शराब पीने के फायदे और नुकसान: शराब का सेवन सेहत के लिए हानिकारक है यह बात तो सब जानते हैं लेकिन शराब का सेवन औषधि के रूप में कम मात्रा में करने से हमारे शरीर को इसके अनेकों फायदे मिलते हैं ऐसा आधुनिक चिकित्सा विज्ञान मानता है और यह बात सही भी है
- परंतु इसका मतलब यह नहीं है कि जो लोग शराब का सेवन नहीं करते वह शराब पीने लगे
बल्कि जो लोग शराब पीते हैं उनको हर दिन कितनी मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए जिससे उनके शरीर को फायदा मिले इस बात का सही विवरण इस आर्टिकल में स्पष्ट किया गया है
चिकित्सा की दृष्टि से किसी भी चीज को जरूरत से ज्यादा मात्रा में सेवन करना विष के सामान हो जाता है उसी चीज को सही मात्रा में सेवन करने से वह अमृत के सामान गुणकारी होती है
शराब की हानिरहित दैनिक मात्रा (शराब पीने के फायदे और नुकसान)
शराब पीने के फायदे और नुकसान: शराब का मुख्य घटक अल्कोहल है अल्कोहल की मात्रा बियर को छोड़कर सभी प्रकार की शराब जैसे व्हिस्की, ब्रांडी, वोडका, रम, जिन इत्यादि में लगभग एक सामान होती है सुरक्षा की दृष्टि से प्रतिदिन कितनी मात्रा में शराब का सेवन नुकसान नहीं करता उसका विवरण नीचे दिया गया है
पुरुषों के लिए-
- 1 से 2 Drinks प्रतिदिन per day
महिलाओं के लिए-
- 1 Drink प्रतिदिन per day
Note- यहां पर एक Drink मे कितनी मात्रा मे शराब का इस्तेमाल किया जाए उसका सही विवरण इस प्रकार है
Wine के लिए – | 110 ML या 4 Ounces मात्रा एक Drink मानी जाती है |
Beer- | 350 ML या 12 Ounces = एक Drink |
इन दोनों के अलावा बाकी तरह की शराब (Hard drinks) जैसे व्हिस्की, रम, जिन, वोडका, ब्रांडी इत्यादि की मात्रा का विवरण इस प्रकार है
इन सभी में लगभग 40 से 50% की मात्रा में अल्कोहल मौजूद होता है जिस शराब में अल्कोहल की मात्रा 40% हो उसे 80 Proof spirit कहते हैं
जिस शराब में अल्कोहल की मात्रा 50% के लगभग हो उसे 100 Proof spirit कहते हैं
80 Proof Spirit (40%) वाली कोई भी शराब पी रहे हैं तो इसकी मात्रा- | एक Drink = 44 ML या 1.5 Ounces |
100 Proof Spirit (50% Alcohol) वाली शराब की मात्रा- | एक Drink = 30 ML or 1 Ounce |
सावधानियां (precautions while drinking)
शरीर के स्वास्थ्य को नुकसान से बचाने के लिए ऊपर लिखी गई मात्रा से ज्यादा शराब या अल्कोहल का सेवन ना करें
- ज्यादा अच्छा है कि आप हर दिन शराब ना पिए बल्कि हफ्ते में 1 से 2 दिन ऊपर दी गई निर्धारित मात्रा में ही इसका सेवन करें
जब भी पिये बढ़िया क्वालिटी की शराब का ही इस्तेमाल करें क्योंकि आजकल इसमें मिलावट भी बहुत होती है
- शराब के दो पेग के बीच कम से कम आधे से 1 घंटे का फासला जरूर रखें
शराब सेवन के दौरान साथ में दही, फ्रूट, सलाद इत्यादि पदार्थों का सेवन जरूर करें
- इसका सेवन धीरे धीरे सिप सिप कर करना चाहिए एकदम से पूरा पैग पीना Avoid करें
1 दिन में 90 ML से ज्यादा मात्रा में शराब का इस्तेमाल ना करें
- अगर आप बियर पीते हैं तो पूरे दिन में 700 Ml से ज्यादा मात्रा में ना पिए
गंभीर यकृत रोगी, गुर्दे के रोगी, हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति शराब का इस्तेमाल ना ही करें तो अच्छा है
- शराब पीने वाले व्यक्ति 6 महीने में एक बार अपना लिवर फंक्शन टेस्ट जरूर करवाएं
शराब को हमेशा पानी डालकर Dilute कर धीरे-धीरे पीने की कोशिश करें जल्दबाजी सेहत के लिए अच्छी नहीं है
- आमाशय शोथ (Gastritis) एवं वृक्क (गुर्दे) सम्बन्धी रोगियों को किसी भी तरह की शराब देना उचित नहीं है।
