हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय

हार्ट अटैक | कारण | लक्षण | निदान | बचाव | इलाज़ – Heart Attack Prevention Methods

दिल यानी हमारा ह्रदय हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है जोकि विशेष प्रकार की मांसपेशियों से बना होता है जिनको कार्डियक मसल्स भी कहते हैं दिल छाती के बाई (Left side) तरफ मौजूद होता है तथा 24 घंटों में पूरे शरीर में लगभग 5000 गैलन रक्त को पंप करता है हृदय का सबसे महत्वपूर्ण काम पूरे शरीर की कोशिकाओं को पोषक तत्व तथा ऑक्सीजन की आपूर्ति करना है तथा यह काम दिल के द्वारा पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण के द्वारा पूर्ण होता है अगर किसी भी कारणवश दिल अपना कार्य करने में विफल हो जाए तो यह स्थिति हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकती है इसी स्थिति को हृदयाघात या हार्टअटैक कहते हैं हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख उपाय आगे विस्तार से इस आर्टिकल में समझाएं गए हैं कृपया इन्हें ध्यान से पढ़कर इनका सही फायदा उठाएं

क्या है हार्ट अटैक? (what is heart attack in hindi)

जो चाहें वो पढ़ें hide
1 क्या है हार्ट अटैक? (what is heart attack in hindi)
1.1 कोरोनरी धमनी का कार्य (Coronary Artery in Hindi)
1.1.6 हृदयाघात या हार्ट अटैक के प्रकार (Types of heart attack in hindi)

इसको समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं जैसे कि हमारे घर में पानी की मोटर पानी को पंप करके सारे घर में पानी की सप्लाई की पूर्ति करती है तथा उस मोटर को अपने कार्य करने के लिए विद्युतीय ऊर्जा (Electricity) की जरूरत होती तथा किसी भी कारणवश अगर यह ऊर्जा मोटर तक नहीं पहुंच पाती तो वह पानी की मोटर अपना कार्य करना बंद कर देती हैं, 

  • ठीक उसी प्रकार हमारा दिल भी हमारे शरीर के संपूर्ण अंगों की खुराक की पूर्ति करने के लिए सारे शरीर में खून की सप्लाई करता है, 

इसी खून के द्वारा हमारे शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होती रहती है जिसके चलते सभी अंग ठीक प्रकार से काम करते रहते हैं हमारा दिल 24 घंटे कभी नहीं रुकता, इसका खून को सप्लाई करने का कार्य हमेशा चलता ही रहता है,

लेकिन इसके साथ साथ हमारे दिल को भी अपना कार्य करने के लिए अपनी खुराक यानि पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत होती है जिसके लिए दिल के ऊपर प्रमुख तीन प्रकार की धमनिया (Arteries) होती हैं जो हमारे दिल को कार्य करने के लिए सही मात्रा में रक्त की सप्लाई प्रदान करती रहती है इन तीन प्रकार की धमनियों का नाम इस प्रकार है…

कोरोनरी धमनी का कार्य (Coronary Artery in Hindi)

1-LAD- Left anterior descending artery

2-RCA- Right circumflex artery

3-LCX- Left circumflex artery

इन तीन धमनियों को कोरोनरी आर्टरी (Coronary arteries) कहते हैं, 

अगर किसी भी कारणवश इन तीनों में से किसी भी धमनी में चर्बी की परत (Fat deposition) जम जाए, जिसके चलते उस धमनी का कार्य अवरुद्ध (Due to blockage) होने लगे अर्थात जितना खून उस धमनी के द्वारा हमारे दिल को पहुंचना चाहिए वह ना पहुंच पाए, 

जिस वजह से खून की सही से आपूर्ति ना होने के कारण हमारे दिल को अपना कार्य करने में दिक्कत आने लगे, इसी के चलते धीरे धीरे हमारा दिल अपना कार्य करना छोड़ सकता है

क्योंकि अगर उसको अपनी भूख को शांत रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में रक्त की सप्लाई ही नहीं मिलेगी तो कितने दिन तक वह कार्य करेगा?

आखिरकार हमारा दिल अपना कार्य करना छोड़ देगा जब यह कार्य करना छोड़ देता है तो इस स्थिति को हार्ट अटैक (Heart attack) कहते है


कोरोनरी धमनियों में चर्बी का जमना (दिल की धमनी का रोग)

यह प्रक्रिया 15 से 20 साल की उम्र में ही शुरू हो जाती है जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है वैसे वैसे अपने गलत खाने पीने की वजह से चर्बी के रक्त वाहिकाओं में जमने की प्रक्रिया ओर भी बढ़ती जाती है 40 से 50 की उम्र में पहुंचते पहुंचते लगभग 40 से 60% चर्बी हमारे दिल की कोरोनरी धमनियों में जम जाती है,

  • परंतु यह जमी हुई चर्बी (Plaque) हमारे दिल की कार्य क्षमता को अभी तक कोई प्रभावित नहीं करती है क्योंकि जितनी मात्रा में रक्त की आपूर्ति हमारे दिल को कार्य करने के लिए चाहिए उतना रक्त इतनी ब्लॉकेज होने के बावजूद भी हमारे दिल को मिलता रहता है,

कई कई बार तो ऐसा भी होता है कि 80% तक कोरोनरी धमनी में ब्लॉकेज हो जाती है परंतु फिर भी दिल की कार्य क्षमता में कोई कमी नहीं आती है 

इस बात का प्रमुख कारण यह है कि जो चर्बी का थक्का (Plaque) कोरोनरी धमनी में किसी विशेष स्थान पर जम गया है उस चर्बी के थक्के के ऊपर एक परत होती है जिसे इंटरनल मेंब्रेन (Fibrous cap) भी कहते हैं जैसे-जैसे चर्बी का थक्का (Plaque) आकार में बढ़ता जाता है वैसे वैसे उस इंटरनल मेंब्रेन पर दबाव भी बढ़ता जाता है 

Heart attack kaise hota hai?इंटरनल मेंब्रेन  का फटना

  • इसी दबाव के चलते कई बार यह इंटरनल मेंब्रेन फट( Rupture of fibrous cap) जाती है जिस कारण उस स्थान पर वह धमनी पूरी तरह से अवरुद्ध (Block) हो जाती है जिसके कारण हृदय को अपना कार्य करने के लिए पर्याप्त मात्रा में रक्त की आपूर्ति उस धमनी के द्वारा नहीं हो पाती है जिसके कारण दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी के चलते एकदम से बड़ी क्षति (Damage) पहुंचती है, 

जिसके कारण दिल की मांसपेशियों का फैलने (Relaxation) व सिकुड़ने (Contractions) का कार्य विफल हो जाता है जिस वजह से हमारा दिल अपना कार्य करना एकदम से छोड़ देता है इसी स्थिति को हृदयाघात (Myocardial infarction) या हार्ट अटैक कहा जाता है

  • इसमें एक बात यह ध्यान देने वाली है कि कोरोनरी धमनी में जमे हुए चर्बी के थक्के (Plaque) की ऊपरी परत किसी व्यक्ति में 80% ब्लॉकेज होने पर भी फट सकती है तथा किसी में 90% ब्लॉकेज होने पर भी नहीं फटती है

इसीलिए किसी व्यक्ति को तो 90% ब्लॉकेज होने के बावजूद भी हृदयाघात के सिर्फ लक्षण आते हैं परंतु हृदयाघात नहीं होता तथा किसी व्यक्ति को 60,70 या 80 प्रतिशत ब्लॉकेज होने पर भी हृदयाघात या हार्ट अटैक आ जाता है

इसमें एक बात ओर ध्यान देने वाली यह है कि कोरोनरी धमनी में 80% ब्लॉकेज होने के बाद भी किसी व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई नहीं देते है


दिल को कार्य करने के लिए 20% रक्त की सप्लाई ही काफी

  • इसका कारण यह है कि हमारे दिल को कार्य करने के लिए 20% रक्त की सप्लाई ही काफी होती है परंतु जैसे-जैसे कोरोनरी धमनी में यह ब्लॉकेज 80% से ज्यादा बढ़ने लगती है, 

वैसे वैसे किसी भी व्यक्ति में धीरे धीरे हृदयाघात या हार्ट अटैक के लक्षण आने लगते हैं जैसे…

  • ज्यादा मेहनत वाला कार्य करने पर सांस का फूलना,
  • सीढ़ियां चढ़ते वक्त छाती में भारीपन,
  • ज्यादा तेज चलने पर छाती में दर्द व भारीपन होना इत्यादि

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय आगे पढ़े…


हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय (Heart attack se bachne ke upay)

हार्ट अटैक से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि कोरोनरी धमनियों में जो चर्बी की परत जम गई है उसको आगे बढ़ने से रोकना है ताकि इन धमनियों में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध ना हो तथा पर्याप्त मात्रा में रक्त की सप्लाई हृदय की मांसपेशियों को अपना कार्य करने के लिए मिलती रहे, अगर ऐसा हो सका तो निश्चित है कि आप हृदयाघात या हार्टअटैक से बच सकते हैं,

