किडनी की बीमारी के 10 संकेत

किडनी की बीमारी के 10 संकेत- Curetoall आयुर्वेदा

हमारी किडनी या गुर्दे हमारे पूरे स्वास्थ्य को बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाते है। किडनी हमारे खून को फ़िल्टर करती है Waste व toxic एलेमेंट्स को शरीर से बाहर निकलती है व हमारे केमिकल संतुलन को control रखती है।

लेकिन क्या हम किडनी के Unhealthy होने के signs को समझ सकते हैं ? 

हमे हमारे बॉडी की थोड़ी सी भी परेशानियों को ignore नहीं करना चाहिए वल्कि ज्यादा बार परेशानियों का एहसास होने पर स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स से परामर्श जरूर करना चाहिए।

वे हमे सही diagnosis के तरीकों के बारे में समझाकर हमारी Conditions में पूरी तरह से सुधार किया जा सकता हैं।

आइये इस ब्लॉग के Medium से हम किडनी के different कामो, रोगों तथा किडनी हेल्थ के विकल्पों को सही से समझते हैं…

किडनी की बीमारी को आसान भाषा में समझना-

गुर्दा या किडनी खून से विषाक्त उत्पादों तथा शरीर के फ़ालतू फ्लूइड को फ़िल्टर करने मेंहेल्प करती है।

  • किडनी disease के लक्षण अक्सर लेट स्टेज में ही पूरी तरह सामने आते हैं। हालांकि कई शुरुआती Signs किडनी disease होने का indication दे सकते हैं।

Starting स्टेज में किडनी की बीमारी का पता लगाना बहुत जरूरी है क्योंकि आगे के डैमेज तथा प्रोब्लेम्स को रोकने के लिए सही समय पर सही देखभाल तथा Management की सलाह दी जाती है।

इसके अतिरिक्त इन शुरू के लक्षणों को सही से पहचान कर उस person के सही निदान तथा इलाज़ योजना के लिए मेडिकल उपचार ले सकते हैं व सही नैदानिक ​​​​परीक्षणों का फायदा उठा पीडित के गुर्दों को बचा सकते हैं।


किडनी/गुर्दे की बीमारी के शुरूआती लक्षण-

किडनी डिजीज जिसे किडनी या गुर्दे की बीमारी या नेफ्रोपैथी के नाम में भी जाना जाता है किडनी डैमेज को दर्शाता है।

यह किसी भी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है व इसके डिफरेंट डिफरेंट कारण हो सकते हैं।

किडनी disease के संकेतों तथा लक्षणों को पहचानना जल्दी इलाज़ देखभाल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ पर कुछ सामान्य संकेत (Signs) दिए गए हैं जो किडनी रोग होने के बारे में बता सकते हैं…

1. पेशाब लक्षणों में बदलाव-

किडनी की बीमारी पेशाब उत्पादन व शरीर से इसके Excretion को काफी प्रभावित करता है। सामान्य पेशाब से संबंधित लक्षणों में शामिल हैं जैसे कि…

  • पेशाब के उत्पादन में कमी होना
  • यूरिन में झाग इतियादी का आना
  • पेशाब में खून का आना
  • पेशाब करते समय कठिनाई या दर्द इतियादी का होना

2. थकान तथा अत्याधिक कमज़ोरी-

  • जैसे-जैसे किडनी खराब होने लगती है विषाक्त उत्पाद व  विषाक्त पदार्थ शरीर में जमा होने लगते हैं। इससे थकान तथा कमज़ोरी महसूस होने लगती है।

इसके अलावा एनीमिया यानि खून की कमी तथा रेड ब्लड सेल का कम होना भी स्टार्ट हो जाता है जिससे बहुत थकान महसूस होने लगती  है।


3. सांस लेने में दिक्कत होना-

  • किडनी डिजीज से लंग्स में काफी पानी जमा हो जाता है जिसके परिणाम स्वरूप सांस लेने में पीडित व्यक्ति को काफी दिक्कत  हो सकती है।

4. खुजली होना-

  • खून में मोजूद विषाक्त तत्वों के बढ़ने से विशेष रूप से पैर तथा पीठ में गंभीर खुजली की शिकायत हो सकती है।

5. ब्लड प्रेशर बढ़ना-

  • किडनी ब्लड वेसल्स तथा फ़ालतू फ्लूइड बैलेंस को control करने वाले हार्मोन का उत्पादन करके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में help करती है। इसलिए high ब्लड प्रेशर को किडनी हेल्थ के लिए नियंत्रित करना बहुत जरूरी है।