उन रोगियों को भी किसी तरह की शराब देना उचित नहीं है जो यकृत सम्बन्धी किसी भी तरह के रोग से ग्रसित हों, आमाशय (Stomach) एवं पक्वाशय सम्बन्धी शोथ (inflammation) या व्रण से पीडित हों, बड़ी आँत में घाव या शोथ जिन्हें हों, मूत्राँग जिनके रोग ग्रस्त हों, जिनको मिरगी के दौरे पड़ते हों।
“शराब पीने के फायदे और नुकसान” पढ़ते रहें
रोज शराब पीने के फायदे
1. ब्राण्डी, व्हिस्की, अल्कोहल थोड़ी मात्रा में दवा के रूप में 2-4 छोटे चम्मच से एक औंस की मात्रा तक दूध, गर्म कॉफी, पानी, सोडा वाटर में मिलाकर पीने से आमाशय की म्यूकस मेम्बरेन (mucous membrane) को हानि नहीं पहुँचती है।
2. थोड़ी मात्रा में भोजन करते समय, भोजन के बाद या भोजन के ठीक पहले गर्म पानी, सोडा वाटर में मिलाकर पीने से रोगी के आमाशय में शक्ति आ जाती है। पाचक रस पर्याप्त मात्रा में पैदा होते हैं जिससे भूख बढ़ जाती और भोजन शीघ्र पच जाता है। शक्ति की वृद्धि होती है।
3. उपरोक्त मात्रा में उपरोक्त विधि से पिलाने से आमाशय और हृदय में उत्तेजना उत्पन्न होती है, लो ब्लड प्रेशर, नाड़ी कमज़ोर आदि कष्ट दूर हो जाते हैं। श्वास सम्बन्धी अंगों की कमज़ोरी दूर हो जाती है।
4. जिन रोगियों को भोजन न पचता हो, भोजन के बाद ही दस्त आ जायें, मन्दाग्नि (अजीर्ण) हो, उन्हें ब्राण्डी 2-3 चम्मच पानी में मिलाकर प्रतिदिन दो बार सेवन कराने से लाभ होता है। पाचन संस्थान शक्तिशाली हो जाता है।
5. औषधि रूप में, रोगी को जब कभी सेवन करायें। पुरानी व्हिस्की, ब्रॉण्डी या पोर्ट वाईन का ही प्रयोग करायें। इनमें विषैले तत्त्व कम होते हैं।
6. पुराने रोगों में औषधि के रूप में शराब बहुत ही लाभप्रद है। ध्यान रहे, कुछ रोगियों में अपने शारीरिक स्वभाव के अनुसार शराब से गैस पैदा होने लगती है।
7. जिन रोगियों के आमाशय में अम्लता अधिक हो उनको लाल रंग की शराब लाभ नहीं पहुँचाती।
शराब पीने के फायदे और नुकसान
8. जौ की शराब (बीयर) दुबले-पतले व्यक्तियों को मोटा एवं ताकतवर बनाती है।
9. जिन लोगों को दाल, चावल, निशांस्ते वाले भोजन नहीं पचते उनको बीयर (जौ की शराब) औषधि मात्रा में, उपरोक्त निर्देशित विधि से सेवन कराने से भोजन पचने लगता है। अपच की शिकायत नहीं रहती है।
10. रोगियों को विभिन्न प्रकार की शराबें एक साथ मिलाकर सेवन कराना उचित नहीं है। इससे पाचन संस्थान अस्वस्थ हो जाता है।
11. रोगी को 1-2 चम्मच शराब, सोडा वाटर, दूध, फलों के रस, गर्म कॉफी या चाय में मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन कराना लाभप्रद है।
12. कमज़ोर एवं दुबले-पतले रोगी को थोड़ी मात्रा में पूर्व निर्देशित विधि से (अनुपान के साथ) भोजन से एक घण्टा पहले सेवन कराने से बहुत लाभ होता है।
13. कई रोगियों को शेम्पेयन, पोर्ट, क्लेअरेट या बीयर अनुकूल नहीं आती है। उन्हें गुदा मार्ग में जलन एवं खुजली होने लगती है। अतः इन शराबों में से किसी का भी प्रथम बार प्रयोग करें तो पहली मात्रा देने के समय, इस सम्बन्ध में सावधान कर दें एवं प्रभाव की सूचना देने को कहें। यदि ऐसी कुछ शिकायत मिले तो अगली मात्रा न दें।
विशेष परिस्थिति में-जब रोगी शराबी हो, शराब के बिना उसे जीना कठिन जान पड़ता हो तो व्हिस्की या ब्रॉण्डी एक औंस कई मात्राओं में बाँटकर उपरोक्त निर्देशित किसी पेय में मिलाकर सेवन करायें। हानिकारक नहीं होगी। लेकिन इसे भी अति आवश्यक परिस्थिति में ही प्रयोग करें। इसीलिये इसे विशेष परिस्थिति के अन्दर प्रयोग कर सुझाव दिया गया है।
शराब का बाह्य प्रयोग (शराब पीने के फायदे और नुकसान)
