चक्कर आना- vertigo in hindi

चक्कर आना- vertigo in hindi

सिर चकराना, चक्कर आना, भ्रम, घुमेर (Vertigo, dizziness): कारण-

चक्कर आना- vertigo in hindi: मानसिक श्रम करने वाले इस रोग के अधिक शिकार होते हैं। दिन-रात पढ़ने-लिखने, देर रात तक पढ़ने के लिए जागना, तेज या कम प्रकाश में पढ़ना आदि मुख्य कारण हैं।

  • औषधियाँ के दुष्परिणाम से भी चक्कर आने लगते हैं।
  • मोशन सिकनेस, मम्पस (Mumps), कान के रोग, मध्यकर्ण प्रदाह (swelling in middle ear) आदि से ग्रस्त रोगी को भी चक्कर आते हैं।
  • रक्ताभाव या खून की कमी (Anemia) में भी चक्कर आते हैं।
  • अनिद्रा से भी चक्कर आते हैं।
  • मानसिक श्रम (mental work) के अतिरिक्त अतिशुक्रक्षय, मादक द्रव्यों के सेवन, नशीली औषधियों आदि से भी चक्कर आते हैं।

मस्तिष्क में आवश्यकता से अधिक या कम रक्त से भी चक्कर आते हैं।

  • गठिया तथा वात (Gout) के रोगी को भी यह रोग हो जाता है।
  • मानसिक और शारीरिक कमज़ोरी से भी चक्कर आते हैं।
  • यदि किसी भी कारण से जीवनीशक्ति कमजोर हो जाये तो भी चक्कर आते हैं।
  • लेबिरिन्थ धमनी में ऐंठन, तनाव आदि से भी चक्कर आते हैं।

सर्दी-जुकाम तथ फ्लू में भी चक्कर आते हैं।

  • उच्च तथा निम्न रक्तचाप में भी चक्कर आते हैं।
  • स्त्रियों में रजोदोष, श्वेतप्रदर, मासिकधर्म के समय तनाव तथा रजोनिवृतिकाल (menopause) में भी सिर चकराता है।

हृदय एवं यकृत रोग में भी चक्कर आते हैं।


चक्करों के प्रमुख लक्षण (चक्कर आना- vertigo in hindi)

  • सिर चकराता है। रोगी ऐसा अनुभव करता है कि सभी दृश्य वस्तुयें चारों ओर घूम रही हैं।

रोगी ठीक से खड़ा नहीं हो पाता और लड़खड़ा कर गिर जाता है। सहारे के लिये कुछ पकड़ना चाहता है।

  • आँखों के सामने अन्धेरा छा जाता है। शरीर ढीला-ढाला हो जाता है। चेहरे की काँति समाप्त हो जाती है।

सिर में भारीपन, पेट में अपचन, मन्दाग्नि, अजीर्ण आदि कष्ट हो जाते हैं।

  • श्रवण शक्ति (hearing power) दिनानुदिन क्षीण हो जाती है।

कानों में अनेक प्रकार की आवाजे आती हैं।

यदि समय पर चिकित्सा न की जाये तो रोगी बहरा भी हो सकता है। सिरदर्द कुछ सेकेण्ड से लेकर कई घण्टों तक हो सकता है।


सहायक चिकित्सा- vertigo treatment in hindi

चक्कर आने के मूल कारणों का पता लगायें ताकि मूल रोग की चिकित्सा की जाये। उपसर्ग रूप में प्रकट हुए चक्कर स्वतः समाप्त हो जाते हैं।

यदि मूल रोग की चिकित्सा किये बिना भी चक्कर आने की चिकित्सा की जाये तो अस्थायी (temporary) लाभ होता है। स्थायी लाभ नहीं होता है। यदि इस सूत्र को भुला दिया जाये तो चिकित्सक की सफलता और रोगी को स्वास्थ्य की प्राप्ति देर से होगी।

