Isabgol ke fayde

Isabgol ke fayde- इसबगोल के 8 फायदे, औषधीय गुण व् नुकसान

Isabgol ke fayde: ईसबगोल एक विशेष प्रकार का गेहूं के पौधे जैसा दिखने वाला पौधा होता है जिसके बीजों तथा उनकी भूसी (husk) का इस्तेमाल कई वर्षों से आयुर्वेदिक तथा प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में अनेक प्रकार के पेट से जुड़े रोगों को दूर करने के लिए मुख्य रूप से औषध के रूप में किया जा रहा है 

  • इसे अंग्रेजी में Psyllium husk कहते हैं तथा इसका वैज्ञानिक नाम Plantago Ovata है 

आजकल पूरी दुनिया में ईसबगोल का इस्तेमाल अनेक प्रकार की सेहत से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्जियत, कोलेस्ट्रोल का बढ़ना, मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा, तोंद बढ़ना (belly fat) इत्यादि में सफलतापूर्वक किया जा रहा है

  • इसबगोल में सॉल्युबल फाइबर (Soluble fiber) प्रचुर मात्रा में होता है जिस कारण यह पेट के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बढ़िया द्रव्य माना जाता है

ईसबगोल के औषधीय गुणों के कारण इसका इस्तेमाल आजकल बिस्कुट, कुकीज, टेबलेट, कैप्सूल्स तथा कई प्रकार के कब्जियत को दूर करने वाले उत्पादों में भी किया जाता है

आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसंधान में भी इसबगोल के सेहत से जुड़े फायदों को प्रमाणित किया गया है ईसबगोल के फायदे (isabgol uses in hindi) मनुष्य शरीर में कौन-कौन से हैं इसका वर्णन आगे इस आर्टिकल में विस्तार से किया गया है


इसबगोल के औषधीय गुण (ispaghula meaning in hindi):

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1 इसबगोल के औषधीय गुण (ispaghula meaning in hindi):
1.3 ईसबगोल के फायदे (isabgol husk powder uses in hindi)
  • इसबगोल में फाइबर की मात्रा सबसे ज्यादा होती है इसके साथ साथ कोलेस्ट्रोल तथा चर्बी की मात्रा बिल्कुल भी नहीं होती है यह मनुष्य शरीर में कठोर मल (Hard stool) को नरम करके शरीर से बाहर निष्कासित करने में बहुत मददगार है 
  • किसी भी उम्र के लोग इसबगोल का सेवन कभी भी कर सकते हैं यह बच्चों के लिए भी पूर्ण रूप से सुरक्षित माना जाता है 
  • आधुनिक तथा आयुर्वेदिक चिकित्सक दोनों ही इसबगोल का इस्तेमाल दवा यां औषध के रूप में बहुत ही सफलता पूर्वक करते हैं

यह एक प्रकार के लैक्सेटिव (Laxative) की तरह कार्य करता है जिसका इस्तेमाल प्रमुख रूप से कब्जियत (Constipation) की समस्या को दूर करने के लिए स्टूल सॉफ्टनर (Stool softener) के रूप में सबसे ज्यादा किया जाता है

“Isabgol ke fayde- इसबगोल के फायदे, औषधीय गुण, लाभ व् नुकसान” आगे पढ़ें…


ईसबगोल की रोजाना खुराक (Isabgol Dosage)

इसबगोल के फायदों को सही रूप से प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन ईसबगोल की भूसी का सेवन कम से कम 10 ग्राम की मात्रा से लेकर 40 ग्राम तक सेवन किया जा सकता है 

  • यह मात्रा प्रत्येक व्यक्ति की उम्र, लिंग, वजन तथा रोग के अनुसार अलग अलग हो सकती है 

किसी भी बीमारी में इसबगोल की सही मात्रा का निर्धारण करने के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा करना चाहिए


इसबगोल सेवन का सही तरीका (isabgol benefits in hindi)