कोरोनरी धमनियों में चर्बी की परत को कम करने के लिए आपको निम्नलिखित उपाय करने होंगे…

1- सही आहार का चयन करना (Cardiac diet)

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय
मासाहार से बढे कोलेस्ट्रॉल

कोरोनरी धमनियों में जो चर्बी की परत जमती है उसका प्रमुख कारण कोलेस्ट्रोल तथा ट्राइग्लिसराइड होता है यह दोनों ही चर्बी के प्रकार हैं इनमें से कोलेस्ट्रोल जो होता है वह प्रमुख रूप से मांसाहार में पाया जाता है जैसे कि मटन, चिकन, लैंभ, मछली, अंडा, सभी प्रकार के मीट, दूध आदि 

  • इसलिए इस प्रकार के आहार का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए, पूरे दिन में बिना मलाई वाला 200 मिलीलीटर की मात्रा से ज्यादा दूध दिल के रोगी को नहीं पीना चाहिए 

दूसरा ट्राइग्लिसराइड मुख्य रूप से तेलों में पाया जाता है जैसे कि देसी घी, मक्खन, मलाई, मूंगफली का तेल अन्य प्रकार के ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम, पिस्ता, अखरोट इत्यादि 

  • So इन पदार्थों को अगर कोई व्यक्ति ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करता है तो ऐसा करने से उसके खून में ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने लगता है जिसके कारण कोरोनरी धमनियों में जमी हुई चर्बी की परत बढ़ने का खतरा हमेशा बना रहता है, 

इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि खाना बनाते समय कम से कम तेल का इस्तेमाल किया जाए या बिल्कुल भी तेल का इस्तेमाल ना किया जाए, इसके लिए आजकल जीरो ऑयल कुकिंग की सलाह भी कई दिल के डॉक्टर देते हैं, 

  • तेल चाहे कोई भी हो चाहे सरसों का हो या जैतून का या फिर तिलों का हर प्रकार के तेल में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा कम या ज्यादा पाई जाती है

सभी प्रकार की मिठाइयां तथा तले हुए पदार्थ जैसे पकोड़े किसी भी प्रकार के नमकीन जैसे भुजिया आदि में तेल का इस्तेमाल जरूर होता है तथा ज्यादा मात्रा में होता है इसलिए इन पदार्थों के सेवन से पूर्णता बचना बहुत जरूरी है 


2- रोजाना पैदल चलना (हार्ट के लिए पैदल चलने के लाभ )

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय
सेर जरूर करें

किसी भी हार्ट के मरीज को या किसी भी व्यक्ति को हर दिन 30 से 40 मिनट पैदल चलना बहुत जरूरी है चलने की गति उतनी ही होनी चाहिए जितनी सुखद रहे हार्ट के रोगी को ज्यादा तेज नहीं चलना चाहिए, 

जिस व्यक्ति को अभी तक कोई भी दिल की बीमारी नहीं है वह व्यक्ति तेज भी चल सकते हैं सर्दियों में अच्छी प्रकार से अपने शरीर को ढक कर सुबह या शाम को सेर करनी चाहिए, ऐसा करने से दिल की नसों में आई हुई ब्लॉकेज निश्चित रूप से कम होती है


3- योग व प्राणायाम करना (हार्ट ब्लॉकेज के लिए योग)

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय
योगा करना है जरूरी

दिल के रोगियों को रोजाना योग व प्राणायाम जरूर करना चाहिए इससे दिल की बीमारियों में बहुत लाभ होता है ऐसा कई प्रकार के अनुसंधान में सिद्ध भी हो चुका है इसके लिए हर दिन 10 मिनट के लिए मेडिटेशन करना, 10 मिनट अनुलोम विलोम प्राणायाम करना इसके अतिरिक्त कई प्रकार के आसन जैसे…

  • त्रिकोणासन

इसके अतिरिक्त 2 आसन जो बैठकर किए जा सकते हैं जैसे…

  • शशांकासन
  • अर्धवक्र आसन 

ओर कुछ आसन जो लेट कर किए जाते हैं जैसे… 

  • मेरुदंड आसन 
  • उत्तानपादासन 

यह प्रमुख रूप से पीठ के बल लेटकर किए जाते हैं इनके अतिरिक्त अन्य 2 आसन जो पेट के बल लेटकर किए जाते हैं वह इस प्रकार हैं जैसे…

ये सभी आसान दिन में 10 मिनट करने से दिल के रोगों में काफी लाभ होता है आजकल तो बढ़े से बढ़े डॉक्टर योग व प्राणायाम की सलाह दिल के रोगियों को जरूर देते हैं


4- मानसिक तनाव कम करना (Can stress cause heart attack in hindi?)

मानसिक तनाव कम करना (Can stress cause heart attack in hindi?)
AVOID STRESS

मानसिक तनाव अनेकों कारणों से हो सकता है यह कारण साधारण भी हो सकते हैं तथा कई बार गंभीर भी होते हैं इस तनाव का हमारे शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है अत्यधिक मानसिक तनाव के कारण शरीर में अनेक प्रकार के हारमोंस का असंतुलन हो जाता है,

जिसके चलते रक्तचाप में वृद्धि होना या रक्तचाप बहुत ज्यादा कम होना इत्यादि लक्षण पैदा होने लगते हैं जिनका हमारे दिल की सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, 

इसलिए मानसिक तनाव को किसी भी हालत में कम करना बहुत जरूरी है इसको कम करने के लिए योग, मेडिटेशन तथा अन्य व्यायाम का सहारा लिया जा सकता है, 

  • इसके अतिरिक्त अगर फिर भी मानसिक तनाव कम नहीं हो रहा तो इसके लिए आप एक अच्छे मानसिक रोगों के डॉक्टर से सलाह मशवरा कर सकते हैं,

किसी भी व्यक्ति को ज्यादा तनाव तभी होता है जब उसकी इच्छाएं पूरी नहीं होती इसलिए हमें चाहिए कि हम अपनी इच्छाओं को कम रखें तथा दूसरे लोगों से ज्यादा उम्मीदें ना रखें क्योंकि दोनों ही मामलों में तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है,

जितना हो सके अपने मन पर नियंत्रण व स्थिरता पैदा करें, ऐसा करने से किसी भी व्यक्ति को अवश्य लाभ मिलता है कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छाएं जितनी ज्यादा बढ़ा लेता है उतना ही ज्यादा तनाव उस व्यक्ति को होने की संभावना भी बढ़ जाती है


5- हृदय की जानकारी हासिल करना

हार्ट अटैक से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को हृदय का सामान्य ज्ञान जरूर हासिल करना चाहिए इसमें से कुछ बातें हार्ट के मरीज को जरूर पता होने चाहिए जैसे कि…

  • खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 130 मिलीग्राम/dl से कम होनी चाहिए
  • रक्त में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा 100 मिलीग्राम से कम होनी चाहिए
  • रक्त शर्करा खाली पेट 100 मिलीग्राम से नीचे होनी चाहिए
  • 3 महीने की ग्लाइकोसिलेटेड हिमोग्लोबिन एक प्रकार का शुगर टेस्ट है जो 6.5 % से कम होना चाहिए
  • रक्तचाप 120/80 mm-Hg होना चाहिए
  • शरीर का वजन कद के हिसाब से सही अनुपात में होना चाहिए 

इसको जानने के लिए अपने कद मे से 100 की संख्या को कम करके सही वजन जाना जा सकता है जैसे मान लो किसी का कद 178 सेंटीमीटर है तो 178 की संख्या में से 100 की संख्या को कम करने पर 78 की संख्या शेष रह जाती है यानि उस व्यक्ति का सही वजन 78 किलो के आसपास होना चाहिए

  • अपना बॉडी मास इंडेक्स(BMI) 25 से कम होना चाहिए

इसके अतिरिक्त हर दिन कितना पैदल चलना चाहिए, एक समय में कितना खाना खाना चाहिए, अपने शरीर के हिसाब से कितनी कैलरी की जरूरत है इत्यादि दिल के रोगों से बचने के लिए यह बातें प्रत्येक व्यक्ति को जाननी जरूरी हैं

ओर साथ में दिल के रोगों के टेस्ट जैसे ईसीजी, इकोकार्डियोग्राफी, टीएमटी क्या होती है इसकी भी सामान्य जानकारी एक दिल के रोगी को अवश्य होनी चाहिए

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय पढ़ते रहें…


6- सही दवाइयों का चयन करना

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय

अगर किसी व्यक्ति को दिल का रोग है उस व्यक्ति को सही दवाइयों का सेवन करना बहुत जरूरी है इसके साथ साथ अपने चिकित्सक की सलाह से कोलेस्ट्रोल व ट्राइग्लिसराइड को कम करने वाली, शुगर को कंट्रोल करने वाली, रक्तचाप को नियंत्रित करने वाली दवाइयों का सेवन हर दिन सही समय पर करना बहुत जरूरी है

