Millets in Hindi

Millets in Hindi-मिलेट की पूरी जानकारी हिंदी में

What is Millets ? बाजरा क्या है ?

मिलेट एक प्रकार का अनाज है। मिलेट में दो तरह के अनाज आते हैं। एक मोटा अनाज और दूसरा छोटे दाने वाले अनाज। दोनों poaceae फैमिली के अंतर्गत आते हैं। सामान्य तौर पर मिलेट से लोगों को बाजरा का ध्यान आता है। इसका कारण यह है कि बाजरा मिलेट में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।


Three Types of Millets class in hindi

Negative  Grains : इनका लगातार सेवन करते रहने से भविष्य में कई तरह की बीमारियों की सम्भावना रहती है।

For example गेहूं ,चावल। 

Neutral Grains : ये मोटा अनाज कहलाता है। इनके सेवन से शरीर में न कोई बीमारी होती है और न ही कोई बीमारी हो तो वह ठीक होती है। यह शरीर को स्वस्थ रखता है। ये अनाज ग्लूटेन मुक्त होते हैं। 

 For Example… बाजरा ,ज्वार ,रागी और प्रोसो। 

Positive Grains : पॉजिटिव ग्रेन्स के अंतर्गत छोटे अनाज आते हैं। इन्हें सिरिधान्य ‘Siridhanya’ भी कहा जाता है। 

For example…

  • कंगनी 
  • सामा 
  • सनवा 
  • कोदो 
  • छोटी कंगनी 

Neutral grains और  positive grains को संयुक्त रूप से मिलेट कहा जाता है। 

मिलेट्स, वास्तव में छोटे-बीज वाली घासों का एक समूह है, जो व्यापक रूप से दुनिया भर में अनाज फसलों या मानव भोजन के लिए अनाज और चारे के रूप में उगाया जाता है. भारत में कुछ सबसे पुराने यजुर्वेद ग्रंथों में इनका उल्लेख किया गया है.

50 साल पहले तक भारत में मिलेट्स जैसे बाजरा, ज्वार, रागी, कोदो, कुटकी आदि प्रमुख अनाज थे.

Types of Millets in hindi

  • कंगनी | Foxtail millet.
  • कोदाएँ | Kodo millet.
  • कुटकी | Little millet.
  • सान्‍वा | Barnyard millet.
  • छोटी कगनी | Browntop millet.

2023 is the International year of Millets 

  • भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को प्रस्ताव दिया था कि साल 2023 को International Year of Millets (IYOM) के रूप में घोषित किया जाए.
  • भारत के इस प्रस्ताव को 72 देशों और यूनाइटेड ने समर्थन दिया था जिसके बाद राष्ट्र महासभा (UNGA) 5 मार्च 2021 को घोषणा की कि 2023 को International year of Millets के रूप मे मनाया जाएगा

भारत सरकार का उद्देश्य लोगों को मिलेट्स के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है. ताकि हर देश, इलाके के लोग इसे अपने डाइट में शामिल करे ओर Millets के लिए किसानों को अच्छा बाजरा ओर अच्छा दाम मिल सके


HISTORY OF MILLETS IN HINDI (बाजरा का इतिहास हिंदी में)

मिलेट्स वास्तव में छोटे छोटे बीजों वाली घासो का एक समूह है जो दुनिया भर में व्यापक रूप से अनाज की फसलों या मानव भोजन के लिए अनाज और चारे के रूप में उगाई जाती है। Coria prydeep में बाजरा की खेती का प्रमाण मध्य ज्यूलमुन मिट्टी के बर्तनों की अवधि (लगभग 3,500-2,000BC) से जुड़ा हुआ है।

भारत में, कुछ सबसे पुराने यजुर्वेद ग्रंथों में बाजरा का उल्लेख किया गया है, जिसमें फॉक्सटेल बाजरा ( प्रियंगव ), बार्नयार्ड बाजरा (अनवा) और काली उंगली बाजरा ( श्यामका ) की पहचान की गई है, इस प्रकार यह दर्शाता है कि बाजरा की खपत बहुत आम थी

  • यहां तक ​​कि 50 साल पहले तक बाजरा भारत में उगाया जाने वाला प्रमुख अनाज था। एक मुख्य भोजन और स्थानीय खाद्य संस्कृतियों के अभिन्न अंग से, कई अन्य चीजों की तरह, बाजरा को आधुनिक शहरी उपभोक्ताओं द्वारा “मोटे अनाज” के रूप में देखा जाने लगा है – ऐसा कुछ जो उनके गांव के पूर्वज रहते थे, लेकिन उनके पास था पीछे छोड़ दिया और अधिक “परिष्कृत” आहार के लिए आदान-प्रदान किया।

TYPES OF MILLETS IN HINDI

ICRISAT (International Cropes Research Institute For Semi Arid Tropics)

Meaning – शुष्क उष्णकटिबंधीय के लिए अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान​ ICRISAT एक गैर-लाभकारी, गैर-राजनीतिक संगठन है जो एशिया और उप-सहारा अफ्रीका के सूखे इलाकों में विकास के लिए कृषि विश्लेषण करता है।

 एक रिपोर्ट के मुताबिक, मिलेट्स की दो व्यापक श्रेणियां हैं-

मेजर या मुख्य मिलेट्स और माइनर या छोटे मिलेट्स-

  • बाजरा, ज्वार, रागी और कंगनी मुख्य मिलेट्स की श्रेणी में आते हैं और समा, कोदो, चिन्ना इत्यादि को छोटे milets माना जाता है. 

