Nightfall

Nightfall In Hindi (स्वप्नदोष)- के कारण, लक्षण, दवा, इलाज व् परहेज

what is nightfall (स्वप्नदोष)?

Nightfall-नॉक्टरनल एमीशन (Nocturnal Emission): इस रोग में नींद में कभी-कभी स्त्री के नग्न स्वरूप या अश्लील स्वप्न आने की वज़ह से नींद में ही वीर्यपात (Ejaculation) हो जाता है कपड़े गंदे हो जाते हैं तथा जब इस प्रकार स्वप्न में बार-बार वीर्य निकलने लग जाता है तो यह रोग nightfall समझा जाने लगता है।

  • यदि स्वप्नदोष (nightfall) महीने में 1-2 बार कुँवारे जवान मनुष्य को हो जाये और ऐसा होने से किसी प्रकार की दुर्बलता (weakness) का अहसास ना हो तो ऐसा स्वप्नदोष (nightfall) रोग नहीं समझा जाता है।
  • इस प्रकार का स्वप्नदोष (nightfall) ज्यादातर बुरी वासना वाले उपन्यास पढ़ने या अश्लील सिनेमा, मोबाइल या टेलीविजन देखने वाले युवकों को होता रहता है।

जब स्वप्नदोष (nightfall) इस सीमा से आगे बढ़ जाये व् उसके होने से कमजोरी (weakness) आने लगे तो ऐसी स्थिति मे यह रोग समझा जाता है। युवकों में स्वप्नदोष (nightfall) ज्यादातर 13 से 14 वर्ष की आयु से होने लग जाता है।


night fall meaning in hindi (आधुनिक चिकित्सा अनुसार)

आधुनिक चिकित्सा शास्त्र के वैज्ञानिकों का ऐसा मत व् कथन है कि स्वप्नदोष (nightfall) एक प्रकार की साधारण स्वाभाविक क्रिया है जिसमें वीर्य से लबालब भरी हुई वीर्य की थैलियों को शरीर खाली कर देता है जिससे कि नवीन तथा हाल ही मे निर्मित वीर्य (semen) उसके स्थान में आकर भरता रहे। चूंकि यह कार्य स्वप्न में होता है इसलिए इसे स्वप्नदोष (nightfall) कहते हैं।

प्राचीन मत अनुसार वीर्य ही जीवन है तथा इसके एक बूंद के गिरने से जीवन के बहुत अंश की क्षति या नुकसान होता है तथा मृत्यु तक हो सकती है को सुन-समझकर बहुत से नवयुवक स्वप्नदोष (nightfall) होने पर मानसिक अवसाद (depression), भयंकर चिन्ता एवं अनावश्यक भय (fear) से ग्रस्त हो जाते हैं।

ऐसे व्यक्तियों को उचित राय-विचार देकर तथा वास्तविकता को समझाकर उनके मनोबल तथा उत्साह को बढ़ाना चाहिए व् उन्हें निराशा से बचाने के लिये हर सम्भव प्रयास किये जाने चाहिये।

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लक्षण (night fall in hindi)

शुरू शुरू में रोगी रात को सम्भोग (sexual intercourse) का स्वप्न देखता है जिससे उसका वीर्य निकल जाता है परन्तु जब यह रोग पुराना हो जाता है तो रोगी को स्वप्न (dream) की बातें याद नहीं रहतीं जिस कारण दूसरे-तीसरे दिन, यहाँ तक कि रोग की अधिकता में हर रात को या दिन में सोते समय भी स्वप्नदोष (nightfall) हो जाता है।

ज्यादातर ऐसा भी होता है कि कई हफ्तों तक स्वप्नदोष (nightfall) नहीं होता, परन्तु जब इसका क्रम शुरू होता है तो कई-कई दिन तक निरन्तर जारी रहता है। जिस वज़ह से कई प्रकार के लक्षण जैसे कि…