ईसबगोल की भूसी (psyllium husk) का सेवन पानी में मिलाकर सबसे ज्यादा किया जाता है इसके लिए इसबगोल को मात्रा के अनुसार एक या दो चम्मच एक गिलास हल्के गर्म पानी में मिलाकर तुरंत ही इसे पी जाना चाहिए अन्यथा थोड़ा समय रखने पर यह गाढ़े जेल (Thick gel) में परिवर्तित हो जाता है जिसको निगलना बहुत ही मुश्किल होता है

  • इसबगोल में किसी भी प्रकार की गंद नहीं होती तथा यह स्वाद रहित होता है इसीलिए कुछ व्यक्तियों को पानी में मिलाकर इसका सेवन करना अच्छा नहीं लगता, ऐसी स्थिति में इसबगोल की भूसी को एक कटोरी दही में एक से दो चम्मच की मात्रा में मिलाकर स्वाद अनुसार चीनी डालकर इसको खाया जा सकता है
  • जिस व्यक्ति को कब्जियत की समस्या ज्यादा रहती है वह व्यक्ति पेट को साफ करने के लिए रात को सोते समय ईसबगोल की भूसी दो चम्मच तथा एक चम्मच त्रिफला पाउडर को हल्के गुनगुने गर्म पानी में मिलाकर इसका सेवन सोते समय कर सकते हैं
  • एक से दो चम्मच की मात्रा में इसबगोल को हल्के गुनगुने गर्म दूध में मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है

Note- इसबगोल के सेवन के दौरान पानी ज्यादा से ज्यादा पीना चाहिए, ऐसा इसलिए है क्योंकि इसबगोल आंतों में जाकर गाढ़े जेल में परिवर्तित हो जाता है यह ज्यादा गाढ़े जेल मे परिवर्तित ना हो इसके लिए ज्यादा मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है तभी जाकर इसके सही फायदे आपके शरीर को मिलेंगे अन्यथा नहीं


ईसबगोल के फायदे (isabgol husk powder uses in hindi)

पाचन तंत्र को मजबूत रखने के लिए भरपूर मात्रा में फाइबर की जरूरत हमारे शरीर को होती है ऐसी स्थिति में इसबगोल का सेवन एक बहुत ही बढ़िया विकल्प है इसके जरिए उपयुक्त मात्रा में फाइबर का सेवन प्रतिदिन किया जा सकता है, कुछ लोगों को लगता है कि इसबगोल सिर्फ कब्जियत की समस्या को दूर करने में फायदेमंद होता है परंतु यह बात सत्य नहीं है 

  • कब्जियत के अलावा भी अनेक प्रकार के अन्य शारीरिक फायदे इसबगोल के सेवन से होते हैं जिनका वर्णन इस प्रकार है जैसे कि…

1. वजन कम करने में सहायक

  • वजन कम करने में सबसे बड़ी समस्या भूख को शांत करने की होती है ऐसी स्थिति में हर दिन दो बार 5 से 10 ग्राम की मात्रा में इसबगोल को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर खाना खाने से कम से कम आधा घंटा पहले सेवन करने से भूख कम लगती है पेट भरा भरा महसूस होता है 

सामान्य स्थितियों में आप जितना खाना खाते हैं इसबगोल के सेवन के बाद आप उससे कम मात्रा में आहार का सेवन करते हैं ऐसा करने से शरीर में कैलरी डेफिसिट होता है जिससे धीरे धीरे वजन कम होने लगता है

इसबगोल में कैलरी की मात्रा ना के बराबर होती है इसलिए वजन कम करने में इसका बहुत योगदान है ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए इसबगोल पीने के बाद खाना खाने से पहले एक प्लेट सलाद की खाने से भूख बिल्कुल ही कम हो जाती है जिससे वजन कम करने में बहुत मदद मिलती है


2. बवासीर तथा फिशर के इलाज में सहायक (isabgol ki bhusi ke fayde)

  • गुदा में होने वाली प्रमुख बीमारी बवासीर (piles) तथा फिशर (fissure) का मुख्य कारण कब्जियत (constipation) है कब्जियत के कारण ही गुदा की नसों में ज्यादा जोर पड़ता है जिस कारण नसें फूल कर गुदा मार्ग से बाहर आने लगती है जिसे बवासीर कहते हैं 

