liv 52 tablet uses in hindi

liv 52 tablet uses in hindi- यकृत रोगों की सबसे बेस्ट दवा

liv 52 tablet uses in hindi: आज भारतवर्ष में लिवर की समस्याओं को ठीक करने के लिए हजारों दवाइयां उपलब्ध हैं परंतु इनमें से जो स्थान लिव-52 दवा का है ऐसा स्थान अन्य ओर किसी भी दवा का अभी तक नहीं है 

  • इस दवा की सबसे खास बात यह है कि यह एक आयुर्वेदिक बिना दुष्प्रभाव वाली बिल्कुल सुरक्षित भारत की सबसे प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक कंपनी हिमालय द्वारा निर्मित लिवर की समस्याओं को ठीक करने की बहुत ही असरदार दवा है

इस दवा का सेवन यकृत या लिवर से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति तो करता ही है साथ ही साथ इसका सेवन कोई भी स्वस्थ व्यक्ति यकृत (liver) को भविष्य में अन्य प्रकार के रोगों से बचाने के लिए भी कर सकता है

इस दवा के बारे में अभी तक 300 से ज्यादा शोध लेख प्रकाशित किए जा चुके हैं मार्केट में यह दवा लिव-52 टेबलेट, सिरप तथा ड्रॉप्स के रूप में उपलब्ध है बिना डॉक्टर की पर्ची के आप इसे किसी भी मेडिकल स्टोर से या ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं


लिव 52 टेबलेट के फायदे (liv 52 tablet uses in hindi)

liv 52 tablet uses in hindi: इस दवा के फायदे लिवर के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों को भी होते हैं परंतु जो प्रमुख फायदे लिवर की समस्याओं में होते हैं वह इस प्रकार है जैसे कि…

यकृत की क्रिया को सही करने में सहायक-

  • लिवर में चाहे कैसी भी समस्या हो उदाहरण के तौर पर कोई भी व्यक्ति जिसको फैटी लिवर, एल्कोहलिक लिवर डिजीज, हेपेटाइटिस बी या सी इत्यादि कैसी भी समस्या हो लिव-52 के सेवन करने से इन समस्याओं से निजात पाने में बहुत मदद मिलती है
  • आजकल तो बड़े से बड़े डॉक्टर भी लिवर की समस्याओं में अन्य दवाइयों के साथ लिव-52 दवा लेने की सलाह देने लगे हैं

इस दवा का नियमित रूप से सेवन करने से लिवर की डैमेज हुई कोशिकाएं जिनको ही Hepatocytes कहते हैं फिर से सही रूप में आने लगती हैं तथा अपना कार्य सुचारू रूप से करने लगती हैं

भूख ना लगना तथा अपचन में फायदेमंद-

  • जिन व्यक्तियों को भूख कम लगती है ऐसे व्यक्तियों में लिव-52 दवा के सेवन से भूख बढ़ने लगती है जिस कारण वजन बढ़ने में भी सहायता मिलती है इसी के साथ साथ अपचन, खट्टी डकार तथा गैस तेजाब की समस्या भी धीरे-धीरे दूर होने लगती है

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लिव-52 के सेवन से हमारा यकृत (liver) अपना कार्य सही ढंग से करने लगता है जिस वजह से भूख तथा पाचन संबंधी परेशानियां कम होने लगती हैं

हेपेटाइटिस, पीलिया तथा एनीमिया रोग में फायदेमंद-

  • हेपेटाइटिस बी तथा सी यकृत (liver) में होने वाली बहुत ही गंभीर वायरल बीमारी है जिसको काला पीलिया भी कहते हैं

इससे पीड़ित व्यक्ति अगर नियमित रूप से लिव-52 दवा का सेवन करें तथा साथ में सही आहार विहार तथा दिनचर्या का पालन करें तो ऐसा करने से ऐसी गंभीर समस्या से निजात पाने में पीड़ित व्यक्ति को बहुत मदद मिलती है 

  • इसी के साथ साथ लिव-52 दवा का नियमित सेवन खून की कमी (anemia) तथा हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) जिसे सामान्य पीलिया भी बोलते हैं उसको ठीक करने में बहुत मददगार है