यदि पेट की गड़बड़ी के कारण चक्कर आयें तो पाचन को स्वस्थ करने वाली औषधियों का सेवन करायें एवं शक्तिवर्धक औषधियाँ दें क्योंकि उदर रोग से ग्रस्त रोगी प्रायः कमजोर हो जाता है। यदि कब्ज हो तो उसे दूर करें। पाचनसंस्थान एवं स्नायुतंत्र के स्वस्थ रहने पर चक्कर नहीं आते हैं।

रोगी को यथासम्भव पौष्टिक, सुपाच्य एवं शक्तिवर्धक भोजन दें। चिकनाईयुक्त आहार या खट्टे, चटपटे, मसालेदार, तनावरहित, चिंतारहित जीवन व्यतीत करने की सलाह दे

  • मानसिक परिश्रम से यथासम्भव बचायें। शारीरिक श्रम करना अधिक उचित नहीं है।
  • रोगी – अपने दिनचर्या को नियमित बनाये। चाय, बीड़ी, सिगरेट, पान, तम्बाकू, शराब, भाँग, चरस या किसी भी प्रकार का नशा न करेंतैरना, साइकिल चलाना, मोटरसाइकिल या कार आदि चलाने से भी मना करें।

नियमित रूप से प्रातः नंगे पाँव हरी घास पर टहलना लाभदायक है।


चिकित्सा सूत्र

यदि मध्यकर्ण शोथ (swelling in middle ear) के कारण चक्कर आयें तो उसकी चिकित्सा करें।

  • यदि गोनोरिया (सुज़ाक) या सिफलिस (उपदंश) के कारण यह रोग हो तो एण्टीबायोटिक औषधियों का प्रयोग करें।

सिर की मालिश-(1) शीतल तेल, (2) गाय का घी, (3) दही, (4) छाछ, (5) घी कुंवार का गूदा, (6) लौकी का गूदा, (7) पीपरमिण्ट एवं कपूर मिला गोघृत, (8) बादाम का तेल आदि सिर की मालिश के लिये उत्तम है।

  • रक्ताल्पता होने पर रक्तवर्धक औषधियाँ दें

यदि किसी औषधि के कुप्रभाव से चक्कर आ रहे हों तो विटामिन ‘बी-कॉम्पलेक्स’ देना चाहिए 

यदि शरीर में किसी प्रकार का संक्रमण न हो, केवल चक्कर दूर करने के लिये एण्टीबायोटिक्स का प्रयोग करना उचित नहीं है क्योंकि चक्कर आने का कारण किसी प्रकार का बैक्टेरिया नहीं है।


चक्कर दूर करने की औषधियाँ (चक्कर आना- vertigo in hindi)

बेटाहिस्ट फोर्ट Beta-hist Forte- (जेनो कंपनी)

  • यह 8 और 16 मि.ग्रा. बेटाहीस्टाईन (Betahistine) की टिकियाँ आती है।

वयस्कों (adults) को 8-16 मि.ग्रा. प्रतिदिन 3 बार दें।

नोट- गर्भावस्था, स्तनपान, ब्राँकियल दमा (asthma) एवं पेप्टिक अल्सर में मत दें

इसके जैसी अन्य औषधियाँ निम्न हैं…

  • बेटावर्ट Betavert (सन फार्मा)
  • वर्टिन Vertin (डुफार इन्टर)
  • वर्टिस्टार Vertistar (मैनकाइण्ड)

सिन्नारिजिन (Cinnarizine) साल्ट वाली चक्कर दूर करने की औषधियाँ

सीनी Cini टेबलेट (इण्ड स्वीफ्ट)-

  • यह 25 मि.ग्रा. की टिकियाँ उपलब्ध हैं।
  • वयस्कों को 25 से 50 मि.ग्रा. प्रतिदिन 3 बार दे सकते है।

बच्चों को वयस्क की आधी मात्रा प्रतिदिन 3 बार दें। निम्नरक्तचाप, गर्भावस्था, छोटे बच्चों एव बद्धों को मत दें

इसके समकक्ष निम्न औषधिया है…

  • सिन्टीगो Cintigo (वैलेस)
  • सिनवर्ट Cinvert (बारोदा)
  • सिनज़ान Cinzan (एफ.डी.सी.)

