कमजोरी क्या व क्यों होती है- जाने कारण लक्षण व इलाज़ के सारे विकल्प...

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शारीरिक कमजोरी आखिर क्या है?

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किसी भी कार्य को करने के लिए शरीर के अंदर पर्याप्त ऊर्जा का ना होना शारीरिक कमजोरी हो सकती है ऐसी स्थिति में व्यक्ति हमेशा थका थका महसूस करता है तथा किसी भी कार्य को सही तरीके से करने में असमर्थ हो जाता है

कई बार इस कमजोरी के कारण व्यक्ति को खड़े होने पर या बैठे रहने पर भी चक्कर आने लगते हैं यह कमजोरी पूरे शरीर में या किसी विशेष अंग में महसूस हो सकती है


शारीरिक कमजोरी के कारण…

शरीर में कमजोरी आने के अनेकों कारण हैं जिनमें से प्रमुख रूप से निम्नलिखित कारण जिम्मेदार है जैसे कि…

१. मानसिक परेशानी, चिंता या डिप्रेशन…

किसी भी व्यक्ति में शारीरिक कमजोरी का मुख्य कारण उसकी मानसिक स्थिति जैसे ज्यादा मानसिक तनाव या डिप्रेशन हो सकता है फिर चाहे उसका शारीरिक स्वास्थ्य बहुत ही बढ़िया क्यों ना हो

मानसिक तनाव के कारण अनेकों प्रकार के कमजोरी के लक्षण जैसे…

  • शरीर में ऊर्जा की कमी होना

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    डिप्रेशन

  • टांगों में दर्द रहना
  • चक्कर आना या
  • किसी भी कार्य में मन ना लगना इत्यादि लक्षण शरीर में पैदा हो जाते हैं

इसलिए शारीरिक कमजोरी का इलाज करते समय व्यक्ति की मानसिक स्थिति का आंकलन जरूर करना चाहिए

ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति ही ठीक नहीं है तो आप उसे चाहे किसी भी प्रकार की बढ़िया से बढ़िया ताकत की दवाई दे दो उससे कोई भी लाभ नहीं होगा जब तक कि उस व्यक्ति की मानसिक स्थिति ही ठीक नहीं होगी


२. पोषक तत्वों की कमी…

शारीरिक कमजोरी का मुख्य कारण शरीर में अनेकों प्रकार के पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम, आयरन तथा अन्य प्रकार के खनिज तत्वों की कमी के कारण हो सकती है

इसका प्रमुख कारण संतुलित आहार का सेवन ना करना है उदाहरण के लिए कैल्शियम तथा विटामिन डी के कमी के कारण मनुष्य की हड्डियां कमजोर पड़ जाती है जिससे उस व्यक्ति में हड्डियों की कमजोरी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं 

ठीक इसी प्रकार आयरन की कमी के कारण खून की कमी जिसे एनीमिया कहते हैं की स्थिति शरीर में उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण कोई भी शारीरिक कार्य करते समय व्यक्ति की सांस फूलने लगती है तथा चक्कर आने लगते हैं


३. अनेकों प्रकार की बीमारियों के कारण…

शरीर में होने वाली किसी भी प्रकार की बीमारी कमजोरी का मुख्य कारण बन सकती है 

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डेंगू बुखार

उदाहरण के लिए वायरल संक्रमण के कारण अगर किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस बी, सी या डेंगू का रोग हो गया है तो उसके कारण उस व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य गिर जाता है तथा उसमें कमजोरी के लक्षण आने लगते हैं

ठीक इसी प्रकार अन्य रोग जैसे बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाले टाइफाइड या क्षय रोग (TB)तथा कई प्रकार की ऑटोइम्यून बीमारियां जैसे गठिया वा, SLE या मेटाबोलिक विकार जैसे शुगर रोग इत्यादि में शरीर बहुत कमजोर पड़ जाता है

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४. बढ़ती उम्र के कारण…

जैसे जैसे किसी भी व्यक्ति की उम्र बढ़ती है वैसे वैसे शरीर की हड्डियां, मांसपेशियां तथा प्रत्येक अंग कमजोर पड़ने लगते हैं ऐसी स्थिति में मनुष्य के दिमाग का अन्य अंगों के साथ तालमेल बनाए रखने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है

५. शारीरिक गतिविधि की कमी…

कई व्यक्तियों में शारीरिक गतिविधि या व्यायाम आदि की कमी होने के कारण धीरे-धीरे उनकी मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती है जिस कारण शारीरिक कमजोरी महसूस होने लगती है


