों का मानव शरीर पर विभिन्न प्रभाव हो सकता है, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

हरसिंगार के पत्तों और बीजों में विशेष प्रयोगात्मक गुण होते हैं जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीरेवाइरल गुण। इसके बावजूद, गठिया के इलाज के लिए हरसिंगार का पूर्णतः वैज्ञानिक आधार नहीं है और इसकी प्रभावीता और सुरक्षा पर अधिक अध्ययन की जरूरत है।

  • गठिया के इलाज के लिए अन्य विकल्प भी मौजूद हैं जैसे कि दवाएं, व्यायाम, प्राकृतिक उपचार, आहार और जीवनशैली के परिवर्तन आदि। इन विकल्पों के बारे में अपने चिकित्सक से सलाह लेना बेहतर होगा। वे आपकी स्थिति और उपयोगिता के आधार पर सटीक इलाज की सलाह देंगे।

गठिया के लिए तेल कोनसे सही है ?

  • RA गठिया (अर्थराइटिस) के लिए कई प्रकार के तेल उपयोगी हो सकते हैं। यह तेल आपकी स्थिति, लक्षणों और आवश्यकताओं के आधार पर निर्धारित होगा। निम्नलिखित तेलों में से कुछ गठिया के इलाज में प्रयोग किए जाते हैं:गठिया रोग की पहचान
  1. जैतून का तेल: जैतून के तेल में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसे जोड़ों पर मालिश के रूप में या खाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  2. सरसों का तेल: सरसों के तेल में गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसे गर्म करके जोड़ों पर मालिश किया जा सकता है।
  3. तिल का तेल: तिल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन ई के साथ-साथ अन्य पोषक तत्व होते हैं जो जोड़ों की संगठनशीलता को बढ़ाने और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  4. माहुआ का तेल: माहुआ के तेल में विशेष औषधीय गुण होते हैं जो जोड़ों को शांति प्रदान कर सकते हैं। इसे गर्म करके जोड़ों पर मालिश किया जा सकता है।गठिया रोग की पहचान
  5. नारियल तेल: नारियल तेल में शान्ति और सुखावट प्रदान करने वाले गुण होते हैं जो गठिया के दर्द को कम कर सकते हैं। इसे गर्म करके जोड़ों पर मालिश किया जा सकता है।

यदि आपको गठिया है और तेल का उपयोग करना चाहते हैं, तो इसे अपने चिकित्सक से परामर्श के साथ करें। वे आपकी स्थिति और आवश्यकताओं के आधार पर आपके लिए सही तेल का चयन करेंगे।


गठिया में दही खाना चाहिए या नहीं?

  • गठिया (अर्थराइटिस) में दही का सेवन करने के बारे में कुछ लोगों के विचार में भिन्नता होती है। इसलिए, यह आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं, शारीरिक प्रतिसाद के आधार पर और चिकित्सक की सलाह पर निर्भर करेगा।

दही आमतौर पर प्रोबायोटिक होता है, जिसमें प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होते हैं जो पाचन क्रिया को सुधारने और आंत्र के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, दही एक अच्छी प्रोटीन स्रोत भी है, जो जोड़ों की मांसपेशियों के लिए महत्वपूर्ण होता है।

हालांकि, कुछ लोगों को दही से जुड़े अनुशासन रखने की आवश्यकता होती है। दही में लैक्टिक एसिड हो सकता है, जो कुछ लोगों के लिए जोड़ों के दर्द और सूजन को बढ़ा सकता है। ऐसे मामलों में, आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए कि क्या आपको दही का सेवन करने से बचना चाहिए या नहीं।

इसके अलावा, गठिया के रोगी को अपने आहार में संतुलित और पौष्टिक आहार शामिल करना चाहिए। यह आहार फल, सब्जियां, पूरे अनाज, मुँगफली, नट्स, तिल, और अन्य प्रोटीन स्रोतों को शामिल करता है। अतिरिक्त रूप से, आपको अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार आपकी व्यक्तिगत आहार योजना को तैयार करना चाहिए। वे आपकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए आपको सबसे उपयुक्त सलाह देंगे।


गठिया रोग में क्या नहीं खाना चाहिए ?

