काली मिर्च के फायदे

काली मिर्च के फायदे (Black Pepper in Hindi)- फायदे, मात्रा व उपयोग के तरीके

काली मिर्च (Piper nigrum) के फायदे :

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1 काली मिर्च (Piper nigrum) के फायदे :

क्या कभी किसी ने सोचा है कि काली मिर्च को ‘मसालों का राजा’ क्यों कहा जाता है ?  इसका कारण यह है कि हमारे शरीर के लिए इस मसाले में बहुत सारे Benefits हैं। यहां इस  मसाले के बारे में कुछ तथ्य दिए गए हैं।

  1. वज़न कम करने में सहायता करती है
  2. शरीर को डिटॉक्स करने का काम करती है
  3. कैंसर से लड़ने में सक्षम है
  4. पेट तथा आंतों को साफ़ करती है
  5. इसमें पोटैशियम पाया जाता है जो हार्ट-रेट तथा हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में बहुत सहायक है
  6. रेड ब्लड कोशिकाओं के उत्पादन में बढोतरी करती है
  7. विटामिन B- काम्सेप्लेक्स से भरपूर होती है तथा कैल्शियम का उत्पादन करने में सहायता प्रधान करती है
  8. ये कब्ज को ठीक करती है
  9. त्वचा के रोग तथा  झुर्रियों को दूर करती है

विशेष टिप्पणी: अपने रोज़ के खाने में चुटकी भर काली मिर्च का सेवन करने से आप बिलकुल स्वस्थ रह सकते हैं तथा इसका प्रयोग  वज़न घटाने के लिए सप्लीमेंट के तोर पर करना आपके लिए वज़न घटाने का सबसे best तरीका हो सकता है।इसका सेवन शरीर में मेटाबोलिज्म को बढाने का काम करता है


काली मिर्च के सेहत से जुड़े फ़ायदे:

इस मसाले के बहुत सारे फ़ायदे आयुर्वेद में बताये गए हैं तथा इसी कारण से हमारे पूर्वजों ने इस मसाले का नाम ‘मसालों का राजा’ रखा था।यहां काली मिर्च के सेवन करने से हमारे शरीर को मिलने वाले प्रमुख फ़ायदे बताये गए हैं तथा यह भी बताया गया है कि ये कैसे एक कीटाणुनाशक के रूप में काम करके शरीर को बीमारियों से बचाती है।

1. कैंसर से बचाने में सक्षम:

काली मिर्च को यदि हल्दी के साथ मिलाकर सेवन किया जाए तो इससे कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से बचाव होता है। हल्दी त,

था काली मिर्च मिलाकर इसे दूध के साथ सेवन किया जा सकता है।

ऐसा करने से आमतौर पर तेज़ ज़ुकाम से पीड़ित व्यक्तियों को काफी राहत मिलती है। आयुर्वेद के अनुसार ये हर्ब एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन A तथा कैरोटीनॉइड का प्रमुख स्त्रोत्र हैं जो कैंसर तथा अन्य घातक रोगों के इलाज में सहायक हैं। इसके अतिरिक्त इसको अपने daily के आहार में शामिल जरूर किया जाना चाहिए,ऐसा इसलिए है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रहने का सबसे अच्छा तरीका है।


2. पाचन के लिए बहुत सहायक है:

काली मिर्च के फायदे
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काली मिर्च पाचन को ठीक करने में बहुत मदद करती है तथा जब इसे कच्चा सेवन किया जाता है तो इससे पेट से हाइड्रोक्लोरिक एसिड अधिक बनता है जोकि प्रोटीन को पचाने में बहुत सहायता करता है।

आयुर्वेद में इसे जठर-अग्नि को बढाने वाला बताया गया है

हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) आपकी आंतों को साफ़ करने में भी बहुत सहायता करता है तथा आपको अन्य गैस्ट्रोइन्टेस्टनल या पेट के रोगों से बचाता है। इसलिए अपने सभी आहार में चुटकी भर काली मिर्च डालना कभी न भूलें।


3. कब्ज़ खात्मे में सक्षम:

अगर किसी भी व्यक्ति को हफ़्ते में तीन बार से कम मल का त्याग होता है तो इसका मतलब हो सकता है कि आप कब्ज रोग से ग्रसित हों। हालांकि, हरदिन अपने आहार में थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर सेवन करने से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है।

  • कभी-कभी जब कोई भी कब्ज से पीड़ित होता हैं तो ऐसी स्थिति में  मल त्याग करने के लिए बहुत जोर लगाना पढता हैं या कभी-कभी आपको मल त्यागने के बाद भी पेट भरा -भरा महसूस होता है।

ठीक इसी प्रकार काली मिर्च का हरदिन सेवन करने से कोलन कैंसर, कब्ज, डायरिया तथा अन्य प्रकार के बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसे रोग ठीक हो जाते हैं।

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इसका ज़रूरत से ज़्यादा सेवन करना आपके स्वस्थ लिए हानिकारक भी हो सकता है इसलिए आप रोज़ाना अपने आहार में केवल इसकी निर्धारित मात्रा ही मिलाएं।


4. त्वचा से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में सक्षम :

आयुर्वेद में ये कहा जाता है कि ‘मसालों का राजा’ काली मिर्च हमारी स्किन की रंजकता यानी पिगमेंटेशन, विटिलिगो जैसी प्रोब्लेम्स को रोकती है।

  • इस प्रकार की कंडीशन में आपकी स्किन सफ़ेद दिखाई देने लगती है तथा इसे सफ़ेद धब्बे या दाग भी कहा जाता है। हालांकि आपकी स्किन के रंग को दोबारा से सही करने के लिए मार्किट में कई मेडिसिन्स मोजूद हैं, लेकिन काली मिर्च आपकी स्किन को किसी भी प्रकार के स्किन रंजकता यानि पिगमेंटेशन से प्रोटेक्ट करती है
  • ये आपकी स्किन के वास्तविक रंग को बनाए रखने में बहुत सहायक है। छोटी उम्र से ही काली मिर्च का प्रयोग करने से झुर्रियां या स्किन संबंधी प्रोब्लेम्स दूर हो जाती हैं। यह समय से पहले बूढ़ा होने तथा काले दाग या धब्बों को आने से भी प्रोटेक्ट करती है।
  • कच्चे या बने हुए मसालों को हरदिन के आहार के साथ सेवन करने से आपके के लिए काफी स्वस्थ लाभ देने वाला होता है जो आपके शरीर को फ़ायदा पहुंचाएगा तथा सबसे जरूरी आपकी स्किन को फिर से बढ़िया कर देगा।

यदि कोई भी व्यक्ति मुंहासों से पीड़ित हैं तो आपको काली मिर्च का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि यह आपकी स्किन में मौजूद इन्टॉक्सिकेन्ट को हटाकर तथा इसे चिकनी बनाने में बहुत मदद करेगी। आपको सिर्फ इतना काम करना है कि कुछ काली मिर्च को पीसकर अपनी स्किन पर लगाएं तथा ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपको बहुत फर्क नज़र आ जायेगा।


5. बालों को स्वस्थ रखने में फायदेमंद :

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डैंड्रफ का इलाज़ करने के लिए भी काली मिर्च को बढ़िया बताया गया है। आपको सिर्फ इतना करना है कि थोड़े से दही के साथ कुछ पीसी हुई काली मिर्च को मिलाकर तथा इसे अपने स्कैल्प पर लगाकर इसे कम से कम 30 मिनट तक सूखने देंना है। साथ ही ये भी सुनिश्चित करें कि आप किसी ओर प्रकार से काली मिर्च का प्रयोग न करें क्योंकि इससे आपका सर में जलन हो सकती है।

  • ये भी आप सुनिश्चित करें कि आप अपने बालों में काली मिर्च अप्लाई करने के बाद अगले 24 घंटों तक शैम्पू का प्रयोग न करें, क्योंकि इससे साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं।

आप बारीक पिसी हुई काली मिर्च में निम्बू को भी मिक्स कर सकते हैं तथा इसे अपने स्कैल्प पर लगा कर कम से कम  30 मिनट के बाद धो सकते हैं। इससे आपके बाल चमकदार, चिकने तथा मुलायम हो जाएंगे।


