अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा: अफीम का प्रयोग आयुर्वेद में हजारों वर्षों से प्रमुख औषधि के रूप में अनेक रोगों के उपचार हेतु बहुत ही सफलतापूर्वक किया जाता रहा है अनेक प्रकार के आयुर्वेदिक शास्त्रीय दवाइयों में सीमित मात्रा में शुद्ध अफीम का उपयोग किया जाता है ऐसी अनेक प्रकार की औषधियों का उल्लेख आपको इंटरनेट पर मिल जाएगा, परंतु ज्यादातर मामलों में इन दवाइयों की प्रधान की गई जानकारी पूरी नहीं होती है इसलिए आयुर्वेदिक चिकित्सक होने के नाते अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा का सही विवरण इस आर्टिकल में मैंने प्रस्तुत किया है
इसमें सबसे खास बात ध्यान देने वाली यह है कि औषधि कोई भी हो चाहे आयुर्वेदिक चाहे एलोपैथी सभी के कुछ ना कुछ दुष्प्रभाव अवश्य होते हैं खासकर अफीमयुक्त औषधियों के दुष्प्रभाव तो ज्यादा गंभीर भी हो सकते हैं इसलिए ऐसी स्थिति में किसी भी ऐसी औषधि का प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह मशवरा करना बहुत ही जरूरी है
अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवाएं (Ayurvedic Medicines containing Opium in Hindi)
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में उपयोग होने वाली अफीम युक्त दवाइयां तथा उनमें मौजूद अन्य प्रकार के घटक द्रव्य के बारे में विस्तृत जानकारी इस प्रकार है
परंतु याद रहे किसी भी स्थिति में अपनी मर्जी से बिना आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह इन दवाइयों का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें
1. कर्पूर रस
- आयुर्वेद में वर्णित रस औषधियां जिनमें प्रमुख रूप से शुद्ध पारे का इस्तेमाल होता है इसी रस औषधियों में कर्पूर रस भी प्रमुख औषधि है इसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे दस्त, अतिसार, विसूचिका, संग्रहणी आदि रोगों में किया जाता है
इस दवा में शुद्ध अफीम के साथ-साथ शुद्ध हिंगुल का प्रयोग किया जाता है आप इसे बिना आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह बिल्कुल भी प्रयोग ना करें
कर्पूर रस के घटक द्रव्य:
- शुद्ध अफीम
- कर्पूर
- शुद्ध हिंगुल
- जायफल
- नागर मोथा
- इंद्रयव
- अदरक का रस
2. कामिनी विद्रावण रस
आयुर्वेद की सबसे ज्यादा प्रचलित अफीम युक्त औषधि कामिनी विद्रावण रस है इसका वर्णन भी आयुर्वेदिक सार संग्रह में रस औषधि के ग्रुप में किया गया है
कामिनी विद्रावण रस प्रमुख रूप से सेक्स से जुड़ी समस्याएं जैसे कि स्तंभन दोष, शीघ्रपतन, वीर्य का पतलापन, धातु रोग इत्यादि में प्रयोग की जाती है
कई आयुर्वेदिक कंपनियां जैसे बैद्यनाथ, उंजा तथा मुल्तानी इतियादी इसका निर्माण करती हैं इस दवा में भी निश्चित मात्रा में शुद्ध अफीम का प्रयोग किया जाता है इस दवा को चिकित्सीय देखरेख में लेने की जरूरत होती है अन्यथा इसकी लत भी लग सकती है
कामिनी विद्रावण रस के घटक:
- शुद्ध अफीम
- हिंगुल शुद्ध
- शुद्ध गंधक
- केसर
- अकरकरा
- जायफल
- जावित्री
- लौंग
- सोंठ
- लाल चंदन
- पिपली
3. जातिफलादि वटी
- आयुर्वेद की इस औषधि का मुख्य प्रयोग मधुमेह रोग में किया जाता है इसके प्रयोग से पेशाब में आने वाली रक्त शर्करा का स्तर सुधरने लगता है