इस बीमारी के इलाज के लिए कब्जियत की समस्या का सही समाधान होना बहुत ही जरूरी है ऐसी स्थिति में इसबगोल का सेवन करने से आंतों में जमा हुआ कठोर मल नरम होकर आसानी से गुदा मार्ग के द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है नसों पर पड़ने वाला जोर कम हो जाता है बवासीर की समस्या धीरे-धीरे ठीक होने लगती है

  • इसलिए जिन लोगों को भी कबज़ या बवासीर की समस्या है उन लोगों को हर दिन 10 से 20 ग्राम की मात्रा में इसबगोल का सेवन दिन में एक से दो बार जरूर करना चाहिए

इसके साथ साथ आहार में मदिरापान, गरम मसाले, लाल मिर्च तथा गरिष्ठ आहार का सेवन कम से कम करना चाहिए


3. डायबिटीज में उपयोगी (isabgol ke fayde in hindi)isabgol ke fayde in hindi

कई प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान में यह बात पाई गई है कि फाइबर का सेवन ज्यादा मात्रा में करने से ग्लूकोज के विघटन तथा अवशोषण की प्रक्रिया धीमी हो जाती है जिससे कि रक्त में शर्करा का स्तर कम होता है 

  • इसलिए ऐसी स्थिति में इसबगोल का सेवन बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसबगोल में फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है 

इसीलिए अनेक प्रकार के डायबिटोलॉजिस्ट शुगर के नियंत्रण के लिए मरीजों को हर दिन 10 से 20 ग्राम की मात्रा में इसबगोल सेवन की सलाह देते हैं

इसबगोल के सेवन से डायबिटीज में मिलने वाले लाभों को कई प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान भी प्रमाणित करते हैं

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4. कब्जियत दूर करने में सहायक (sat isabgol ke fayde)sat isabgol ke fayde

आंतों में जमा हुआ कठोर मल (Hard stool) इसबगोल के नियमित सेवन से नरम होकर आसानी से शरीर से बाहर निकल जाता है कब्जियत (Constipation) की समस्या दूर हो जाती है यह बात पूरी तरह से प्रमाणित है 

  • इसबगोल आंतों में लैक्सेटिव (Laxative) की तरह कार्य करता है इसके साथ साथ ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन भी बहुत जरूरी है 

जिन लोगों को कब्जियत रहती है ऐसे व्यक्ति रात को सोते समय 5 से 10 ग्राम की मात्रा में ईसबगोल की भूसी को हल्के गरम गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं 

ज्यादा कब्जियत की समस्या अगर है तो ऐसी स्थिति में दो चम्मच इसबगोल तथा एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को एक गिलास गुनगुने गर्म पानी में मिलाकर सेवन करने से बहुत फायदा होता है


5. हृदय के लिए फायदेमंद (isabgol khane ke fayde)Isabgol ke fayde

इसबगोल का नियमित सेवन करने से बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे कम होने लगता है खासकर LDL कोलेस्ट्रोल (१) जिसे बुरा कोलेस्ट्रोल भी कहते हैं इसकी मात्रा धीरे धीरे कम होने लगती है जिससे भविष्य में होने वाले हृदय रोगों की संभावना काफी कम हो जाती है यह बात वैज्ञानिक अनुसंधान में भी प्रमाणित की जा चुकी है

  • इसके अलावा इसबगोल का नियमित सेवन गुड कोलेस्ट्रॉल जिसे एचडीएल कोलेस्ट्रोल (HDL cholesterol) भी कहते हैं उसकी मात्रा को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करता है 

जबकि कोलेस्ट्रोल को कम करने वाली दवाइयां बुरे कोलेस्ट्रॉल (LDL cholesterol) को कम करने के साथ-साथ एचडीएल कोलेस्ट्रोल को भी कम कर देती है