6. वज़न को कम करने में सहायक:

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यह करामाती मसाला आपके शरीर के अतिरिक्त बढे हुए वज़न को कम करने में आपकी बहुत सहायता करता है तथा इसे ग्रीन टी में मिलाकर दिन में दो से तीन बार भी सेवन किया जा सकता है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि इस काली मिर्च में फाइटोन्यूट्रिएंट्स की भरपूर मात्रा मोजूद रहती है जो शरीर में मोजूद अतिरिक्त वसा या चर्बी को तोड़ने में बहुत सहायता करती है।

इससे आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म में बहुत सुधार होता है। ग्रीन टी तथा इसमें एक चुटकी काली मिर्च आपको आपके अतिरिक्त  वज़न को कम करने में बहुत कारगर हो सकती है। इसे आपको अपने रोज़ाना के आहार में जरूर ही शामिल करना चाहिए ।


7. डिप्रेशन को दूर करने में मददगार:

ऐसा कहा जाता है कि डिप्रेशन साड़ी दुनिया में ज्यादातर लोगों के सामने आने वाली सबसे आम प्रोब्लेम्स में से एक है तथा इससे रोगी इंसान की मृत्यु भी हो सकती है। हालाँकि, ऐसी मेडिसिन्स हैं जो इस प्रकार की मानसिक प्रॉब्लम को सीरियस होने से रोकने में काफी सक्षम है

इस विषय में ऐसा कहा जाता है कि कच्ची काली मिर्च को चबाने से मस्तिष्क में हमारे मूड को सही करने वाले रसायन जैसे Endorphins निकलते हैं जो आपके मन को शांत तथा हर समय शांतिदायक बनाएं रखने में सक्षम हैं। वैसे इसे ज्यादा मात्रा में नहीं सेवन किया जाना चाहिए, क्योंकि इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं


8. श्वसन रोगों के उपचार में मददगार:

ऐसा माना जाता है कि सर्दी व खांसी एक सामान्य श्वसन प्रॉब्लम है जिसे काली मिर्च के प्रयोग से सही किया जा सकता है। इसके लिए बस थोड़ी सी ग्रीन टी में एक चुटकी काली मिर्च को मिलाकर कुछ दिन सेवन करने से ही आपको फर्क नज़र आने लगेगा।

इसके अतिरिक्त एक गिलास दूध तथा उसमें एक चुटकी काली मिर्च व एक चुटकी हल्दी मिलाकर इसे गर्म पीने से श्वास रोगों में बहुत फायदेमंद हैं। इसका कोई भी साइड इफ़ेक्ट या दुष्परिणाम नहीं होता है।

काली मिर्च के फायदे
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खासकर सर्दियों में अपने सभी खाने वाले पदार्थों में थोड़ी सी काली मिर्च इस्तेमाल करने से आप Healthy अनुभव करेंगे तथा कई बीमारियों से बचने में भी आपको बहुत मदद मिलेगी

काली मिर्च को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से भी छाती में जमा हुआ कफ को बाहर निकालने में मदद मिलती है ऐसा आयुर्वेद में कहा गया है।

थोड़े से गर्म पानी में थोड़े से यूकेलिप्टस आयल के साथ काली मिर्च को मिलाकर तथा उसकी भाप लेने से सीने की जकड़न में बहुत लाभ मिलता है तथा यह एक बहुत ही सरल उपाय है।


9जोड़ों के दर्द या वात रोगों में फायदेमंद:

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यदि आप जोड़ों के दर्द या गठिया या वात रोगों से ग्रसित हैं तो आपको परेशान होने की कोई ज्यादा ज़रूरत नहीं है ऐसा इसलिए है क्योंकि काली मिर्च में ऐसे औषधीय गुण मोजूद होते हैं जो इन प्रोब्लेम्स को ठीक करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

यह गठिया के ट्रीटमेंट में बहुत उपयोगी है। इसका प्रयोग रीढ़ की हड्डी तथा जोड़ों के दर्द से ग्रसित लोगों के लिए भी किया जाता है।