सिन्नरिज़िन के कुछ मिश्रित और अधिक प्रभावी योग

  • डोमस्टाल सी ज़ेड Domstal-CZ (torrent) टेबलेट
  • स्टेडीडोम Stedidom (मोरपेन) tablet
  • वर्टिडॉम Vertidom (जेनो) टेबलेट

डाइमेन हाइड्रीनेट (Dimen-Hydrinate) वाली चक्कर भगाने की औषधियाँ

ड्रामामाईन Dramamine (आर.पी.जी.)

इसकी टिकियाँ, लिक्विड एवं इंजेक्शन आता है। 50 मि.ग्रा. की टिकिया और इंजेक्शन प्रति मि.ली. 50 मि.ग्रा. का आता है।

  • वयस्क को 50 से 100 मि.ग्राम. प्रतिदिन 3 से 4 बार दे सकते है 
  • 12 वर्ष से अधिक को 50 मि.ग्रा
  • 6-12 वर्ष तक को 25-50 मि.ग्रा
  • 1-6 वर्ष तक को 12.5 से 25 मि.ग्रा

सबको प्रतिदिन 2-3 मात्रायें में बाँटकर दें

  • इंजेक्शन वयस्कों को 50-100 मि.ग्रा. प्रत्येक 4-6 घण्टे बाद लगायें। इंजेक्शन को 10 मि.ली. नॉर्मल सेलाइन में मिलाकर शिरामार्ग से (I.V.) धीरे-धीरे 2 मिनट से अधिक का समय लेकर प्रविष्ट करें।

वयस्क को माँसान्तर्गत 50 से 100 मि.ग्रा. का इंजेक्शन 4-6 घण्टे बाद लगायें।

बच्चों को 1.25 मि. ग्रा. प्रतिकिलो शरीर भार की दर से माँसान्तर्गत प्रत्येक 6 घण्टे बाद लगा सकते है। रोगी की मानसिक स्थिति पर निगरानी रखें, गर्भावस्था एवं मद्यपान करने वालों को मत दें।

इसके समकक्ष ग्रेवोल (Graval) वैलेस कंपनी की आती है             


डोमपैरीडोन (Domperidone) की चक्कर भगाने वाली औषधियाँ

कॉसडोम Cosdome- (कॉसमे एच.सी.) यह 5 और 10 मि.ग्रा. की डी टी टिकियाँ आती हैं।

वयस्कों को 10 से 20 मि.ग्रा. प्रत्येक 4-8 घण्टे बाद भोजन से आधा घण्टा पहले दें। इसकी अन्तिम मात्रा सोने से पहले दें।

छोटे बच्चों को 0.2 से 0.4 मि.ग्रा. प्रतिकिलो शरीर भार की दर से 2-12 वर्ष तक के बच्चों को 4 मि.ग्रा. प्रति कि.ग्रा. शारीरिक भार की दर से दें। सबको 3-4 मात्राओं में बाँटकर दें।

  • बच्चों एवं वृद्धों में यकृत या वृक्क सम्बन्धी कष्ट तथा हृदय के रोगी एवं गर्भावस्था में मत दें।

इसके सदृश कुछ निम्न औषधियाँ हैं…

  • डॉम-डी टी Dem-DT (मोरपेन)
  • डोमैक्ट डी टी Domact-DT (इन्ट्रालैब)
  • वोमिस्टॉप Vomistop (सिपला)

डोमपेरिडोन मिश्रित कुछ अन्य योग

  • एज्टेक डी Aztec-D टेबलेट (इण्ड स्वीफ्ट)
  • डोम-एम.पी.एस Dom-MPS (मोरपेन)
  • डोमपैन Dompan टेबलेट (मेडले)