यकृत का शुद्धिकरण करने में सहायक-

  • ज्यादा शराब पीने की वजह से, तले हुए पदार्थों का ज्यादा सेवन करना, ज्यादा जंक फूड खाना या  आहार-विहार की गलत आदतों के कारण अनेक प्रकार के विषाक्त तत्व हमारे लिवर में जमा हो जाते हैं
  • लिव-52 का सेवन अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से करने से यह हमारे लिवर में से इन विषाक्त तत्वों (toxic elements) को बाहर निकाल इसका शुद्धिकरण (detoxification) करता है जिससे भविष्य में अनेक प्रकार के यकृत रोगों से बचने में मदद मिलती है

हेपाटौप्रोटेकटिव (Hepatoprotective) गुणों से भरपूर-

  • लिव-52 दवा अनेकों ऐसी हर्बल जड़ी बूटियों का मिश्रण है जो हमारे लिवर के पैरेंकाइमा (parenchyma) की रक्षा करने में पूरी तरह समर्थ हैं
  • किसी भी प्रकार से होने वाली यकृत-विषाक्तता (Hepatotoxicity) से लड़ने के लिए Hepatoprotective गुणों से भरपूर है 
  • लिव-52 दवा hepatocellular उत्पादन को बढ़ावा दे लिवर की कार्य क्षमता को फिर से स्थापित करने में सक्षम है
  • ज्यादा शराब सेवन के कारण बनने वाले एसिड एल्डिहाइड (acetaldehyde) के निष्कासन में बहुत मददगार है
  • लिव-52 दवा का सेवन सिरोसिस ऑफ लिवर जैसी खतरनाक समस्या को भी नियंत्रित करने में बहुत मददगार है
  • ज्यादा शराब के कारण होने वाली यकृत कोशिकाओं की क्षति को रोकने में लिव-52 दवा सक्षम है

एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) गुणों से भरपूर होने के कारण यकृत (liver) की कोशिकाओं (hepatocytes) में होने वाली ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (oxidative stress) को कम करने में लिव-52 बहुत ही कारगर दवा है


लिव 52 डीएस टैबलेट के फायदे (other benefits of liv 52 in hindi)

liv 52 tablet uses in hindi:

  • एल्कोहलिक लिवर डिजीज 
  • सिरोसिस ऑफ लिवर 
  • सिरोसिस की प्रारंभिक अवस्था 
  • विकिरण थेरेपी के कारण होने वाले यकृत कोशिकाओं के नुकसान 
  • वायरल हेपेटाइटिस 

एनोरेक्सिया नर्वोसा इत्यादि समस्याओं मे होने वाले लिवर के नुकसान की रोकथाम तथा इलाज मे बहुत सहायक औषध लिव-52 है

  • प्रोटीन एनर्जी मालनूट्रिशन (protein energy malnutrition) तथा फैटी लिवर (fatty liver) संबंधित समस्याओं में लिव-52 दवा बहुत उपयोगी है
  • Sgot व Sgpt लिवर के प्रमुख एंजाइमस जो कई परिस्थितियों में बढ़ जाते हैं इनको कम करने के लिए लिव-52 दवा बहुत कारगर है

तेज एंटीबायोटिक्स (antibiotics), एंटीट्यूबरक्यूलर दवाएं (anti tubercular drugs) , स्टैटिन (statins) ड्रग्स, कीमोथेरेपी एजेंट्स जो लिवर की सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा विषाक्त (hepatotoxic) होती हैं इन दवाइयों के साथ लिव-52 का सेवन यकृत को अन्य प्रकार की समस्याओं से बचाने में बहुत सहायक है

  • किसी भी लंबी बीमारी के दौरान जल्दी स्वास्थ्य लाभ के लिए लिव-52 दवा का अन्य दवाइयों के साथ इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद है

पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति जिनको शरीर में गर्मी की शिकायत ज्यादा रहती है जिस कारण त्वचा पर दाने, मुंह में छाले, मुह आना जैसी समस्याएं हो उनके लिए लिव-52 दवा का सेवन बहुत फायदा करता है


लिव-52 का दुष्प्रभाव (liv 52 side effects in hindi)

नियमित रूप से सही मात्रा में उपयोग करने से किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव लिव-52 दवा का नहीं होता आप इसे बिना डॉक्टर की पर्ची के मेडिकल स्टोर से या ऑनलाइन खरीद कर इस्तेमाल कर सकते हैं यह किसी भी प्रकार का नुकसान आपके शरीर को नहीं करती

  • अगर आप किसी भी प्रकार के गंभीर गुर्दे के रोग या हृदय रोग से पीड़ित हैं तो इस्तेमाल से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह मशवरा कर सकते हैं