काली मिर्च का प्रयोग कई व्यंजनों में पूरे संसार में मसाले के रूप में हजारों वर्षो से किया जाता है। काली मिर्च का सबसे ज्यादा इफ़ेक्ट तब होता है जब सर्दी तथा खांसी से ग्रसित व्यक्ति इसका सेवन करता है।


10. शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक:

यह हर्ब आपको पसीना तथा पेशाब निकालने में काफ़ी सहायता करता है तथा इस से आप अपनी बॉडी में मौजूद सभी विषाक्त तत्वों को बाहर निकाल सकते हैं।

  • इसके इस्तेमाल से लगातार पसीना तथा पेशाब का आना  इस बात का अच्छा संकेत है कि आपका शरीर ठीक से Detoxify हो रहा है।आपको यह सोचना चाहिए कि काली मिर्च सेवन करने की बजाय आपको शारीरिक रूप से फैट बर्न करने की ज़रूरत कैसे होती है।

कुछ लोगों का यह मानना है कि सिर्फ काली मिर्च का इस्तेमाल करने से ही उन्हें अत्याधिक बढे हुए वज़न को कम करने में मदद मिल सकती है।

  • वैसे अगर आप रनिंग तथा जॉगिंग जैसे एक्सरसाइजेज को करने के बजाय केवल इसे इस्तेमाल करने पर ध्यान देते हैं तो ऐसी स्थिति में आप गलत हो सकते हैं।
  • हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि यदि आप अपना वज़न घटाना चाहते हैं तो ऐसा केवल सही आहार तथा एक्सरसाइज से ही संभव हो पायेगा। यदि आप इस नियम का सही से पालन करते हैं तो इसके बहुत ही बढ़िया परिणाम देखने को जरूर मिलेंगे।

हाल की स्थिति में काली मिर्च को लगभग सभी प्रकार के व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह आपके खाने में एक तीखा व  मसालेदार स्वाद पैदा करता है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग भारत में किया जाता है तथा इस मसाले की कीमत पहली बार तब आंकी गई था जब इसका बिज़नस एशिया से यूरोप में शुरू हुआ था।


11. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से युक्त:

  • कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, अस्थमा,वातरक्त,गठिया तथा इसी प्रकार की कई पुरानी या दीर्घकालिक रोगों में सूजन यानि Inflammation एक प्रमुख समस्या है।

कई अध्ययनों में पता चला है कि काली मिर्च में पाया जाने वाला सबसे सक्रिय तत्व पाइपरिन सूजन को कम करने में बहुत ज्यादा फायदेमंद है।


12. मस्तिष्क स्वस्थ के लिए उपयोगी:

  • पिपेरिन ने मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढाने के मामलो में सिद्ध परिणामों (Prooved results) को प्राप्त किया है जैसे कि याद करने की क्षमता यानि मेमोरी power का बढ़ना ।

शोधकर्ताओं ने साबित किया है कि मसालों के इस राजा में पार्किंसंस तथा अल्जाइमर जैसी अपक्षयी बीमारियों में सुधार लाने की क्षमता है।


13. ब्लड शुगर में उपयोगी:

  • डायबिटिक रोगी काली मिर्च को अधिक मात्रा में इस्तेमाल कर अपने भोजन का पूरा आनंद ले सकते हैं ऐसा इसलिए है क्योंकि काली मिर्च के स्वास्थ्य फ़ायदे पीडित रोगी के ब्लड ग्लूकोज के मेटाबॉलिज्म में सुधार लाने की पूरी क्षमता रखता हैं।

जब इंसुलिन की सेंस्टिविटी की बात की जाती है तो इस अद्भुत मसाले का नियमित इस्तेमाल सकारात्मक परिणामो को दर्शाता है। हालाँकि इस मसले पर अभी ओर अधिक Research की ज़रूरत है।


14. कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक:

कोलेस्ट्रॉल का उच्च लेबल दिल के दौरे के लिए एक खतरनाक संकेत है। काली मिर्च के लगातार उपयोग से तत्त्व पाइपरिन की मोजुदगी के कारण कोलेस्ट्रॉल के लेबल को कम करने में बहुत असरदार रिजल्ट्स मिले हैं।