अल्कोहल को पानी और दूसरे हानिरहित पेय में मिलाकर उसको हल्का बनाकर रोगों को दूर किया जा सकता है। कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इयूडी कोलन (Eaude Cologne) भी अल्कोहल का कमज़ोर लोशन ही है।
इसे माथे व सिर पर मलने से टेम्परेचर बढ़ जाने और गर्मी की अधिकता से होने वाला सिर दर्द दूर हो जाता है। अल्कोहल या शराब पानी में मिलाकर शोथ और दर्द के स्थान पर मलने से आराम आ जाता है।
- इस लोशन को मलने से चर्म की शोथ, पित्ती उछलना, जलन, खुजली आदि कष्ट दूर हो जाते हैं।
- उपरोक्त लोशन नई सूजन, चोट, मोच पर लगाने से पीड़ा (दर्द) दूर हो जाता है। त्वचा छिल जाने से इसको घाव पर मलने से घाव भर जाते हैं। पीप व संक्रमण उत्पन्न नहीं होने पाता है।
- स्त्रियों के स्तनों की चूंचियाँ छिल जाने से या फट जाने, शिशु के दन्त छेदन (दाँत काटने) से घाव हो जाये तो इस लोशन को जख्म (घाव) पर मलते रहें। शीघ्र लाभ होगा।
- शय्याक्षत (bed ridden) जहाँ लम्बे समय तक बिछावन पर लेटे रहने के कारण रोगी की त्वचा छिलने तथा गलने लगता है, घाव बन जाते हैं। ऐसे घाव के लिये भी इसका प्रयोग होता है। यद्यपि इस घाव की चिकित्सा जटिल है, लेकिन आधा या चौथाई भाग पानी मिलाकर अल्कोहल के मिश्रित घोल से प्रतिदिन घाव को धोया जाये तो घाव शीघ्र ठीक हो जाता है। विशेष परिस्थिति में प्रतिदिन 2-3 बार धोयें।
- अल्कोहल को लिनीमेण्ट में डालकर गठिया तथा जोड़ों के दर्द, हड्डी या माँसपेशियों के दर्द में मालिश करने से पीड़ा कम हो जाती है।
शराब के ज्वर के आभ्यान्तरिक योग (Internal Use of Alcohol in Fever)
“हैण्डबुक ऑफ ट्रॉपिकल थैराप्यूटिक्स’ में काफी अनुसन्धान एवं प्रयोगों के निष्कर्ष के आधार पर डॉ. सर आर.एन. चोपड़ा, एम.डी. ने ज्वर में अल्कोहल को सेवनीय बताया है लेकिन मात्र औषधि के रूप में।
इसके सेवन से रक्तवाहिनियाँ फैल जाती हैं जिससे शरीर का तापक्रम कम हो जाता है। रक्त में तुरन्त मिल जाने के कारण शरीर में स्फूर्ति एवं शक्ति उत्पन्न होती है। कमज़ोरी दूर हो जाती है।
ज्वरावस्था में स्नायविक कमजोरी एवं अनिद्रा जैसी शिकायतें भी हों तो इसे औषधि के रूप में सेवन करायें। इसे ज्वर में 104 डिग्री तक की स्थिति में भी दिया जाता है। इसके सेवन से ज्वर शीघ्र कम हो जाता है।
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शराब एक टॉनिक (Alcohol as a Tonic)
यदि मात्र औषधि रूप में उचित अनुपान (पानी, चाय, कॉफी, फलों के रस आदि) के साथ ली जाये तो यह मानसिक और शारीरिक कमजोरी को दूर करके उत्साह, शक्ति और स्फूर्ति पैदा करने में सक्षम है।
- भूख बढ़ाती है, गिरते वज़न को रोकती है।
- अल्कोहल, ब्रॉण्डी, व्हिस्की आदि रोगी के आमाशय में पाचक रस अधिक उत्पन्न करती है।
रोगी का हृदय बहुत तेजी से कमजोर हो जाने पर, हाथ-पाँव ठण्डे होने लगते हैं। इसके सेवन से स्थिति बहुत ही शीघ्र नियन्त्रण में आ जाती है। यही कारण है कि अधिकांश टॉनिकों में अल्कोहल का कुछ भाग मिला होता है जिससे कार्यक्षमता बढ़ जाती है।
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शराब एवं पाचन (Alcohol and Digestion)
थोड़ी मात्रा में उचित अनुपान के साथ इसका सेवन करने से पाचन संस्थान की अनेक क्रियाओं में (बीमारियों में) लाभ होता है। इसके लिये इसे भोजन से ठीक पहले, भोजन के साथ-साथ या भोजन के तुरन्त बाद लेना चाहिये। इससे भोजन शीघ्र पच जाता है।
- भोजन करने के बाद आमाशय व आँतों में बोझ, सिरदर्द, पेट फूल जाना, गैस उत्पन्न होना, दिल पर बोझा आदि कष्ट कम करने के लिये इसे प्रयोग करें।