हमने हजारों रोगियों को लिव-52 दवा का सेवन करवा कर यह पाया है कि लिव-52 दवा का सेवन हर रूप से सुरक्षित है

इसे भी पढ़ें“SGOT व्  SGPT कैसे कम करें”


लिव-52 दवा में मिश्रित जड़ी बूटियां या घटक (herbs used in liv 52)

प्रत्येक लिव 52 टैबलेट में शामिल हैं

  • हिमस्रा (कप्पारिस स्पिनोसा) -65 मिलीग्राम
  • कसानी (Cichorium intybus)- 65 mg
  • मंडुरा भस्म- 33 मिलीग्राम
  • काकामाची (सोलनम नाइग्रम) -32 मिलीग्राम
  • अर्जुन (टर्मिनलिया अर्जुन) -32 मिलीग्राम
  • कसामर्दा (कैसिया ऑसीडेंटलिस) -16 मिलीग्राम
  • बिरंजसिफा (अकिलिया मिलेफोलियम) -16 मिलीग्राम
  • झावुका (इमली गैलिका) -16 मिलीग्राम

भृंगराज (एक्लिप्टा अल्बा), भूमि-आमलकी (फिलेंथस अमारस), पुनर्नवा (बोएरहाविया डिफ्यूसा), गुडुची (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया), दारुहरिद्रा (बर्बेरिस एरिस्टाटा), मुनका (राफनस सैटिवस), आमलकी (एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस), चित्रक, विडंग (एम्बेलिया रिब्स), हरीतकी (टर्मिनलिया चेबुला), परपटा (फुमेरिया ऑफिसिनैलिस) में संसाधित कर निर्मित की जाती है।


प्रत्येक Liv.52 DS टैबलेट में शामिल हैं

  • हिमस्रा (कप्पारिस स्पिनोसा) -130 मिलीग्राम
  • कसानी (Cichorium intybus) -130 mg
  • मंडुरा भस्म -66 मिलीग्राम
  • काकामाची (सोलनम नाइग्रम) -64 मिलीग्राम
  • अर्जुन (टर्मिनलिया अर्जुन) -64 मिलीग्राम
  • कसामर्दा (कैसिया ऑसीडेंटलिस) -32 मिलीग्राम
  • बिरंजसिफा (अकिलिया मिलेफोलियम) -32 मिलीग्राम
  • झावुका (इमली गैलिका) -32 मिलीग्राम

लिव 52 सिरप के प्रत्येक 5 मिलीलीटर में होता है

  • हिमस्रा के अर्क (कप्पारिस स्पिनोसा) -34 मिलीग्राम
  • कसानी (Cichorium intybus) -34 मिलीग्राम
  • काकामाची (सोलनम नाइग्रम) -16 मिलीग्राम
  • अर्जुन (टर्मिनलिया अर्जुन) -16 मिलीग्राम
  • कसामर्दा (कैसिया ऑसीडेंटलिस) -8 मिलीग्राम
  • बिरंजसिफा (अकिलिया मिलेफोलियम) -8 मिलीग्राम
  • झावुका (इमली गैलिका) -8 मिलीग्राम

भृंगराज (एक्लिप्टा अल्बा), भूमि आमलकी (फिलेंथस अमारस), पुनर्नवा (बोएरहाविया डिफ्यूसा), गुडुची (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया), दारुहरिद्रा (बर्बेरिस एरिस्टाटा), मुलका (राफनस सैटिवस), अमलकी (एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस), चित्रक, विडंग (एम्बेलिया रिब्स), हरीतकी (टर्मिनलिया चेबुला), परपटा (फुमेरिया ऑफिसिनैलिस) में संसाधित कर इस सिरप का निर्माण किया जाता है।


लिव ५२ खरीदने के ऑनलाइन लिंक (liv 52 tablet uses in hindi)

1. himalaya liv 52 ds (Pack Of 3)-

liv 52 tablet uses in hindi

मूल्य – 170 रुपए लगभग


2. Himalaya liv 52 tablets – 100 Counts- liv 52 tablet uses in hindi

मूल्य – 101 रुपए के लगभग 


3. Himalaya Liv 52 ds Syrup 200ml-liv 52 tablet uses in hindiलिव ५२ सिरप मूल्य (liv 52 syrup price)225 रुपए के लगभग

also read- फैटी लिवर कारण लक्षण व् इलाज़ 


FAQ

Q लिव 52 टेबलेट खाने से क्या होता है?