6. भूख में परिवर्तन तथा वज़न कम होना- 

  • गुर्दे या किडनी डिजीज से भूख न लगना तथा वज़न कम होना, खून में अपशिष्ट उत्पादों के इकठा होने के कारण हो सकता है जो मतली यानि घबराहट व भोजन के प्रति अरुचि पैदा कर सकता है।

7. ध्यान केंद्रित यानि Concentration करने में समस्या होना-

  • शरीर में विषाक्त पदार्थों का उत्पादन संज्ञानात्मक कामो को प्रभावित कर सकता है जिससे ध्यान केंद्रित करने में समस्या व मेमोरी में प्रोब्लेम्स हो सकती है।

यह बात ध्यान रखना जरूरी है कि ये संकेत व लक्षण अंदरूनी कारण, किडनी डिजीज की गंभीरता व रोगी के आधार पर भिन्न- भिन्न हो सकते हैं।


किडनी हेल्थ में सुधार कैसे करें ?

  • सही स्वास्थ्य के लिए किडनी health को बनाए रखना जरूरी है क्योंकि किडनी विषाक्त उत्पादों को फ़िल्टर करती है हार्मोन का प्रोडक्शन करती है व ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखती है।

यहाँ कुछ Main कारण दिए गए हैं जो किडनी health को बढ़ाते हैं जैसे कि…

1. सही हाइड्रेशन-

  • किडनी हेल्थ के लिए अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। पर्याप्त पानी पीने से किडनी को विषाक्त उत्पादों को बाहर करने व सही फ्लूइड बैलेंस बनाए रखने में मदद मिलती है।

सामान्य तोर पर हरदिन लगभग 8 कप (64 औंस) पानी पीने की advise दी जाती है लेकिन गतिविधि स्तर जैसे कारनो के आधार पर हर व्यक्ति की ज़रूरत भिन्न हो सकती हैं।


2. संतुलित व स्वस्थ आहार-

बैलेंस आहार किडनी हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। फलों, सब्ज़ियों, होल ग्रेन, लीन प्रोटीन तथा स्वस्थ fat जैसे डिफरेंट पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को डाइट में  शामिल करने पर ध्यान देना चाहिए।

  • प्रोसेस्ड फूड्स, ज्यादा नमक, अधिक शुगर व सैचुरेटेड फैट का सेवन सीमित करें।Healthy वज़न बनाए रखने से किडनी की प्रोब्लेम्स के विकास का खतरा भी काफी कम हो जाता है।

3. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना-

  • हाई रक्तचाप किडनी में ब्लड वेसल्स को डैमेज कर सकता है व समय के साथ इसके कार्य को प्रभावित कर सकता है। उच्च रक्तचाप को नियमित रूप से मॉनिटरिंग करना बहुत जरूरी है।

ऐसा करने के लिए जीवन शैली में बदलाव शामिल करने जरूरी हैं जैसे कि नियमित व्यायाम करना, कम सोडियम वाला खाना व स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा prescribed संभावित दवाएं शामिल है।


5. रेगुलर व्यायाम-

नियमित शारीरिक गतिविधि किडनी हेल्थ सहित पूरे स्वास्थ्य को बनाए रखने में बहुत मदद करती है।किडनी की बीमारी के 10 संकेत

एक्सरसाइज हृदय की फिटनेस में सुधार करता है ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है व रोगों के रिस्क को कम करता है। कम से कम 150 मिनट की Medium एरोबिक एक्सरसाइज या प्रति वीक 75 मिनट तीव्र एक्सरसाइजेज को करने का लक्ष्य जरूर रखें।


6. धूम्रपान व शराब का सेवन कम करें-

  • धूम्रपान ब्लड वेसल्स को डैमेज पहुँचाता है व किडनी के कार्य में रूकावट उत्पन्न करता है। धूम्रपान छोड़ना किडनी हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है।किडनी की बीमारी के 10 संकेत

ज्यादा शराब के सेवन से किडनी पर भी नेगेटिव इफ़ेक्ट पड़ सकता है। यह advise दी जाती है कि शराब का सेवन कम से कम मात्रा में करें या इससे पूरी तरह छोड़ दे।


7. रेगुलर चेक-अप व स्क्रीनिंग-

नियमित हेल्थ checkup किडनी के कामो को मॉनिटर करने व प्रारंभिक स्टेज में किसी भी संभावित प्रॉब्लम का पता लगाने के लिए जांच जरूर कराएं।

  • स्क्रीनिंग विधियों में नियमित ब्लड प्रेशर चेक करना, किडनी functions का आकलन करने के लिए ब्लड examination ( जैसे सीरम क्रिएटिनिन तथा अनुमानित ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन दर), प्रोटीन व अन्य असामान्यताओं के लिए पेशाब का  परीक्षण शामिल हैं।