DIFFERENT TYPES OF MILLETS (बाजरा के विभिन्न प्रकार) 

1 . Pearl Millet (बाजरा)

बाजरा की खेती राजस्थान, गुजरात ,पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में होती है। यह सूखा क्षेत्रों में उच्च तापमान में भी आसानी से उगाया जाता है।

बाजरा प्रोटीन ,आयरन ,कैल्शियम ,फाइबर ,थाइमिन और नियासिन का बढ़िया श्रोत है। इसमें कॉपर ,मैग्नीशियम, सेलेनियम ,जिंक, फोलिक एसिड और एमीनो एसिड  भी मौजूद है। 

इसके सेवन से…

  • शरीर मजबूत बनता है ,
  • हड्डियां मजबूत होती है ,
  • खून की कमी पूरी होती है ,
  • कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है,
  • कैंसर की सम्भावना कम होती  है ,
  • कब्ज की समस्या ठीक होती  है।

अस्थमा में भी इसके सेवन से राहत मिलता है और शुगर का स्तर कम होता है। 

जिसको थायराइड की समस्या हो उन्हें प्रतिदिन बाजरा नहीं खानी चाहिए |


2. SORGHUM / INDIAN MILLET( ज्वार

  • ज्वार की कई प्रजाति की खेती की जाती है। जिनमें से अधिकतर पशु के चारे के लिए उगाई जाती है।  ज्वार की एक प्रजाति sorghum bicolor खाने के काम आती है।

इसे डायबिटीज में और वजन कम करने के लिए अच्छा अनाज बताया जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है इसलिए इसे सालों भर खाया जा सकता है। इसकी रोटी ज्यादा पसंद की जाती  है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और फाइबर होने के कारण इसके सेवन से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। यह ग्लूटेन मुक्त अनाज है और आसानी से उपलब्ध हो जाता है |


 3. finger millet in hindi (रागी)

रागी को मडुआ और नाचनी नाम से भी जाना जाता है। इसे इंग्लिश में Finger Millet कहते हैं। यह राई के दाने की तरह गोल ,गहरे भूरे रंग का ,चिकना दिखता है।

  • रागी कैल्शियम का बेहतरीन श्रोत है। 100 ग्राम रागी से 344 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त होता है। इसे 6 से 8 घंटे भिगोने के बाद शिशु के लिए आहार तैयार किया जाता है। यह सुपाच्य होता है और उनके सम्पूर्ण विकास में मदद करता है।

कई खनिजों और फाइबर से भरपूर रागी डायबिटीज में भी खाने लायक अनाज है। हालांकि इसके ग्लाइसेमिक इंडेक्स को लेकर विशेषज्ञों के बीच विरोधाभास है।  कुछ का कहना है कि इसका GI 40 है जबकि कुछ विशेषज्ञ इसका GI 104  बताते हैं। यह लिवर और पेट को स्वस्थ रखने में सक्षम है।


4. PROSO MILLET / चेना 

  • प्रोसो को हिंदी में चेना के नाम से जाना जाता है। चेना फाइबर से भरपूर ग्लूटेन मुक्त मिलेट है। इसमें विटामिन B 6, जिंक,आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस जैसे मिनरल्स तथा एमिनो एसिड मौजूद होते हैं।

इसके सेवन से खून की कमी नहीं होती ,वजन नियंत्रित रहता है डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है, मानसिक व्याधियों से बचाव होता है तथा ह्रदय को स्वस्थ रखने में मदद मिलता है।


5. Foxtail Millet in hindi / फॉक्सटेल मिलेट / कंगनी –

फॉक्सटेल मिलेट अर्थात कंगनी एक पॉजिटिव मिलेट है। कंगनी प्राचीन फसलों में से एक है। दक्षिण भारत में इसकी खेती की जाती है। इसकी पौष्टिकता और इसे खाने से होने वाले फायदों ने लोगों  का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया  है।

यह पीले रंग का छोटा दाना होता है। इसमें फाइबर की मात्रा अच्छी होती है। यह प्रोटीन का भी बहुत अच्छा श्रोत है।  इसमें एमिनो एसिड्स, प्लांट कंपाउंड्स ,विटामिन्स और कई मिनरल्स होते हैं। 

इसे बीटा कैरोटीन का मुख्य श्रोत माना जाता है। इसे नर्वस सिस्टम के लिए सुपर फ़ूड कहा जाता है।

यह बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जाता है | यह बुखार में दिया जाये तो बुखार ठीक होता है।

ह्रदय सम्बन्धी बीमारी ,डायबिटीज ,पेट सम्बन्धी समस्या ,रक्तहीनता ,जोड़ों के दर्द , भूख की कमी , मूत्र विसर्जन के समय जलन ,जलने से होने वाले घाव इत्यादि सभी परेशानी में कंगनी का सेवन करना चाहिए।  इससे ये सभी समस्याएं ठीक होती हैं। इसे पकाने से पहले 6 से 8 घंटे के लिए पानी में  भिगोकर रखना होता है |


अस्वीकरण 

इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह (professional medical advice), निदान (diagnosis) या उपचार (ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।

  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय (doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।

उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण (without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का  इलाज करने का प्रयास न करें।

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Information Compiled- by Dr. Vishal Goyal

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)

Email ID- [email protected]

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab

“Millets in Hindi पढने के लिए धन्यवाद…writer-

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सन्दर्भ:

https://www.healthline.com/nutrition/what-is-gluten– Gluten protein इनफार्मेशन

https://www.fao.org/millets-2023/en- २०२३ International Year of Millets (IYM 2023)

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