दवाइयों के सेवन के साथ साथ इस बात को सुनिश्चित करें कि इन दवाइयों के सेवन से आपका कोलेस्ट्रोल, ट्राइग्लिसराइड, रक्तचाप तथा शुगर बिल्कुल नियंत्रण में रहे, अगर यह नहीं हो पा रहा है तो अपने चिकित्सक से सलाह मशवरा करके अपनी दवाइयों में बदलाव करें


7- सी-टी एंजियोग्राफी की जानकारी

  • यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण जांच है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति यह जान सकता है कि उसके दिल की कोरोनरी धमनियों में कितना ब्लॉकेज है, 

ये टेस्ट उन व्यक्तियों को जरूर करवाना चाहिए जिनके परिवार में अर्थात जिन लोगों के माता-पिता को या दादा दादी को दिल के रोगों की शिकायत रही हो या,

  • जिन लोगों की उम्र 50 वर्ष से ज्यादा हो या जो लोग शुगर या मधुमेह से पीड़ित हो या जिन लोगों में मोटापा अत्यधिक हो या जिन व्यक्तियों में दिल के रोग होने की संभावना ज्यादा हो वे सभी व्यक्ति इस टेस्ट की सहायता से यह जान सकते हैं कि उनके दिल की रक्त वाहिकाओं में कितनी ब्लॉकेज है, 

इस टेस्ट को करवाने में कोई चीर फाड नहीं किया जाता (Non-invasive) यह सामान्य टेस्ट होता है जिसमें कुछ देर के लिए एक मशीन में व्यक्ति को लेटना पड़ता है, 

  • इसमें किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता मात्र एक इंजेक्शन लगाना पड़ता है जिसके कारण सुई चुभने की पीड़ा मात्र महसूस होती है,

आजकल इस टेस्ट का महत्व काफी बढ़ गया है यह इसलिए है क्योंकि इस टेस्ट को कोई भी व्यक्ति बिना डॉक्टरी सलाह के अपनी मर्जी से कभी भी करवा कर यह जान सकता है कि उसकी दिल की सेहत कैसी है


8- कुछ अन्य प्रकार के टेस्ट

शुगर के कारण,लक्षण व सभी उपचार
शुगर कंट्रोल है जरूरी

अगर कोई व्यक्ति दिल का रोगी है तो उस व्यक्ति को 3 महीने में एक बार अपना लिपिड प्रोफाइल टेस्ट जरूर करवाना चाहिए, जिससे उस व्यक्ति को अपने खून में कोलेस्ट्रोल, ट्राइग्लिसराइड तथा एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कितनी है इसकी सही जानकारी प्राप्त होती रहे,

  • इसके साथ साथ अगर उसको शुगर (Diabetes) या मधुमेह रोग है तो हर 5 से 7 दिन बाद अपना शुगर टेस्ट खाली पेट तथा खाना खाने के 2 घंटे बाद जरूर करवाना चाहिए,

इसके अलावा सप्ताह में एक बार अपने रक्तचाप (Blood pressure) की जांच जरूर करवानी चाहिए,

इन सभी चीजों को नियंत्रण में रखने से हार्ट अटैक आने की संभावना काफी कम हो जाती है


9- धूम्रपान व शराब के सेवन से बचें (long-term effects of Alcohol & smoking on the heart)

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय
सिगरेट तम्बाकू से करें परहेज़

दिल के रोगी को धूम्रपान व शराब का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए, क्योंकि धूम्रपान करने से रक्त वाहिकाओं में आई हुई ब्लॉकेज बढ़ने लगती है, 

  • जिस कारण हार्ट अटैक की संभावना काफी बढ़ जाती है इसके अतिरिक्त धूम्रपान से फेफड़ों के तथा मुंह के अनेक प्रकार के रोग होने की संभावना हमेशा बनी रहती है,

इसके अतिरिक्त शराब के ज्यादा सेवन से रक्तचाप में वृद्धि होती है जिसका दिल की सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है,

अगर किसी व्यक्ति को दिल की रक्त वाहिकाओं में ब्लॉकेज है तथा वह निरंतर शराब व धूम्रपान का सेवन करता है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को हार्ट अटैक आने की संभावना काफी बढ़ जाती है इसलिए धूम्रपान व शराब के सेवन से दूर रहना हार्ट पेशेंट के लिए बहुत जरूरी है


10- EECP उपचार नेचुरल बाईपास (EECP Treatment in Hindi)

  • इस उपचार को नेचुरल बायपास भी कहते हैं इस विधि के द्वारा हमारे हृदय के ऊपर स्थित कुछ एक ऐसी रक्त वाहिकाएं होती हैं जिनमें कभी भी रक्त का प्रवाह ना हुआ हो इस उपचार के माध्यम से अगर किसी व्यक्ति की प्रमुख धमनी में ब्लॉकेज आ जाए तो उसका इलाज इन प्राकृतिक अन्य रक्त वाहिकाओं को खोलकर किया जाता है, 

इसको करने में 35 से 40 घंटे का समय लगता है तथा हृदय पर कुछ दबाव डालकर अन्य प्रकृतिक रक्त वाहिकाओं को खोला जाता है, 

इन रक्त वाहिकाओं को स्पोर्ट्समैंस ट्यूब्स (Sportsmen’ tubes) भी कहते हैं यह इसलिए है क्योंकि स्पोर्ट्समैन जब दौड़ते हैं तो उस वक्त यह प्रकृतिक रक्त वाहिकाएं अपने आप खुल जाती हैं, 

आजकल इस उपचार को FDA अमेरिका ने भी मान्यता दे दी है इसलिए किसी भी दिल के रोगी को एनजीओ-प्लास्टी (Angioplasty) या बाईपास सर्जरी (CABG) करवाने से पहले इस उपचार का सहारा जरूर लेना चाहिए, इस उपचार को करने के लिए एक विशेष प्रकार की मशीन होती है


हृदयाघात या हार्ट अटैक आने के प्रमुख 6 कारण (causes of heart attack in hindi)

हार्ट अटैक किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय हो सकता है इसके कारण तुरंत ही जान जाने का जोखिम होता है कई बार ऊपर से स्वस्थ् दिखने वाले व्यक्तियों के ह्रदय की धमनियों में काफी ब्लॉकेज होती है आजकल तो छोटी उम्र के व्यक्तियों में भी यह समस्या आम देखी जा सकती है हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज बनने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं…

1- कोलेस्ट्रोल (Cholesterol in hindi)

  • Cholesterol का नाम लगभग सभी व्यक्तियों ने सुना है यह एक प्रकार की चर्बी है जोकि जानवरों में पाई जाती है एक स्वस्थ व्यक्ति में जितनी मात्रा में कोलेस्ट्रोल की आवश्यकता होती है उतना कोलेस्ट्रोल हमारे लिवर द्वारा निर्मित होता रहता है

परंतु ज्यादा मात्रा में मांसाहार जैसे मटन, चिकन, फिश, रेड मीट पोर्क, बीफ इत्यादि का सेवन जरूरत से ज्यादा मात्रा में करने से कोलेस्ट्रोल की मात्रा हमारे शरीर में काफी बढ़ने लगती है, 

तथा यह बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल हमारे हृदय की कोरोनरी धमनियों में जमने लगता है जिसके कारण कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज उत्पन्न होने लगती है यह कोलेस्ट्रोल मांस के अलावा दूध में भी पाया जाता है क्योंकि दूध भी जानवरों से ही प्राप्त होता है, 

  • इसलिए दूध का सेवन भी हृदय रोगी को कम मात्रा में करने की सलाह दी जाती है अगर दूध का सेवन करना भी पड़े तो बिना मलाई वाला पतला दूध (Skimmed milk) कम से कम 200 मिलीलीटर की मात्रा एक दिन में हृदय रोगी सेवन कर सकता है,

इसके अतिरिक्त हर 6 महीने में एक बार अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल जरूर चेक करवाना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह रक्त में 130 मिलीग्राम प्रति डेसिलिटर से कम हो,

अगर इसकी मात्रा 200 मिलीग्राम से ज्यादा है तो इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा करके इसको कम करने की दवाई शुरू करनी चाहिए

कोलेस्ट्रॉल की दवा का नाम (Cholesterol tablets in hindi)

जैसे कि…

  • ATORVASTATIN-10/20 mg Salt Name 
  • ROSUVASTATIN- 10/20 mg Salt Name 

इसके अतिरिक्त कुछ ब्रांडेड दवाइयां जैसे कि…

  • Cap. Rosumac-C 10/20(Rosuvastatin 10/20 mg +Clopidogrel 75 mg) by Macleods
  • capsule Rosumac Gold 10/20(Rosuvastatin 10/20 mg+Enteric coated Aspirin 75 mg+Clopidogrel 75 mg)
  • Tab. Atorniz 10/20 by Lefford 
  • Tb. Atorlip-F इत्यादि

