पेशाब में जलन की आयुर्वेदिक दवा

पेशाब में जलन की आयुर्वेदिक दवा- Best Ayurvedic Medicine For Burning Micturation

Ayurvedic Treatment For Burning Urine (UTI) :

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1 Ayurvedic Treatment For Burning Urine (UTI) :

मूत्र मार्ग में जलन होना एक आम समस्या है। सभी व्यक्तियों को अपनी लाइफ में इस प्रॉब्लम का सामना कभी न कभी आवश्य करना पड़ता है।

इसके दौरान मूत्र करते समय दर्द व जलन महसूस हो सकती है। मूत्र में जलन की प्रॉब्लम (Urine Burning) आदमियों की तुलना में महिलाओं में ज्यादातर देखने को मिलती है।

  • मूत्र का कम आना
  • पेशाब में रुकावट होना
  • रुक-रुक कर मूत्र आना
  • पेशाब में रक्त आना
  • मूत्र करते वकत जलन होना (Urinary Tract इन्फेक्शन) के लक्षण हो सकते हैं।

ऐसे में इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए आवशक है पेशाब का सही व  खुलकर आना। 

Curetoall हॉस्पिटल गिद्दरबाहा जिला मुक्तसर ९८५५२६२६९९ के आयुर्वेदाचार्य डॉ विशाल गोयल से मशवरा कर जाने मूत्र में जलन के कारण तथा आयुर्वेदिक मेडिसिन ( Ayurvedic Medicine For Burning Urine) सलाह मशवरा मुफ्त है


पेशाब में जलन होने का कारण (Causes of burning urine):  

Urine में जलन क्यों होती है? 

आयुर्वेदाचार्य डॉ गोयल बताते हैं कि…

  • पानी या तरल पदार्थो का सेवन  कम करना
  • गर्म तासीर वाली चीज़ों का सेवन ज्यादा मात्रा में करना 
  • गर्म दवाइयों का ज्यादा सेवन करने से मूत्र में जलन हो सकती है।

इसके अतिरिक्त…

  • मूत्रमार्ग में इन्फेक्शन (Infection)

गुर्दे की पथरी (Renal stone) भी पेशाब में जलन का कारण (Urinary Tract Infection) बन सकती हैं।

पेशाब में जलन की आयुर्वेदिक दवा आगे पढ़ें…


आधुनिक मतानुसार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (पेशाब में जलन) के क्या कारण होते हैं?

आमतौर पर आपके यूरिनरी सिस्टम में इन्फेक्शन से बचाव के लिए कई रोगप्रतिरोधी व्यवस्थाएँ शरीर में होती हैं जिसके कारण बैक्टीरिया आपके यूरिनरी tract में आक्रमण नहीं कर पाते तथा उन्हें संक्रमित नहीं कर पाते हैं।

  • हालांकि कई स्थितियों में कुछ बैक्टीरिया इनसे बचकर पेशाब मार्ग के अंदर चले जाते हैं तो वे मूत्राशय (Urinary bladder) के भीतर Divide करना शुरू कर देते हैं तथा UTI के इन्फेक्शन का प्रमुख कारण बन जाते हैं।

आमतौर पर यू.टी.आई के लिए रेस्पोंसिबल बैक्टीरिया गुदा (Anus) से निकटता होने के कारण पाचन मार्ग से Urinary सिस्टम में प्रवेश कर जाते हैं। हालाँकि UTI की हमेशा यह वजह नहीं होती है। इसलिए हमेशा हर बार बाथरूम का इस्तेमाल  करते समय ख़ास तोर पर  महिलाओं के लिए आगे से पीछे की ओर पोंछने की Advise डाक्टरों द्वारा दी जाती है।

कई लोगों में  पेशाब में जल्न या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने की संभावना दूसरों से ज्यादा होती है। तथा इसकी वजह से नीचे लिखे लक्षणों में से कुछ भी लक्षण हो सकते है  जैसे कि…

यूरिनरी ट्रैक्ट की संरचना-

  • महिलाओं में पेशाब  के मार्ग की लंबाई कम होने के कारण यू.टी.आई होने का Risk अधिक होता है। बनावट में असामान्यताओं के साथ पैदा हुए व्यक्तियों में भी यू.टी.आई होने का रिस्क ज्यादा होता है।

यौन स्वच्छता सही ना होना –

  • आप या आपके साथी द्वारा यौन अंगो की स्वच्छता में कमी केकारण यू.टी.आई होने का रिस्क बढ़ जाता है खासकर महिलाओं में ये स्थिति ज्यादा देखने को मिलती है

जन्म निरोधक उपकरण (Contraceptives) जैसे डायाफ्राम या शुक्राणुनाशक एजेंटो के ज्यादा इस्तेमाल से UTI हो सकती है

