नसों के ब्लॉकेज खोलने के आयुर्वेदिक दवा

नसों के ब्लॉकेज खोलने के आयुर्वेदिक दवा

Ayurvedic ways for Nerve Blockage in Hindi: नसें हमारे शरीर के बहुत ही जरूरी अंग होते हैं। नसें पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेट करने का प्रमुख कार्य करते हैं।

ऐसे में नसों का बिलकुल ठीक रहना अति जरूरी होता है। जैसे ही नसों में कोई प्रॉब्लम आती है, तो पीडित रोगी को तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

क्योंकि नसों में ब्लॉकेज आने पर ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से शरीर में नहीं हो पाता है। इस कंडीशन में शरीर के हर अंग तक खून सही तरीके से नहीं पहुंच करता है।

ऐसा कई कारणों के कारण हमारे शरीर में हो सकता है, क्योंकि नसें या Nerves अलग-अलग रोगों के कारण affected हो सकती हैं। इसमें नर्व का ब्लॉकेज होना भी शामिल होता है।

अर्थात नसों की ब्लॉकेज के कारण ब्लड सर्कुलेशन बाधित हो सकता है तथा आपको कई प्रोब्लेम्स का सामना करना पड़ सकता है।

नसों की ब्लॉकेज होने के कारण हृदय रोग यानि हार्ट diseases, हार्ट फेलियर जैसी बहुत ही सीरियस व जानलेवा समस्याएं भी उत्पन हो सकती हैं।

ऐसे में नसों की ब्लॉकेज का ट्रीटमेंट करवाना अति अवशक होता है। वैसे तो नसों की ब्लॉकेज का ट्रीटमेंट चिकित्सक ही करते हैं, लेकिन आप कुछ आयुर्वेदिक रेमेडीज की help से भी नसों की ब्लॉकेज का इलाज़ कर सकते हैं।

तो चलिए आगे जानते हैं कि बंद नसों को खोलने के लिए क्या क्या खाना चाहिए या फिर नसों के blockage को खोलने की आयुर्वेदिक मेडिसिन क्या क्या है?


नसों की ब्लॉकेज खोलने के आयुर्वेदिक तरीके – Ayurvedic Treatments for Nerve Blockage in Hindi-

नसों की ब्लॉकेज को खोलने के लिए कई आयुर्वेदिक तरीके हो सकते हैं. यहां कुछ आयुर्वेदिक सुझाव दिए जा रहे हैं:

  1. त्रिफला:
    • त्रिफला अच्छा दिही पचन का सहारा होता है और नसों की सुजान को कम करने में मदद कर सकता है.
    • रोजाना त्रिफला पाउडर को गरम पानी के साथ सेवन करें.

  2. गुग्गुल:
    • गुग्गुल नसों की स्वस्थता को बनाए रखने में मदद कर सकता है.
    • गुग्गुल सुपर्फिचल नर्व एक्साइस नर्वोस सिस्टम को सुधारने में मदद कर सकता है.

  3. आमला:
    • आमला विटामिन सी से भरपूर होता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो नसों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं.

  4. आप्ले साइडर विनेगर:

    • आप्ले साइडर विनेगर नसों की सुजान को कम करने और ब्लड सर्क्युलेशन को बढ़ाने में मदद कर सकता है.
    • गुनगुना पानी में एक चमच आप्ले साइडर विनेगर मिलाकर पिएं.

  5. मसाज और योगाभ्यास:
    • नसों को सही दिशा में मसाज करना और योगाभ्यास करना नसों को सही से काम करने में मदद कर सकता है.

  6. अश्वगंधा:
    • अश्वगंधा नसों की कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकती है.

कृपया ध्यान दें कि इन उपायों का सही तरीके से और सुरक्षित रूप से इस्तेमाल करने के लिए एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना सबसे अच्छा है. वे आपकी स्थिति को विश्लेषण करेंगे और उपयुक्त इलाज सुझावित करेंगे.


नसों के ब्लॉकेज खोलने के लिए अभ्यंग थेरपी आयुर्वेद में –

आयुर्वेद में अभ्यंग थेरपी (Abhyanga Therapy) एक महत्वपूर्ण और प्रभावी चिकित्सा पद्धति है जो नसों के ब्लॉकेज को खोलने और संतुलित रखने में मदद कर सकती है। अभ्यंग थेरपी शरीर पर संजीवनी घृत (Sanjivani Ghee) या ब्रिंगराजादि तेलों का उपयोग करती है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक हो सकते हैं।

यहां नसों के ब्लॉकेज को खोलने के लिए अभ्यंग थेरपी के कुछ पहलुओं को बताया गया है:

  1. तेल चयन:
    • शरीर के लिए उपयुक्त तेल का चयन करें, जैसे कि सर्सों तेल, नारियल तेल, महुआ तेल, ब्रिंगराज तेल या महामाश तेल। ये तेल शरीर की नासों को सुजान कम करने में मदद कर सकते हैं।
  2. तेल की गरमी:
    • तेल को सूखे तेल में गरम करें ताकि वह आपकी त्वचा को अच्छे से प्रवेश कर सके और शरीर की गर्मी बना सके।
  3. अभ्यंग तकनीक:

    • शरीर पर तेल को अच्छे से लगाएं और स्वच्छ और शुद्ध हाथों से स्पर्श करें।
    • सिर, नेत्र, कान, पैर और अंगुलियों की ओर ध्यान दें। नाभि के आस-पास विशेष ध्यान देना भी उपयुक्त हो सकता है।
  4. समय:
    • अभ्यंग थेरपी को सुबह के समय आच्छादित रहता है, क्योंकि यह शरीर को उत्तेजित करता है और सम्पूर्ण दिन के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।
  5. ध्यानपूर्वक:
    • अभ्यंग के दौरान ध्यान रखें कि आप शरीर की नसों की दिशा में सही दबाव और मालिश कर रहे हैं।

अभ्यंग थेरपी को नियमित रूप से करने से शरीर की संरचना में सुधार हो सकती है, नसों की सुजान को कम कर सकती है और शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकती है। यह सब कुछ व्यक्ति की आयु, प्रकृति और रोग की स्थिति पर निर्भर करता है, और सबसे अच्छा है कि इसे एक विशेषज्ञ आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर किया जाए।


नसों की ब्लॉकेज खोलने के लिए लहसुन का उपयोग-

लहसुन (garlic) को नसों की ब्लॉकेज को खोलने के लिए एक प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय माना जाता है. यह कई तरीकों से नसों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है:नसों के ब्लॉकेज खोलने के आयुर्वेदिक दवा

  1. आयुर्वेदिक खाद्य सुप्लीमेंट:
    • लहसुन को आयुर्वेदिक दवाइयों या सुप्लीमेंट्स के रूप में लिया जा सकता है. इसके नियमित सेवन से रक्तचाप नियंत्रित रह सकता है और नसों की ब्लॉकेज को कम करने में मदद कर सकता है.
  2. लहसुन की चटनी:
    • रोजाना खाने के समय लहसुन की चटनी बनाएं और इसे अपने भोजन में शामिल करें. यह नसों की सुजान को कम करने में सहायक हो सकता है.
  3. लहसुन का तेल:

    • लहसुन का तेल भी नसों की सुजान को कम करने में मदद कर सकता है. इसे आप अपनी रोज़ाना की खानपान में शामिल कर सकते हैं.
  4. लहसुन का सुप:
    • लहसुन को कुछ पानी के साथ मिलाकर पीसकर पीना भी एक तरीका है. इससे रक्त संचार में सुधार हो सकता है.
  5. लहसुन का रस:

    • लहसुन का रस निकालकर इसे नाभि में लगाना एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय है जो किसी कठिनाई या ब्लॉकेज को दूर करने में मदद कर सकता है.

लहसुन का सेवन करते समय, सावधानी बरतें, और अगर आपमें किसी भी प्रकार की अजीबती महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें. यदि आप किसी भी निदान या उपचार के लिए चिकित्सक से सलाह लेना अच्छा समझते हैं, तो वे आपकी स्थिति के अनुसार सही सलाह प्रदान कर सकते हैं.


Ayurvedic ways for Nerve Blockage in Hindi: नसों की blockage को खोलने के लिए बादाम, बला, हरिद्रा तथा लहसुन का सेवन करना लाभप्रद हैं। लेकिन ये उपाय नसों की ब्लॉकेज को खोलने का proper ट्रीटमेंट नहीं हैं। इनसे सिर्फ नसों nerves को मजबूत बनाने यानि स्ट्रेंग्थ बढाने में मदद मिल सकती है। अगर किसी भी वजह से नसों में तेज दर्द, सूजन या जलन (Burning sensation) हो तो चिकित्सक की सलाह पर ही मेडिसिन का सेवन करें। अन्यथा नुक्सान होने का भी डर बना रहता है

ज्यादा जानकारी के लिए आप मुझ से मुफ्त में कंसल्ट कर सकते है मेरा whatsapp नंबर नीचे दिया गया है


अस्वीकरण (नसों के ब्लॉकेज खोलने के आयुर्वेदिक दवा):

इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह (professional medical advice), निदान (diagnosis) या उपचार (ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।

  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय (doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।

उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण (without proper medical supervision) के बिना अपने आप को या अपने बच्चे को या किसी और के इलाज करने का प्रयास न करें।

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Information Compiled- by Dr. Vishal Goyal

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)

Email ID- [email protected]

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CURETOALL HOSPITAL

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab

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