विटामिन डी

विटामिन डी की कमी के लक्षण व इलाज

विटामिन डी (vitamin d in hindi): जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि हमारे आहार मे मैक्रोन्यूट्रिएंट्स प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा चर्बी के अलावा माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी होते हैं जिनमें विटामिंस तथा खनिज प्रमुख रूप से मौजूद होते हैं 

अगर आप हर दिन सही आहार खा रहे हैं तो लगभग सभी प्रकार के पोषक तत्व विटामिंस, खनिज आपके शरीर को प्राप्त हो जाते हैं परंतु फिर भी विटामिन डी की कमी 50% से ज्यादा लोगों में दुनिया भर में देखने को मिलती है 

  • ऐसा इसलिए है क्योंकि बहुत ही कम ऐसे आहार हैं जिनमें विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है जैसे कि फैटी फिश तथा कॉड लिवर आयल 
  • परंतु ज्यादातर लोगों के आहार में यह चीजें शामिल ना होने के कारण अक्सर लोगों में इस जरूरी विटामिन डी की कमी हो जाती है जिसके चलते अनेकों प्रकार की समस्याएं हमारे शरीर में उत्पन्न हो जाती हैं

विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहते हैं क्योंकि सूर्य की किरणों में मौजूद अल्ट्रावायलेट रेस (rays) जब हमारी त्वचा पर पड़ती है तो उससे यह विटामिन डी हमारे खून में बनने लगता है 

इसलिए प्रतिदिन कुछ देर के लिए धूप का सेवन जरूर करना चाहिए


विटामिन डी की कमी के लक्षण (symptoms of vitamin d in hindi)

मानव शरीर में सामान्य स्तर से कम विटामिन डी अगर लंबे समय तक लगातार रहता है तो इससे निम्नलिखित लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं जैसे कि…

1. हड्डियों में दर्द होना

विटामिन डी की कमी का सबसे प्रमुख लक्षण हड्डियों में दर्द का रहना है ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति की गर्दन के पीछे वाले हिस्से तथा टांगों में दर्द हमेशा बना रहता है विटामिन डी

अगर विटामिन डी की कमी समय रहते पूरी ना की जाए तो आगे जाकर कई प्रकार के हड्डियों के रोग जैसे कि हड्डियां कमजोर पड़ना, ओस्टियोपोरोसिस व फ्रैक्चर आदि होने की संभावना काफी बढ़ जाती है


2. मांसपेशियों में दर्द रहना

कई लोगों में शरीर के किसी विशेष हिस्से की मांसपेशियों में लगातार दर्द का बना रहना भी विटामिन डी की कमी का लक्षण हो सकता है यह मांसपेशियों का दर्द बिना किसी अन्य बाहरी कारण जैसे कोई चोट या व्यायाम आदि के होता हैविटामिन डी

  • कई बार इस बात का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है कि यह दर्द हड्डियों की कमजोरी की वजह से हो रहा है या मांसपेशियों में सूजन के कारण

इसका सही से पता लगाने के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए


3. अत्यधिक थकावट का बना रहना

अगर आपका शरीर बिना किसी भी कारण हमेशा थका-थका महसूस करता है तो यह भी विटामिन डी की कमी का लक्षण हो सकता है  ऐसी स्थिति में हमेशा बिना किसी मेहनत के शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती रहती हैविटामिन डी 

सुबह से दोपहर होते-होते आप अपने आप को बिल्कुल शक्तिहीन महसूस करने लगते हैं

“विटामिन डी की कमी के लक्षण व इलाज” पढ़ते रहें…


4. बार-बार बीमार पड़ना

मानव शरीर में विटामिन डी की कमी होने के कारण शरीर की बीमारी से लड़ने की शक्ति जिसे रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी कहते हैं कम होने लगती है जिसके चलते व्यक्ति बार बार बीमार पड़ने लगता है सर्दी, खांसी, जुकाम जैसे वायरल समस्याएं बार-बार होने लगती है विटामिन डी

गर आपके शरीर में इस प्रकार के लक्षण है तो हो सकता है कि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो


5. मानसिक तनावविटामिन डी की कमी के लक्षण व इलाज

कई प्रकार के अध्ययन में यह पाया गया है कि विटामिन डी की कमी के कारण मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने वाले न्यूरोट्रांसमीटर्स जैसे सेराटोनिन तथा डोपामाइन प्रभावित होने लगते हैं जिनके चलते बिना किसी अन्य बाहरी कारण मानसिक तनाव बढ़ने लगता है

इसलिए अगर कोई भी व्यक्ति बिना किसी कारण मानसिक अवसाद की स्थिति में रहता है तो यह भी विटामिन डी की कमी का प्रमुख लक्षण हो सकता है

इन लक्षणों के अलावा शरीर में…

  • टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर में गिरावट होना
  • नींद के साइकिल में गड़बड़ी होना
  • बालों का अत्यधिक झड़ना
  • मानसिक अलर्टनेस में कमी होना आदि विटामिन डी की कमी के प्रमुख लक्षण हो सकते हैं

हमारे शरीर की हर कोशिका पर विटामिन डी के रिसेप्टर्स मौजूद रहते हैं इसलिए विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी पोषक तत्व है


विटामिन डी के फायदे

1. हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए- विटामिन डी का सबसे अहम कार्य हमारे शरीर की हड्डियों के स्वास्थ्य को बरकरार रखना है रक्त में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा होने से आहार से मिलने वाले कैल्शियम तथा फास्फोरस जैसे खनिजों के अवशोषण में बहुत मदद मिलती है 

  • जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं अगर विटामिन डी ही पर्याप्त मात्रा में मौजूद ना होगा तो इससे धीरे धीरे हड्डियों में कमजोरी आने लगेगी

2. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिएवैज्ञानिक अनुसंधान के अनुसार विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत मददगार है

3. गर्भावस्था के दौरान- गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियों के विकास के लिए गर्भवती महिला को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लेना बहुत जरूरी है

  • इसके अलावा विटामिन डी की कमी के कारण preeclampsia तथा सिजेरियन ऑपरेशन का खतरा काफी हद तक बढ़ सकता है

4. खनिजों के अवशोषण में लाभकारीहमारे द्वारा खाया हुआ आहार अनेक प्रकार के खनिजों से भरा हुआ होता है इन खनिजों में खासकर कैल्शियम तथा फास्फोरस के अवशोषण में विटामिन डी बहुत ही अहम रोल प्रदान करता है जिससे हमारे दांत तथा हड्डियां मजबूत होती है

5. मधुमेह के खतरे को कम करें- बच्चों में होने वाली टाइप वन डायबिटीज मे विटामिन डी बहुत ही कारगर है

  • यदि किसी भी बच्चे को 2000 IU विटामिन डी की दैनिक मात्रा पर्याप्त रूप से मिल रही है तो ऐसी स्थिति में टाइप वन डायबिटीज होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है

6. रक्तचाप को कम करने में सहायक-

शरीर में पर्याप्त मात्रा में मौजूद विटामिन डी मानसिक तनाव को कम करता है जिससे उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में बहुत मदद मिलती है

7. मानसिक अवसाद में लाभकारीजिन लोगों को ज्यादा चिंता, तनाव या डिप्रेशन की शिकायत हो ऐसे व्यक्तियों के लिए विटामिन डी की सही मात्रा शरीर में होना बहुत ही जरूरी है

वैज्ञानिक अनुसंधान में यह बात पाई गई है कि विटामिन डी की कमी के कारण मानसिक अवसाद या डिप्रेशन की समस्या में बढ़ोतरी हो सकती है

8. त्वचा के लिए हितकर-

विटामिन डी अनेक प्रकार के चमड़ी के रोगों से हमारे शरीर को बचाता है ऐसा कई प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान प्रमाणित भी कर चुके हैं

वजन कम करने में सहायक

जिन व्यक्तियों का शारीरिक वजन कम नहीं हो रहा ऐसी स्थिति में अन्य उपायों के साथ साथ विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा का सेवन करना भी बहुत जरूरी है ऐसा करने से वजन कम होता है ऐसा वैज्ञानिक अनुसंधान में पाया गया है1