बहुत ज्यादा प्यास लगने की समस्या भी दूर होने लगती है इस औषधि में भी अफीम का प्रयोग निश्चित मात्रा में किया जाता है इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सीय सलाह लेनी बहुत जरूरी है अन्यथा लाभ की जगह हानि होने की संभावना काफी बढ़ जाती है
जातिफलादि वटी के घटक:
- जायफल
- लौंग
- जावित्री
- केसर
- शुद्ध अफीम
- लोह भसम
- शुद्ध शिलाजीत
- धतूरे के शुद्ध बीज
4. निद्रोदय रस
- आयुर्वेद सार संग्रह में वर्णित रस औषधियों के ग्रुप में निद्रोदय रस का उल्लेख भी किया गया है इस रस औषधि का मुख्य उपयोग नींद ना आने की समस्या जिसे अनिद्रा भी कहते हैं उसमें किया जाता है एलोपैथिक दवाओं की तुलना में बहुत सुरक्षित दवा है
इस दवा का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है भूख भी ज्यादा लगती है परंतु इसका इस्तेमाल हमेशा वैद्यकीय निरीक्षण में करना बहुत जरूरी है
निद्रोदय रस के प्रमुख घटक:
- मुनक्का बीज रहित
- भांग का रस
- धतूरे के फूल
- वंशलोचन
- रस सिंदूर
- शुद्ध अफीम
- आंवला
5. महावातराज रस
- रस औषधियों में इस दवा का उल्लेख भी आयुर्वेदिक सार संग्रह में किया गया है इस दवा का मुख्य उपयोग आमवात, निमोनिया, सूतीका ज्वर, मधुमेह इत्यादि रोगों में किया जाता है अफीम युक्त औषध होने के कारण हमेशा चिकित्सक की देखरेख में उपयोग की जा सकती है
महावातराज रस के घटक:
- जायफल
- जावित्री
- लौग
- दालचीनी
- अभ्रक भस्म
- लोह भसम
- शुद्ध गंधक
- धतूरे के शुद्ध बीज
- शुद्ध पारा
- भीमसेनी कपूर
- इलायची
- काली मिर्च
- रस सिंदूर या चंद्रोदय
- शुद्ध अफीम
- धतूरे का रस
6. वीर्य स्तंभन वटी
- शीघ्रपतन जैसी समस्याओं के समाधान के लिए बहुत बढ़िया आयुर्वेदिक औषध है इसके अतिरिक्त स्वपनदोष तथा धातु दुर्बलता को भी दूर करती है थोड़ी सी मात्रा में अफीम का प्रयोग इस औषधि में किया जाता है आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से कुछ समय के लिए आप इसका प्रयोग कर सकते हैं
वीर्य स्तंभन वटी के घटक:
- जायफल
- जावित्री
- केसर
- छोटी इलायची
- अकरकरा
- भीमसेनी कपूर
- शुद्ध अफीम
- लौंग
- नागर बेल के पत्तों का रस
7. अहिफेनासव
- संस्कृत भाषा में अफीम को अहिफेन कहा जाता है इसीलिए इसका नाम अहिफेनासव है
आजकल काफी राज्यों में इसका प्रचलन काफी कम हो गया है इसका मुख्य प्रयोग अतिसार या डायरिया, हैजा इत्यादि रोगों में किया जाता है वात तथा कफ जनित व्याधियों में भी इस दवा का प्रयोग होता है इसका इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह मशवरा करना बहुत जरूरी है
अहिफेनासव के मुख्य घटक:
- छोटी इलायची
- जायफल
- नागरमोथा
- शुद्ध अफीम
- इंद्र-यव
8. अगसित सुतराज रस
- पीड़ा को कम करने वाली बहुत ही बढ़िया दर्दनाशक आयुर्वेदिक औषधि है इसका प्रयोग दर्द नाशक के अलावा अतिसार, संग्रहणी तथा आंतों से जुड़ी समस्याओं में चिकित्सक की सलाह से किया जाता है
शुद्ध गंधक, धतूरा तथा अफीम जैसे घटक द्रव्य इसमें मौजूद रहते हैं
अगसित सुतराज रस के प्रमुख घटक:
- शुद्ध अफीम
- गंधक शुद्ध
- शुद्ध पारा
- धतूरे के बीज
- शुद्ध सिंगरफ
- भांग रस
अफीम युक्त अन्य आयुर्वेदिक दवाइयां
