Ayurvedic Treatment For Burning Feet Syndrome: पैरों में जलन या सेक निकलने (Burning Sensation in Feet) के कई कारण हो सकते हैं। जानें इसे ठीक करने के प्रमुख आयुर्वेदिक नुस्खे –
कई व्यक्ति पैरों में जलन की प्रॉब्लम से परेशान रहते हैं। मेडिकल language में इसे बर्निंग FEET सिंड्रोम (Burning Feet Syndrome) के नाम से जाना जाता हैं। पैरों में जलन की प्रॉब्लम के कई कारण होते हैं जैसे कि…
- डायबिटीज मेल्लितुस
- किडनी की समस्या
- विटामिन की कमी होना
- फंगल इंफेक्शन या
- शराब का अधिक सेवन
- कैल्शियम PANTOTHENATE की कमी इतियादी ।
कई बार पैरों में होने वाली बर्निंग Sensation तलवों के अतिरिक्त एड़ियों (Ankles) या पैरों के अन्य भागों में भी हो सकती है। पैरों में जलन के कारण लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कई बार यह प्रॉब्लम अधिक पीड़ादायक हो जाती है।
अगर लंबे समय से पैरों में जलन की प्रॉब्लम रहती है तो इसे नजरअंदाज बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। Nerve डैमेज जैसी सीरियस बीमारी में भी पैरों में जलन के लक्षण पैदा हो सकते है।
आयुर्वेद चिकित्सा की help से पैरों में जलन या बर्निंग फीट सिंड्रोम का सही इलाज़ संभव है। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ख़ास आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं जिनकी हेल्प से पैरों की जलन दूर की जा सकती है
Ayurvedic Remedies For Burning Feet Syndrome in Hindi – पैरों की जलन ठीक करने के प्रमुख आयुर्वेदिक नुस्खे –
1.नारियल तेल,एलोवेरा तथा कपूर का प्रयोग:
एलोवेरा तथा नारियल के तेल में एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं जो इन्फेक्शन को दूर करने में बहुत सहायक होते हैं। वैसे ही कपूर के इस्तेमाल करने से पैरों के तलवों में ठंडक का एहसास होगा।
इसको करने के लिए आप एक चम्मच के करीब एलोवेरा जेल लें। इसमें एक चम्मच के करीब शुद्ध नारियल का तेल तथा एक चम्मच कपूर का तेल मिलकर रखें।
अब इस मिश्रण को प्रभावित (Affected) भागों पर लगाएं तथा हल्के हाथों से मसाज करना शुरूं करें। ऐसा करने से किसी को भी पैरों की जलन व खाज़- खुजली से बहुत राहत मिलती है
2. एप्सम सॉल्ट का प्रयोग:
Epsom सॉल्ट को मैग्नीशियम सल्फेट के Crystal से निकाला जाता है। इसका प्रयोग करने से सदियों से कई रोगों के ट्रीटमेंट के लिए किया जा रहा है।
पैरों में जलन होने पर एप्सम सॉल्ट का इस्तेमाल काफी सहायक होता है। इसके लिए आप एक बाल्टी में ठंडा पानी लें सकते है। इसमें एप्सम Salt को मिला दें।
फिर इस पानी में आप अपने पैरों को 20-25 मिनट तक डुबो कर कुछ देर तक रखें। ऐसा करने से किसी को भी पैरों में जलन के अतिरिक्त दर्द तथा सूजन से भी बहुत राहत मिलेगी।
3.अभ्यंग यानि ayurvedic मसाज़:
अभ्यंगम एक आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट की प्रक्रिया है। अभ्यंगम मालिश की एक Ayurvedic विधि है जो खून के सर्कुलेशन में सुधार करती है। इसमें औषधीय मिश्रित तेलों से पैरों तथा शरीर के अन्य भागों पर भी मालिश की जाती है।
यह मस्तिष्क तक जाने वाली नसों के कम्प्रेशन को सही करता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर तरीके से होता है तथा मानसिक तनाव से भी राहत मिलती है।
4.अश्वगंधा का उपयोग:
अश्वगंधा एक ऐसी प्रसिद आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग हजारों वर्षों से कई बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता रहा है। अश्वगंधा Nerve फंक्शन से जुड़ी प्रॉब्लमस को ठीक करने में काफी असरदार है।
अश्वगंधा ब्रेन तक जाने वाली नसों की ताकत में सुधार लाने में बहुत मदद करता है। इस से पैरों में होने वाली जलन बहुत जल्दी आराम मिलता है।