इसके अतिरिक्त पाइपरिन diet सप्लीमेंट्स की Absorption क्षमता को भी बढ़ा सकता है। जैसे काली मिर्च हल्दी में में मोजूद तत्त्व करक्यूमिन के Absorption को 2,000 % तक बढाने की क्षमता रखता है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी तथा एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे असरदार स्वास्थ्य को बढाने वाले गुण भी होते हैं।


काली मिर्च के अन्य फ़ायदे…

  1. आहार में काली मिर्च का इस्तेमाल करने से आंत में अच्छे बैक्टीरिया की मोजुदगी प्रभावी रूप से बढ़ने लगते है।
  2. दर्द को कम करने के लिए प्राकृतिक रूप से काम करने में सहायता करती है
  3. सेलेनियम तथा कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों के बढ़िया अवशोषण को बढ़ावा देने में बहुत सहायक है

आहार बनाने में काली मिर्च के इस्तेमाल के उपाय-

यही कारण था कि दुनिया भर से सबसे अधिक यात्री भारत में क्यों आते थे। इस मसाले को हमारे द्वारा किसी भी स्वादिष्ट व्यंजन में इस्तेमाल किया जा सकता है। चाहे गरम हो या ठंडा इस मसाले को आहार को तीखा बनाने के लिए प्रमुख रूप से किया जा सकता है। हरदिन खाना पकाने में काली मिर्च को इस्तेमाल करने के कुछ सरल उपाय इस प्रकार हैं जैसे की…

  1. काली मिर्च को सलाद पर चुटकी भर नमक के साथ छिड़क कर सलाद को ओर भी ज्यादा स्वादिष्ट बना सकते है।
  2. आमलेट को बनाते  समय थोड़ी सी काली मिर्च डाल कर इसका स्वाद बढ़ा सकते हैं।
  3. सूप, सॉस, स्टेक तथा बेकन, मछली व मांस में भी थोड़ी सी काली मिर्च मिला इसके स्वाद को बढ़ा सकते हैं।
  4. इसे थोड़ी सी हैम्बर्गर तथा सॉसेज में भी मिला कर इस्तेमाल कर सकते हैं।
  5. स्ट्रॉबेरी तथा अनानास में भी थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर इसके स्वाद को बढ़ा सकते है।

इसके अतिरिक्त मसले हुए आलू में भी थोड़ी मात्रा में काली मिर्च मिलाकर सेवन कर सकते हैं।


काली मिर्च की अन्य व्यंजन रेसिपी:

इस मसाले का प्रयोग कई व्यंजनों में किया जाता है ऐसा इसलिए है क्योंकि यह एक सुगंध तथा स्वाद को बढाने वाला है जो पूरे दिन आपकी भूख को ओर भी बढ़ाने की क्षमता रखता है। नीचे कुछ स्वादिष्ट व्यंजन दिए गए हैं जिनमें आप काली मिर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं।

1. चिकन फ्राई काली मिर्च:

बोनलेस (Boneless) पेपर फ्राई चिकन अन्य सभी चिकन व्यंजनों में सबसे ज्यादा स्वाद माना जाता है। यह हमारे मुख में मोजूद टेस्ट बड्स को अधिक खाने के लिए उत्तेजित करता है।

जरूरी सामग्री-

काली मिर्च चिकन की स्वादिष्ट डिश बनाने के लिए नीचे लिखी गयी सामग्री की ज़रूरत है…

  • एक कप ताजा कटा हुआ प्याज,
  • ¾ या पोना छोटा चम्मच अदरक व  लहसुन का पेस्ट,
  • एक कप कटा हुआ बारीक टमाटर,
  • छोटा एक चम्मच नमक,
  • एक छोटा चम्मच काली मिर्च का पाउडर,
  • ¼ या एक चोथाई छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर,
  • पोना या ¾ छोटा चम्मच गरम मसाले का पाउडर,
  • थोड़ा पुदीना या करी पत्ते,
  • थोड़ी सा दालचीनी,
  • तीन लौंग,
  • तीन बड़े चम्मच तेल के, 

विशेष नोट: चिकन तैयार करने से पहले इसे अदरक- लहसुन नमक पेस्ट व हल्दी के साथ मैरीनेट करके तेयार कर रखें।