दीनदयाल आयुर्वेदिक भवन द्वारा निर्मित बहुत ही बढ़िया क्वालिटी की कुछ खास अफीम युक्त दवाइयों का विवरण नीचे दिया गया है आप इनकी वेबसाइट पर जाकर इसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
दीनदयाल आयुर्वेदिक भवन द्वारा बनाई गई अफीम युक्त औषधियों में सरकार के द्वारा प्रमाणित सही मानको का इस्तेमाल किया गया है
इन औषधियों को आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही यूज किया जा सकता है इन औषधियों के उदाहरण इस प्रकार हैं जैसे कि…
1. बहुमूत्रांतक रस
प्रमुख घटक (Each 250 mg tablet contains)
- शुद्ध अफीम
- रस सिंदूर
- लोह भसम
- वंग भस्म
- गूलर के बीज
- तुलसी
Beel Jaar छाल इत्यादि द्रव्यों का उपयोग 35.71 Mg मात्रा में किया गया है
बहुमूत्रांतक रस बार-बार पेशाब आना तथा मधुमेह जैसे रोगों में बहुत उपयोगी आयुर्वेदिक दवा है
मूल्य-
- 5 ग्राम- 447 रुपए के लगभग
2. ग्रहणी कपाट रस
प्रमुख घटक (Each 250 mg tablet contains)
- शुद्ध पारा- 4.80 MG
- शुद्ध गंधक- 24.03 MG
- अफीम शुद्ध- 9.61 MG
- कपर्दीका भस्म- 16.82 MG
- शुद्ध Bachnag- 2.40 MG
- काली मिर्च- 19.22 MG
- शुद्ध धतूरा बीज- 48.06 MG
उपयोग (Indications)
- भूख ना लगना
- पाचन की समस्या
- कमजोरी
- Malabsorption Syndrome
- Muscle Wasting
- Difficulty in Breathing
मूल्य
- 2.5 ग्राम – 447 रुपए के लगभग
3. वेदनांतक रस (Vedanantak Ras)
प्रमुख घटक (Each 250 mg tablet contains)
- शुद्ध अफीम – 50 mg
- रस सिंदूर- 100 mg
- कपूर- 50 mg
- Kurasani- 50 mg
उपयोग (Indications)
- गाउट के दर्द में
- जोड़ों के दर्द
- वातदोष
- Treat Body Pains
- Inflammation due to Rakta and Pitta
मूल्य
- 5 ग्राम – 852 रुपए के लगभग
4. आनंदा वटी (Aananda Vati)
प्रमुख घटक
- शुद्ध अफीम
- कस्तूरी
- कर्पूर
- काली मिर्च
- रस सिंदूर
- जायफल
- जावित्री
- केसर
- हिंगुल
उपयोग (Indications)
- सेक्स कमजोरी
- शारीरिक कमजोरी
- जोश की कमी
- Loss of Vigour and Vitality
- Neurogastric Weakness
- Psychic Sex
मूल्य
- 10 ग्राम – 2380 रुपए के लगभग
5. समीर गजकेशरी रस (Sameer Gaj Kesari Ras)
प्रमुख घटक (Ingredients)
- शुद्ध कुचला
- अफीम शुद्ध
- काली मिर्च
उपयोग (Indications)
- De-addiction दवा के रूप में
- शरीर में होने वाले जोड़ों के दर्द तथा अन्य प्रकार के सभी दर्दों में
मूल्य
- 2-5 ग्राम – 677 रुपए के लगभग
अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा LIST VIEW
अहिफेनासव | अफीम, नागरमोथा तथा जायफल इतियादी | अतिसार (पतले दस्त) तथा हैजा इतियादी मे | Not known |
महावातराज रस | पारद, गंधक,अफीम तथा धतुरा इतियादी | हिचकी, खांसी तथा श्वास इतियादी में | Not known |
वीर्य-स्तंभन वटी | जायफल, अफीम, लौंग तथा इलायची इतियादी | स्तंभन-दोष (premature ejaculation) में | 725 रुपए लगभग |
कामिनी-विद्रावण रस | अफीम, हिंगुल, गंधक, केसर तथा जायफल इतियादी | वीर्य विकारों (sexual problems) में | 1400 रुपए लगभग |
निद्रोदय-रस | वंशलोचन, रस सिंदूर तथा अफीम इतियादी | अनिद्रा (sleep problems) रोग में | 95 रुपए लगभग |
कर्पूर रस | कर्पुर, शुद्ध अफीम, नागरमोथा, इंद्र यव, जायफल, शुद्ध हिंगुल तथा अदरक रस इतियादी | दस्त तथा बुखार इतियादी में | 230 रुपए लगभग |