इस प्रकार की दवाइयों का लगातार सेवन करने से बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल धीरे-धीरे कम होने लगता है परंतु इसके साथ मांसाहार का परहेज करना व अपनी दिनचर्या में सुधार करना भी जरूरी है तभी जाकर यह दवाइयां कारगर होंगी अन्यथा नहीं

“हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय कृपया आगे ओर पढ़े…


2- ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides meaning in hindi)

हृदयाघात या हार्ट अटैक का दूसरा सबसे प्रमुख कारण ट्राइग्लिसराइड्स है यह भी एक प्रकार की चर्बी है बस फर्क इतना है कि यह चर्बी वनस्पति में पाई जाती है जानवरों में नहीं,

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय
सभी प्रकार के तेल

जैसे कि सभी प्रकार के तेल जैसे…

  • सरसों का तेल
  • मूंगफली का तेल 
  • जैतून का तेल 
  • तिलों का तेल 
  • नारियल का तेल 
  • केनोला आयल 
  • सफौला आयल 
  • राइस ब्रान आयल तथा 
  • सभी प्रकार के रिफाइंड आयल आदि 

यह सभी ट्राइग्लिसराइड्स से भरे होते हैं अलग-अलग तेल के हिसाब से थोड़ा बहुत फर्क ट्राइग्लिसराइड की मात्रा में हो सकता है, 

परंतु ऐसा नहीं है कि जैतून का तेल सेवन करने से ट्राइग्लिसराइड नहीं बढ़ेगा, अगर कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार के तेल का सेवन अत्यधिक मात्रा में करता है तो ऐसी स्थिति में उसके रक्त में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा बढ़ने लगती है, 

  • यह बढ़ा हुआ ट्राइग्लिसराइड कोलेस्ट्रोल के साथ-साथ हृदय की कोरोनरी धमनियों में जमने (Deposit) लगता है जिससे ब्लॉकेज बढ़ने लगती है, 

इसलिए हृदय रोगी को इन पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए तथा स्वस्थ व्यक्तियों को भी किसी भी प्रकार के तेल का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए, ऐसा करने से हृदय की कोरोनरी धमनियों में आने वाली ब्लॉकेज काफी हद तक नियंत्रित की जा सकती है,

ट्राइग्लिसराइड की जांच भी 6 महीने में एक बार जरूर करवानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रक्त में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा 100 मिलीग्राम/डेसीलिटर से कम होनी चाहिए अगर मात्रा ज्यादा है तो अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा कर उचित दवा का प्रबंधन किया जाना चाहिए,

जो दवाइयां कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती है वही दवाइयां ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने के लिए भी काफी कारगर है


3- उच्च रक्तचाप (High blood pressure in hindi)

ब्लड प्रेशर क्या है इसके कारण लक्षण व सभी उपचार
ब्लड प्रेशर करें कंट्रोल

हृदयाघात या हार्ट अटैक का तीसरा प्रमुख कारण उच्च रक्तचाप है अगर किसी व्यक्ति का रक्तचाप 120/80 mmhg रहता है तो यह बिल्कुल सही है, 

  • परंतु अगर किसी का रक्तचाप 140/90 mmhg से ज्यादा रहता है तो इसका मतलब है कि वह व्यक्ति उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित है, 

लगातार उच्च रक्तचाप रहने के कारण यह दिल की कोरोनरी धमनियों में बहुत क्षति पहुंचाता है उनको अंदर से डैमेज कर देता है जिस स्थान पर यह क्षति पहुंचाता है उस स्थान पर चर्बी की परत जमने लगती है, 

जिसके कारण ब्लॉकेज की समस्या तेजी से बढ़ने लगती है जिसके चलते हार्ट अटैक होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है अगर किसी व्यक्ति का रक्तचाप उच्च रहता है तो इसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए, ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा करके उचित दवा का प्रबंधन करना चाहिए तथा रक्तचाप को 120/80 mmhg के स्तर पर ही रखना चाहिए,

सप्ताह में एक बार अपना रक्तचाप जरूर चेक करवाना चाहिए,

उच्च रक्तचाप में प्रयोग होने वाली कुछ प्रमुख दवाइयां…

  • Atenolol 
  • Amlodipine 
  • Telmisartan
  • Losartan 

हाई blood pressure में प्रयोग होने वाली कुछ ब्रांडेड दवाइयां…

  • Tab Telvilite-AM 40/80
  • Tb. Losar 50
  • Tab Losar-H 
  • Tb. Losar-A 
  • Tab Amtas AT
  • Tb. Olmat 20
  • Tab Olmat-H 
  • Tb. Olmat-A इत्यादि

उच्च रक्तचाप से पीड़ित कोई भी व्यक्ति इन दवाइयों का सेवन अपने चिकित्सक की सलाह से कर सकता है इसके अतिरिक्त उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार में नमक का सेवन, वसा का सेवन, मानसिक अवसाद( Anxiety,Depression) को कम कर देना चाहिए तथा स्वस्थ जीवन शैली को अपनाकर अपने उच्च रक्तचाप का सही से प्रबंधन करना चाहिए


4- शुगर या मधुमेह (diabetes mellitus in hindi)

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय
शुगर बढाये दिल का रोग

मधुमेह या शुगर हृदयाघात या हार्ट अटैक होने का चौथा प्रमुख कारण है किसी भी सूरत में किसी भी व्यक्ति की खासकर दिल के रोगी की रक्त शर्करा खाली पेट 100 mg/dl से कम होनी चाहिए तथा खाना खाने के 2 से ढाई घंटे बाद रक्त शर्करा का स्तर 140 mg/dl से कम होना तथा 3 महीने की रक्त शर्करा (HBA1c) की रिपोर्ट 6.5 % से कम होना अति आवश्यक है, 

  • ऐसा इसलिए है क्योंकि लगातार रक्त शर्करा (Blood glucose) के बढ़ने से रक्त वाहिकाएं अंदर से खुरदरी हो जाती हैं, 

जिसके कारण उस स्थान पर कोलेस्ट्रोल तथा ट्राइग्लिसराइड व कैल्शियम जमने लगता है जिससे हृदयाघात या हार्ट अटैक होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है इसलिए मधुमेह या शुगर रोग को हर स्थिति में नियंत्रण में रखना अति जरूरी है,

डायबिटीज/शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए नित्य व्यायाम करना, मीठे पदार्थों के सेवन से परहेज करना, मानसिक तनाव को दूर करना इत्यादि उपायों का सहारा लिया जा सकता है अगर फिर भी शुगर का सही से नियंत्रण नहीं हो पा रहा तो इसके लिए शुगर रोग के विशेषज्ञ (Diabetologist) चिकित्सक से मिलकर इसका समाधान करना चाहिए,

शुगर की अंग्रेजी दवा (Diabetes tablets names)

  • Glimepiride ½ mg 
  • Metformin HCL 500/1000 mg  
  • Pioglitazone HCL 15 mg 
  • Gliclazide 
  • Glipizide 
  • Teneligliptin 
  • Glyburide इत्यादि

डायबिटीज को नियंत्रित करने वाली कुछ ब्रांडेड दवाइयां

  • Tb. Glyzid M 
  • Tab. Glimistar ½
  • Tb. Glimistar M 
  • Tab. Glimistar PM ½
  • Tb. Uniglip-PM 2(SR) by Unimarck Healthcare Ltd

“हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय पढ़ते रहें…


5-तंबाकू का सेवन (tobacco causes heart disease in hindi)

  • किसी भी प्रकार से तंबाकू का सेवन करना जैसे सिगरेट, सिगार, बीड़ी, पान मसाला, गुटखा, जर्दा, चैनी खैनी, हुक्का आदि का इस्तेमाल जिससे किसी भी तरह चाहे मुंह के रास्ते चाहे नाक के रास्ते तंबाकू का शरीर में जाने के कारण हृदय रोग या हार्ट अटैक आने की संभावना काफी बढ़ जाती है, 

इसलिए इन पदार्थों का सेवन किसी भी प्रकार से नहीं करना चाहिए तंबाकू के सेवन से रक्त वाहिकाएं अंदर से चिपचिपी (Sticky) हो जाती हैं जिसके कारण उनके अंदर वसा यानि कोलेस्ट्रोल तथा ट्राइग्लिसराइड व  कैल्शियम के जमने की संभावना काफी बढ़ जाती है जिससे ब्लॉकेज के बढ़ने का खतरा हमेशा बना रहता है इसलिए हर व्यक्ति को खासकर हृदय रोगी को तंबाकू के सेवन से बचना चाहिए, 

आजकल करोड़ों लोगों को स्मोकिंग व जर्दे की वजह से हार्ट अटैक की शिकायत दुनियाभर में हो रही है इसलिए पक्का निश्चय करके स्मोकिंग तथा जर्दे की आदत को छोड़ देना हृदय रोगों से बचने का प्रमुख उपाय है


6- मानसिक तनाव व अवसाद (Can depression cause heart attack)