जिन महिलाओं में मेनोपॉज की स्टेज आने वाली है या वे इस उमर से गुजर चुकी हैं। एस्ट्रोजेन हार्मोन के कम होते  Level के कारण इन महिलाओं के पेशाब के मार्ग में changes होते हैं जिससे यू.टी.आई. होने की संभावना ज्यादा हो जाती है।

रुकावट (Obstruction)- 

किडनी की पथरी या प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़ने से व्यक्ति में मूत्र सही से नहीं हो पाता है जिससे यू.टी.आई. होने का रिस्क बढ़ जाता है।

  • लंबी अवधि से कैथेटर या डाक्टरी इलाज़ का उपयोग भी स्थिति को बिगाड़ सकता है
  • कम प्रतिरक्षा या इम्यूनोसप्रेशन दवा का लंबे समय तक सेवन करना भी इसका कारण बन सकता है

मूत्रमार्ग में जलन की आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic Medicine For Burning Urination):

आयुर्वेदाचार्य डा गोयल बताते हैं कि अगर किसी भी व्यक्ति को पेशाब करते समय जलन महसूस होती है तो इस समय आपको गर्म तासीर वाली खाने पीने वाली चीज़ों का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए।

  • मूत्र में जलन को शांत करने के लिए ठंडी तासीर वाली चीजें खाना बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही इस कंडीशन में आपको सही मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए जैसा पानी होता है वैसा ही मूत्र आपको आना चाहिए 
  • जब आपको पानी के जैसा पेशाब आयेगा तो इसका मतलब है आपका खून भी पूरी तरह से साफ़ हो रहा है तथा उसमे अम्लता का लेबल कम हो जाएगा इसी लिए सही मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरो है 

इससे पेशाब खुलकर आएगा तथा जलन में भी बहुत आराम मिलेगा।


1. धनिये का पानी (Coriander water for Urinary tract Infection):

  • धनिये के बीज का पानी मूत्र की जलन को शांत करने का एक बहुत ही प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है। धनिये के बीज मूत्रमार्ग के इन्फेक्शन  के इलाज के लिए बहुत इफेक्टिव होते हैं

ऐसा इसलिए है क्योंकि ये गुर्दे की सफाई करने में सहायक होते हैं। धनिया पानी पीने से शरीर में जमा हुई गंदगी, टॉक्सिक पदार्थ, रोगाणु भी पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

धनिये के पानी पीने से यूरिनरी सिस्टम की सफाई बहुत अच्छे से होती है।


2. चंदन के शरबत का प्रयोग :

  • चंदन का शरबत हमारी सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है। मूत्र में जलन व दर्द होने पर चंदन का शरबत पीना लाभकारक हो सकता है।

चंदन की तासीर ठंडी होती है जिससे पेट की जलन बहुत जल्दी शांत होती है। चंदन का शरबत पीने से बॉडी में इकठा हुए विषाक्त पदार्थ आसानी से शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

साथ ही पेशाब भी खुलकर आने लगता है। इसके लिए आप सफेद चंदन या लाल (Red) चंदन का शरबत घर पर ही तेयार कर पी सकते हैं।


3. खस खस का शरबत (khas khas ka sharbat):

  • आयुर्वेदाचार्य डॉ गोयल बताते हैं कि खस खस का शरबत पीने से मूत्र में जलन की प्रॉब्लम को शांत करने में बहुत ज्यादा मदद मिलती है। खस खस की तासीर ठंडी होती है इसीलिए इससे पित्त दोष का शमन होता है।

मूत्र की जलन को शांत करने के लिए आप खस-खस का शरबत पी सकते हैं। इससे आपको खुलकर पेशाब आएगा तथा साथ ही दर्द तथा जलन भी कम होगी। गर्मियों में खस खस का शरबत पीना बहुत लाभदायक होता है


4. मोती पिष्ठी का प्रयोग (Moti pishti uses in hindi):

  • मोती पिष्ठी एक बहुत प्रसिद आयुर्वेदिक मेडिसिन है। मोती पिष्टी की तासीर बहुत ठंडी होती है। यह हमारे शरीर को ठंडक प्रदान करने के लिए मोती पिष्ठी का इस्तेमाल किया जा सकता है। जिन व्यक्तियों को मूत्र करते हुए दर्द या जलन होता है

उनके लिए भी मोती पिष्ठी फायदेमंद (Moti pishti ke fayde in hindi) होती है।

मोती पिष्ठी मूत्र में जलन व दर्द को ठीक करने में बहुत सहायक होती है। कोई भी महिला या पुरुष इस प्रॉब्लम से पीडित है तो उन्हें आयुर्वेद में मोती पिष्ठी का सेवन करने की advise दी जाती है।