काली मिर्च के चिकन को बनाने की विधि…

काली मिर्च के फायदे
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ऐसे बनाएं स्वादिष्ट काली मिर्च चिकन की Dish…

  1. सबसे पहले चिकन को अच्छी प्रकार से धोकर उसका पानी पूरी तरह से निकाल दें।
  2. फिर एक पैन में थोडा देसी घी डालें तथा उसमें लौंग, इलायची व दालचीनी आदि मसाले डालें।
  3. फिर इसके बाद अदरक-लहसुन का पेस्ट तथा करी पत्ता डाल दे तथा लहसुन की महक थोडा कम होने तक इसको पकाएं।
  4. फिर बारीक कटे हुए प्याज को मिलकर सुनहरा होने तक धीरे धीरे भूनें।
  5. फिर नमक डालें तथा टमाटर को नरम होने तक धीरे धीरे भूनें।
  6. एक बार यह हो जाने पर इसमें चिकन मिलाकर व  इसे पांच मिनट तक धीरे धीरे पकाएं।
  7. फिर पैन को ढककर धीमी आंच पर थोड़ी देर रखें तथा उसमें थोड़ा सा पानी मिलादे। ध्यान रहे कि यह चिकन Soft होने तक पका है।यानि ग्रेवी वर्जन है 
  8. अगर आप चिकन को ड्राई स्टाइल में बनाना चाहते हैं तो इसे बिना ढक्कन के पकाने की जरूरत पढ़ती है ताकि सारा पानी भाफ़ बन उड़ जाए। अब आपका काली मिर्च चिकन गरमा गरम परोसने के लिए बिलकुल Ready है।

आलू फ्रीटर के साथ काली मिर्च क्रंच…

ड्राई फ्राइड फूड तथा काली मिर्च एक दूसरे के बढ़िया साथी हैं। काली मिर्च के बारे में सबसे ख़ास बात यह है कि जब इसे लास्ट समय में आहार पर छिड़का जाता है तो यह डाइट को एक बढ़िया फिनिशिंग टच देता है जो आपके खाने को न केवल स्वादिष्ट बनाता है बल्कि आपके स्वस्थ को भी बढाता है।

जरूरी सामग्री…

क्रंची आलू काली मिर्च के फ्रीटर को बनाने से पहले नीचे लिखी सामग्री चाहिए…

  1. दो मध्यम आकार के आलू,
  2. चार बड़े चम्मच धनिया के बीज,
  3. एक बड़ा चम्मच काली मिर्च,
  4. जैतून का तेल या सूरजमुखी का तेल,
  5. दो ताजी हरी मिर्च,
  6. 1 चुटकी नमक,
  7. बीस ग्राम चावल का आटा,
  8. एक ¼ बड़ा चम्मच नमक का,
  9. एक पूरा ताजा बारीक कटा हुआ हरा धनिया,

क्रंची पोटैटो पेपर फ्रिटर्स पकाने का तरीका…

अब जबकि आपकी पूरी सामग्री तैयार हो गयी है तो अब है तैयारी कुरकुरे आलू काली मिर्च के फ्रिटर्स की स्वादिष्ट Dish बनाने की…

  • पहले एक छोटा पैन लें तथा उसमें लहसुन व काली मिर्च को एक साथ Crush करें तथा उसमें एक चुटकी नमक की डाल दे।
  • फिर इसमें 300 मि.ली. पानी मिलाएं तथा बाद में आलू को काट लें फिर इसमें धनिया के बीज व काली मिर्च मिला दें।
  • अब एक अलग छोटा पैन लें ले तथा उसमें तेज आंच पर तेल को गर्म करें।
  • फिर अच्छी तरह से कटे हुए आलू को लें तथा उन्हें इस मिश्रण में मिलकर तेल में डाल दे व  सुनहरा भूरा होने तक डीप फ्राई जरूर करें।

तलने के बाद इनमें थोड़ी सी काली मिर्च को भी मिला सकते हैं। अब आपके क्रिस्पी तथा कुरकुरे आलू काली मिर्च पकोड़े खाने के लिए बिलकुल Ready हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल…