विटामिन डी कैसे बढ़ाएं (vitamin d in hindi)

दोस्तों केवल आहार मात्र से विटामिन डी की कमी को पूरा करना लगभग ना के बराबर है इसलिए विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन डी सप्लीमेंट्स की जरूरत पड़ती है 

इसके साथ साथ निम्नलिखित उपायों से विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है जैसे कि…

1. Direct Sun Exposure

अर्थात सूर्य की धूप का रोजाना 15 से 30 मिनट सेवन करने से विटामिन डी की कमी को पूरा करने में बहुत सहायता मिलती हैविटामिन डी

सूर्य की किरणों में अल्ट्रावायलेट रेस होती है जिनका हमारी त्वचा पर डायरेक्ट संपर्क होने से हमारे शरीर में विटामिन डी का निर्माण होने लगता है 

इसीलिए विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहते हैं

  • इसमें एक बात ध्यान देने वाली यह है कि सूर्य की किरने आपकी त्वचा पर डायरेक्ट पढ़नी चाहिए इसलिए ऐसा करते समय कम से कम कपड़े आपके शरीर पर मौजूद होने चाहिए

जिन व्यक्तियों का त्वचा का रंग डार्क होता है उनको सन एक्स्पोज़र की जरूरत ज्यादा समय के लिए होती है ऐसा करते समय सनस्क्रीन लोशन या कोई शीशा इत्यादि सूर्य की किरणों तथा आपकी त्वचा के बीच नहीं आना चाहिए 

ऐसा इसलिए है क्योंकि कोई भी शीशा या सनस्क्रीन लोशन सूर्य की अल्ट्रावायलेट रेस को आपकी त्वचा पर सही से पढ़ने नहीं देते अवशोषित कर लेते हैं


2. विटामिन डी सप्लीमेंट्स का सेवन

विटामिन डी की कमी को पूरा करने का आजकल सबसे आसान तरीका विटामिन डी सप्लीमेंट्स है इन सप्लीमेंट्स का सेवन अपने चिकित्सक की सलाह से आसानी से किया जा सकता है इसका कोई भी दुष्परिणाम नहीं होता

  • विटामिन डी सप्लीमेंट्स का सेवन करने से पहले आपको यह पता लगाना बहुत जरूरी है कि आपके शरीर में विटामिन डी की मात्रा क्या है 

इसको पता लगाने का सबसे आसान तरीका रक्त की जांच है

“विटामिन डी की कमी के लक्षण व इलाज” आगे पढ़ते रहें…


विटामिन डी शरीर में कितना होना चाहिए

इस विटामिन डी की कमी का पता लगाने के लिए रक्त की जांच की जाती है उस रिपोर्ट का विवरण इस प्रकार है…

  • 20 ng/ml से कम- इसका मतलब है कि आपके शरीर में विटामिन डी की थोड़ी कमी है इस पर शीघ्र ध्यान दें
  • 12 ng/ml से कम- अर्थात आपके शरीर में विटामिन डी की बहुत कमी है 

इस स्थिति में विटामिन डी की कमी के लक्षण आपके शरीर में होने लगते हैं इसका इलाज तुरंत करने की जरूरत पड़ती है

  • 20 से 80 ng/ml- इतनी मात्रा रक्त में विटामिन डी की होना शरीर के लिए पर्याप्त है 

अगर यह मात्रा 80 ng/ml से ज्यादा है तो ऐसी स्थिति में विटामिन डी Toxicity का खतरा बढ़ जाता है परंतु यह बहुत ही कम देखने को मिलता है


विटामिन डी की कमी के उपचार

विटामिन डी सप्लीमेंट्स की रोजाना मात्रा-अगर आप चाहते हैं कि आपके शरीर में विटामिन डी की मात्रा पर्याप्त रहे तो इसके लिए 2000 IU विटामिन डी का सेवन प्रतिदिन किया जा सकता है

  • अगर आप विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं तो इसके लिए विटामिन डी की गोली या कैप्सूल जिसमें विटामिन डी की मात्रा 60,000 आई यू होती है का सेवन हफ्ते में एक बार आठ से 10 हफ्तों के लिए करने से विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है इस प्रकार की गोलिया कैप्सूल मार्केट में आसानी से उपलब्ध हैं 