6. डायरिया (Diarrhea) के इलाज में सहायक

  • अतिसार या डायरिया होने पर ईसबगोल की भूसी को 5 से 10 ग्राम की मात्रा में ठंडी दही या ठंडे जल में मिलाकर सेवन करने से यह प्रोबायोटिक (Probiotics) का कार्य हमारी आंतों में करता है जिससे डायरिया के इलाज में बहुत मदद मिलती है

7. एसिडिटी दूर करने में सहायक

  • जिन लोगों को छाती में जलन या एसिडिटी की समस्या ज्यादा रहती है ऐसे लोगों को नियमित रूप से इसबगोल का सेवन करना बहुत फायदा पहुंचाता है इसके लिए खाना खाने से पहले 5 से 10 ग्राम की मात्रा में इसबगोल की भूसी का इस्तेमाल ठंडे जल में मिलाकर करना चाहिए

8. एक्क्ने (Acne) तथा पिंपल्स दूर करने में फायदेमंद (इसबगोल फायदे)

  • कील मुंहासे त्वचा की समस्याओं में इसबगोल बहुत फायदेमंद है आयुर्वेद के अनुसार कफ दोष बढ़ने से त्वचा में Sebum का उत्पादन ज्यादा होता है जिससे रोम छिद्र बंद हो जाते हैं इससे वाइटहेड तथा ब्लैकहेडस बनने लगते हैं

अन्य पित्त दोष बढ़ने से लाल पिंपल्स मवाद के साथ होने लगते हैं जिनमें सूजन भी आ जाती है ऐसी स्थिति में इसबगोल का पेस्ट लगाने से Sebum उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है यह सूजन को कम करने में भी सहायक है ठंडी तासीर वाला होने के कारण रोपण (wound healing) गुण वाला प्रभाव देता है

  • इसके लिए ईसबगोल की भूसी एक से दो चम्मच की मात्रा में लेकर पानी में भिगो दें
  • अर्ध ठोस मिश्रण बनने के बाद इसमें थोड़ा बादाम तेल तथा एलोवेरा जेल को मिलाकर पेस्ट की तरह बना ले

इसके बाद चेहरे पर इस पेस्ट को लगाएं 15 से 30 मिनट के लिए इंतजार करें तथा बाद में ठंडे पानी से चेहरे को धो लें यह प्रक्रिया हफ्ते में एक से दो बार जरूर दोहराएं

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ईसबगोल की भूसी के नुकसान (isabgol side effects in hindi)

दुनिया का कोई भी खाद्य पदार्थ, जड़ी बूटी या कोई भी औषधि चाहे प्राकृतिक हो या अप्रकृतिक जरूरत से ज्यादा मात्रा में अगर इस्तेमाल की जाए तो उससे नुकसान या दुष्प्रभाव हमारे शरीर को अवश्य होते हैं ठीक इसी प्रकार जरूरत से ज्यादा मात्रा में इसबगोल का सेवन करने से कई प्रकार के नुकसान हमारे शरीर को हो सकते हैं जैसे कि…

पेट में सूजन या दर्द

  • जरूरत से ज्यादा मात्रा में ईसबगोल की भूसी खाने से कई बार पेट में मरोड़ सूजन या दर्द होने लगता है ऐसी स्थिति में इसबगोल के सेवन को बंद कर देना चाहिए तथा जरूरत पड़ने पर अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा करके इसका उपचार करवाना चाहिए

दवाइयों के अवशोषण पर असर

  • कई स्थितियों में जब मरीज पहले से ही किसी बीमारी के उपचार के लिए किसी दवाई का सेवन कर रहा है ऐसी स्थिति में जब वह एकदम से इसबगोल का सेवन करने लगता है तो इससे दवाइयों के अवशोषण (absorption) में प्रतिकूल असर पढ़ने लगता है

दवाइयां अपना पूरा असर दिखाने में असमर्थ हो जाती हैं इसलिए ऐसी स्थिति में अगर किसी मरीज की कोई भी विशेष दवाई चल रही है तो उसे इसबगोल सेवन से पहले अपने चिकित्सक को जरूर बताना चाहिए