अब जब सबको इस बात की जानकारी हैं कि ‘मसालों का राजा’ के आपके हेल्थ के लिए बहुत सारे लाभ हैं तो आइए देखें कि यह हर्ब कई देशों में क्यों Like किया जाता है तथा यह अन्य मसालों से कैसे अलग है। यहां पर कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल दिए गए हैं जो आपको इस मसाले के बारे में ओर भी बढ़िया जानकारी प्रधान करेंगे…

Q. काली मिर्च सेवन से क्या दुष्परिणाम या साइड इफेक्ट्स हो सकते है ?

A. अगर काली मिर्च के बहुत सारे फायदे है लेकिन यह कुछ व्यक्तियों के लिए ये हर्ब एलर्जी का कारण भी हो सकती है। काली मिर्च का ज्यादा मात्रा में उपयोग करने से कुछ लोगों को नीचे लिखी दिक्कतें हो सकती है जैसे की…

  1. पेट में जलन होना या तेज़ाब बनना
  2. यदि इसकी ज्यादा मात्रा किसी के फेफड़ों के अंदर चली जाती है तो इससे जान जाने का ज़ोखिम भी हो सकता है।
  3. यदि पिसी हुई काली मिर्च किसी के आंखों में प्रवेश कर जाती है तो इससे बहुत तेज़ जलन आंखो के अंदर हो सकती है तथा इससे बचने का एकमात्र उपाय है कि आप अपनी आंखें तथा हाथों को अच्छी प्रकार से धो लें।
  4. एक-आध मसलों में यह भी पाया गया है कि काली मिर्च कुछ मेडिसिन्स के प्रति रिएक्कशन करती है तथा ख़ास तोर से गर्भवती महिलाओं के लिए जलन या एलर्जी का प्रमुख कारण भी हो सकती है।

Q. काली मिर्च का सेवन भोजन को पचाने में कैसे मदद कर सकता है? 

A. जी हां, ऐसा होता है। काली मिर्च खाने को बढ़िया से पचाने में बहुत मददगार है। अपने किसी भी आहार पर काली मिर्च का Powder छिड़कने से आपके बॉडी में आहार को तोड़ने की क्षमता काफी बढ़ जाती है तथा पाचन में लाभ मिल सकता है।

यदि आपने काली मिर्च का ज्यादा सेवन किया है तो आपको पेट में जलन या एसिडिटी या अल्सर भी हो सकता है।


Q. क्या काली मिर्च सूजन को कम करने में सहायता करती है?

A. काली मिर्च के बारे में यह अक्सर कहा जाता है कि इसके बहुत सारे स्वास्थ्य बेनेफिट्स होते हैं तथा इसे रोजाना अपने नियमित डाइट में शामिल करने की ज़रूरत है।

इस मसाले का थोड़ा सा छिड़काव आपके हेल्थ के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है तथा यह सभी फिटनेस पसंद लोगों के लिए एक ख़ास मसाला है। यह आपका वज़न तेजी से कम करने में भी मदद करता है।

लेकिन वज़न कम करने के लिए आपको शारीरिक रूप से एक्सरसाइज करने तथा फैट बर्न करने की भी ज़रूरत है तथा आपको बहुत लंबे टाइम तक मसालों पर डिपेंड नहीं रहना चाहिए।

कभी-कभार मसालों पर ज्यादा Depend होने के कारण आप इसका अधिक सेवन कर सकते हैं। इसलिए यह पक्का करें कि आप कितनी मात्रा में इसका सेवन करते हैं व स्वस्थ रहते हैं।


काली मिर्च के बारे में बहुत ही महतवपूर्ण तथ्य:

काली मिर्च (Piper nigrum) एक प्रमुख स्थान रखती है तथा इसे “मसालों के राजा” प्रकार से स्वीकार किया जाता है। पारंपरिक खाद्य निर्माण, रसोई, सुगंध, पारंपरिक चिकित्सा तथा यहां तक कि सौंदर्य (Beauty-Cosmetic) देखभाल में इसका कई गुना कार्यात्मक उपयोग है।