उदाहरण के लिए जैसे Tab Dvion 60K आदि

  • मार्केट में विटामिन डी सप्लीमेंट्स D 2 तथा D 3 दोनों प्रकार से उपलब्ध हैं 
  • ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए D3 सप्लीमेंट्स ही खरीदें 
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि D3 सप्लीमेंट्स ज्यादा शीघ्रता से विटामिन डी की कमी को पूरा करते हैं
  • विटामिन डी सप्लीमेंट्स का सेवन करते समय आहार में चर्बी की मात्रा ज्यादा रखें 

ऐसा इसलिए है क्योंकि विटामिन डी एक फैट सॉल्युबल विटामिन होता है तथा चर्बी की मात्रा आहार में ज्यादा होने से इसका अवशोषण शरीर में ज्यादा होता है


विटामिन डी कैप्सूल्स नाम

आप नीचे दिए गए किसी भी प्रकार के विटामिन डी 3 सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल अपने लिए कर सकते है यह सभी पूर्ण रूप से सुरक्षित होते है इनके साथ affiliate का लिंक भी दिया गया है जिससे आप इनको ऑनलाइन भी खरीद सकते है

Bon DK Shot Sugarfree vitamin D3 Oral Solution (4 Shots of 5ml each) | Sugar-Free Shot with Pineapple Flavour

विटामिन डी


HealthKart HK Vitals Vitamin D3 (2000 IU), with Sunflower Oil, Promotes Calcium Absorption, Bone Health, Muscle Strength & Immunity, 60 Vitamin D Capsules

विटामिन डी


Carbamide Forte Vitamin D3 K2 MK7 | Plant Based Veg Vitamin D3 Supplement Lichen Source with Vitamin K2 MK7 Menaquinone – 120 Veg Tablets

विटामिन डी


Natures Velvet Lifecare Vitamin D-3 for Bone and Teeth Health, 60 Softgels – pack of 1

विटामिन डी


Carbamide Forte Vitamin D3 60000 IU – Chewable Cholecalciferol Vitamin D Supplement for Women & Men – 40 Tablets

विटामिन डी

क्यों होती है हड्डियां कमजोर विटामिन डी की कमी के कारण

ऐसा इसलिए है क्योंकि आप चाहे जितना मर्जी कैल्शियम सप्लीमेंट्स जैसे दूध, पनीर आदि पदार्थों का सेवन क्यों ना कर ले जब तक पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी आपके रक्त में नहीं होगा तब तक यह कैल्शियम हड्डियों तक सही से नहीं पहुंचेगा और ना ही सही से अवशोषित होगा 

इसलिए धीरे धीरे हड्डियां कमजोर पड़ने लगेगी इसलिए कैल्शियम के साथ-साथ विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा हमारे शरीर मे हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अत्यंत जरूरी है


निष्कर्ष (विटामिन डी)

आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में विटामिन डी को अपने शरीर में पर्याप्त बनाए रखने के लिए 2000 IU प्रतिदिन विटामिन डी आप सेवन कर सकते हैं या महीने में एक बार विटामिन डी की गोली जिसमें 60,000 आई यू विटामिन डी होता है वह ले सकते हैं

  • अगर विटामिन डी की कमी से आप जूझ रहे हैं तो 60,000 IU वाली विटामिन डी की गोली हफ्ते में एक बार लगातार 10 हफ्तों के लिए सेवन कर इस कमी को पूरा कर सकते हैं

इसके साथ साथ 15 से 30 मिनट प्रतिदिन धूप का सेवन करना थोड़ा हाई फैट डाइट लेना भी जरूरी है हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कैल्शियम का सेवन भी साथ में करना चाहिए


अस्वीकरण (disclaimer) 

इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।

  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।

उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।


Image-creditधन्यवाद to www.pixabay.com

अधिक जानकारी के लिए कृपया hindi.curetoall.com पर जाएं और नीचे दिए गए आर्टिकल्स को भी पढ़ें:

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

hello