भोजन करने के बाद आमाशय में ऐंठन होने और पेट भारी होने की शिकायत जैसे कष्टों में 1-2 चम्मच ब्रॉण्डी या व्हिस्की गर्म पानी में डालकर भोजन करते समय थोड़ा-थोड़ा पी लेने से आमाशय की कमजोरी दूर हो जाती है।
- वृद्धावस्था में आमाशय एवं आँतें कमज़ोर हो जाने पर अरूचि एवं पाचन संस्थान सम्बन्धी अनेक कष्ट हो जाते हैं। इस समय इसका सेवन करने से चमत्कारिक लाभ होता है।
आहार या पेय ठीक से न पचे, पेट में गैस बने, पेट फूल जाये तो इसका सेवन औषधि रूप में करने से अधिक लाभ होता है।
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Other digestive benefits of Alcohol
ज्वर एवं अन्य नये रोगों के बाद सामान्यतः पाचनाँग कमज़ोर हो जाते हैं। भूख मर जाती है। इस समय औषधि की मात्रा में सेवन करने की स्थिति सामान्य हो जाती है।
![Other digestive benefits of Alcohol](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/Other-digestive-benefits-of-Alcohol.png?resize=232%2C300&ssl=1)
दिनभर शारीरिक एवं मानसिक परिश्रम करने एवं तदनुकूल पौष्टिक आहार न मिलने से धीरे-धीरे पाचन अंग कमजोर होने लगते हैं। ऐसी परिस्थिति में 2 से 4 चम्मच शराब का प्रयोग सायँ का भोजन करते समय किया जाये तो पूर्ण लाभ होता है। थकावट या पेट का भारीपन कुछ भी नहीं रहता है।
- यदि ऋतु परिवर्तन या स्थान परिवर्तन के कारण पाचन संस्थान का कोई रोग हो जाये तो उचित मात्रा और उचित विधि से सेवन करने पर लाभ होता है। जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न दोषों में भी इसका सेवन थोड़ी मात्रा में किया जाये तो कष्ट का निवारण और पाचन विकार दूर हो जाते हैं।
यदि भोजन के तुरन्त बाद दस्त आने की शिकायत हो तो शराब एक भाग सात भाग पानी में मिलाकर मिश्रित योग में से 3-4 औंस पिलाने से अथवा ब्रॉण्डी की पानी में मिलाकर पिला देने से दस्त आने की शिकायत दूर हो जाती है।
निम्नाँगों में दर्द एवं कमज़ोरी में शराब का प्रयोग (Weakness and Spasm of lower Limbs)
शारीरिक परिश्रम न करने, मॉस और घी में तले हुये भोजन अधिक समय तक खाते रहने से जब मनुष्य के शरीर और टाँगों की धमनियाँ (Arteries) सिकुड़ जाती हैं जिससे थोड़ा चलने पर भी थक जाते हैं।
- उनकी टाँगों में रक्त संचार समुचित ढंग से न हो पाने से ऑक्सीजन की अपेक्षित मात्रा टाँगों की माँसपेशियों की कोशिकाओं तक नहीं पहुँच पाती है।
जिससे पिण्डलियों में दर्द, पाँव ठण्डे, सुईयाँ चुभती प्रतीत होना, शिरायें फूलना, शिरायें फट जाने तक की परिस्थिति आ जाती है। इसी से थोड़ा चलने-फिरने से भी टाँगों में दर्द होने लगता है।
- ऐसे रोगी को यदि 1 से 2 औंस ब्रॉण्डी या व्हिस्की, सोडावाटर, दूध या कॉफी में मिलाकर घूट-घूट करके धीरे-धीरे पिलाई जाये तो दर्द दूर हो जाता है।
कई रोगियों में पाँवों की धमनियों में सिकुड़न होने के कारण रात को सोते समय कभी-कभी पाँवों में ऐंठन का दर्द होता है। ऐसे रोगियों को यदि उपरोक्त मात्रा में उपरोक्त विधि से सेवन करायी जाये तो धमनियाँ फैल जाती हैं। रक्त संचार सामान्य हो जाने से ऐंठन दूर हो जाती है। ऐंठन सा दर्द में यह योग बहुत ही प्रभावी है।
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विभिन्न रोगों में शराब का प्रयोग (Alcohol useful in Several Diseases)
सर्दी-जुकाम (Cold And Coryza)-
![Alcohol useful in Several Diseases](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/hay-fever-6096093_640-min.png?resize=231%2C361&ssl=1)
ऐसे सर्दी-जुकाम हो तो गर्म चाय या गर्म कॉफी में 1 छोटे चम्मच ब्रॉण्डी मिलाकर पिलायें।