यह पैरों में होने वाली डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic Retinopathy) के कारण होने वाले नसों के दर्द को भी कम करने में बहुत सहायक होता है। इसके लिए आप अश्वगंधा पाउडर,कैप्सूल या टेबलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
5. हल्दी का प्रयोग:
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में हल्दी यानि Turmeic को औषधीय गुणों का खजाना कहा जाता है। बर्निंग फीट की प्रॉब्लम में हल्दी का प्रयोग काफी असरदार हो सकता है।
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं जो पैरों की जलन तथा दर्द को दूर करने में काफी सहायता करते हैं।
इसके लिए आपको दो चम्मच नारियल के शुद्ध तेल में एक चम्मच हल्दी मिलानी चाहिए। फिर इस प्रकार तेयार की गयी पेस्ट को प्रभावित भागों पर लगा लें। थोड़े समय बाद इसे ठीक प्रकार से पानी से धोकर साफ़ कर ले।
इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति दूध में हल्दी मिलाकर भी पी सकता हैं। इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
पैरों में जलन की आयुर्वेदिक दवा पढने के लिए धन्यवाद …
पैरों में जलन की एलोपैथिक दवा
आधुनिक मत के अनुसार पैरों में जलन के कारण अनेकों प्रकार के हो सकते हैं जिनमें से मुख्य रूप से कैल्शियम pantothenate की कमी होना या किसी भी वजह से पैरों की नसों का क्षतिग्रस्त हो जाना जैसे कि शुगर के रोगियों में अक्सर ही पैरों में जलन की शिकायत देखने को मिलती है
इस इस अवस्था को डायबीटिक न्यूरोपैथी कहते हैं इसके अलावा अन्य प्रकार के विटामिन तथा खनिजों की कमी के कारण पैरों के तलवों में जलन हो सकती है परंतु सबसे आम कारणों में पेरीफेरल न्यूरोपैथी सबसे आम कारण माना जाता है
ऐसी अवस्था की उत्पत्ति शरीर में विटामिन b12 जिसे Methylcobalamin या Cyanocobalamin भी कहते हैं इस विटामिन की कमी के कारण पैरों की नसें अपना कार्य सही प्रकार से नहीं कर पाती, जिससे पैरों में जलन की शिकायत हो जाती है
इस अवस्था में आधुनिक चिकित्सा के डॉक्टर के द्वारा पैरों की जलन को ठीक करने के लिए जो उपचार दिया जाता है उसमें मुख्य रूप से नीचे लिखी गई दवाइयां का यूज़ किया जाता है जैसे कि…
- Methylcobalamin
- Pregabalin
- Gabapentin
- Calcium pantothenate
- Nortriptyline
सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली दवाएं हैं ज्यादा जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए वीडियो को देखकर आसानी से यह समझ सकते हैं की पैरों के तलवों में जलन क्यों होती है इस वीडियो के लिए मैं उसे वीडियो बनाने वाले भाई का बहुत शुक्रगुजार हूं जिन्होंने बर्निंग फीट सिंड्रोम यानी पैरों के तलवों की जलन को बहुत अच्छे से एक्सप्लेन किया है
अस्वीकरण (पैरों में जलन की आयुर्वेदिक दवा):
इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह (professional medical advice), निदान (diagnosis) या उपचार (ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
- चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय (doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।
उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण (without proper medical supervision) के बिना अपने आप को या अपने बच्चे को या किसी और के इलाज करने का प्रयास न करें।
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Information Compiled- by Dr. Vishal Goyal
Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery
Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)
Email ID- [email protected]
Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab
“पैरों में जलन की आयुर्वेदिक दवा” पढने के लिए धन्यवाद…
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