प्रोक्लोर-पेराज़िन (Prochlor-Perazine) की चक्कर भगाने की औषधियाँ

टेबलेट स्टेमेटिल Stemetil (निकोलस-पीरामल)-

इसकी टिकियाँ और इंजेक्शन उपलब्ध हैं। चक्कर दूर करने की सफल औषधि है।

  • वयस्कों को 5 से 10 मि.ग्रा. प्रतिदिन 2-3 बार दें। वृद्धों को कम मात्रा में दें। इसका वयस्कों को 12. 5 मि.ग्रा. के एम्पूल का गहरे माँस में लगाने के लिए इंजेक्शन भी उपलब्ध है। 

इसके सदृश अन्य निम्न औषधियाँ हैं…

  • इमेक्स Emex टेबलेट (बेनेट)
  • एमीडॉक्सीन Emidoxin (श्रेया)
  • सेटिल Setil (इण्ड स्वीफ्ट) चक्कर आने की औषधियाँ उत्तमोत्तम हैं।

यदि रोगी स्वस्थ हो, मात्र चक्कर आना ही रोग प्रदर्शित हो रहा हो तो इनमें से किसी एक का प्रयोग करें।

नोट-यदि रोगी को चक्कर आने के साथ-2 रक्तहीनता तथा दुर्बलता आदि भी हो तो तदानुसार रक्तवर्धक एवं विटामिनयुक्त औषधियाँ दें।


चक्कर भगाने के आयुर्वेदिक योग (चक्कर आना- vertigo in hindi)

1. कामदुधा रस (मौक्रिक युक्त) 250 मि.ग्रा.. आँवले के मुरब्बे के साथ सुबह-शाम लेने से चक्कर आने ठीक हो जाते हैं।

चक्कर आना- vertigo in hindi

2. सूत शेखर रस (स्वर्णसहित)- 1-1 गोली सुबह-शाम शक्कर या शहद के साथ लेने से चक्कर एवं पित्तजनित दोष दूर हो जाते हैं।

चक्कर आना- vertigo in hindi

3. त्रिफलारिष्ट 15 से 30 मि.ली. बराबर जल मिलाकर भोजन के बाद दिन में 2 बार लेने से सिर चकराना ठीक हो जाता है।

4. अश्वगंधादि घृत 3 से 6 ग्राम मिश्री के साथ चाटकर ऊपर से गोदूध लेने से सिर चकराना दूर हो जाता है।

5. द्राक्षारिष्ट 5 मि.ली. समभाग जल मिलाकर प्रतिदिन दो बार लें। आशातीत लाभ होता है 

6. गर्मी के कारण चक्कर आते हों तो सौंफ पीसकर मिश्री के शर्बत में घोलकर पी लें।

7. यदि ललाट पर ताजी कच्ची हल्दी का पीसकर लेप किया जाये तो चक्कर आने में लाभ होता है।

8. प्याज के रस का नस्य लेने से चक्कर आने में लाभ होता है।

9. छोटी इलायची (छिलकेसहित) का क्वाथ गुड़ मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से सिर चकराना ठीक हो जाता है।

10. चीनी के शर्बत में तुलसी के 10-15 पत्ते घोंटकर पीने से आशातीत लाभ होता है।


सिर चकराने की होमियोपैथिक औषधियाँ (चक्कर आना- vertigo in hindi)

1.जेलसिमियम (Gelsimium)3x,30- यदि चक्कर आने के कारण रोगी पीछे की ओर गिर जाये और सुस्ती छायी हो तो इसे दें।

2.कोनियम मेकुलेटम (Conium Maculatum) 3 x,30- सोने के समय एवं वृद्धावस्था चक्कर आने में अपेक्षाकृत अधिक उपयोगी है।

3.यना (China) 2x, 3-यदि बहरापन के साथ चक्कर भी आयें तो इसे दें।

4.लेकेसिस (Lachesis) 200, IM- यदि नींद खुलने के तुरन्त बाद या कुछ देर बाद पर आयें तो इसे दें।

