खांसी एक आम problem है जो किसी भी मौसम में किसी को भी हो सकती है कई बार खांसी अपने आप ही अच्छी हो जाती है तो कुछ मामलों में मेडिसिन्स का सहारा लेना पड़ता है
कभी-कभी खांसी की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है कि इसकी वजह से सीने व पसलियों में दर्द महसूस होने लगता है इस लेख में में आपको खांसी ठीक करने के घरेलू इलाज, कफ के लिए आयुर्वेदिक कफ सिरप (Ayurvedic Cough Syrup) तथा खानपान से जुड़ी जानकारियों के बारे में बता रहा हु
खांसी के प्रकार (Types of Cough in Hindi)
अगर खांसी आने पर साथ में बलगम भी आ रहा है तो इसे बलगम phlegm वाली खांसी या गीली wet खांसी कहा जाता है वहीं दूसरी ओर अगर बलगम नहीं बन रहा है तो इस प्रकार को सूखी खांसी (Dry Cough) कहते है
सूखी खांसी या ड्राई कुफ़ की प्रॉब्लम अक्सर रात के समय बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तथा इससे लोगों की नींद में दिक्कत होने लगती है
यही कारण है कि खांसी की ज्यादातर अंग्रेजी दवाओं (Cough Medicine) में ऐसे केमिकल मिलाए जाते हैं जिससे नींद होती है तथा जल्दी नींद आ जाती है व खांसी से आराम मिल जाता है
वैसे तो मार्किट में खांसी के लिए कई तरह के कफ syrup मिलते हैं लेकिन ज्यादातर लोग आयुर्वेदिक कफ syrup लेना लाइक करते हैं इसका कारण ये है क्योंकि आयुर्वेदिक कफ सिरप सेवन करने से नींद भी नहीं आती है तथा इससे पुरानी से पुरानी खांसी या कफ की समस्या भी जल्दी ठीक हो जाती है
खांसी के कारण (Causes of Cough in Hindi)
कभी कुछ गलत या ज्यादा ठंडी चीजें जैसे कि आइसक्रीम खा लेने से या कोल्ड ड्रिंक इतियादी पी लेने के बाद खांसी का होना एक आम बात है इसके जुकाम होने पर या गले में इन्फेक्शन होने से ज्यादातर खांसी की समस्या हो जाती है
ऐसे में इन्फेक्शन या तो गले के उपरी भाग में होता है जिसे upper respiratory tract इन्फेक्शन कहते है तथा जब इन्फेक्शन छाती में हो जाए तो इसे lower respiratory tract इन्फेक्शन कहते है
इसमें एक में ज्यादातर सुखी खांसी आती है तथा दुसरे मामले में बलगम वाली खांसी आती है
खांसी ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं (Ayurvedic Medicines for Cough in Hindi)
2. त्रिकटु चूर्ण (Trikatu Churna to cure Cough)-
त्रिकटु चूर्ण एक प्रमुख आयुर्वेदिक दवा है जो खांसी और सर्दी-जुकाम के इलाज में प्रयोग किया जाता है। यह चूर्ण विभिन्न औषधियों का समावेश करता है जो खांसी और श्वासरोग के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
Trikatu चूर्ण के महत्वपूर्ण घटक शामिल हैं:
- तुलसी (ओसिमम सेन्क्टम): तुलसी एक शक्तिशाली औषधि है जो खांसी और ठंड को दूर करने में मदद कर सकती है।
- अदरक (जिंजीबर ऑफीसिनेल): अदरक में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो श्वासरोग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- हरीतकी (टर्मिनालिया चेबुला): हरीतकी कफ और वात रोगों के इलाज में उपयोगी होती है।
- बिभीतक (टर्मिनालिया बेलेरिका): बिभीतक को खांसी और ठंड से राहत देने के लिए जाना जाता है।
- शहद: शहद खांसी और सर्दी-जुकाम में लाभकारी हो सकता है।
त्रिकटु चूर्ण का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। उन्होंने आपके लिए सही और सटीक उपाय सुझा सकते हैं।
खांसी के दौरान क्या खाएं व क्या ना खाएं (What to eat and not to eat during cough)-
कुफ़ या खांसी के दौरान आपको कुछ खास ध्यान देने योग्य आहार की आवश्यकता होती है। यहां कुछ आहार से संबंधित सुझाव हैं:
कफ या खांसी के दौरान खाने के लिए:
- गरम पानी: गरम पानी में शहद और नींबू मिलाकर पीना खांसी में राहत प्रदान कर सकता है।
- अदरक: अदरक का चाय या अदरक का रस खांसी में लाभकारी हो सकता है।
- हल्दी: हल्दी में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो खांसी में मदद कर सकते हैं।
- ताज़ा फल और सब्जियां: खांसी के दौरान ताज़ा फल और सब्जियां खाना फायदेमंद हो सकता है।
- जलेबी: जलेबी को गरम दूध के साथ खाने से भी खांसी में राहत मिल सकती है।
खांसी के दौरान न खाएं:
- ठंडी चीजें: ठंडी चीजें जैसे ठंडा पानी, ठंडा दूध और ठंडा खाना खांसी को बढ़ा सकते हैं।
- धूम्रपान: धूम्रपान से खांसी और श्वासनली रोगों में समस्याएं बढ़ सकती हैं।
- मीठा: मीठा या तली हुई चीजें भी खांसी को बढ़ा सकती हैं।
- ठंडे द्रव्य: ठंडे द्रव्य जैसे ठंडा पानी, ठंडा दूध और ठंडी चाय भी खांसी को बढ़ा सकते हैं।
खांसी से राहत पाने के लिए आसान घरेलू उपाय-