“शराब पीने के फायदे और नुकसान” keep reading…
मिचली एवं कै (Nausea and Vomiting)-
![शराब पीने के फायदे और नुकसान](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/figure-309910_640-min.png?resize=200%2C243&ssl=1)
किसी द्रुतगामी वाहन, रेलगाड़ी, मोटर, जहाज आदि में यात्रा करते समय चक्कर आकर कै होना, भोजन न पचने से अजीर्ण एवं उल्टी हो तो शैम्पैन (शराब) बर्फ में डालकर थोड़ी-थोड़ी पीने से लाभ होता है। इसके प्रयोग से मितली या कै नहीं होती है।
वृद्धों की कमज़ोरी (Senile Debilities)-
![शराब पीने के फायदे और नुकसान](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AC-%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A6%E0%A5%87-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8-1-1-225x300.jpg?resize=225%2C300&ssl=1)
वृद्धावस्था में पाचन संस्थान भी कमज़ार होने लगता है। पाचक रस आमाशय से कम निकलता है। भूख कम लगती है जिससे कमज़ोरी हो जाती है।
इस परिस्थिति में यदि 3-4 चम्मच व्हिस्की या बॉण्डी थोड़े पानी, सोडावाटर, चाय, कॉफी या गर्म दूध में मिलाकर भोजन से ठीक पहले, भोजन के तुरन्त बाद प्रयोग करने को दी जाये तो सारी कठिनाईयाँ दूर हो जाती हैं तथा कमजोरी नहीं रहती है।
हृदय रोग (Coronary Diseases)-
अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देशों में अच्छे-अच्छे हृदय रोग चिकित्सक वृद्ध एवं बड़ी आयु की रोगियों को दिल का दर्द होने पर थोड़ी व्हिस्की (ब्रॉण्डी) भोजन से ठीक पहले पानी में मिलाकर पिला देते हैं।
![शराब पीने के फायदे और नुकसान](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AC-%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A6%E0%A5%87-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8-300x173.jpg?resize=300%2C173&ssl=1)
इससे देखा गया है कि बहुत से रोगियों के दिल के दर्द के दौरे कम हो जाते हैं। दिल में रक्त की गुठली (Blood Clot) बन जाने के बाद भी यह सेवन करायी जाये तो लाभ होता है।
यदि दिल का दर्द उठा हो, दर्द दिल से उठकर बायें कन्धे की ओर बढ़ रहा हो, चिकित्सक पास न हों तो थोड़ी मात्रा में ब्रॉण्डी पानी में मिलाकर पिला दें। कष्ट दूर हो जायेगा। संकट टल जायेगा।
यदि दिल के दर्द के कारण रोगी की टाँगें, धमनियाँ (Arteries) एवं शिरा (Veins) सूज जायें तो शराब औषधि के रूप में मानसिक और शारीरिक कमजोरी दूर करने में सफल है।
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure, Hypertension)-
उच्च रक्तचाप के रोगी में जोश या क्रोध के पश्चात् मस्तिष्क की कमज़ोरी, थकान आदि के कारण आँखों के सामने अन्धेरा छाने लगता है। रोगी खड़ा होने में असमर्थ हो जाता और लेटने को मजबूर हो जाता है।
![शराब पीने के फायदे और नुकसान](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AC-%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A6%E0%A5%87-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8--300x199.png?resize=300%2C199&ssl=1)
दिल भी कमजोर हो जाता है। एक चम्मच (5 मि.लि.) ब्रॉण्डी बराबर गर्म पानी में मिलाकर दें और एक घण्टे तक बिस्तर पर आराम करने को कहें। लाभ अनुभव होगा।
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निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure, Hypo-tension)-
![शराब पीने के फायदे और नुकसान](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/Vomiting.png?resize=269%2C300&ssl=1)