  • वजन कम हो जाता है चेहरा अन्दर धंस जाता है
  • जिस दिन स्वप्नदोष होता है उसके दूसरे दिन या उसी दिन पूरे दिन रोगी का शरीर ढीला-ढाला (lack of energy) रहता है
  • आलस्य सताता है
  • थकावट (fatigue) प्रतीत होती है
  • दुर्बलता (weakness) अनुभव होती है 
  • किसी-किसी रोगी को माथे व कमर में दर्द प्रतीत होता है 
  • मानसिक अवसाद (depression) सताता है

विद्यार्थी, वकील, जज तथा अन्य दिमागी कार्य करने वाले व्यक्ति यह शिकायत करते हैं कि स्वप्नदोष (nightfall) के बाद उन्हें दृष्टि (vision) की एकाग्रता में कमी, पर्याप्त स्मरणशक्ति (memory) का अभाव, आँखों के पीछे की ओर दर्द, पुंसत्व-शक्ति हास (low man power) की चिन्ता, सिरदर्द व कमर दर्द के कष्ट प्रतीत होते हैं।

बार-बार ऐसा हो जाने से रोगी कमजोर हो जाता है एवं कमर में दर्द रहने लगता है। उसका चेहरा पीला, आँखें अन्दर धंसी हुई, वीर्य पतला पड़ जाता है।

थोड़े पढ़े-लिखे चिकित्सक स्वप्नदोष को एक भयानक रोग समझते हैं। परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं हैं। रोगी के सामने इस प्रकार से विचारों को प्रकट करने से रोगी चिन्तित रहने लग जाता है जिससे रोग बढ़ता चला जाता है।


स्वप्नदोष के कारण (night fall reason)

बुरे (adult) विचार मन मे ज्यादा आना 

  • अधिक मैथुन
  • हस्तमैथुन (masturbation)
  • अप्राकृतिक मैथुन (unnatural sexual activity)
  • कब्ज
  • बदहज्मी
  • अविवाहित रहना
  • स्त्रियों के सम्पर्क में रहना
  • शरीर की गर्मी
  • भोजन के पश्चात् तुरन्त सो जाना
  • स्वप्नदोष से मन में चिन्ता उत्पन्न हो जाना
  • पेट के कीड़े
  • प्रॉस्टेट ग्लैण्ड की खराश
  • सुपारी (glans-penis) का लम्बा होना
  • मूत्रमार्ग का प्रदाह (inflammation)
  • कामेच्छा (sexuality) बढ़ जाना
  • उत्तेजक वस्तुओं का अधिक प्रयोग
  • स्तम्भन शक्ति की कमी
  • वीर्य की थैलियों की ऐण्ठन (stiffness)
  • सम्भोग(sexual intercourse) के विचार में लीन रहना
  • प्रेम कहानियाँ, उपन्यास व् अश्लील पुस्तकें पढ़ना
  • नंगे चित्र देखना
  • वीर्य की अधिकता
  • शारीरिक दुर्बलता
  • मूत्राशय की खराश
  • वीर्य की गर्मी
  • नशीली वस्तुयें जैसे शराब आदि का अधिक प्रयोग

गर्म मसाले तथा खट्टे आहार को अधिक खाने से भी यह दोष (nightfall/wetdream) उत्पन्न हो सकता है।

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नाइटफॉल को रोकने के उपाय (how to control night fall)

(1) सबसे पहले रोगी को इस रोग के भय एवं अवास्तविक विचारों से मुक्त करके उसके मनोबल (mental strength) को बढ़ायें

(2) रोगी को आश्वासन देंना जरूरी है कि यदि वह उचित आहार-विहार और संयम से काम ले तो उसका यह रोग शीघ्र ही दूर हो जायेगा तथा थोड़ा-बहुत स्वप्नदोष (nightfall) होना उसके स्वास्थ्य को कोई हानि नहीं पहुंचाता है।