5. गिलोय का उपयोग (Giloy benefits in hindi)

  • गिलोय एक बहुत ही प्आरसिद युर्वेदिक दवा है। आयुर्वेद में गिलोय का उपयोग कई बिमारियों को ठीक करने के लिए हजारों सालों से  किया जाता है।

Giloy हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ाता है। साथ ही साथ गिलोय बुखार, मूत्र आदि से संबंधित रोगों में भी बहुत इफेक्टिव है।

पेशाब में जलन की आयुर्वेदिक दवा

मूत्र करते समय जलन व दर्द की प्रॉब्लम को ठीक करने के लिए आप गिलोय का काढ़ा बना कर पी सकते हैं। लेकिन अगर प्रेगनेंसी पीरियड में मूत्र में जलन हो तो गिलोय का काढ़ा पीने से बचना चाहिए ।


6. पुनर्नवा के काढे का प्रयोग (Punarnava Kadha in hindi):

पुनर्नवा का काढ़ा सेवन करने से मूत्र में जलन की प्रॉब्लम शांत होती है। पुनर्नवा की तासीर ज्यादा ठंडी होती है जो बॉडी को ठंडक देता है।

  • यूरिन इंफेक्शन की प्रॉब्लम को सही करने के लिए पुनर्नवा को एक बेहद ही कारगर दवा माना जाता है।
  • पुनर्नवा मूत्र-वर्धक (Diuretic) होता है मतलब यह पेशाब के उत्पादन को बढ़ाता है। पुनर्नवा का काढ़ा पीने से पानी से यूरिन खुलकर बाहर निकलता है। साथ ही साथ इसको पीने से शरीर में इकठी हुई गंदगी भी मूत्र के साथ बाहर निकल जाती है।

आप भी मूत्र की जलन को ठीक करने के लिए इन आयुर्वेदिक रेमेडीज को आजमा कर देख सकते हैं। लेकिन अगर लंबे वकत से मूत्र में जलन होती है तो ऐसी अवस्था मे डॉक्टर से  कंसल्ट जरूर करें।


यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (पेशाब में जलन) के कितने प्रकार होते हैं?

Acute पायलोनेफ्राइटिस- 

  • यह एक प्रकार का गुर्दे का इन्फेक्शन होता है इसमें आमतौर पर पीडित व्यक्ति को Back या बगल के हिस्से में दर्द, ठंड लगने तथा उल्टी के साथ तेज बुखार या लगातार Vomiting करने की इच्छा महसूस होती है।

सिस्टाईटीस (Cystitis)-

  • मूत्राशय (bladder) के इन्फेक्शन के लक्षण में आमतौर पर पेट के निचले हिस्से में दबाव का अनुभव होना, Pelvis एरिया में बेचैनी तथा  दर्द के साथ बार-बार मूत्र का आना शामिल होते है। कभी-कभी पेशाब में ब्लड भी आता है।

यूरेथराइटिस(Urethritis)- 

  • यूरिनरी मार्ग के अंतिम हिस्से या मूत्रमार्ग (Urethra) के इन्फेक्शन को यूरेथराइटिस कहते है। आमतौर पर इस कंडीशन में मूत्र करते समय जलन महसूस होती है तथा कभी-कभी मूत्र में डिस्चार्ज भी होता है।

यदि किसी को यू.टी.आई. के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो इस स्थिति को अकेला घर पर ही ठीक करने का प्रयास न करें तथा अपने चिकित्सक से परामर्श कर सही ट्रीटमेंट समय पर लें।

गलत एंटीबायोटिक मेडिसिन्स  के साथ उपचार करने से आपको ऐसा इन्फेक्शन हो सकता है जिसका ट्रीटमेंट बहुत ही मुश्किल होता है। तथा इस कंडीशन का सही ट्रीटमेंट न करने से इसके गुर्दे तक फैलने व कहीं अधिक सीरियस समस्या बनने का रिस्क हो जाता है।


पेशाब में जलन (UTI) का निदान (Diagnosis) कैसे किया जाता है?