  • काली मिर्च का तीखापन तथा स्वाद एल्कलॉइड पिपेरिन, वाष्पशील तेल व ओलेओरेसिन 44 (oleoresins 44) की उपस्थिति के कारण होता है।

भारतीय लोक तथा आयुर्वेद चिकित्सा में इसका उपयोग मुख्य रूप से…

  • रोग प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले के रूप में,
  • दस्त,
  • अस्थमा,
  • पुरानी अपचन,
  • गैस्ट्रिक बीमारियों,
  • पेट के दर्द,

अनिद्रा तथा  मिर्गी  के इलाज के लिए किया जाता है।


प्रतिउपचारक गतिविधि (Antioxidant activity):

कुछ वैज्ञानिकों ने सिंथेटिक एंटीऑक्सीडेंट 47 की तुलना में काली मिर्च के आवश्यक तेल तथा ओलेओरेसिन की उच्च एंटीऑक्सीडेंट गतिविधियों को देखा गया है ।

  • इसी तरह सु एट अल के अनुसार कहा गया है कि काली मिर्च प्राकृतिक (Natural) एंटीऑक्सीडेंट का एक प्रमुख आहार स्रोत है। इसलिए काली मिर्च में इन कार्यात्मक तत्वों की मोजुदगी इसे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के लिए एक मजबूत सप्लीमेंट बनाती है।

गुलक ने अपनी मजबूत हाइड्रोजन-दान क्षमता के लिए इन कामों को जिम्मेदार ठहराया है

मेटर चेलेटिंग (Mater chelating),तथ  मुक्त कणों (Free- Radicles) को ख़त्म करने की प्रभावशीलता के अतिरिक्त करक्यूमिन (Curcumin) जैसे कुछ अन्य एंटीऑक्सिडेंट के साथ पिपेरिन के सहक्रियात्मक प्रभाव (Synergistic effects) रोग निवारण रणनीतियों में काली मिर्च को एक बहुत ही मूल्यवान स्थान प्रदान करते हैं।


सूजन रोधी क्षमता (Anti-inflammatory Potential):

मुजुमदार ने संकेत दिया कि पिट्यूटरी अधिवृक्क अक्ष (Stimulating the pituitary adrenal axis) को उत्तेजित करके पिपेरिन तीव्र सूजन (Acute inflammatory) प्रक्रिया को काफी कम करता है।

बाद में बैंग ने कुछ इन विट्रो परीक्षणों  के माध्यम से पिपेरिन (20 व 100 मिलीग्राम / कि.ग्रा / दिन) की सूजन-रोधी गतिविधियों को मजबूत किया।

उन्होंने माना कि निषेध इंटरलुकॉन, मैट्रिक्स मेटालोप्रोटीनेज,प्रोस्टाग्लैंडीन ई2, तथा एक्टिवेटर प्रोटीन 1 उनके उक्त गुणों के लिए संभावित मार्ग हैं।

  • हाल ही में सबीना ने बताया कि पिपेरिन (50/100 यू.जी/एम.एल) ने खुराक-निर्भर तरीके से 6-ग्लुकुरोनिडेज़ तथा लैक्टेट डीहाइड्रोजनेज के स्तर को दबा दिया है।

कुछ अन्य घटकों के साथ पाइपरिन अवरोध कर सकता है 5-लिपोक्सीजिनेज तथा COX-1 जैसे एंजाइमों की अभिव्यक्ति जो ल्यूकोट्रिएन तथा प्रोस्टाग्लैंडीन जैवसंश्लेषण के लिए जिम्मेदार हैं। ये प्रभाव सामूहिक रूप से रूमेटोइड गठिया जैसे अपक्षयी विकारों (Degenerative disorders) को रोकने के लिए मूल्यवान हैं


अस्वीकरण (काली मिर्च के फायदे):

इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह (professional medical advice), निदान (diagnosis) या उपचार (ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।

  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय (doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।

उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण (without proper medical supervision) के बिना अपने आप को या अपने बच्चे को या किसी और के इलाज करने का प्रयास न करें।

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Information Compiled- by Dr. Vishal Goyal

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)

Email ID- [email protected]

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CURETOALL HOSPITAL

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab

“काली मिर्च के फायदे पढने के लिए धन्यवाद…

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