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय
मानसिक तनाव से बढे दिल के रोग

हृदयाघात या हार्टअटैक का छठा सबसे प्रमुख कारण मानसिक अवसाद जिसे आम भाषा में चिंता, परेशानी, घबराहट या तनाव भी कहते हैं का होना है, 

  • मानसिक अवसाद के कारण हार्ट अटैक की समस्या कभी भी आ सकती है कई बार एकदम से ज्यादा चिंता परेशानी की स्थिति उत्पन्न होने से हृदयाघात या हार्ट अटैक हो जाता है ऐसा अनेकों व्यक्तियों में देखने को मिलता है,

मानसिक तनाव के कारण अनेक प्रकार के केमिकल रसायनो का खून में असंतुलन हो जाता है जिसके चलते अगर पहले से ही किसी व्यक्ति को दिल की धमनियों में ज्यादा ब्लॉकेज हो तथा उस ब्लॉकेज वाले स्थान की ऊपरी परत (Fibrous cap) फटने वाली हो तो वह फट जाती है जिससे 100% ब्लॉकेज होकर तुरंत हृदयाघात या हार्ट अटैक हो जाता है,

  • इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को खासकर हृदय रोगी को अनावश्यक चिंता, तनाव, मानसिक परेशानी से बचना चाहिए, 

इसके लिए योगा, मेडिटेशन, व्यायाम आदि का सहारा लिया जा सकता है अगर खुद से मानसिक तनाव का प्रबंधन सही से ना हो पा रहा हो तो किसी अच्छे मनोचिकित्सक की मदद से इस तनाव को कम करना चाहिए, 

मानसिक तनाव के कारण ओर अनेकों प्रकार के रोग मानव शरीर में होते हैं ऐसा कई प्रकार के अनुसंधान में सिद्ध भी हो चुका है


हार्ट अटैक के प्रमुख 6 लक्षण (heart attack symptoms in hindi)

  • हृदयाघात या हार्टअटैक के लक्षणों का आना इस बात पर निर्भर करता है कि दिल की कोरोनरी धमनियों में कितना ब्लॉकेज है अगर ब्लॉकेज कम है तो ऐसी स्थिति में कम लक्षण दिखाई देंगे और अगर ब्लॉकेज 90% से अधिक है तो ऐसी स्थिति में लगभग स्पष्ट लक्षण दिखाई देते हैं, 

अगर कोई व्यक्ति समय रहते इन लक्षणों को समझ ले तो वह व्यक्ति भविष्य में होने वाले हार्ट अटैक से बच सकता है, 

हार्ट अटैक आने से पहले लक्षण जरूर देता है बस होता यह है कि 90% से ज्यादा व्यक्ति इन लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं जिसके कारण ऐसे लोगों को भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने पढ़ते हैं इसलिए इन लक्षणों को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए,

Heart Attack के प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं…

1- सीने में जकड़न होना (Chest pain symptoms)

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय
सीने में दर्द हृदयघात का प्रमुख लक्षण

हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों में से सबसे ज्यादा 70% लोगों में सबसे प्रमुख लक्षण सीने या छाती में बाई तरफ तेज दर्द का होना, छाती में भारीपन होना, छाती में जलन होना, छाती में असहजता का होना पाया जाता है, 

  • अगर किसी व्यक्ति के दिल की कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज का स्तर 90% से ऊपर है तो उस व्यक्ति को छाती में दिक्कत जरूर होती है,

इसमें एक बात ध्यान देने वाली यह है कि 70% लोगों में हार्ट अटैक के वक्त छाती का दर्द बाएं बाजू में या पेट की तरफ या बाएं कंधे की तरफ तथा कई बार जबड़े की तरफ या सिर की तरफ भी जाता (Radiate) है, 

कई लोगों में यह दर्द बर्दाश्त से बाहर होता है तथा दर्द के वक्त…

  • बहुत ज्यादा पसीना,
  • घबराहट,
  • उल्टी या

कभी-कभी लैट्रिन का निकलना यह लक्षण भी साथ में पाए जाते हैं

“हार्ट अटैक से बचने के उपाय” आगे ओर पढ़ें


2-सांस लेने में दिक्कत और चक्कर आना (breathlessness in hindi)

  • हृदयाघात या हार्टअटैक का दूसरा सबसे प्रमुख लक्षण सांस का फूलना है हार्ट अटैक आने से कुछ दिन पहले उस व्यक्ति मे सांस संबंधी दिक्कतें जरूर पैदा होती हैं आमतौर पर चलते वक्त, सीढ़ियां चढ़ते वक्त या कोई भी शारीरिक परिश्रम वाला कार्य करने पर सांस का फूलना, सांस लेने में दिक्कत होना यह लक्षण जरूर ही पाया जाता है,

सांस का फूलना हृदय की कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज के स्तर पर निर्भर करता है इसको समझने के लिए इसको चार ग्रेड्स में बांट सकते हैं जैसे कि…

ग्रेड 4-

ये स्थिति सबसे खतरनाक होती है ऐसी स्थिति में हार्ट पेशेंट यह शिकायत करता है कि बिना किसी शारीरिक परिश्रम के अर्थात बिना सीढ़ियां चढ़े, बिना चले मात्र आराम से बैठे रहने पर भी सांस फूलने की शिकायत होती है ऐसी स्थिति में ब्लॉकेज का स्तर 90% से ऊपर होने की संभावना रहती है


-ग्रेड 3-

यह स्थिति ग्रेड 4 से थोड़ी कम खतरनाक है इसमें हार्ट के मरीज के सांस फूलने की शिकायत आराम से बैठे रहने पर नहीं होती, बल्कि थोड़ा सा चलने पर, बाथरूम तक जाने पर या 2 से 3 सीढ़ियां चढ़ने पर सांस फूलने की शिकायत होने लगती है


ग्रेड 2-

Grade 2 की स्थिति में हार्ट के मरीज को आराम से बैठे रहने पर या थोड़ा चलने फिरने पर भी सांस फूलने की शिकायत नहीं होती है  ऐसी स्थिति में हार्ट का मरीज जब थोड़ा तेज चलता है या कोई शारीरिक परिश्रम वाला कार्य करता है तभी जाकर उस व्यक्ति को सांस के फूलने की शिकायत होती है, 

ऐसी स्थिति को एनजाइना (Angina) भी कहते हैं तथा इस स्थिति में ब्लॉकेज का स्तर थोड़ा कम हो सकता है


grade 1 heart disease (ग्रेड 1)-

  • ऐसी स्थिति में सांस फूलने की शिकायत आराम से बैठे रहने पर थोड़ा तेज चलने पर सीढ़ियां चढ़ने पर नहीं होती है बल्कि सांस फूलने की शिकायत तभी होती है जब वह व्यक्ति ज्यादा परिश्रम वाला जैसे बहुत तेज चलना, दौड़ना, भागना, जोगिंग करते वक्त छाती में भारीपन तथा सांस फूलने की शिकायत होती है

सांस का फूलना हार्ट अटैक का दूसरा सबसे प्रमुख लक्षण है लेकिन इसमें एक बार यह भी ध्यान देने वाली है कि सांस का फूलना हार्ट अटैक के अलावा दमे के मरीज में या किसी एलर्जी के कारण या दिल के कमजोर होने के कारण या फेफड़ों की बीमारियों में भी यह लक्षण पाया जा सकता है, 

इसलिए इस स्थिति को सही से समझना होगा, बाकी 25% लोगों में हार्ट अटैक के वक्त छाती में दर्द नहीं होता बल्कि सांस फूलने का प्रमुख लक्षण होता है


3- जबड़े में दर्द का होना…

हार्ट अटैक के वक्त 5% लोग ऐसे भी हैं जिनको ना तो छाती में दर्द होता है ना ही उनका सांस फूलता है बस मात्र जबड़े में दर्द के होने की शिकायत होती है तथा कई बार जबड़े में दर्द के साथ साथ…

  • छाती में जलन या
  • थोड़ी धड़कन का बढ़ना,
  • घबराहट,

बेचैनी होना इत्यादि लक्षण भी होते हैं तथा यह लक्षण थोड़ा चलने फिरने से ओर भी ज्यादा बढ़ जाते हैं


4- थकावट (fatigue heart attack in hindi)

  • दिल की धमनियों में ब्लॉकेज व संकुचन के कारण दिल को बहुत अत्यधिक मेहनत करनी पड़ती है जिसके कारण अनेक हृदय रोगियों में अनावश्यक थकावट देखने को मिलती है, 

ऐसी स्थिति में रात्रि में अच्छी नींद लेने के बावजूद भी सारा दिन आलस तथा अत्यधिक थकान महसूस होती रहती है यह लक्षण भी हार्ट अटैक के कुछ मामलों में देखने को मिलते हैं

“हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय” पढ़ते रहें…


5-पैरों में सूजन (pedal edema heart attack)

  • हृदय रोगियों में हृदय की धमनियों में संकुचन व ब्लॉकेज के कारण खून की नसों में जिसे शिराएं भी बोलते हैं उनमें प्रेशर बढ़ने लगता है 