  • गठिया (अर्थराइटिस) के रोगी को कुछ आहार वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि वे इस रोग के लक्षणों को बढ़ा सकती हैं या संक्रमण के कारण समस्या प्रबंधन को अधिक कठिन बना सकती हैं। निम्नलिखित आहार वस्तुओं को अपने आहार से दूर रखने की सलाह दी जाती है:
  1. उच्च पुरीन आहार: उच्च पुरीन आहार में मीट, सामग्री, अँडे, दूध उत्पाद, खीरा, टमाटर, मशरूम, मूंगफली, अनार, अदरक, आम, अंजीर, ब्रोकोली, आदि शामिल होते हैं। ये आहार वस्तुएं पुरीन नामक एक पदार्थ बनाती हैं जो गठिया के लक्षणों को बढ़ा सकती हैं।
  2. पक्का तेल और तला हुआ खाना: तला हुआ खाना और उच्च तेल सामग्री वाले आहार में तैलीय खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं जैसे कि फ्राइड फूड, चिप्स, पेस्ट्री, समोसा, पिज़्ज़ा, पूरी, भटूरे आदि। इन आहारों का सेवन करना गठिया के लक्षणों को बढ़ा सकता है और वजन बढ़ा सकता है, जो रोग को और भी अधिक प्रभावित कर सकता है।
  3. शक्कर और मीठा: शक्कर, मिठाई, चॉकलेट, शरबत, सोडा, मिठाईयां और अन्य मिठाई वस्तुएं उच्च शक्कर सामग्री के कारण गठिया के रोगी के लिए अविश्वसनीय हो सकती हैं। इनका सेवन दर्द, सूजन और अन्य गठिया के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
  4. अल्कोहल: अल्कोहल गठिया के लक्षणों को बढ़ा सकता है और संक्रमण के लिए संक्रमक बन सकता है। अल्कोहल की मात्रा को न्यूनतम करें या उसे पूरी तरह से निरोधित करें।

RA/गठिया के रोगी को अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए कि वे किन आहार वस्तुओं को अपने आहार से दूर रखें और एक स्वस्थ और संतुलित आहार योजना को अपनाएं।


गठिया का घरेलू इलाज (home remedies to treat Rheumatoid arthritis):

RA/गठिया (अर्थराइटिस) के घरेलू इलाज में कुछ प्रमुख उपाय शामिल हो सकते हैं जो रोग के लक्षणों को कम करने और जोड़ों की स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। यहां कुछ घरेलू इलाज के उदाहरण दिए गए हैं:

  1. हल्दी और गर्म दूध: हल्दी में मौजूद कर्कटी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, हल्दी को गर्म दूध में मिलाकर पीने से गठिया के दर्द को कम किया जा सकता है।गठिया का घरेलू इलाज
  2. लहसुन: लहसुन में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। रोजाना खाली पेट लहसुन का सेवन करने से लाभ मिल सकता है।
  3. गुग्गुल: गुग्गुल (कमीनी गोंद) गठिया के लक्षणों को कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय के रूप में प्रयोग होता है। इसे गुग्गुल कैप्सूल या पाउडर के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
  4. अदरक: अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसे सेवन करने के लिए अदरक का रस निकालकर गर्म पानी में मिलाएं और पीने से लाभ मिल सकता है।
  5. जोड़ों की मालिश: गठिया के लक्षणों को कम करने के लिए नियमित रूप से जोड़ों की मालिश करने से लाभ मिल सकता है। मलिश से जोड़ों की संबंधित संक्रमण को कम करने और जोड़ों को आराम प्रदान करने में मदद मिल सकती है।

यदि आप गठिया से पीड़ित हैं, तो यह बेहतर होगा कि आप इन घरेलू इलाजों को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें। वे आपकी स्थिति के आधार पर आपको सटीक सलाह देंगे और आपके लिए उचित इलाज योजना तैयार करेंगे।


गठिया में परहेज क्या क्या है?

गठिया, जिसे आमतौर पर रेखा रोग के नाम से भी जाना जाता है, एक जोड़ों की खराबी होने वाली एक प्रकार की आर्थराइटिस है। यह जोड़ों के अस्थि मज्जा की सड़ने और क्षय के कारण होता है, जिससे जोड़ों में दर्द, सूजन और गठिया की आम लक्षणों की समस्या हो सकती है।