अल्कोहल और शराब रक्त संचार में उत्तेजना पैदा करती है, निम्न रक्त संचार को शक्ति देती है। जब रोगी का रक्तचाप बहुत गिर जाता है, बेहोश होने का डर रहता है, हाथ-पाँव ठण्डे हो जाते हैं, तो ऐसी दशा में उसे ब्राण्डी या व्हिस्की की एक बड़ी मात्रा पिला दें।
देखते ही देखते रक्त संचार सामान्य हो जाने से रोगी शक्ति एवं स्फूर्ति का अनुभव करने लगेगा।
अनिद्रा या नींद न आना (Insomnia)-
![शराब पीने के फायदे और नुकसान](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AC-%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A6%E0%A5%87-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8--300x220.jpg?resize=300%2C220&ssl=1)
किसी रोगाणु के संक्रमण के कारण आये ज्वर की उग्रता में, रक्त की विषाक्तता, शामक प्रभावी औषधियों के कारण श्वासाँगों की शिथिलता (कमजोरी) आदि परिस्थिति में 30 मि.लि. (5-6 चाय चम्मच) व्हिस्की या ब्रॉण्डी किसी पेय में मिलाकर पिला देने से लाभ होता है।
व्हिस्की या ब्रॉण्डी के बाद क्लोरेल हाईड्रेट 1 ग्राम भी काफी मात्रा में पानी के साथ दे दें तो अच्छी नींद आ जाती है।
ज्वर की उग्रता हो तो कम हो जाती है। रोगी के श्वासाँग, हृदय और रक्त संचार में तेजी आ जाती है। मानसिक या शारीरिक थकान या वृद्धावस्था के कारण साधारण अनिद्रा हो तो व्हिस्की या ब्रॉण्डी की एक मात्रा सोते समय उचित अनुपान में पिला देने से अच्छी नींद आती है।
इसके साथ-साथ सामान्य स्तर की निद्राकर औषधि सेवन करायी जा सकती है।
गठिया, वात या जोड़ों के दर्द (Rheumatic Pain)-
![शराब पीने के फायदे और नुकसान](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AC-%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A6%E0%A5%87-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%95%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8-1-2-212x300.jpg?resize=212%2C300&ssl=1)
गठियावात के कारण जोड़ों का दर्द तथा गाँठों में सूजन हो तो थोड़ी मात्रा में शराब पिलाते रहने से रक्त संचार सही ढंग से होता है और दर्द से मुक्ति मिल जाती है।
ध्यान रहे कि प्रत्येक तरह के जोड़ों के दर्द मे समान रूप से लाभप्रद नहीं होती है। अतः अपने चिकित्सक के निर्देश प्राप्त करने के बाद ही जोड़ों के दर्द में इसका प्रयोग करें।
“शराब पीने के फायदे और नुकसान” आगे पढ़े…
कष्टरज के दर्द (Dysmenorrhoea)-
शराब और अल्कोहल एक शक्तिशाली पीड़ानाशक भी है। इससे रोगी का मामूली दर्द ठीक हो जाता है। स्त्री को जब प्रदर दर्द और कष्ट अधिक हो तो उसे थोड़ी-सी ब्रॉण्डी या व्हिस्की गर्म चाय या कॉफी में मिलाकर पिला देने से दर्द भी दूर हो जाता और प्रदर भी बिना कष्ट के आने लगता है।
न्यूमोनिया (Pneumonia)-
यदि शराबी को न्यूमोनिया हो जाये तो थोडी-सी व्हिस्की या ब्रॉण्डी किसी पेय में मिलाकर पिला देने से आराम आ जाता है। नींद भी आ जाती है।
कमजोर करने वाले रोग-
टायफायड, न्यूमोनिया एवं अन्य कुछ ऐसे रोग जिनमें रोगी का वज़न बड़ी तेजी से गिर जाता तथा शरीर की कोशिकायें नष्ट होने लगती हैं।
अतः उन्हें पुन शक्तिशाली बनाने के लिये थोड़ी मात्रा में व्हिस्की प्रतिदिन रात को अनुकूल पेय में में मिलाकर पिलायें। इससे पुराने से पुराने रोग में लाभ होता है। इसका सेवन करने से भूख भी बढ़ जाती है जिससे आहार द्वारा भी शरीर को पोषक तत्त्व प्राप्त होने लगते है।
पुरुषत्व शक्ति-मर्दाना शक्ति (Aphrodisiac)-