जिसके कारण शरीर के कुछ अंगों में खासकर पैर के पंजों में, टखनों में तथा टांगों के निचले हिस्सों में सूजन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है यह लक्षण भी कुछ हृदय रोगियों में देखने को मिलता है


6- अनावश्यक चक्कर आना (heart attack ke lakshan) 

  • दिल की धमनियों में संकुचन व ब्लॉकेज के कारण दिल को जितनी मात्रा में रक्त को पंप करना चाहिए वह नहीं कर पाता, जिसके कारण पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का संचार मस्तिष्क में ना होने के कारण अनावश्यक चक्कर आने लगते हैं खड़े होने पर आंखों के आगे अंधेरा आने लगता है इस प्रकार के लक्षण भी हार्ट अटैक में देखने को मिल सकते हैं,

ऊपर लिखे लक्षणों में से सबसे प्रमुख रूप से सबसे ज्यादा मामलों में हार्ट अटैक के समय छाती में बाई तरफ़ दर्द का होना तथा यह दर्द बाईं बाजू की तरफ जाना या बाएं कंधे की तरफ जाना तथा साथ में सांस का फूलना, धड़कन का अत्यधिक बढ़ जाना या कम होना, उल्टी, घबराहट, बेचैनी, अत्यधिक पसीना आना यह लक्षण लगभग साथ में ही आते हैं तथा सही इलाज ना मिलने की सूरत में कुछ ही क्षणों में हार्ट अटैक से व्यक्ति की मृत्यु होने की संभावना 90% से ऊपर होती है

“हार्ट अटैक से बचने के उपाय” keep reading…


हार्ट अटैक का पता कैसे चलता है (Diagnosis of heart attack in hindi)?

हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय
ECG टेस्ट

हृदयाघात या हार्ट अटैक के निदान के लिए सबसे प्रमुख टेस्ट इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राफी जिसे ईसीजी (ECG) है अगर किसी व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण नजर आए तो तुरंत उसे नजदीक के बढ़िया अस्पताल में दाखिल कर 10 मिनट के अंदर अंदर या जितनी जल्दी हो सके उसका ईसीजी टेस्ट हो जाना चाहिए

  • ECG टेस्ट करने में मात्र 5 मिनट का समय डॉक्टर को लगता है तथा इस टेस्ट के माध्यम से एक अच्छा डॉक्टर तुरंत ही हार्ट अटैक के निदान की पुष्टि कर लेता है ईसीजी की रिपोर्ट से डॉक्टर को यह भी पता चल जाता है कि जो हार्टअटैक हुआ है वह कितना गंभीर है?

ईसीजी करने में कोई भी दिक्कत परेशानी मरीज को नहीं होती तथा ना ही कोई सुई लगाने का झंझट है एक छोटी सी मशीन के द्वारा धातु से बने इलेक्ट्रोड मरीज की छाती, बाजू तथा टांगों पर लगाकर यह टेस्ट किया जाता है इस टेस्ट को करने में किसी भी प्रकार का दर्द मरीज को नहीं होता है

इस टेस्ट के द्वारा दिल की विद्युतीय गतिविधि (Electrical activity) का आंकलन किया जाता है इस टेस्ट की रिपोर्ट में ST सेगमेंट के एलिवेशन को देखकर हार्ट अटैक की पुष्टि की जाती है


हृदयाघात या हार्ट अटैक के प्रकार (Types of heart attack in hindi)

  • ईसीजी टेस्ट में ST सेगमेंट के एलिवेशन को देखते हुए हार्ट अटैक को 3 भागों में बांटा जाता है

1- ST सेगमेंट एलिवेशन हार्ट अटैक

  • यह सबसे खतरनाक हार्ट अटैक है इस प्रकार के हार्ट अटैक में दिल की किसी भी प्रमुख कोरोनरी धमनी में पूरी ब्लॉकेज होती है जिसके चलते हृदय की मांसपेशियों में रक्त का संचालन ना होने के कारण गंभीर क्षति पहुंचती है जिसके चलते तुरंत सही इलाज ना मिलने की सूरत में रोगी की मृत्यु भी हो सकती है,

हृदयाघात या हार्ट अटैक से मरने वाले लोगों में सबसे ज्यादा क्षति इसी के कारण होती है इसका निदान ईसीजी में st-segment के एलिवेशन को देखकर डॉक्टर तुरंत ही कर लेते हैं

2- बिना ST सेगमेंट एलिवेशन वाला हार्ट अटैक

  • इस प्रकार का हार्ट अटैक पहले प्रकार की तुलना में थोड़ा कम खतरनाक होता है इस प्रकार के हार्टअटैक में हृदय की किसी भी प्रमुख कोरोनरी धमनी में पूरी ब्लॉकेज नहीं होती है बल्कि यह ब्लॉकेज आंशिक (Partial) होती है जिसके कारण हृदय की मांसपेशियों में क्षति थोड़ी कम होती है परंतु यह भी एक प्रकार की मेडिकल एमरजैंसी है

अगर इसकी तरफ ध्यान ना दिया गया तो यह भी गंभीर हार्ट अटैक का रूप ले सकता है इस प्रकार के हार्टअटैक में ईसीजी की रिपोर्ट में ST सेगमेंट में एलिवेशन देखने को नहीं मिलता या बहुत कम मिलता है इसका निदान ईसीजी में अन्य बदलाव तथा रोगी के लक्षण देख डॉक्टर कर लेते हैं

3- अनस्टेबल एंजाइना (Unstable Angina in hindi)

  • यह सबसे कम खतरनाक हार्ट अटैक का प्रकार है इस प्रकार के हार्टअटैक में हृदय की मांसपेशियों में पूर्णता क्षति नहीं पहुंचती है 

लेकिन अगर समय रहते इसका सही से निदान कर इलाज नहीं करवाया जाए तो यह भी गंभीर हार्ट अटैक का रूप ले सकता है

“हार्ट अटैक से बचने के उपाय” आगे पढ़े


हृदयाघात या हार्ट अटैक के निदान के लिए अन्य टेस्ट

हार्ट अटैक होने की स्थिति में सबसे प्रमुख ईसीजी टेस्ट के द्वारा ही इसका तुरंत निदान कर इलाज शुरू कर दिया जाता है हृदयाघात या हार्ट अटैक एक मेडिकल एमरजैंसी है इसलिए इसका तुरंत इलाज जरूरी है इसलिए एक बार डॉक्टर के द्वारा मरीज की कंडीशन को स्टेबल करके बाकी टेस्ट किए जा सकते हैं जैसे कि…

Trop-T टेस्ट (ट्रॉप टी टेस्ट इन हिंदी)

  • यह एक रक्त की जांच है जिस से हार्ट अटैक के निदान की पुष्टि लगभग हो जाती है हार्ट अटैक होने से लगभग 1 से 2 घंटे बाद इस प्रोटीन का स्तर खून में बढ़ने लगता है इसलिए रक्त की जांच कर हार्ट अटैक की पुष्टि की जा सकती है ट्रॉप टी टेस्ट का महत्व हार्ट अटैक के मामलों में जानने के लिए नीचे दिए गए आर्टिकल को विस्तार से पढ़ें

“हृदय रोगों में Trop-T टेस्ट का महत्व”


इकोकार्डियोग्राफी (Echocardiography in hindi)

  • इस जांच की मदद से दिल की पंपिंग पावर का सही से अंदाजा लगाया जा सकता है इस जांच की मदद से यह भी पता चलता है कि दिल के भीतर वाल्व कैसे हैं तथा दिल के काम करने की शक्ति सही है या कम है दिल के काम करने की शक्ति को ईजेक्शन फ्रेक्शन (EF Ratio) के रूप में इस रिपोर्ट में लिखा जाता है

कोरोनरी एंजियोग्राफी (Coronary Angiography in hindi)

  • हार्ट अटैक के केसों में आजकल सबसे ज्यादा किए जाने वाला टेस्ट कोरोनरी एंजियोग्राफी है इस टेस्ट में एक पतली तार मरीज की बाजू या पेट तथा जांघ के बीच वाले हिस्से (Groin) की प्रमुख रक्त कोशिकाओं में डालकर दिल की कोरोनरी धमनी तक पहुंचा जाता है तथा कोरोनरी धमनी में ब्लॉकेज के सही स्थान का पता लगाया जाता है  

अगर ब्लॉकेज है तो इस विधि के द्वारा तुरंत ही स्टंट डाल दिया जाता है जिसे कोरोनरी एनजीओ-प्लास्टी (Coronary Angioplasty) कहते हैं

“हृदयाघात या हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख 10 उपाय” आगे ओर पढ़े… 


सीटी एंजियोग्राफी हार्ट (CT Angiography in hindi)