जातिफलादी- वटी | अफीम, जायफल, जावित्री तथा धतुरा इतियादी | मधुमेह (diabetes) रोग में | 700 रुपए लगभग |
अगस्ति-सुतराज रस | शुद्ध अफीम, शुद्ध गंधक, शुद्ध पारद, शुद्ध सिंगरफ, धतूरे के बीज तथा भांग का रस इतियादी | संग्रहणी, आमातिसार तथा दर्द नाशक के तोर पर | 495 रुपए लगभग |
अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा के दुष्परिणाम (Opium Medicine Side Effects in Hindi)
अफीम युक्त दवाइयों का सेवन करने से कई बार नीचे लिखे गए दुष्परिणाम हो सकते हैं जैसे कि…
- कब्ज की समस्या
- पेट में दर्द होना
- गैस बनना
- तेजाब या एसिडिटी होना
- सिरदर्द होना
- बहुत ज्यादा घबराहट
- उल्टी आना
- जी मिचलाना
- नींद की समस्या
- पेट में खिंचाव
गंभीर एलर्जी इत्यादि
अफीम युक्त अन्य आयुर्वेदिक दवा सावधानिया (Precautions while using opium medications in hindi)
With Alcohol– शराब के साथ इस्तेमाल करना असुरक्षित है
किसी अन्य रोग से पीडित होने पर डाक्टर की देख रेख में ले सकते है
Driving is Not Advised
किसी भी तरह के खाने के साथ इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से सलाह करना जरूरी है
Habit Forming- आदत पड़ सकती है इसलिए सावधानी से इस्तेमाल करें
Not Advised- दूध पिलाने वाली महिलायों के लिए असुरक्षित है
अन्य प्रकार की दवा अगर आप ले रहे है तो ऐसे में डॉक्टर से बिना पूछे इन दवायों का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें
Not Advised– Pregnancy में बिल्कुल भी इन दवायों का सेवन ना करें
निष्कर्ष
आयुर्वेद चिकित्सा शास्त्र में वर्णित अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह मशवरा करना बहुत जरूरी होता है
ऐसा इसलिए है क्योंकि इन औषधियों में अफीम होती है जिसकी वजह से अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से इनका इस्तेमाल करता है तो ऐसी स्थिति में गंभीर दुष्परिणाम जैसे कि एलर्जी, सिरदर्द, पेटदर्द, उल्टी, घबराहट इत्यादि होने की संभावना काफी बढ़ जाती है
इसके अतिरिक्त इन औषधियों का सेवन करने से आपको इनकी आदत भी पड़ सकती है ऐसी स्थिति में अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा का उपयोग चिकित्सीय देखरेख में करना ही सही है
अस्वीकरण
इस लेख की सामग्री व्यावसायिक चिकित्सा सलाह (professional medical advice), निदान (diagnosis) या उपचार (ट्रीटमेंट) के विकल्प के रूप में नहीं है।
- चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा चिकित्सीय(doctor कंसल्टेशन) सलाह लें।
उचित चिकित्सा पर्यवेक्षण (without proper medical supervision) के बिना अपने आप को, अपने बच्चे को, या किसी और का इलाज करने का प्रयास न करें।
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Information Compiled- by Dr. Vishal Goyal
Bachelor in Ayurvedic Medicine and Surgery
Post Graduate in Alternative Medicine MD (AM)
Email ID- [email protected]
Owns Goyal Skin and General Hospital, Giddarbaha, Muktsar, Punjab
“अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा” पढने के लिए धन्यवाद…
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