A लिव-52 टेबलेट का इस्तेमाल मुख्य रूप से यकृत से जुड़ी बीमारियों जैसे पीलिया, हेपेटाइटिस, एल्कोहलिक लिवर डिजीज, सिरोसिस ऑफ लिवर, एनीमिया जैसे रोगों के इलाज के लिए सहायक औषध के रूप में किया जाता है 

इसके अलावा सामान्य स्थिति में पाचन क्रिया में सुधार करने तथा भूख बढ़ाने के लिए भी लिव-52 उपयोगी है


Q क्या मे लिव-52 डी एस खाली पेट खा सकता हूं?

A लिव-52 डी एस टेबलेट या सिरप एक सुरक्षित आयुर्वेदिक औषध है आप इसका इस्तेमाल खाना खाने से पहले या बाद में कभी भी कर सकते हैं


Q लिव-52 टेबलेट कैसे खाएं?

A लिव-52 टेबलेट की दो गोली खाना खाने के बाद सुबह शाम दिन में दो बार कम से कम 3 महीनों तक गुनगुने पानी के साथ सेवन करें


Q लिव-52 कौन ले सकता है?

A बिल्कुल सुरक्षित आयुर्वेदिक दवा होने के कारण लिव-52 का इस्तेमाल स्त्री, बच्चे या बूढ़े कोई भी व्यक्ति बेफिक्र होकर कर सकता है


Q लिव-52 को काम करने में कितना समय लगता है?

A एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार लगातार तीन से 6 महीने तक नियमित रूप से लिव-52 दवा का सेवन करने से बढ़े हुए लिवर एंजाइम्स एसजीओटी (Sgot) तथा एसजीपीटी( Sgpt) का स्तर काफी सुधर जाता है


Q लीवर के लिए सबसे अच्छा टॉनिक कौन सा है?

A अगर औषधियों की बात करें तो सिरप लिव-52 लीवर के लिए सबसे बेस्ट टॉनिक है इसके अलावा आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक तथा फलों में सेब इत्यादि लीवर की सेहत के लिए बहुत अच्छे हैं

आयुर्वेदिक जड़ी बूटी भूमि आमलकी लिवर के लिए बेस्ट टॉनिक मानी जाती है


Q क्या लिव-52 कब्ज में मदद करता है?

A जी नहीं, सीधे तौर पर कहें तो लिव-52 दवा कब्ज के लिए नहीं होती परंतु कब्ज के इलाज में सहायक औषध के रूप में लिव-52 बहुत उपयोगी है


Q लिव-52 के दुष्प्रभाव क्या है?

A लिव-52 दवा को निर्धारित मात्रा में सेवन करने से कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता


Q लीवर के लिए सबसे अच्छा सिरप कौन सा है?

A लीवर के लिए सबसे बढ़िया सिरप लिव-52 हिमालय कंपनी द्वारा निर्मित, इसके अलावा लिव डी 38 पतंजलि कंपनी का तथा सिरप amlycure DS सबसे ज्यादा बढ़िया लीवर सिरप है 

यह सभी सिरप फैटी लीवर के अलावा अल्कोहलिक लिवर डिजीज, सिरोसिस ऑफ लिवर तथा हेपेटाइटिस बी व सी में भी बहुत फायदेमंद है


Q लिव-52 सिरप कैसे काम करता है?

A लिव-52 सिरप लीवर में फैट के घुसपैठ को रोकता है प्री सिर्रोटिक अवस्था में सिरोसिस ऑफ लिवर की गति को नियंत्रित करने में लिव-52 सिरप काफी मददगार है


Q लिव-52 और लिव-52 डी एस में क्या अंतर है?

A लिव-52 टेबलेट तथा लिव-52 डी एस टेबलेट में इसमें मौजूद घटक द्रव्य की मात्रा का फर्क है लिव-52 डी एस टेबलेट सामान्य लिव-52 टेबलेट की तुलना में डबल strength की होती है

कहने का मतलब है कि जहां सामान्य लिव-52 टेबलेट की दो गोलियों की जरूरत पड़ती है वहां पर लिव-52 डी एस टेबलेट की एक गोली ही पर्याप्त है


Q क्या लिव-52 सिरप भूख बढ़ाता है?

A जी हां भूख ना लगने की स्थिति लीवर की सेहत से जुड़ी है अगर लीवर की सेहत ठीक होगी तो भूख भी बहुत लगेगी 

लिव-52 सिरप लीवर की सेहत को सही कर भूख बढ़ाता है


Q हम लिव-52 सिरप कब तक ले सकते हैं?