(3) पीडित व्यक्ति को यह कठोर आदेश दें कि वह अपना ध्यान बार-बार शिश्न (penis) की ओर ना ले जाये तथा किसी स्त्री के रूप (beauty) व् आकृति (figure) के बारे मे भी सोचना बंद करे।

उसे प्रतिदिन अपना ज्यादा समय खेल-कूद, व्यायाम, योगासन, प्राणायाम आदि में सुबह तथा विशेषकर सायं को अवश्य ही देना चाहिये। योगसाधना में बड़ी दिलचस्पी के साथ कार्य करने तथा प्रतिदिन आसन एवं प्राणायाम का अभ्यास करने से स्वप्नदोष (nightfall) की समस्या दूर करने मे बहुत ही लाभ मिलता है।

(4) रोगी को कभी भूलकर भी कामोत्तेजना उत्पन्न करने वाली बातों पर, अश्लील उपन्यास आदि पुस्तकों के पठन-पाठन में समय को नहीं लगाना चाहिये। उसे लड़कियों, स्त्रियों यहाँ तक कि अपनी स्त्री की एकान्त संगति से भी हमेशा दूर रहना चाहिये। कभी भूलकर भी किसी स्त्री को स्पर्श का प्रयास नहीं करना चाहिये। यदि किसी स्त्री से बातचीत करना आवश्यक हो तो उसके पैरों की ओर नज़र करके बातचीत करनी चाहिए। ऊपर छाती की ओर कदापि नहीं देखना चाहिये।

(5) पीडित का भोजन सादा व् संतुलित हो तथा भूख से कुछ कम मात्रा में खाना चाहिये। रात का भोजन सोने से 2-3 घण्टे पहले कर लेना अनिवार्य है। मिर्च, मसाले से युक्त चटपटा भोजन तो कभी नहीं करना चाहिये।

नाईट फॉल कैसे रोके (बेस्ट उपाय)

(6) रात को ज्यादा गर्म दूध पीकर सोना नहीं चाहिये अन्यथा बहुतों को इससे स्वप्नदोष हो जाता है या सोते समय इन्द्री अकड़कर खड़ी हो जाती है जिससे स्वप्न में वीर्य स्खलन होने की सम्भावना रहती है। स्वप्नदोष (nightfall) के रोगी को प्रातःकाल ही ठण्डा किया हुआ उबला दूध पी लेना चाहिये।

(7) कब्ज (constipation) पैदा करने वाले भोजन, मद्यपान, नशीले पदार्थ आदि से सख्त परहेज करायें।

(8) रोगी को रात में जिस समय आँख खुले उसी समय उठकर मूत्र त्याग कर आना चाहिये, नहीं तो मूत्राशय (urinary bladder) मूत्र से भरा रहने पर उसका दबाव शुक्राशय पर पड़ता है जिससे वीर्य (semen) तुरन्त स्खलित (ejaculate) हो जाता है।

  • सुबह में कुछ रोगियों को लगभग एक निश्चित समय खासकर 4 से 5 बजे के मध्य अन्तराल में वीर्यपात (nightfall) हो जाता है ऐसे रोगियों को वीर्यपात के समय से पहले उठकर ही नित्यकर्म शौचादि से निपटकर स्वच्छ वायु में प्रतिदिन भ्रमण (morning walk) करने चले जाना चाहिये।

सोने से पहले प्रतिदिन ऐसा संकल्प करें कि 3 बजे ब्रह्ममुहूर्त में ही झटपट उठ जायें और फिर आलस्य नहीं करें। सोकर उठने के बाद सभी कार्य फुर्ती, तेजी से उत्साहपूर्वक करें।

(9) तंग अण्डवियर, पैण्ट या लंगोट पहनकर भी मत सोयें, क्योंकि सोते समय शिश्न (penis) पर कड़े वस्त्र की रगड़ का दबाव पड़ने से भी वीर्य स्खलित (nightfall) हो सकता है।