इस टेस्ट का महत्व आजकल बहुत बढ़ गया है इसका प्रमुख कारण यह है कि अगर किसी व्यक्ति को ऐसा लगता है कि उसको हार्ट अटैक के लक्षण आ रहे हैं तो ऐसी स्थिति में इस टेस्ट की मदद से हार्ट अटैक से पहले ही कोई भी व्यक्ति बिना डॉक्टर के कहे अपनी मर्जी से इस टेस्ट को करवा कर यह जान सकता है कि उसके हृदय की धमनियों में कोई ब्लॉकेज है या नहीं, 

यह जांच को करवाने में 7 से 10,000 रुपए का खर्च आता है तथा इसमें किसी भी प्रकार की तार बाजू में नहीं डाली जाती है बल्कि सीटी स्कैन की तरह छाती के कुछ एक्स-रे खींचे जाते हैं जिससे ब्लॉकेज का सही पता लगाया जा सकता है, 

इस टेस्ट में अगर हृदय की कोरोनरी धमनी में ब्लॉकेज की शिकायत आती है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति विशेष के पास पूर्णता आजादी रहती है कि वह कहीं से भी किसी भी डॉक्टर से भविष्य में अपना इलाज करवा सकता है


ट्रेडमिल टेस्ट या स्ट्रेस टेस्ट (TMT test in hindi)

इस टेस्ट को स्ट्रेस टेस्ट भी कहते हैं यह उन व्यक्तियों में किया जाता है जिन व्यक्तियों के दिल की कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज होने की संभावना होती है 

TMT टेस्ट में हृदय की दबाव संभालने की क्षमता को चेक किया जाता है इसमें व्यक्ति को मशीन पर धीरे धीरे चलने के लिए कहते हैं तथा फिर धीरे-धीरे मशीन की गति को बढ़ाया जाता है जिससे व्यक्ति को और भी तेज चलना पड़ता हैTMT test in hindi

इस प्रकार धीरे धीरे से उस व्यक्ति के दिल पर दबाव बढ़ता जाता है इस दौरान कंप्यूटर पर ईसीजी रिकॉर्ड की जाती है जिससे यह पता चलता है कि सामान्य गति से तेज गति में चलने से उस व्यक्ति के ईसीजी रिपोर्ट में क्या क्या परिवर्तन आते हैं

ये परिवर्तनों को देखते हुए हार्ट स्पेशलिस्ट इस बात का निदान बड़ी आसानी से कर लेते हैं कि उस व्यक्ति के दिल की धमनियों में कोई ब्लॉकेज है या नहीं, 

इस टेस्ट को करने में मात्र 10 से 15 मिनट का समय लगता है इसमें किसी भी प्रकार का इंजेक्शन वगैरह नहीं दिया जाता यह टेस्ट ब्लॉकेज के निदान के लिए एक आसान व बढ़िया टेस्ट है


हार्ट अटैक मे प्रयोग होने वाली प्रमुख दवाइयां (Heart attack medicine in hindi)

यह दवाइयां अगर किसी व्यक्ति के दिल की कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज है जिसके कारण उसे भविष्य में हार्ट अटैक होने का खतरा है उस वक्त भी प्रयोग की जाती हैं 

तथा हार्ट अटैक आने के बाद मरीज की कंडीशन ठीक होने के बाद दोबारा से हार्ट अटैक ना आए फिर भी इन दवाइयों का प्रयोग किया जाता है इन दवाइयों के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं…

नोट: इन  दवाइयों का प्रयोग अपनी मर्जी से बिल्कुल भी ना करें, इसके लिए कृपया अपने चिकित्सक से सलाह मशवरा करने के बाद ही इनका प्रयोग करना चाहिए


हार्ट अटैक के दौरान प्रयोग होने वाली प्रमुख दवाई का नाम क्या है?

  •  Streptokinase इसका प्रयोग उस वक्त किया जाता है जब किसी भी व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है इस दवाई का कार्य दिल की धमनियों में आई हुई ब्लॉकेज को खत्म करने के लिए किया जाता है, 

इस दवाई को थ्रंबोलाइटिक मेडिसन (Thrombolytic Medication) भी कहते हैं इस दवाई का प्रयोग केवल हृदय रोग के विशेषज्ञ ही कर सकते हैं इस दवाई के प्रयोग से आज तक हार्ट अटैक के हजारों मरीजों की जान बचाई जा चुकी है

हार्ट अटैक के अलावा इस दवा का प्रयोग पलमोनरी (Pulmonary Embolism) एंबॉलिज्म तथा Arterial Thromboembolism के मामलों में भी किया जाता है


हार्ट अटैक से सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रशन (FAQs)

Q क्या दूध पीने से हार्ट अटैक आता है?

A जी नहीं, परंतु जिन व्यक्तियों को हार्ट अटैक होने की संभावना ज्यादा हो या जिन व्यक्तियों का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ हो, ऐसे लोगों को फैट वाले दूध का इस्तेमाल करने की बजाय स्किम्ड मिल्क पीना चाहिए, यह बिल्कुल सुरक्षित होता है


Q हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए?

A सर्वप्रथम अगर आपके पास Sorbitrate 5 mg की गोली है तो तुरंत उसे रोगी की जीभ के नीचे रखना चाहिए, इसके साथ साथ खून पतला करने वाली दवा जैसे Disprin, Aspirin या Ecosprin मे से कोई भी गोली तुरंत रोगी को देनी चाहिए

  • जल्दी से जल्दी मरीज को बिना ज्यादा हिलाए नजदीकी अस्पताल में ले जाना चाहिए

इसमें सबसे खास बात यह है कि अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण आ रहे हैं तो ऐसी स्थिति में उसे पूर्ण रूप से रिलैक्स रहने की कोशिश करते रहना चाहिए किसी भी प्रकार का शारीरिक परिश्रम जैसे चलना फिरना भी बिल्कुल Avoid कर देना चाहिए

अगर लैट्रिन बाथरूम का जोर पड़े तो बेड पर ही कर देना चाहिए, बाथरूम में जाकर जोर लगाने से हार्ट अटैक ओर भी गंभीर हो सकता है


Q हार्ट अटैक को कैसे खत्म करें?

A आप हार्ट अटैक को खत्म नहीं कर सकते है परंतु पीड़ित रोगी को रिलैक्स रहने के लिए कहते रहे, जीभ के नीचे सॉर्बिट्रेट 5 मिलीग्राम की गोली अगर है तो रख दें 

तुरंत नजदीकी हस्पताल से संपर्क करें


Q क्या खाने से हार्ट अटैक नहीं आता है?

A आहार में ज्यादा मात्रा में फलों तथा सब्जियों का सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है इसके अलावा प्रतिदिन योग प्राणायाम करने से भी हार्ट अटैक का खतरा कम होता है

शराब तथा सिगरेट का सेवन हार्ट अटैक के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है


Q हार्ट अटैक में क्या परहेज करना चाहिए?

A हार्ट अटैक के रोगियों को ट्राइग्लिसराइड तथा कोलेस्ट्रोल वाले खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही, पनीर, देसी घी, मक्खन, मलाई इत्यादि पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए 

इसके अलावा सब्जियों में किसी भी तरह के तेल के इस्तेमाल से बचना चाहिए


Q हार्ट की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

A आयुर्वेद में हार्ट की सबसे अच्छी दवा अर्जुन की छाल है इसके अलावा अर्जुनारिष्ट भी दिल को स्वस्थ रखने के लिए बहुत फायदेमंद है

आधुनिक मत अनुसार रेड वाइन का सीमित मात्रा में प्रतिदिन प्रयोग दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत बढ़िया है


Q दिल को मजबूत करने के लिए क्या खाना चाहिए?

A दिल को मजबूत करने के लिए आपको प्रतिदिन अपनी डाइट में सेब, केला, अनार, संतरा, मुसम्मी, कीवी जैसे फलों को शामिल करना चाहिए 

ऐसे पदार्थों में पोटैशियम, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट्स तथा भरपूर मात्रा में विटामिन होते हैं जो दिल की सेहत के लिए बहुत अच्छे हैं


Q हार्ट की देसी दवा क्या है?

A अर्जुनारिष्ट हार्ट की देसी दवा है इसके अलावा नाइट्रिक ऑक्साइड कोरोनरी धमनियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है 

तरबूज का सेवन डिस्लिपिडेमिया की समस्या को कम करता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है

इसके अलावा हरिद्रा में पाया जाने वाला करक्यूमिन तत्व भी दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत बढ़िया है


Q क्या लहसुन खाने से ब्लॉकेज दूर होता है?

A आयुर्वेद के अनुसार हर रोज सुबह खाली पेट दो से तीन कलियां लहसुन की हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से नसों में आई हुई ब्लॉकेज कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा काफी कम हो जाता है


Q हार्ट ब्लॉकेज खोलने के लिए क्या खाएं?

A हार्ट ब्लॉकेज खोलने के लिए प्रतिदिन सुबह हल्के गर्म पानी के साथ लहसुन का सेवन करें, इसके अलावा नाइट्रिक ऑक्साइड वाले बेहतरीन प्रोडक्ट का इस्तेमाल अपनी रोजाना दिनचर्या में जरूर करें

कोलेस्ट्रोल बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ तथा तेलों का सेवन बिल्कुल भी ना करें


Q घर पर हार्ट ब्लॉकेज कैसे चेक करें?