A निर्धारित मात्रा में लिव-52 सिरप का इस्तेमाल 3 से 6 महीनों तक लगातार किया जा सकता है


Q लीवर कमजोर होने के लक्षण क्या होते हैं?

A प्रमुख रूप से भूख ना लगना, पाचन क्रिया में गड़बड़ होना, उल्टी आना तथा कमजोरी महसूस होना लीवर की कमजोरी के प्रमुख लक्षण हैं


Q क्या गर्भवती महिलाएं लिव-52 टेबलेट का इस्तेमाल कर सकती हैं?

A जी हां, निर्धारित मात्रा में लिव-52 टेबलेट या सिरप का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर गर्भवती महिलाएं भी कर सकती हैं


लिव-52 की मात्रा (himalaya liv 52 tablet uses in hindi)

लिव-52 टेबलेट-

सामान्य स्थितियों में लिव-52 टेबलेट की दो गोली दिन में दो से तीन (2 tablets bd or tid) बार गुनगुने पानी के साथ खाना खाने से आधा घंटा बाद इस्तेमाल की जानी चाहिए

  • गंभीर स्थितियों में अन्य दवाइयों के साथ लिव-52 टेबलेट दो गोली सुबह दो गोली दोपहर को तथा दो गोली रात को (कुल 6 गोली दिन में) इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है

लिव-52 डी एस टेबलेट-

डबल Strength होने की वजह से लिव-52 टेबलेट से आधी मात्रा लिव-52 डी एस टेबलेट की इस्तेमाल की जा सकती है

लिव-52 सिरप की मात्रा-

  • छोटे बच्चों को एक चम्मच सुबह शाम (10 ml पूरे दिन में) तथा वयस्कों के लिए दो चम्मच सुबह शाम (20 ml पूरे दिन में) मात्रा निर्धारित की गई है

 

निष्कर्ष (liv 52 tablet uses in hindi)

यकृत अर्थात लीवर से जुड़े रोगों के इलाज के लिए आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में अभी तक ज्यादा दवाइयां उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में अनेक प्रकार के यकृत रोग जैसे एल्कोहलिक लिवर डिजीज, हेपेटाइटिस, सिरोसिस ऑफ लिवर, काला पीलिया, भूख ना लगना इत्यादि परिस्थितियों में लिव-52 टेबलेट तथा सिरप एक विशेष स्थान रखते हैं इन दवाइयों का इस्तेमाल आजकल बढ़े से बढ़े एलोपैथी के डॉक्टर भी करने लगे हैं

  • कम शब्दों में कहें तो लीवर के स्वास्थ्य को कायम रखने तथा लीवर के रोगों के इलाज में लिव-52 दवा रामबाण औषधि है

बाकी लिव-52 दवा से सही लाभ प्राप्त करने के लिए रोगी को अपने आहार में वसायुक्त, ज्यादा तली हुई तथा शराब इत्यादि के सेवन से परहेज करना भी जरूरी है तभी जाकर बढ़िया परिणाम प्राप्त होते हैं अन्यथा नहीं

“liv 52 tablet uses in hindi” पढने के लिए धन्यवाद…


अस्वीकरण (liv 52 tablet uses in hindi)

इस आर्टिकल में बताई गई बातें, उपचार के तरीके व खुराक की जो भी सलाह दी जाती है वह सब हेल्थ स्पेशलिस्टस के अनुभव पर आधारित होती है 

किसी भी मशवरे को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर कर ले, सेहत से जुड़े हुए आर्टिकल्स आपको अपने आप अपनी मर्जी से दवाइयां लेने की सलाह नहीं देते


Information Compiled- by Dr Vishal Goyal

liv 52 tablet uses in hindi

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD(AM)

Email ID- [email protected]

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab


सन्दर्भ:

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16194047/- efficacy of Liv-52 on liver cirrhotic patients study

https://www.sciencedirect.com/topics/pharmacology-toxicology-and-pharmaceutical-science/liv-52लिव ५२ role in alcoholic liver disease

https://researchpapers.himalayawellness.in/liv52.htm लिव ५२ effective in वायरल hepatitis study

https://bmcpharmacoltoxicol.biomedcentral.com/articles/10.1186/s40360-019-0380-0लिव ५२ reduce levels of लिवर enzymes study in rats


 

1 thought on “liv 52 tablet uses in hindi- यकृत रोगों की सबसे बेस्ट दवा”

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