सावधान ! बहुत मुलायम स्पंज के गुदगुदे कोमल और मोटे गद्देदार पलंग या बिस्तेर पर भी मत सोयें, क्योंकि इससे भी अधिक स्वप्नदोश (nightfall) होने की संभावना रहती है। रोगी को बाईं करवट (left lateral position) लेटकर सोना चाहिये, इससे भोजन भी भली-भांति पच जाता है।

(10) रोगी व्यर्थ कभी बैठा न रहे, उसे हर समय अपने मन को उत्तम रचनात्मक कार्य, पूजा-पाठ, धार्मिक ग्रन्थों के अध्ययन-मनन मे लगाना चाहिए।


नाईट फॉल होम्योपैथिक मेडिसिन (night fall medicine)

(1) होमियोपैथिक की दवा डिजीटेलिन 3x स्वप्नदोष (nightfall) की अधिकता में बहुत सफल दवा है। जो रोगी इस रोग की चिकित्सा कराते-कराते तंग आ चुके हों तथा एलोपैथिक, आयुर्वेदिक या किसी भी दवा से लाभ ना हुआ हो, उनके स्वप्नदोष (nightfall) की समस्या की बेस्ट दवा है।

  • इस रोग में डिजीटेलिन 3x पाउडर 4 से 8 रत्ती (500 मि.ग्रा. से 1 ग्राम) दिन में तीन बार खिलाते रहें। स्वप्नदोष (nightfall) बिलकुल ठीक हो जाता है। इस दवा से  अधिक दिल धड़कना (tachycardia) तथा दिल की कमजोरी (heart weakness) भी दूर हो जाती है। प्रसिद्ध डॉ. फेरिंगटन का सैकड़ों रोगियों पर आजमाया हुआ नुस्खा है।

(2) यह दवा हर प्रकार के स्वप्नदोष (nightfall), वीर्यप्रमेह (spermatorrhoea) आदि में बहुत ही फायदेमंद है। नैट्रम फॉस, नैट्रम म्यूर, कैल्केरिया फॉस (सब 6x शक्ति में) बराबर मिलाकर 3 रत्ती (360 मि.ग्रा.) चूर्ण या 6 छोटी गोलियां (2 tablet each) 4-4 घण्टे के अंतराल पर खिलाते रहें। ऐसा करने से इन रोगों से पैदा हुई शारीरिक कमजोरी भी दूर हो जाती है।

(3) एवेनां सटाइवा मदर टिंक्चर 5 से 10 बूंद दिन में दो बार थोड़े ताजे जल में मिलाकर देते रहें। इससे यह रोग दूर होकर रोगी का वजन तथा शारीरिक शक्ति बढ़ जाती है।

(4) सिलिनियम 30 (Selenium 30)- वीर्य अपने आप निकल जाये, नींद में, मूत्र या मल त्याग से पहले या बाद में वीर्य निकल जाना, सुपारी से लेसदार तरल (धातु रोग) निकलना, वीर्य प्रमेह, शीघ्रपतन (premature ejaculation) की बहुत सफल दवा है। 5-बूंद दवा ताजे जल में मिलाकर सुबह शाम देते रहने से nightfall मे बहुत आराम मिलता है।


नाइटफॉल रोकने के लिए जरूरी निर्देश 

(1) सोते समय ज्यादा गर्म दूध या जल अधिक मात्रा मे ना पीयें।

(2) रोगी को आदेश दें कि दायें या अधिकतर बायें करवट के बल सोयें तथा पीठ के बल सोने से परहेज करे।

(3) रोगी सोने के लिये नर्म व् गर्म बिस्तर प्रयोग ना करे बल्कि सख्त व् ठण्डे बिस्तर या तख्त पर सोये।

(4) सोने से पहले मल-मूत्र त्याग कर हाथ-पैर भली-भाँति धोकर सोयें।

(5) चाय, कॉफी, गर्म मसाले तथा समस्त नशीली वस्तुओं के प्रयोग से परहेज करें।

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स्वपनदोष ठीक करने के घरेलू उपाय (how to stop night fall)