अमेरिका के डॉ. रोथेन वर्ग एम.डी. के अनुसार 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति दिन में 1-2 बार औषधि के रूप में थोड़ी व्हिस्की या ब्रॉण्डी पी लें तो इससे उनकी पुरुषत्व शक्ति (संभोग शक्ति) बढ़ जाती है।
परन्तु बार-बार और अधिक मात्रा में शराब पीने से शक्ति घट भी जाती है।
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थकावट (Exhaustion)-
![शराब पीने के फायदे और नुकसान](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/tired-7103575_640.png?resize=300%2C225&ssl=1)
यदि आपका शहरी जीवन है तो अपनी दुकान या कार्यालय में मानसिक कार्य करते हुए लोगों का थक जाना स्वाभाविक ही है। लेकिन प्रतिदिन इस तरह की दिनचर्या से मानसिक कमज़ोरी आती रहती है।
जो कि शाम को घर आने पर अपनी स्त्री एवं बच्चों के बीच चिड़चिड़ापन एवं क्रोध के रूप में उभरती है। यदि शारीरिक श्रम दिनभर करके मनुष्य घर आया हो, शहर अथवा देहात में तब तो फिर कुछ कहना ही नहीं।
ऐसी परिस्थिति में यदि थोड़ी-सी ब्रॉण्डी उचित विधि से उचित अनुपान के साथ दी जाये तो परमौषधि सिद्ध होती है और अच्छी नींद आती है जिससे मानसिक शक्ति पुनः पूर्ण रूप से सबल हो जाती है।
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पेट का दर्द (Colic)-
![शराब पीने के फायदे और नुकसान](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/Facial-Neuralgia.png?resize=300%2C300&ssl=1)
वयस्क हो या बच्चा, पेट में दर्द और मरोड़ उठे, कोई औषधि तत्काल उपलब्ध न हो और न चिकित्सक ही पास में हो तो ऐसी अवस्था में एक छोटा चम्मच ब्रॉण्डी दुगुनी शहद में मिलाकर चटा दें। इससे तत्काल ही लाभ होगा, दर्द एव मरोड़ दूर होगा और रोगी आराम से सो जायेगा।
“शराब पीने के फायदे और नुकसान” पढ़ते रहें…
शॉक, सदमा, बेहोशी (Collapse, Shock)-
किसी औषधि के दुष्प्रयोग से या किसी भय, सन्ताप, शोक आदि के कारण शरीर से अधिक पसीना आये, शरीर, हाथ-पर आदि ठण्डे हो जायें, चिकित्सक तत्काल उपलब्ध न हो, परिवार के सदस्य घबरा चुके हो तो ब्रॉण्डी एक चम्मच गर्म चाय या कॉफी में मिलाकर पिला दें। हृदय, मस्तिष्क एवं फेफड़ों में रक्त का संचार होगा। विपत्ति की घड़ी टल जायेगी।
पुराना ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis)-
इस रोग में फेफड़ों एवं वायु प्रणालियों और फेफड़ों की कोशिकाओं (Cells) में सूजन एवं खराश होने से बार-बार खाँसी होती है। फेफड़ों की वायु प्रणालियों में जमी हुई गाढ़ी बलगम न निकले तो दो छोटे चम्मच ब्रॉण्डी गर्म चाय या कॉफी में मिलाकर पीने से जमी हुई गाढ़ी बलगम पतली होकर आसानी से निकल जाती है और रोगी आराम से सो जाता है।
कम्पवात (Chorea)-
मस्तिष्क के निचले भाग में स्नायु दोष उत्पन्न होने के कारण जब हाथ-पॉव अपने आप हिलते हों, सिर में कम्पन हो तो शराब की अल्प मात्राआ से अंगों का काँपना (कम्पवात) दूर हो जाता है।
गुदा का कैन्सर (Rectal Carcinoma or Cancer in Anus)-
जिनके मलद्वार में कैन्सर होता है। ऑपरेशन करना भी संभव नहीं होता है। ऐसी दशा में रोगी के सख्त दर्द और कष्ट दूर करने के लिये एब्सोल्यूट (Absolute) अल्कोहल का इन्ट्राथिकल इजेक्शन देने से दर्द और कष्ट अस्थायी रूप से दूर हो जाता है।
चेहरे का स्नायुशूल (Facial Neuralgia)-
![शराब पीने के फायदे और नुकसान](https://i0.wp.com/hindi.curetoall.com/wp-content/uploads/2022/07/%E0%A4%A5%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%9F-300x215.png?resize=300%2C215&ssl=1)
मस्तिष्क की 5वीं स्नायु (Trigeminal Nerve) जिसकी शाखायें चेहरे में पहुँचती हैं। इस स्नायु में दोष आ जाने से चेहरे में तड़पा देने वाला दर्द दौरों के रूप में होने पर 80% से 90% अल्कोहल का इंजेक्शन नर्व में सावधानीपूर्वक लगायें।