5.कौफियाक (Coffea C.)30- यदि अनिद्रा के साथ चक्कर आयें तो इसे दें।

6.थेरिडियॉन (Theridion) 30- यदि कै एव मितली के कारण चक्कर आयें तो इसका सेवन करें।

7.एम्ब्रा ग्रीसिया (Ambra G.)3, 6– आँखें बन्द करने और चलने के समय चक्कर आने में उपयोगी।

8.रूटा (Ruta G.)3, 6- आँखों से नज़र का काम करने से उत्पन्न सिरदर्द के साथ चक्कर आने में उपयोगी।

9.एसिड फॉस (Acid Phos.) 6, 30- स्नायुविक दुर्बलता के कारण चक्कर आने में उपयोगी।

10.कॉकुलस इण्डि. (Coculus Indian) 30,200- जहाज या किसी सवारी पर यात्रा करत समय चक्कर आयें तो इसे दें।


बायोकैमिक चिकित्सा

  • कैल्केरिया फॉस. (Cal. Phos.) 12x
  • नेट्रम म्यूर. (Nat. Mur.) 30x
  • काला फास. (Kali Phos.) 30 सभी को समभाग मिश्रित कर लें।

4-6 टेबलेट प्रतिदिन 3-4 बार देने से बहुत लाभ होता है


निष्कर्ष (चक्कर आना- vertigo in hindi)

असलियत में कभी कभार सिर घूमना या चक्कर आना कोई खास बात नहीं है परंतु अगर यह स्थिति लगातार बनी रहे तो ऐसी अवस्था में चक्कर आने के मूल कारण को समझना अति आवश्यक है

ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी व्यक्ति को चक्कर आने का कारण उसका ब्लड प्रेशर बढ़ना या कम होना भी हो सकता है हो सकता है किसी को सर्वाइकल की समस्या हो 

इसके अलावा खून की कमी, शारीरिक कमजोरी, अत्यधिक मानसिक तनाव, कानों की कोई बीमारी इत्यादि के कारण भी चक्कर आने की समस्या उत्पन्न हो सकती है

  • चक्कर आने के मूल कारण को दूर करने से ही समस्या का सही समाधान होगा अन्यथा नहीं

इसलिए ऐसी स्थिति में किसी भी व्यक्ति को आपने डॉक्टर से मशवरा कर इस बीमारी के मूल कारण का पता लगवा कर उसका इलाज करवाना अति आवश्यक है

अस्थाई रूप से चक्कर आने की समस्या को नियंत्रित करने के लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में कई प्रकार की दवाइयां है जिनका विवरण ऊपर दिया गया है

  • पर इन दवाइयों का इस्तेमाल चक्कर आने की समस्या के मूल कारण को दूर नहीं करता यह तो मात्र लाक्षणिक चिकित्सा है

बाकी किसी भी दवा का इस्तेमाल बिना डॉक्टरी सलाह के करना सही नहीं है ऐसी स्थिति में लाभ की जगह हानि होने का खतरा हमेशा बना रहता है


अस्वीकरण (चक्कर आना- vertigo in hindi)

इस आर्टिकल में बताई गई बातें, उपचार के तरीके व खुराक की जो भी सलाह दी जाती है वह सब हेल्थ स्पेशलिस्टस के अनुभव पर आधारित होती है 

किसी भी मशवरे को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर कर ले, सेहत से जुड़े हुए आर्टिकल्स आपको अपने आप अपनी मर्जी से दवाइयां लेने की सलाह नहीं देते


Information Compiled- by Dr Vishal Goyal

चक्कर आना- vertigo in hindi

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD(AM)

Email ID- [email protected]

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab


सन्दर्भ :

https://www.nhs.uk/medicines/betahistine/ betahistine role in vertigo

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4875047/cinnarizine and dimenhydrinate role in vertigo

https://www.1mg.com/generics/prochlorperazine-210560prochlorperazine role in vertigo

https://www.askdrshah.com/blog/6-homeopathic-medicines-for-vertigo-treatment-cure-by-dr-shah/- homeopathy’s role in vertigo


 

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