  1. बरगद के दूध की 10 बूंदे सुबह शाम बताशे में डालकर सेवन करने से नाईटफॉल की समस्या में बहुत आराम मिलता है
  2. इमली के बीजों को थोड़ा सा भूनकर छिलका निकाल कर मैदे के सामान बारीक चूर्ण बना लें, इस चूर्ण को लगभग 2 ग्राम की मात्रा में मिश्री में मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह-शाम लेने से नाईटफॉल की समस्या दूर हो जाती है
  3. बरगद के पेड़ की नरम कोपलों को छाया में सुखाकर उसका चूर्ण बना ले, इस चूर्ण को सुबह शाम 2 ग्राम की मात्रा में जल के साथ लेने से स्वपनदोष दूर हो जाता है
  4. अश्वगंधा, शतावरी तथा बीज विधारा जड़ी बूटियों को सामान मात्रा में लेकर कूटपीस कर चूर्ण तैयार कर ले, इसके बाद बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर इस चूर्ण को 3 से 5 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम गाय के दूध के साथ सेवन करने से वीर्य प्रमेह, स्वपनदोष आदि समस्याओं में बहुत लाभ मिलता है
  5. आयुर्वेदिक दवा चंद्रप्रभा वटी दो गोली सुबह शाम शहद या जल से सेवन करने से नाईटफॉल की समस्या में बहुत आराम मिलता है
  6. त्रिवंग भस्म 125 मिलीग्राम की मात्रा में सुबह शाम शहद के साथ चाटकर लेना स्वपनदोष में बहुत फायदेमंद है
  7. अश्वगंधा चूर्ण तथा आमलकी रसायन दोनों को 3 से 5 ग्राम की मात्रा में मिलाकर जल के साथ सुबह शाम लेने से स्वपनदोष की समस्या शीघ्र ही दूर हो जाती है

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नाईट फॉल के नुकसान

स्वपनदोष या नाईटफॉल पीड़ित व्यक्ति की शारीरिक शक्ति के साथ साथ उसकी मानसिक तथा यौन शक्ति को भी बुरे तरीके से प्रभावित करता है इसके साथ साथ नीचे लिखी अन्य समस्याएं भी पीड़ित को हो सकती हैं जैसे कि…

  • पेशाब करने से संबंधित परेशानियां
  • रात को ज्यादा पसीना आना
  • मानसिक अवसाद तथा बेचैनी
  • इमोशनल डिस्टरबेंस
  • नींद ना आना
  • शारीरिक उर्जा मे कमी
  • धातु रोग
  • मानसिक एकाग्रता में कमी होना
  • हमेशा थका थका महसूस करना
  • सेक्स पावर का कम होना 

शीघ्रपतन इत्यादि

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नाईट फॉल का इलाज आधुनिक चिकित्सा अनुसार

आधुनिक चिकित्सक स्वपनदोष या नाईट फॉल को ज्यादा गंभीर समस्या नहीं मानते, उनके अनुसार स्वपनदोष का होना शरीर की एक प्रकृतिक प्रक्रिया है जो ज्यादातर सेक्सुअल तनाव (sexual tension) को कम करने के लिए अप्राकृतिक रूप से शरीर में घटित होती है

  • फिर भी अगर किसी व्यक्ति में स्वपनदोष हर रोज या हफ्ते में कम से कम तीन से चार बार हो रहा है तो ऐसी स्थिति में मानसिक तनाव को कम करने वाली कुछ एक औषधियां विशेषज्ञों द्वारा स्वपनदोष को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग की जाती है

परंतु याद रखें यह औषधियां सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर की पर्ची पर ही मिलती हैं इसलिए कृपया बिना डॉक्टर से पूछे इनका इस्तेमाल अपनी मर्जी से ना करें

उदाहरण इस प्रकार है जैसे कि…

  • टैबलेट Luminal
  • Tablet ativan
  • टैबलेट Nitravet
  • Tablet- Equilibrium

बेहतर इलाज के लिए अपने डॉक्टर से सलाह मशवरा कर दवा का सेवन करें, ऊपर लिखी अंग्रेजी दवाइयों की लत मरीज को पड़ सकती है इसलिए अपनी मर्जी से इनका इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें


FAQ

Q नाईट फॉल क्यों होता है?