भूख पर असर

  • ज्यादा मात्रा में इसबगोल का सेवन कई स्थितियों में भूख को कम कर देता है इसी कारण वजन घटाने में इसका प्रयोग किया जाता है पर यह स्थिति सभी व्यक्तियों में दिखाई नहीं देती

आहार के पोषक तत्वों के अवशोषण पर असर

  • कई प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान में यह बात पाई गई है कि ज्यादा मात्रा में इसबगोल का सेवन करने से खुराक से मिलने वाले मुख्य पोषक तत्व जैसे कॉपर, जिंक, मैग्नीशियम आदि के अवशोषण में बाधा पड़ती है जिस कारण इन पोषक तत्वों से मिलने वाला फायदा शरीर को सही से नहीं हो पाता है 

इसलिए उचित निर्धारित मात्रा में ही इसबगोल का सेवन करना चाहिए

पेट में भारीपन का एहसास

कभी-कभी ज्यादा मात्रा में इसबगोल का सेवन करने से पेट में भारीपन का एहसास होता है हालांकि यह समस्या कुछ ही मिनटों में अपने आप ठीक हो जाती है


इसबगोल सेवन के दौरान सावधानियां

१. अगर किसी भी व्यक्ति को इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS), कोलाइटिस(Colitis), पेट में ब्लॉकेज या अपेंडिसाइटिस (Appendicitis) की समस्या पहले से है या इसके लिए किसी दवाई का इस्तेमाल वह व्यक्ति कर रहा है तो ऐसी स्थिति में इसबगोल सेवन से पहले पेट के डॉक्टर (Gastro-enterologist) से सलाह मशवरा करना बहुत जरूरी है

२. ठीक इसी प्रकार गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए अगर आप इसबगोल का सेवन करना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में सर्वप्रथम स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynaecologist) से सलाह मशवरा जरूर करें

३. 4 साल से कम उम्र के बच्चों को ईसबगोल की भूसी का सेवन ना ही कराएं तो अच्छा है

४. ईसबगोल के पाउडर या भूसी को सीधा निगलने की कोशिश कभी भी मत करें, ऐसा करने से यह गले में अटक कर सांस लेने की तकलीफ पैदा कर सकती है हमेशा इसको पानी में मिलाकर तुरंत ही इसका सेवन करना चाहिए अन्यथा कुछ देर के बाद यह बहुत गाढ़े जेल मे परिवर्तित हो जाती है जिसको निगलना बहुत ही मुश्किल होता है

ईसबगोल के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं परंतु अगर आप सही निर्धारित मात्रा में ईसबगोल की भूसी का सेवन करते हैं तो इसबगोल के सारे फायदे आपके शरीर को इससे जरूर ही मिलेंगे 

आयुर्वेदिक चिकित्सक तो पेट के रोगों में इसबगोल के प्रयोग को रामबाण औषधि मानते हैं


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q इसबगोल खाने से क्या फायदे होते हैं?

A कब्ज (Constipation) की समस्या के इलाज में इसबगोल को आयुर्वेद में रामबाण औषधि माना जाता है इसके साथ साथ इसबगोल का सेवन करने से बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल, मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोगों के लक्षणों में बहुत सुधार होता है


Q इसबगोल कितने दिन खाना चाहिए?

A कब्ज की शिकायत होने पर या आंतों को स्वस्थ रखने के लिए 5 से 10 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन इसबगोल का सेवन लगातार कुछ महीनों तक किया जा सकता है इसमें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी वाली बात नहीं है


Q क्या इसबगोल को रोज लेना ठीक है?

A कई प्रकार के वैज्ञानिक अनुसंधान इस बात की पुष्टि करते हैं कि हर दिन 10 से लेकर 40 ग्राम की मात्रा तक इसबगोल की भूसी का सेवन किया जा सकता है ऐसी मात्रा को हमारा शरीर बहुत अच्छे तरीके से स्वीकार करता है


Q इसबगोल कब और कैसे खाना चाहिए?