gathiya के परहेज कुछ निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. व्यायाम: व्यायाम अद्यतित और अधिकृत ढंग से किया जाना चाहिए। धीरे-धीरे आरंभ करें और जोड़ों के दर्द को ध्यान में रखते हुए व्यायाम करें। आपके डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा सिफारिशित व्यायाम योजना का पालन करें।
  2. आराम: जोड़ों को आराम देने के लिए अवकाश लें। जोड़ों को अधिक तनाव में न लाएं और अतिरिक्त बोझ न उठाएं। आप एक या दो दिन में आराम लेने का निर्णय कर सकते हैं, या जब आपको जोड़ों में अधिक दर्द होता है।
  3. स्थायी साधनों का उपयोग: जब आप जोड़ों को सहारा देने के लिए कैन, वॉकर या अन्य साधनों का उपयोग करते हैं, तो आपके जोड़ों को अधिक संतुलित रखने में मदद मिलती है।
  4. उचित आहार: गठिया में उचित आहार का सेवन करना महत्वपूर्ण है। आपको एक स्वस्थ और संतुलित आहार पर ध्यान देना चाहिए जिसमें हरे सब्जियां, फल, पूरे अनाज, दूध और दूध से बनी वस्तुएं, मछली, संक्रामक तत्वों से बचने के लिए विटामिन सप्लीमेंट शामिल हो सकते हैं।
  5. दवाओं का सेवन: आपके चिकित्सक द्वारा सिफारिशित दवाओं का सेवन करें और उनकी सलाह का पालन करें। इसके अलावा, जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए आपको उष्णीय और सुखाने वाली चिकित्सा उपचारों का भी लाभ ले सकते हैं।

यदि आपको गठिया है, तो बेहतर होगा कि आप एक रेहबिलिटेशन स्पेशलिस्ट या रेखाविद्या विशेषज्ञ की सलाह लें, जो आपको सही उपाय और परहेज के बारे में अधिक जानकारी दे सकेंगे।


निष्कर्ष (गठिया रोग की पहचान)

गठिया या रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की विधि के द्वारा संभव नहीं है यह विधि केवल लक्षणों का उपचार मात्र करने में सक्षम है गठिया को जड़ से खत्म करने के लिए रोग के शुरुआती दौर में आयुर्वेदिक चिकित्सा के द्वारा इसका इलाज पूरी तरह संभव है

  • गठिया के इलाज के दौरान ऊपर लिखे गए खाने पीने के परहेज करना अति आवश्यक है सात्विक आहार का सेवन रोगी के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है

पीड़ित रोगी के शरीर का सर्वप्रथम अंदरूनी शुद्धीकरण किया जाता है इसके लिए अनेक प्रकार के आयुर्वेदिक द्रव्य जैसे एलोवेरा जूस इत्यादि का सहारा लिया जाता है जब रोगी का शरीर अंदर से पूरी तरह शुद्ध हो जाता है उसके बाद ऊपर लिखी गई आयुर्वेदिक दवाइयों में से रोगी की प्रकृति अनुसार दवाइयों का चयन कर रोग की सशमन चिकित्सा की जाती है

  • मैंने इस विधि के द्वारा अपने क्लिनिकल प्रैक्टिस में अनेक प्रकार के गठिया से पीड़ित रोगियों को पूरी तरह इस रोग से मुक्ति दिलाई है

अगर आप किसी भी प्रकार की सलाह मशवरा इस रोग से संबंधित मुझसे करना चाहते हैं तो आप मुझे ई-मेल या व्हाट्सएप पर संपर्क कर सकते हैं

मैंने यहां गठिया रोग से (Rheumatoid Arthritis in Hindi) संबंधित सारी जरूरी जानकारी आपके साथ शेयर कर दी है कृपया इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें तथा इसको आगे शेयर कर इसका लाभ उठाएं तथा जिन रोगियों को मैंने ठीक किया है जो दवा खिलाई है जिस से गठिया का रोग जड़ से दूर हो गया वेह नुस्खा में आपको याहां बताना चाहता हु…

गठिया रोग की पहचान
गठिया रोग का पक्का इलाज़

Disclaimer (गठिया रोग की पहचान)

इस आर्टिकल में दी गई नींद की दवाइयों की जानकारी केवल ज्ञान मात्र के लिए है कृपया नीचे दी गई किसी भी अंग्रेजी दवाई को बिना डॉक्टर की सलाह बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें

  • क्योंकि इन दवाइयों के सेवन से कई प्रकार के शारीरिक तथा मानसिक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं
    बाकी यह दवाइयां सिर्फ डॉक्टर की पर्ची पर ही मिलती है इसलिए डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल की जानी चाहिए

इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद किसी भी दवा का इस्तेमाल अपनी मर्जी से करने से अगर कोई नुकसान होता है तो इसका जिम्मेदार वह व्यक्ति खुद होगा हमारी इसमें कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी

Information Compiled- by Dr Vishal Goyal

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD(AM)

Email ID- [email protected]

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab

कंसल्टेशन फीस – मात्र 50 रुपए WHATSAPP NO +919855262699

TIME: 10 AM TO 6 PM 

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