A प्राकृतिक मैथुन या हस्तमैथुन के अभाव में सेक्सुअल तनाव को कम करने के लिए शरीर में रात को सोते समय स्वपनदोष या नाईट फॉल की समस्या हो जाती है इसीलिए शादी के बाद पुरुषों में यह समस्या कम देखने को मिलती है


Q नाइटफाल 1 महीने में कितनी बार होना चाहिए?

A आधुनिक मत के अनुसार महीने में दो से चार बार नाईट फॉल होना प्राकृतिक है इससे किसी भी प्रकार से घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है


Q नाईट फॉल को कैसे रोके?

A शुद्ध सात्विक आहार का सेवन योग, प्राणायाम तथा मेडिटेशन करने से सेक्सुअल गतिविधियों से अपने मन को हटा कर नाईट फॉल को रोका जा सकता है


Q क्या लड़कियों को भी नाइटफाल होता है?

A जवान उम्र में लड़के तथा लड़कियों दोनों के खून में सेक्स हारमोंस की वृद्धि के कारण रात को सोते समय जननांगों में उत्तेजना बढ़ जाती है जिस कारण द्रव पदार्थ रिस्ने लगता है इसी को स्वपनदोष या नाईटफाल कहते हैं यह लड़कियों में भी होता है परंतु स्पष्ट रूप से लड़कों को ही इसका एहसास होता है


Q ज्यादा नाइटफाल होने से क्या होता है?

A ज्यादा नाईटफाल होने से वीर्य का पतलापन, पौरूष शक्ति में कमी, मानसिक अवसाद, शरीर में ऊर्जा की कमी इत्यादि समस्याएं हो सकती हैं 

परंतु यह तभी होती हैं जब नाइटफाल जरूरत से ज्यादा होता है हफ्ते में एक से दो बार नाईट फॉल होना सामान्य बात है


Q नाईट फॉल में क्या नहीं खाना चाहिए?

A इससे पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा गर्म, गरिष्ठ, चटपटा, मसालेदार, ज्यादा खट्टा, अचार, नींबू, अमचूर आदि गर्म तासीर वाले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए


Q स्वपनदोष कितनी उम्र तक होता है?

A सामान्यता 13 वर्ष से लेकर 22 वर्षों की उम्र तक कुंवारेपन में जवान लड़कों को स्वपनदोष होना आम बात है विवाहित पुरुषों में स्वपनदोष की समस्या बहुत ही कम पाई जाती है


Q क्या स्वपनदोष से शारीरिक कमजोरी होती है?

A आयुर्वेद मतानुसार ज्यादा स्वपनदोष होने से शुक्र धातु का नाश होता है यह शरीर की सबसे श्रेष्ठ धातु है इसके नाश होने से शारीरिक कमजोरी का होना लाजमी है


Q नाईट फॉल की दवा क्या है?

A आयुर्वेदिक तथा होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में इस समस्या के लिए अश्वगंधा, शतावरी, त्रिवंग भस्म, चंद्रप्रभा वटी इत्यादि अनेकों दवाइयां है


Q रोज स्वप्नदोष क्यों होता है?

A ज्यादा अश्लील साहित्य को पढ़ने, अश्लील इमेजेस देखने तथा इसी प्रकार की गतिविधियों में लीन रहने वाले व्यक्तियों को रोज स्वपनदोष हो सकता है


Q नाईट फॉल या स्वपनदोष क्या होता है?