गुदा की खुजली (Anal Scabies)-
गुदा की खुजली होने पर 80 से 90% अल्कोहल (Alcohol) का इंजेक्शन गुदा के पास सीवन (Perineum) में लगा देने से खुजली दूर हो जाती है।
रोगी को कैन्सर हो जाने पर व् ऑपरेशन संभव न होने पर 80 और 90% अल्कोहल का इंजेक्शन स्नायु के जोड़ों में लगाया जाता है।
हृदयशूल, दिल का दर्द (Angina Pectoris)-
इस दर्द को 6 से 18 मास तक के लिये अस्थायी रूप से टालने के लिये 80 से 90% अल्कोहल का सिम्पेथेटिक नर्व में इंजेक्शन लगाया जाता है।
ध्यान रहे-इसको योग्य अनुभवी चिकित्सक ही लगा सकते हैं जो अनुभव के साथ-साथ शरीर रचना (Anatomy) का भी ज्ञान रखते हों।
शल्य क्रिया एवं अल्कोहल (Alcohol and Surgery)-
शल्यक्रिया से पूर्व प्रयोग में आने वाले औजारों (Instruments) को अच्छी प्रकार 70% अल्कोहल से साफ किया जाता है। चिकित्सक भी अपने हाथों, नाखूनों को अच्छी तरह रगड़कर साफ कर लें। इससे संक्रमण का भय नहीं रहता है।
निष्कर्ष (शराब पीने के फायदे और नुकसान)
इस आर्टिकल को लिखने का मकसद शराब जैसे किसी भी प्रकार के नशे को बढ़ावा देना हरगिज़ नहीं है और ना ही शराब पीने के प्रति उन लोगों को प्रेरित करना जो लोग शराब नहीं पीते हैं बल्कि शराब पीने वाले लोगों को शराब का सही औषधि के रूप में इस्तेमाल करने से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी फायदों के बारे में अवगत करवाना है
- इस आर्टिकल में 1 दिन में कितनी शराब का सेवन करना चाहिए इस बात का बिल्कुल सही रूप से वर्णन किया गया है
मैंने यह आर्टिकल की जानकारी यूट्यूब, गूगल जैसे भरोसे योग इंटरनेट वेबसाइट से प्राप्त कर इस आर्टिकल को लिखा है
बाकी एक चिकित्सक होने के नाते यह बात आपको समझाने की कोशिश की है कि कोई भी चीज सही मात्रा में लेने से अमृत सामान औषधि के रूप में कार्य करती है तथा वही चीज की जरूरत से ज्यादा मात्रा शरीर के लिए विष के सामान हो जाती है
आयुर्वेद तथा आधुनिक चिकित्सा पद्धति में वत्सनाभ, संखिया, कुचला, सांप का जहर इत्यादि खतरनाक विषयों से अनेक प्रकार की जीवन रक्षक दवाइयों का निर्माण किया जाता है इसलिए अपनी समझ से काम ले तथा शराब का सेवन अगर हो सके तो ना करें अगर करना ही है तो ऊपर बताई गई सीमित मात्रा में ही करें
मैंने यहां पर शराब पीने के फायदे और नुकसान के बारे में काफी हद तक आपको समझा दिया है कृपया इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें तथा आगे शेयर करें
अस्वीकरण (शराब पीने के फायदे और नुकसान)…
इस आर्टिकल में बताई गई बातें, उपचार के तरीके व खुराक की जो भी सलाह दी जाती है वह सब हेल्थ स्पेशलिस्टस के अनुभव पर आधारित होती है
किसी भी मशवरे को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर कर ले, सेहत से जुड़े हुए आर्टिकल्स आपको अपने आप अपनी मर्जी से दवाइयां लेने की सलाह नहीं देते
Information compiled by– Dr. Vishal Goyal BAMS (Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery) M.D.(A.M.)
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सन्दर्भ:
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5278656/- alcohol injection in trigeminal neuralgia
https://www.webmd.com/diet/ss/slideshow-alcohol-health-benefits– alcohol aphrodisiac effects
https://www.eatthis.com/benefits-of-alcohol/- alcohol benefits in common cold
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