शारीरिक कमजोरी के प्रकार…

प्रमुख रूप से दो प्रकार की शारीरिक कमजोरी हो सकती है…

१. न्यूरोमस्कुलर…

किसी भी रोग या किसी भी प्रकार की रीड की हड्डी में आई हुई चोट के कारण तंत्रिका तंत्र में आई हुई क्षति के कारण दिमाग का मांस पेशियों के साथ संतुलन बिगड़ जाता है जिस कारण अत्यधिक शारीरिक कमजोरी आ जाती है उदाहरण के लिए अल्जाइमर, Myasthenia gravis इत्यादि रोगों में 

२. नान-न्यूरोमस्कुलर…

ऐसी स्थिति में तंत्रिका तंत्र बिल्कुल ठीक होता है तथा इसका कारण अनेक प्रकार की शारीरिक स्थितियां जैसे पोषक तत्वों की कमी या कोई शारीरिक संक्रमण इत्यादि हो सकता है


शारीरिक कमजोरी के लक्षण…

अगर कमजोरी किसी भी विशेष अंग में है तो उसके कारण निम्नलिखित लक्षण उस स्थान पर हो सकते हैं जैसे कि…

  • प्रभावित अंग में झटके महसूस होना
  • कंपन होना
  • प्रभावित अंग की मांसपेशियों में दर्द होना
  • उस स्थान की मांसपेशियों में ऐंठन होना

अगर कमजोरी अंग विशेष ना होकर शारीरिक है तो ऐसी स्थिति में निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं जैसे कि…

  • थकावट बने रहना

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    बुखार जैसे लक्षण महसूस होना

  • चक्कर आना
  • टांगों में दर्द का एहसास होना
  • थोड़ा सा चलने पर सांस फूलना
  • शरीर में उलझन सी महसूस होना
  • ज्यादा बातचीत करने में कठिनाई होना
  • कोई भी शारीरिक गतिविधि करने में असमर्थ होना
  • थोड़ा कार्य करने पर दिल की धड़कन बढ़ जाना
  • मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना
  • शरीर का हमेशा उर्जा हीन बने रहना
  • मानसिक स्थिति ठीक ना रहना
  • कई कई बार बुखार जैसे लक्षण महसूस होना
  • दिल की धड़कन अनियमित होना इत्यादि

शारीरिक कमजोरी से बचने के उपाय…

  • ज्यादा शराब तथा कैफ़ीन वाले पेय पदार्थों को पीने से बचें

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    सही आहार करे कमज़ोरी दूर

  • अत्यधिक व्यायाम ना करें
  • डाइटिंग करने से बचें
  • रात को पर्याप्त मात्रा में नींद ले
  • कैल्शियम प्रोटीन तथा संपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें
  • पर्याप्त मात्रा में दूध का सेवन करें
  • धूम्रपान करने से बचें
  • हफ्ते में कम से कम 2 घंटे 30 मिनट के लिए मध्यम तीव्र व्यायाम करें
  • रोजाना योग तथा प्राणायाम करें
  • अपने रोजाना के कार्यों को करने के लिए एक सही नियम बनाएं
  • थोड़ी देर धूप में जरूर जाएं इससे शरीर में विटामिन डी बनता है
  • मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए योग व ध्यान जरूर करें

जरूरत से ज्यादा शारीरिक कमजोरी महसूस होने पर अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें

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शारीरिक कमजोरी का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट करवाने चाहिए?

  • CBC 
  • विटामिन B12, फोलेट तथा फेरिटिन के स्तर की जांच

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    शुगर की जांच

  • कंप्लीट आयरन प्रोफाइल
  • थायराइड प्रोफाइल टेस्ट
  • शरीर के अभ्यंतर सूजन को चेक करने के लिए ईएसआर तथा सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट
  • विटामिन डी के स्तर की जांच
  • किडनी फंक्शन टेस्ट
  • लिवर फंक्शन टेस्ट
  • एंटीबॉडीज टेस्ट- कुछ खास प्रकार की ऑटोइम्यून बीमारियों का पता लगाने के लिए
  • शुगर की जांच
  • सिरम इलेक्ट्रोलाइट्स इत्यादि- रक्त में सोडियम तथा पोटेशियम की जांच के लिए

इन टेस्टों के अतिरिक्त कुछ अन्य प्रकार के अन्य परीक्षण भी किए जा सकते हैं जैसे कि…