A जवान लड़कों में सोते समय स्त्री समागम सेक्स क्रिया का सपने में आना जिससे कि वीर्य स्खलन हो जाता है इसे ही नाईट फॉल या स्वपनदोष कहते हैं

समय रहते इस स्थिति को नियंत्रित ना किया जाए तो आगे चलकर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, प्रीमेच्योर इजेकुलेशन, शीघ्रपतन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है


Q क्या हफ्ते में एक बार नाइटफाल नॉर्मल है?

A जी हां, सप्ताह में एक से दो बार नाईट फॉल होना बिल्कुल सामान्य बात है इससे किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव शरीर पर नहीं पड़ता


Q नाईट फॉल रोकने के लिए क्या खाना चाहिए?

A ऐसे व्यक्तियों को अपने आहार में प्याज, लहसुन, आंवला इत्यादि पदार्थों को जरूर शामिल करना चाहिए रात को सोते समय गर्म दूध का सेवन नाईट फॉल से पीड़ित व्यक्ति को नहीं करना चाहिए


Q नाईट फॉल की अंग्रेजी दवा क्या है?

A आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में नाईट फॉल के लिए कोई भी विशेष दवा नहीं है परंतु पीड़ित व्यक्ति की मनोदशा को नियंत्रित करने के लिए अनेक प्रकार की अवसाद रोधी (antidepressants) दवाइयों का इस्तेमाल ऐसे मरीजों में किया जाता है

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निष्कर्ष (Nightfall In Hindi)

स्वपनदोष या नाईट फॉल वास्तविकता में ज्यादा गंभीर स्थिति नहीं है किशोरावस्था में सेक्स हारमोंस की वृद्धि के कारण मैथुन के अभाव में सेक्सुअल तनाव को कम करने के लिए शरीर में होने वाली एक प्रकृतिक क्रिया है जिस में अप्रकृतिक तरीके से वीर्यपात हो जाता है

  • विवाहित पुरुषों में यह स्थिति बहुत ही कम देखने को मिलती है अगर नाईट फॉल हफ्ते में एक से दो बार हो रहा है तो ऐसी स्थिति में किसी भी विशेष उपचार की जरूरत नहीं होती हां अगर हर रोज शरीर में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाए तो इसके लिए किसी भी विशेषज्ञ चिकित्सक या वैकल्पिक चिकित्सा जैसे आयुर्वेद या  होम्योपैथी के उपचारों का सहारा लेकर इसे आसानी से हल किया जा सकता है

बाकी पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ जीवन शैली को अपनाए योगा, ध्यान, प्राणायाम, मेडिटेशन आदि का अभ्यास करें मात्र ऐसा करने से ही नाईट फॉल की समस्या से छुटकारा पाना बिल्कुल संभव है


Disclaimer (Nightfall In Hindi)

इस आर्टिकल में दी गई नींद की दवाइयों की जानकारी केवल ज्ञान मात्र के लिए है कृपया नीचे दी गई किसी भी अंग्रेजी दवाई को बिना डॉक्टर की सलाह बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें

  • क्योंकि इन दवाइयों के सेवन से कई प्रकार के शारीरिक तथा मानसिक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं
  • बाकी यह दवाइयां सिर्फ डॉक्टर की पर्ची पर ही मिलती है इसलिए डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल की जानी चाहिए

इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद किसी भी दवा का इस्तेमाल अपनी मर्जी से करने से अगर कोई नुकसान होता है तो इसका जिम्मेदार वह व्यक्ति खुद होगा हमारी इसमें कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी

Information Compiled- by Dr Vishal Goyal

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)

Email ID- [email protected]

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab

“Nightfall In Hindi” पढने के लिए धन्यवाद…nightfall

 


सन्दर्भ: 

https://www.usmaclinic.com/blog/MTQ=/ayurveda-for-nightfall-treatment- Ashwagandha role in nightfall

https://www.lybrate.com/questions/allopathic-medicine-for-nightfallantidepressents medicines role in nightfall

https://www.abchomeopathy.com/forumarchive.php/fall+night- homeopathic medicines to cure nightfall


 

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