A इसबगोल को सुबह शाम दिन में दो बार हल्के गर्म पानी में 10 से 15 ग्राम की मात्रा में मिलाकर खाना खाने से कम से कम आधा घंटा पहले सेवन करना चाहिए 

बाकी समस्या की गंभीरता के अनुसार इसकी मात्रा प्रत्येक व्यक्ति में अलग अलग हो सकती है


Q इसबगोल की तासीर क्या है?

A तासीर में इसबगोल ठंडा होता है यह मुख्य रूप से आंतों से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, पेचिश तथा अन्य प्रकार के पेट के रोगों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है इसके अतिरिक्त पेट को साफ करने तथा वजन को कम करने में भी इसबगोल बहुत असरदार है


Q क्या हम इसबगोल को खाली पेट ले सकते हैं?

A ईसबगोल के फायदे सही रूप में प्राप्त करने के लिए इसबगोल को सुबह शाम हल्के गुनगुने गरम पानी में मिलाकर खाली पेट यानी खाना खाने से कम से कम आधे से एक घंटा पहले इस्तेमाल करना चाहिए


Q इसबगोल शरीर में कैसे काम करता है?

A शरीर में जाने के बाद यह आंतों में गाढ़े जेल के रूप में परिवर्तित हो जाता है फाइबर से भरपूर होने के कारण लैक्सेटिव की तरह यह कार्य करता है इसका सेवन कब्ज, मोटापा, डिहाईड्रेशन, डायबिटीज, पेचिश आदि की समस्याओं में बहुत गुणकारी है


Q इसबगोल में कितना प्रोटीन होता है?

A इसबगोल के बीजों में 17 से 19% के लगभग प्रोटीन की मात्रा होती है ज्यादा जानकारी के लिए आपको बता दें कि बीजों से ज्यादा औषधीय गुण ईसबगोल की भूसी में पाए जाते हैं लेकिन भूसी रहित इसबगोल के बीजों का इस्तेमाल मुर्गियों तथा पशुओं के आहार में मुख्य रूप से किया जाता है


Q ईसबगोल की भूसी कैसे बनती है?

A इसबगोल के औषधीय गुणों के कारण पूरे विश्व में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है इसबगोल के बीजों का छिलका जिसे ईसबगोल की भूसी कहते हैं इसका इस्तेमाल मनुष्यों में औषधीय गुणों के कारण सबसे ज्यादा किया जाता है ईसबगोल की भूसी में पानी को सूखने की अद्भुत क्षमता होती है


Q वजन घटाने के लिए इसबगोल कैसे लें?

A वजन घटाने के लिए ईसबगोल की भूसी का सेवन खाना खाने से कम से कम आधे से एक घंटा पहले 10 से 20 ग्राम की मात्रा में हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करने से पेट भरा भरा महसूस होता है भूख कम लगती है जिससे वजन कम करने में बहुत मदद मिलती है

  • इसके अलावा इसबगोल को छाछ में पुदीने के साथ मिलाकर भी पिया जा सकता है इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है पेट साफ होने में बहुत मददगार है

Q बवासीर में इसबगोल का इस्तेमाल कैसे करें?

A खूनी तथा बादी बवासीर की समस्या में रात को सोते समय 10 से 20 ग्राम की मात्रा में ईसबगोल की भूसी को हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर या दही में मिलाकर सेवन करने से कठोर मल नरम हो जाता है जिससे बवासीर के लक्षणों में बहुत सुधार होता है


Q इसबगोल का क्या अर्थ है?

A इसबगोल एक फारसी शब्द से निकला हुआ नाम है जिसका अर्थ होता है “घोड़े का कान” ऐसा इसलिए है क्योंकि इसकी पत्तियों का आकार ऐसा होता है इसबगोल के पौधे लगभग 1 मीटर तक बढे होते हैं कम चौड़े गेहूं के पौधों के सामान दिखने वाले होते हैं


Q इसबगोल हानिकारक है?