A घर पर हार्ट ब्लॉकेज को चेक करने के लिए नीचे लिखे गए लक्षणों का सही अध्ययन करें जैसे कि…

  • थोड़ा सा चलने पर सांस फूलना
  • छाती में बाई तरफ दर्द होना
  • अत्याधिक थकावट बने रहना
  • रात को सोते समय घबराहट तथा पसीना आना
  • जबड़े, गर्दन, पीठ या बाई बाजू में दर्द का एहसास होना
  • सांस से संबंधित दिक्कतें होना
  • अनावश्यक कमजोरी महसूस करना

तेज चलने पर छाती में असहनीय पीड़ा का अनुभव होना इत्यादि हार्ट के मरीज के लक्षण हो सकते हैं


Q हार्ट के लिए कौन सा जूस पीना चाहिए?

A लहसुन, अदरक तथा नींबू का रस हार्ट के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है

  • सेलेरी, खीरा तथा पुदीने का रस भी हार्ट पेशेंट के लिए बहुत लाभकारी होता है
  • इसके अलावा खट्टे फलों का जूस अपने दैनिक आहार में जरूर शामिल करें

Q कौन सा फल खाने से दिल मजबूत होता है?

A तरबूज का सेवन दिल की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है ऐसा इसलिए है क्योंकि तरबूज में नाइट्रिक ऑक्साइड पाया जाता है जो दिल की धमनियों के लिए बहुत बढ़िया है इसके अलावा पपीता, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, केला, सेब, कीवी इत्यादि फल भी दिल के स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं


Q हार्ट ब्लॉकेज का पता कैसे चलता है?

A हार्ट ब्लॉकेज का सही पता ईसीजी टेस्ट करवाने से चलता है इसके अलावा खून की जांच में ट्रॉप टी टेस्ट से हार्ट ब्लॉकेज का पता चल जाता है


Q ईसीजी से क्या पता चलता है?

A ईसीजी में ST सेगमेंट के एलीवेट होने से हार्ट अटैक का स्पष्ट निदान हो जाता है इसके अलावा अन्य प्रकार की दिल की समस्याओं का निदान भी ईसीजी टेस्ट से डॉक्टर कर लेते हैं


Q कौन सा ड्राई फ्रूट दिल के लिए अच्छा नहीं है?

A उच्च कैलोरी युक्त ड्राई फ्रूट जैसे खजूर तथा काजू हार्ट पेशेंट के लिए रेकमेंडेड नहीं है ऐसा इसलिए है क्योंकि इनका ज्यादा सेवन करने से कोलेस्ट्रोल, ब्लड प्रेशर तथा मोटापा बढ़ने का जोखिम बना रहता है


Q हार्ट फेलियर का पता कैसे लगाएं?

A हार्ट फेलियर का पता लगाने के लिए इकोकार्डियोग्राफी टेस्ट हार्ट स्पेशलिस्ट के द्वारा किया जाता है


Q हार्ट के लिए कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए?

A हार्ट को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन योगा तथा प्राणायाम करना चाहिए

इसके अलावा पैदल चलना, हल्की वेट ट्रेनिंग करना, साइकिलिंग, स्विमिंग दिल को बहुत मजबूत बनाते हैं


Q हार्ट अटैक कितनी उम्र में आता है?

A वैसे तो हार्टअटैक आने की कोई भी उम्र तय नहीं है परंतु फिर भी एक्सपर्ट्स के अनुसार 55 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है ठीक इसी प्रकार पुरुषों में 45 वर्ष की आयु के बाद हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है


Q हार्ट के मरीज को कौन सा तेल खाना चाहिए?

A कैनोला तेल हार्ट पेशेंट्स तथा उच्च कोलेस्ट्रोल से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सबसे बढ़िया विकल्प है इसका सेवन रक्त में मौजूद बेड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को भी कम करता है हार्ट स्पेशलिस्ट ज्यादातर कैनोला तेल का सेवन करने की सलाह देते हैं


Q एक अच्छी आराम दिल की दर क्या है?

A वयस्कों के लिए सामान्य रिलैक्स पोजीशन में 60 से 100 बीट प्रति मिनट दिल की दर (heart rate) सही है बच्चों में दिल की दर वयस्कों की तुलना में थोड़ी ज्यादा होती है एक्सरसाइज करने पर दिल की दर बढ़ जाती है


Q दिल की धड़कन के लिए कौन सा घरेलू उपाय अच्छा है?

A दिल की धड़कन को सामान्य करने के लिए मेडिटेशन तथा योगा सबसे बढ़िया घरेलू उपाय हैं


Q हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

A आयुर्वेद में हार्ट अटैक के इलाज के लिए रक्त की अम्लता को कम करने वाली जड़ी बूटियों का सेवन करवाया जाता है इसके अलावा लौकी की सब्जी तथा लौकी का जूस काफी फायदेमंद माना जाता है यह रक्त की अम्लता को कम करता है


Q हार्ट अटैक और गैस के दर्द में क्या अंतर है?

A हार्ट अटैक और गैस का दर्द कई बार बिलकुल एक जैसे होते है ऐसे में डाक्टरों के द्वारा कई बार ECG टेस्ट करने के बाद सही स्थिति का निदान होता है


निष्कर्ष 

वैसे तो हार्ट की समस्या जिंदगी में कभी भी हो सकती है किसी को भी हो सकती है परंतु फिर भी सबसे जरूरी ध्यान देने वाली बात यह है कि…

  1. अगर किसी व्यक्ति की उम्र 50 वर्ष से ज्यादा है
  2. मोटापे से ग्रसित है
  3. मानसिक तनाव या स्ट्रेस हमेशा बना रहता है
  4. शुगर रोग से पीड़ित है
  5. साथ ही साथ हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से भी परेशान हैं

तो ऐसे व्यक्तियों में आने वाले दिनों में हार्ट अटैक होने की संभावना सामान्य व्यक्तियों की तुलना में कई गुना ज्यादा होती है इसलिए ऐसी कैटेगरी में आने वाले लोग हर साल अपने दिल की सेहत का पूरा चेकअप दिल के डॉक्टर से अवश्य करवाएं

साथ ही साथ रक्त में कोलेस्ट्रोल तथा ट्राइग्लिसराइड के स्तर को सामान्य बनाए रखना भी बहुत जरूरी है अगर किसी व्यक्ति को ज्यादा धूम्रपान या शराब पीने की आदत है तो जितनी जल्दी हो सके इस आदत को बदल दे, अन्यथा आने वाले समय में हार्ट से संबंधित किसी भी प्रकार की परेशानी होने की संभावना हमेशा बनी रहेगी

इस आर्टिकल पोस्ट में मैंने हार्ट अटैक से बचने के प्रमुख उपाय बहुत ही विस्तार से समझाएं हैं कृपया इनको पढ़कर इनका पूरा लाभ उठाएं


अस्वीकरण (हार्ट अटैक से बचने के उपाय)

  • इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।

उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।


Featured image credit- https://commons.wikimedia.org/wiki/File:A_man_having_a_Heart_Attack.png

Image-creditधन्यवाद to www.pixabay.com

इसे भी पढ़ें– “टाइफाइड की जांच in हिंदी”

Information Compiled- by Dr. Vishal Goyal

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)

Email ID- [email protected]

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjabwriter-

“हार्ट अटैक से बचने के उपाय पढने के लिए धन्यवाद…

कृपया इन आर्टिकल्स को भी पढ़े–

१.”कमरदर्द का रामबाण इलाज़ हिन्दी में

२.”कब्ज़ के कारण, लक्षण व् इलाज़ हिन्दी में

३.”लिव 52 टेबलेट के सभी फायदे

४.”बढे हुए sgot तथा sgpt को कम करने के उपाए


सन्दर्भ (हार्ट अटैक से बचने के उपाय):

https://www.cdc.gov/tobacco/data_statistics/sgr/50th-anniversary/pdfs/fs_smoking_CVD_508.pdf- SMOKING AND CARDIOVASCULAR DISEASE

https://www.bhf.org.uk/informationsupport/heart-matters-magazine/medical/effects-of-alcohol-on-your-heart-

Effects of alcohol on your heart

https://www.eecpmumbai.com/enhanced-external-counter-pulsation-clinic-mumbai-hindi-बिना सर्जरी  प्राकृतिक हृदय बाईपास उपचार ईईसीपी EECP स्टडी

https://www.cdc.gov/cholesterol/docs/Statins-English.pdf- Role of Statin drugs in heart patients study

https://www.rxlist.com/streptase-drug.htmstreptokinase heart attack medicine study


 

1 thought on “हार्ट अटैक | कारण | लक्षण | निदान | बचाव | इलाज़ – Heart Attack Prevention Methods”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

hello