यदि आपको पेशाब में इन्फेक्शन के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत अपने चिकित्सक से कंसल्ट करें। यदि आप यू.टी.आई. को बिना इलाज़ छोड़ देते है तो इन्फेक्शन और भी बिगड़ सकता है।

आपका चिकित्सक यू.टी.आई. को Conform करने के लिए कुछ टेस्ट्स के लिए कह सकता है जैसे कि…

  • यूरिनलिसिस (Urine Analysis)–  मूत्र में आर.बी.सी. (RBC) डब्ल्यू.बी.सी (WBC) तथा बैक्टीरिया की मोजूदगी का पता लगाना
  • यूरिन कल्चर (Urine Culture)– इस टेस्ट के  द्वारा ये कंडीशन पैदा करने वाले बैक्टीरिया के Types की सही पहचान की जाती है जिससे सही प्रकार के इलाज़ को निर्धारित करने में बहुत help मिलती है।

इनके साथ-साथ आपके Symptoms के आधार पर आपका चिकित्सक अन्य रोगों का पता लगाने के लिए अतिरिक्त टेस्ट्स के लिए सलाह दे सकते हैं जैसे कि…

  • अल्ट्रासाउंड (USG)
  • सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy): एक विशेष उपकरण द्वारा मूत्र के रास्ते के अंदर देख कर पता लगाना
  • सी.टी स्कैन (CT Scan)

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एलोपैथिक चिकित्सा में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का इलाज़ कैसे किया जाता है?

आपकी टेस्ट्स के रिजल्ट के आधार पर आपका चिकित्सक एक उपयुक्त उपचार प्लान बनाता है। आमतौर पर मेडिसिन्स में एक एंटीबायोटिक दवा होती है।

  • जबकि हर रोगी एंटीबायोटिक मेडिसिन्स को आसानी से सहन नहीं कर पाता है एंटीबायोटिक आपको यू.टी.आई. इन्फेक्शन की वजह से होने वाली बहुत अधिक तकलीफ को कम करने में सहायता पर्धान करती है
  • इसीलिए यह ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है कि एंटीबायोटिक की निर्धारित खुराक को ठीक वकत पर न लेना या इसे बीच में ही छोड़ देना असलियत में आपकी कंडीशन को ज्यादा खराब कर सकता है। एंटीबायोटिक मेडिसिन्स सही तरीके से सेवन ना करने के कारण ऐसे बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं जो इन एंटीबायोटिक मेडिसिन्स के प्रति ज्यादा प्रतिरोधी हो सकते हैं। 

यदि आपको बार -बार पेशाब में  इन्फेक्शन होने की प्रॉब्लम है तो आपका चिकित्सक इन्फेक्शन के शुरुआती लक्षणों से ही आपको सही दवाइयाँ दे सकता है।

So कृपया अपने चिकित्सक की सलाह का ठीक से पालन करें तथा यदि फिर भी आपको कोई प्रॉब्लम या असुविधा होती है तो कुछ भी बदलने से पहले अपने चिकित्सक से इस बारे में कंसल्ट जरूर करें।

यदि आपको रजोनिवृत्ति (Menopause) हो चुकी है तो आपका चिकित्सक आपको Vaginal क्रीम लगाने की advise दे सकता है जिसमें कुछ एस्ट्रोजन हार्मोन मोजूद होता है। यह क्रीम बार-बार होने वाले पेशाब के इन्फेक्शन की प्रॉब्लम को कम करने में काफी मदद करती है।


पेशाब में जलन (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) को कैसे रोक सकते हैं?

  • जब भी आपको मूत्र जाने की इच्छा महसूस हो तभी जायें व उसे बिलकुल भी रोके नहीं 
  • मूत्र करने के बाद हमेशा एक तौलिये से आगे से पीछे की सफाई रखें 
  • बहुत सारे तरल (Liquid) पदार्थ तथा पानी का सेवन ज्यादा करें तथा शरीर को हाइड्रेटेड रखें
  • नहाने की तुलना में शावर लेना ज्यादा Safe होता है
  • हाइजीन स्प्रे जैसे किसी भी उत्पाद का प्रयोग सावधानी से करें क्योंकि इससे जलन बढ़ भी सकती है
  • यौन स्वच्छता पर सही से ध्यान दे खासकर संभोग करने के तुरंत बाद किसी भी बैक्टीरिया को हटाने के लिए साफ़ बाथरूम का इस्तेमाल करें
  • पानी आधारित लब्रिकेंट का का ज्यादा प्रयोग करें 

सामान्य स्वच्छता तथा ढीले कपड़ों का हमेशा प्रयोग करें

पेशाब में जलन की आयुर्वेदिक दवा पढने के लिए धन्यवाद…


अस्वीकरण (पेशाब में जलन की आयुर्वेदिक दवा):

इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह (professional medical advice), निदान(diagnosis) या उपचार (ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।

  • चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय (doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।

उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण (without proper medical supervision) के बिना अपने आप को या अपने बच्चे को या किसी और के इलाज करने का प्रयास न करें।


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Information Compiled- by Dr. Vishal Goyal

Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery

Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)

Email ID- [email protected]

पथरी तोड़ने की दवा
CURETOALL HOSPITAL

Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab

“पेशाब में जलन की आयुर्वेदिक दवा पढने के लिए धन्यवाद…

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