A उचित निर्धारित मात्रा में इसबगोल की भूसी का सेवन करना सेहत के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है ज्यादा मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द, दस्त, मरोड़ इत्यादि की शिकायत हो सकती है


Q कौन सी इसबगोल सबसे अच्छी है?

A डाबर तथा टेलीफोन कंपनी का इसबगोल ब्रांड गुणवत्ता के हिसाब से सबसे श्रेष्ठ है ऐसा अनुमान इसके उपयोगकर्ताओं के सेवन करने के बाद लगाया गया हैIsabgol ke fayde


Q इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लिए इसबगोल के क्या लाभ हैं?

A आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम में इसबगोल का सेवन मल की मात्रा को बढ़ाता है अतिरिक्त पानी को अवशोषित करता है अपने भारी प्राकृतिक गुणों के कारण मल को शरीर से निष्कासित करने में बहुत मदद करता है इसके साथ साथ आंतों में अंदरूनी सुरक्षात्मक परत भी बनाता है ठंडी तासीर वाला होने के कारण अम्लता (Acidity) के लक्षणों को कम करता है


Q अल्सरेटिव कोलाइटिस के लिए इसबगोल के क्या फायदे हैं?

A आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से इसबगोल वात तथा पित्त दोष को संतुलित करके आंत में आई हुई सूजन को कम करने में मददगार है अतिरिक्त पानी को अवशोषित करके कठोर मल को नरम कर आसानी से गुदा मार्ग से निष्कासित करने में बहुत सहायक है इन्हीं गुणों के कारण अल्सरेटिव कोलाइटिस में इसबगोल बहुत फायदेमंद होता है


Q दस्त के लिए इसबगोल के क्या लाभ है?

A आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार इसबगोल में कैलशियम आयन चैनलों को अवरुद्ध करने की क्षमता होती है इसी के कारण अतिसार रोधी तथा स्त्रावी विरोधी गुण इसबगोल में होते हैं

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से दस्त की समस्या में ईसबगोल की भूसी को ठंडी दही में मिलाकर सेवन करने से बहुत लाभ होता है


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आयुर्वेदिक चिकित्सक होने के नाते मे आपको बता दूं कि आज के दौर में पेट के स्वास्थ्य को कायम रखने तथा पेट के रोगों खासकर कब्जियत, बवासीर आदि को दूर करने के लिए ईसबगोल की भूसी का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है

  • इसके अलावा वजन कम करने में सहायक औषधि के रूप में इसबगोल बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है

आजकल तो महंगे से महंगे कब्ज दूर करने वाले आधुनिक उत्पादों में भी ईसबगोल की भूसी का इस्तेमाल धड़ल्ले से आधुनिक कंपनियां कर रही हैं यह सब ईसबगोल के फायदो के कारण ही हो रहा है

बाकी ईसबगोल के फायदे और नुकसान की बात करें तो यह लगभग सुरक्षित हर्बल औषधि है


Disclaimer (Isabgol ke fayde)

इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह(professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार(ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।

  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।

उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण(without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।

इसे भी पढ़ें– “टाइफाइड की जांच in हिंदी”

Information Compiled- by Dr. Vishal Goyal

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)

Email ID- [email protected]

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjabwriter-

“Isabgol ke fayde” पढने के लिए धन्यवाद…

कृपया इन्हें भी पढ़े-

१.”कमरदर्द का रामबाण इलाज़ हिन्दी में

२.”कब्ज़ के कारण, लक्षण व् इलाज़ हिन्दी में

३.”लिव 52 टेबलेट के सभी फायदे

४.”बढे हुए sgot तथा sgpt को कम करने के उपाए

५.”बढे हुए कोलेस्ट्रोल को कम करने के उपाए


सन्दर्भ:

https://www.thehealthsite.com/diseases-conditions/can-isabgol-or-psyllium-husk-worsen-your-constipation-d0517-493876/role of isabgol as a stool softener

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/10201553/- (१) isabgol reduce blood cholesterol study

 

 

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