इन Healthy आदतों व जीवन शैली विकल्पों को adopt करने से किडनी हेल्थ को बढ़ाया जा सकता है व किडनी रोग या परेशानियों के रिस्क्स को कम किया जा सकता है।


एक्सपर्ट्स की सलाह-

  • एक ट्रीटमेंट विशेषज्ञ के रूप में प्रोसेस्ड फूड्स, ज्यादा शुगर, सैचुरेटेड फैट तथा सोडियम के सेवन को कम करते हुए फल, सब्ज़ियाँ, होल ग्रेन, लीन प्रोटीन तथा healthy फैट पर ज़ोर देना बहुत जरूरी होता है।

गुड हेल्थ के विकास के समर्थन के लिए  रोगों को रोकने व स्वस्थ वज़न बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत nutrition संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने की भी advise की जाती है।


निष्कर्ष-

किडनी हेल्थ को बनाए रखने व किडनी diseases के प्रबंधन के लिए आहार, हाइड्रेशन, व्यायाम व इलाज़ प्रबंधन सहित विभिन्न जीवन-शैली कारणों को शामिल करते हुए ट्रीटमेंट किया जाता है। गुर्दे के अनुकूल डाइट को अपनाना जिसमे सोडियम कम हो, प्रोटीन नियंत्रित हो व अन्य पोषक तत्व जो किडनी स्वास्थ्य के लिए अच्छे हो शामिल होने चाहिए।

  • निम्नलिखित prescribed दवाओं व इलाज़ के साथ-साथ ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर के लेवल व किडनी functions की नियमित मॉनिटरिंग करना किडनी रोगियों के लिए बहुत जरूरी है।
  • धूम्रपान परहेज, शराब बंधी व वज़न को कंट्रोल करने जैसी सावधानियों से किडनी के स्वास्थ्य में हेल्प मिल सकती है।

इसके अतिरिक्त किडनी डिजीज के संबंध में किसी भी इलाज़ परामर्श के लिए आप PGI चंडीगढ़ नेफ्रोलॉजी विभाग में जांच करवा सकते हैं।


सामान्य प्रश्न-

  1. किडनी रोग के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

किडनी या गुर्दा रोग के शुरुआती लक्षणों में पेशाब नियमो में बदलाव शामिल होते हैं जैसे कि आवृत्ति में बढोतरी या पेशाब उत्पादन में कमी, झाग या रक्त आना, Urination के दौरान कठिनाई या दर्द, पैरों- एड़ियों या चेहरे में सूजन होना, थकान, कमज़ोरी, लगातार खुजली, हाई ब्लड प्रेशरव भूख या वज़न का कम होना।

हालांकि कुछ केसेस में किडनी डिजीज के शुरुआती चरणों में कोई ध्यान देने योग्य लक्षण दिखाई नहीं देते, जो रेगुलर जांच व स्क्रीनिंग के Importance को उजागर करते हों।


  1. किडनी रोग का निदान कैसे किया जाता है?

किडनी डिजीज के diagnosis में आमतौर पर चिकित्सा हिस्ट्री का मूल्यांकन, शारीरिक परीक्षण, ब्लड की जांच (क्रिएटिनिन लेवल को मापने के लिए,Blood यूरिया नाइट्रोजन तथा अनुमानित ग्लोम्युलर रेट), पेशाब परीक्षण (प्रोटीन, रक्त व अन्य चीजे), इमेजिंग टेस्ट (जैसे अल्ट्रासाउंड या CT स्कैन) व कभी-कभी अधिक विस्तृत मूल्यांकन के लिए किडनी बायोप्सी test भी किया जा सकता है।


  1. मैं किडनी रोग वाले किसी पीडित की सहायता कैसे कर सकता हूँ?

किडनी रोगियों का इलाज़ करवाने में भावनात्मक समर्थन देना, मेडिसिन मैनेजमेंट में सहायता करना, इलाज़ नियुक्तियों में उनका साथ देना, Healthy जीवन शैली की आदतों को अपनाना व यदि जरूरी हो तो डाइट संबंधी संशोधनों में हेल्प करना शामिल है।

उनकी स्ट्रेस स्थिति के बारे में खुद को शिक्षित करना व हर समय उनके आत्मविश्वास को कायम रखना चाहिए।

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Information Compiled- by Dr. Vishal Goyal

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)

Email ID- [email protected]

पथरी तोड़ने की दवा
CURETOALL HOSPITAL

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab

“पथरी तोड़ने की दवा पढने के लिए धन्यवाद…

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