  • एचआईवी की जांच करना
  • ईसीजी तथा इकोकार्डियोग्राफी के द्वारा हृदय रोगों का पता लगाना
  • ट्यूबरकुलीन टेस्ट
  • छाती का एक्सरे- टीबी रोग का पता लगाने के लिए
  • यूरिन टॉक्सिकोलॉजी- किसी भी प्रकार की नशे की लत का पता लगाने के लिए

उपरोक्त रक्त तथा अन्य प्रकार के टेस्टों की सहायता से शारीरिक कमजोरी के कारण का सही से निदान कर उसका इलाज किया जा सकता है


शारीरिक कमजोरी दूर करने की सबसे कारगर दवाइयां…

वैसे तो शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए उसके कारण का सही से पता होना जरूरी है परंतु आयुर्वेद तथा होम्योपैथी जैसी अन्य चिकित्सा पद्धतियों में कुछ एक ऐसी प्रभावशाली दवाइयां हैं जिनका सेवन करने से किसी भी कारण से आई हुई शारीरिक कमजोरी में बहुत लाभ देखने को मिलता है

इन दवाइयों का सेवन कोई भी व्यक्ति अपने चिकित्सक की देखरेख में कर सकता है इन दवाइयों के नाम इस प्रकार हैं

1. Ashwagandha Q mother tincture… कमजोरी क्या व क्यों होती है- जाने कारण लक्षण व इलाज़ के सारे विकल्प...

अश्वगंधा का प्रयोग हजारों वर्षों से आयुर्वेद तथा अन्य चिकित्सा पद्धतियों में शारीरिक कमजोरी के साथ साथ मानसिक तथा सेक्सुअल कमजोरी को दूर करने के लिए सफलतापूर्वक किया जा रहा है आयुर्वेद में अश्वगंधा पाउडर तथा कैप्सूल्स आसानी से ऑनलाइन या बाजार से खरीद कर इस्तेमाल किए जा सकते हैं

अश्वगंधा में सेपोनिन, लैकटोन स्टेरॉयड तथा कई प्रकार के अल्केलॉयड्स जैसे तत्व पाए जाते हैं जोकि मानसिक तनाव तथा शारीरिक कमजोरी को दूर करने में काफी कारगर हैं 

इसके साथ साथ नित्य प्रतिदिन अश्वगंधा का सेवन करने से मन शांत रहता है तथा किसी भी कार्य को करने में कंसंट्रेशन बढ़ती है

कमजोरी के साथ साथ अश्वगंधा का सेवन बाइपोलर डिसऑर्डर, ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर में भी काफी लाभप्रद है

अश्वगंधा का पाउडर 3 से 5 ग्राम की मात्रा में गर्म दूध के साथ दिन में दो बार सेवन करने से किसी भी प्रकार की शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है ऐसा कई प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान में भी पाया गया है

होम्योपैथी में अश्वगंधा Q मदर टिंक्चर के नाम से दवाई बाजार में उपलब्ध है जिसकी 15 से 20 बूंद सुबह तथा  शाम को एक चौथाई गिलास पानी में डालकर लेने से सभी प्रकार की कमजोरी मे बहुत ही लाभ मिलता है

इन सबके अतिरिक्त अश्वगंधा का एक्सट्रैक्ट कैप्सूल फॉर्म में उपलब्ध है जिसका सेवन 300 से 500 मिलीग्राम की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ किया जा सकता है

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2. Carbo Vegetabilis 200 CH…कमजोरी क्या व क्यों होती है- जाने कारण लक्षण व इलाज़ के सारे विकल्प...

शारीरिक तथा मानसिक कमजोरी को दूर करने के लिए यह होम्योपैथिक दवाई बहुत ही कारगर है 

अगर किसी व्यक्ति की उम्र 40 साल से कम है तो वह इसकी 200 पोटेंसी का इस्तेमाल कर सकता है तथा अगर किसी की उम्र 40 साल से ऊपर है तो उसको इस दवा की 1 M पोटेंसी का इस्तेमाल करना चाहिए

कार्बो वेज का इस्तेमाल किसी भी बीमारी के कारण आई हुई शारीरिक कमजोरी, कमजोरी के कारण चक्कर आना या सांस की बीमारी जैसे अस्थमा इत्यादि के कारण खून में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण आई हुई कमजोरी को दूर करने के लिए सफलतापूर्वक किया जाता है

  • इसकी मात्रा 40 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों के लिए कार्बो वेज 200 पोटेंसी की दो बूंद सुबह तथा दो बूंद शाम को सीधा जीभ पर डालकर 15 दिन से लेकर 1 महीने तक लगातार लेनी चाहिए
  • 40 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को कार्बो वेज 1 M पोटेंसी की दो बूंद सुबह के वक्त दिन में एक बार सीधा जीभ पर डालकर 1 से 2 महीने लगातार इसका सेवन करना चाहिए

अगर किसी व्यक्ति की उम्र 60 वर्ष से ऊपर है तो उसको कार्बो वेज के साथ-साथ जेलसीमियम 1 M पोटेंसी की दवा की दो बूंद शाम को जीभ पर डालकर इस्तेमाल करने से शारीरिक कमजोरी में बहुत अधिक लाभ मिलता है


3. Ginseng… 

विटामिंस तथा अनेक प्रकार के खनिज तत्वों से भरपूर जिनसिंग शारीरिक, मानसिक तथा सेक्सुअल कमजोरी को दूर करने की बहुत ही कारगर दवाई है इसका इस्तेमाल करने से कुछ ही दिनों में परिणाम दिखाई देने लगते हैं 

इसका इस्तेमाल आयुर्वेद तथा होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में हजारों वर्षों से सफलतापूर्वक किया जा रहा है

होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में जिनसिंग मदर टिंक्चर का इस्तेमाल शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए किया जाता है

  • अगर किसी व्यक्ति की उम्र 15 से 40 वर्ष के बीच है तो उसको इस दवा की 10 बूंदे सुबह शाम एक चौथाई गिलास पानी में डालकर लगातार 3 से 6 महीने इस्तेमाल करनी चाहिए
  • अगर उम्र 40 वर्ष से ऊपर है तो इसकी 20 से 25 बूंदे एक चौथाई गिलास पानी में डालकर 3 से 6 महीने के लिए इस्तेमाल करनी चाहिए

इस दवा का कोई भी दुष्परिणाम नहीं है लाभ अवश्य ही होगा


आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में शारीरिक कमजोरी का इलाज…

आधुनिक एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में शारीरिक या मानसिक कमजोरी के कारण का सही से निदान कर उसका इलाज किया जाता है जैसे उदाहरण के लिए…

  • अगर किसी भी बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के कारण शरीर में कमजोरी आ गई है तो एंटीबायोटिक दवाइयों की मदद से उस संक्रमण का इलाज करने के बाद शारीरिक कमजोरी में काफी सुधार हो जाता है
  • अगर किसी भी पोषक तत्वों की कमी के कारण जैसे विटामिन डी तथा कैल्शियम की कमी से आजकल लगभग हर वर्ग के लोगों को हड्डियों से संबंधित कमजोरी हो रही है तो ऐसी स्थिति में कैल्शियम तथा विटामिन डी सप्लीमेंट्स की मदद से इसका इलाज संभव है

ठीक इसी प्रकार अगर किसी व्यक्ति को मानसिक तनाव, चिंता या डिप्रेशन इत्यादि के कारण शारीरिक तथा मानसिक कमजोरी है तो ऐसी स्थिति में मनोचिकित्सक की मदद से एंटीडिप्रेसेंट दवाइयों का इस्तेमाल कर इसका इलाज किया जाता है

  • आयरन, विटामिन B12 तथा फोलिक एसिड की कमी के कारण शरीर में आई हुई कमजोरी को आयरन सप्लीमेंट्स की मदद से ठीक किया जाता है

बहुत ज्यादा मेहनत वाला कार्य करने से आई हुई शारीरिक कमजोरी को अपनी जीवन शैली में परिवर्तन कर तथा योग व प्राणायाम की मदद से ठीक किया जा सकता है

शारीरिक कमजोरी का इलाज समय रहते करना या करवाना बहुत जरूरी है नहीं तो इसके कारण मांसपेशियों में क्षति, तंत्रिका तंत्र का कमजोर पड़ना, याददाशत कमजोर होना तथा अनेकों प्रकार की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है


शारीरिक मानसिक तथा सेक्सुअल कमजोरी दूर करने के लिए कुछ ब्रांडेड प्रकृतिक दवाइयां…

 

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अस्वीकरण(disclaimer)… 

  • इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।
  • उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।

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  • “कमजोरी क्या व क्यों होती है- जाने कारण लक्षण व इलाज़ के सारे विकल्प” के लेखक: डॉ. वी .के. गोयल आयुर्वेदाचार्य B.A.M.S. M.D.(AM)
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    यूरिक एसिड : कारण, लक्षण,सामान्य-स्तर, इलाज व खाने के सुझाव
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  1. अधिक अपडेट के लिए कृपया hindi.curetoall.com पर जाएं और नीचे दिए गए लेखों को भी पढ़ें:

 

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